
विकास और व्यवहार
मेरे 16 महीने के बच्चे को अभी क्या-क्या गतिविधियां करनी चाहिए?
अब आपका बच्चा 16 महीने का हो गया है। इस समय में बच्चे की एक्टिविटी तेजी से बदलती है। कभी-कभी अचानक तेज आवाज से बेबी डर जाता है, रोने या चिल्लाने भी लगता है। हो सकता है बच्चा वैक्यूम क्लिनर, बिजली कड़कने, सायरन, फायरवर्क्स या बैलून फूटने की आवाज सुनकर भी कुछ देर के लिए सहम जाता है।
16 महीने के बच्चे की नींद में भी बदलाव आ सकता है। हो सकता है बच्चा पहले से अब थोड़ी लंबी नींद लेता हो लेकिन, यह ध्यान रखें कि बच्चा दिन के वक्त ज्यादा देर तक न सोए क्योंकि इससे उसकी रात की नींद खत्म हो जाएगी और बच्चा फिर आपको रात में परेशान कर सकता है।
यह भी पढ़ें : बच्चे करते हैं नोज पिकिंग डांटें नहीं समझाएं
16 महीने बच्चे को अब किन चीजों के लिए तैयार करना चाहिए?
बच्चे की इस उम्र का यह एक ऐसा पड़ाव है, जिसमें हर दिन उसकी गतिविधि में बदलाव आता है। इस समय में बच्चे आसानी से चौंक जाते हैं या उनमें अधिक भय पैदा हो जाता है। ऐसे में सबसे अच्छा तरीका है कि आप शांतिपूर्ण तरीके से उन्हें आश्वासन दें। उन्हें प्यार से गले लगाएं और उनके अंदर का डर कम करने के लिए प्रयास करें। बच्चों को समझाएं कि कैसे तेज आवाज में कान को ढ़कना चाहिए। आपके बच्चे धीरे-धीरे समझेंगे कि ये आवाजें कहां से आ रही हैं और इससे कोई नुकसान नहीं है।
हर उम्र के बच्चों की ही तरह 16 बच्चे के बच्चे के लिए बेडटाइम बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर एक बार आप उनके लिए रूटीन बना दें, तो वे हमेशा रिलेक्स मूड में रहेंगे, धीरे-धीरे यह आपके लिए मुश्किल नहीं होगा बल्कि बस एक काम होगा और फिर बेबीसिटर के लिए भी बच्चे को संभालना आसान होगा। साथ ही इस बात का ख्याल भी रखें कि बच्चे अपने पहले के रुटीन के अनुसार ही आराम करना चाहेंगे इसलिए उस समय शांतिपूर्ण एक्टिविटी जैसे शांत म्यूजिक, किताबों को देखना, आराम से सोफे पर कंबल में आराम करना आदि गतिविधियां उनके रूटीन में शामिल करें।
यह भी पढ़ें :15 महीने के बच्चे की देखभाल के लिए आपको किन जानकारियों की आवश्यकता है?
16 महीने के बच्चे के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं
16 महीने के बच्चे से जुड़े किन विषयों पर डॉक्टर से बात करनी चाहिए?
अगर बच्चे के व्यवहार में आपको कुछ अलग दिखें या अंतर नजर आए, तो डॉक्टर को जरूर बताएं। अगर आपको बच्चा हेल्दी और नॉर्मल दिखे, तो यह भी देखें कि अभी डॉक्टर से चेकअप का समय हुआ है या नहीं। हो सकता है वह डॉक्टर के पास जाने से डरता हो, उसे लग सकता है कि शायद उसे इंजेक्शन के लिए ले जाया जा रहा है। आप बच्चों को कंफर्ट जोन में रखने के लिए कुछ ऐसे टिप्स अपना सकते हैं-
- डॉक्टर के पास जल्दी न पहुंचे, अपने अपॉइंटमेंट के समय पहुंचे और जितना हो सके इस दौरान बच्चे से बात करते रहें।
- बच्चों का जो भी पसंदीदा खिलौना हो वह लेकर आएं ताकि वो कंफर्टेबल और व्यस्त रहे।
- कोशिश करें कि डॉक्टर को जल्दी न बदलें। धीरे-धीरे इससे बच्चे भी डॉक्टर से फ्रेंडली हो जाएंगे।
- कोशिश करें कि जब जरूरी हो तो बेबी का ध्यान इधर-उधर भटकाएं।
यह भी पढ़ें : Crohns Disease : क्रोहन रोग क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज
16 महीने के बच्चे के बारे में डॉक्टर को क्या बताएं?
