देश में उच्च शिक्षा लगातार महंगी होती जा रही है। पिछले कुछ सालों में प्राइमरी और उच्च-शिक्षा के क्षेत्र में जिस तरह का इजाफा हुआ है, उससे के ऊपर आर्थिक बोझ बहुत बढ़ा है। इस लिए बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए सही फाइनेंशियल-प्लानिंग पहले से ही बहुत जरूरी है। फाइनेंशियल-प्लानिंग सही न होने की स्थिति में कई बार पढ़ाई के बड़े खर्चे आम आदमी के मंथली बजट को बिगाड़ कर रख देते हैं। बच्चे की पढ़ाई पर होने वाले खर्च का पहले से अनुमान लगाकर उसके लिए सही योजना बना कर चलें तो अच्छा रहेगा।
वर्ष 2014 में किसी भी निजी संस्थान की पढ़ाई का फीस गवर्नमेंट संस्थान की तुलना में 11 गुना ज्यादा थी। जबकि हायर एज्युकेशन का यही खर्च तीन गुना ज्यादा था। एक रिपोर्ट के मुताबिक एज्युकेशन फीस की महंगाई दर सालाना 10-12 फीसदी है। यानी 16 वर्ष के बाद जिस इंजीनियरिंग कोर्स की फीस आज 6 लाख रुपए है वह भविष्य में 15 लाख हो जाएगी।
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बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial planning) के तरीके
हर साल अच्छी शिक्षा और उसके खर्चे में बढ़ोतरी देखी जा रही है। अपने बच्चों के फ्यूचर को सिक्योर करने के लिए आप सही समय पर सही जगह पर निवेश करें। बस ध्यान रखें कि बच्चों के शिक्षा के लिए आपने जिन वित्तीय योजनाओं में निवेश किया है, उस पर मिलने वाला रिटर्न महंगाई की दर से अधिक होनी चाहिए।
बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial planning) के लिए करें म्यूचुअल फंड्स में इनवेस्ट
म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर आप एक समय के बाद अच्छा फंड जुटा सकते हैं। इसमें लार्ज कैप और मिड कैप दोनों फंड्स में निवेश करें तो ज्यादा बेहतर। ‘इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम’ में निवेश करने से बच्चे का भविष्य सिक्योर्ड होगा। इससे एक फायदा यह भी होगा कि टैक्स की भी बचत होगी।
बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial planning) के लिए करें चाइल्ड यूलिप
बच्चों की पढ़ाई के खर्चों को पूरा करने के लिए आप ‘चाइल्ड यूलिप’ का भी चयन कर सकते हैं। इस स्कीम में ‘वेवर प्रीमियम फीचर’ होता है जिससे बच्चे को मनचाही उम्र में पैसे मिल जाते हैं। माता-पिता होने के नाते अपने खुद के लिए शॉर्ट ट्रर्म इंश्योरेंस जरूर लें, ताकि आपके बाद बच्चे की शिक्षा के लिए भविष्य में होने वाली जरूरतें पूरी हो सके।
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पब्लिक प्रोविडेंट फंड
बच्चे की शिक्षा के लिए आप अपने बच्चे के नाम से ‘पब्लिक प्रोविडेंट फंड एकाउंट’ का भी चयन कर सकते हैं। यह 15 वर्षों की एक स्कीम है। जिसके मदद से आप टैक्स-फ्री कॉर्पस का निर्माण कर सकते हैं। जरूरत पड़ने पर जरूरत के अनुसार एकाउंट के छठे वर्ष के बाद कुछ राशि निकाली भी जा सकती है। जब बच्चे बड़े हो जाएंगे तो वह खुद भी इसमें योगदान कर सकता है, और इसे अनिश्चित समय के लिए बढ़वाया भी जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि इसपर मिलने वाला रिटर्न काफी कम होगा। साथ ही माता पिता और बच्चे की पीपीएक एकाउंट की कुल लिमिट 1.5 लाख रुपए ही प्रति वर्ष होगा।
बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial planning) करते समय न करें ऐसी गलतियां
इसमें कोई दो राय नहीं है कि हर पेरेंट्स अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए कुछ न कुछ सोचगकर ही रखते हैं। लेकिन अनुभव न होन के कारण वो जाने अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उन्हें भविष्य में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। नीचे हम आपको कुछ ऐसी ही सामान्य गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अक्सर माता-पित कर देते हैं, जैसे :
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लक्ष्य तय न करना
कई पेरेंट्स भविष्य के लिए लक्ष्य तय करने में कमजोर पड़ जाते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि बच्चों के लिए अलग-अलग समय पर पैसों की जरूरत पड़ेगी, जैसे उसके स्कूल के खर्च, हाइयर स्टीज का खर्च, शादी का खर्च आदि। ऐसे में आपको इन सभी खर्चों की पूरी लिस्ट बनानी होगी और उसी हिसाब से बच्चे के लिए बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial planning) करनी होगी। इसके अलावा माता पिता केवल चाइल्ड प्लान ले लेते हैं, जो आगे चलकर जरूरतें पूरी करने में सक्षम नहीं होता। इसलिए आप चाइल्