हो सकता है कि 16 महीने के बच्चे के लिए अब सुबह में नींद की जरूरत न हो इसकी जगह वह फ्रेश रहने के लिए छोटी नैप ले सकते हैं। 16 महीने के बच्चे के लिए दोपहर की नींद ही पूरा दिन हेल्दी और सक्रिय रहने के लिए काफी हो सकती है।
कोशिश करें कि बच्चों को दोपहर में जल्दी सुला दें और फिर शाम को देर तक न सोने दें क्योंकि हो सकता है दोपहर में देर तक सोने से उनका बेडटाइम रुटीन खराब हो जाए। इस बात का ध्यान रखें कि बेबी की नींद कभी मिस न होने दें क्योंकि इससे वो चिड़चिड़े हो जाएंगे।
यह भी पढ़ें: 17 महीने के बच्चे की देखभाल के लिए आपको किन जानकारियों की आवश्यकता है?
16 महीने के बच्चे के लिए जानें ये महत्वपूर्ण बातें
16 महीने के बच्चे के स्वास्थ्य से संबंधित और किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए ?
आपको चिंता होती होगी कि अब बच्चा इतनी देर तक टीवी देखता है लेकिन, अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेडिट्रिक्स (एएपी) की मानें तो बच्चों को दो साल के पहले टीवी, आईपैड या डीवीडी देखने की आदत नहीं डालनी चाहिए। बच्चों का स्क्रीन टाइम सेट करें। थोड़ी देर के लिए टीवी देखने से बच्चों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन, बच्चे को इसकी आदत या लत नहीं होनी चाहिए।
बच्चों को आउटडोर एक्टिविटी जैसे तैराकी, बॉल के साथ खेलना, दौड़ना आदि के लिए अधिक प्रोत्साहित करें। गाने प्ले कर उन्हें गाने या डांस करने के लिए भी प्रोत्साहित करें।
अगर इस उम्र में बच्चे की दोस्ती किताबों से हो जाए, तो इससे बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता है। आप बच्चे के लिए रोज किताबें पढ़ सकते हैं। साथ ही जितना ज्यादा आपकी उनके साथ बातचीत होगी उतना ज्यादा वो नए शब्द सीखेंगे। इससे बच्चे नई चीजें सीखेंगे और उनके मस्तिष्क का भी अच्छा विकास होगा।
16 महीने के लिए बच्चों के लिए किन बातों का रखना चाहिए ख्याल
बच्चों का व्यवहार कैसा होगा इसके लिए पेरेंट्स बहुत ही जरूरी रोल प्ले करते हैं। यह भी याद रखें कि बच्चे सबसे पहले अपने पेरेंट्स से ही चीजें सीखते हैं। ऐसे में जब भी आप बच्चों के सामने हों अच्छे सें व्यवहार करने की जरूरत होती है। बच्चों के व्यवहार को विकसित करने के लिए कुछ टिप्स हैं:
- हम समझते हैं कि बच्चों के नखरें झेलना कई बार आसान नहीं होता है। 16 महीने के बच्चे ठीक से बोलना नहीं जानतें हैं, तो अपनी जरूरत के लिए वे नखरें दिखाते हैं लेकिन, अगर आप समझ लें कि आपका बच्चा क्या चाहता है, तो यह आसान हो सकता है।
- बच्चों के नखरों और जिद पर गुस्सा आना लाजमी होता है। यहीं बच्चों के साथ भी हो सकता है जब उनके मन का नहीं होता है। लेकिन पेरेंट्स गुस्सा कंट्रोल करना जानते हैं लेकिन बच्चों में इतनी समझ नहीं होती है। ऐसे में आपको पेरेंट्स को शांत रहने की जरूरत होती है।
- बच्चे कई बार गुस्से में चीजें फेंकना शुरू कर देते हैं। ऐसे में उन पर चिल्लाने –डांटने का को फायदा नहीं है क्योंकि वे इसके परिणामों को समझते ही नहीं हैं। बच्चे के ऐसे व्यवहार करने पर उन्हें शांत करें और उनसे बात करें और समझने की कोशिश करें कि वे क्या चाहता है।
- बच्चे के इस तरह का व्यवहार करने पर आप उसे अन्य एक्टिविटीज में शामिल करने की कोशिश करें जैसे कि उन्हें साथ उनकी फेवरेट राइम गाएं या उनके लिए किताब से कोई कहानी पढ़ें। यह बच्चे को शांत करने में मदद कर सकता है।
।
हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है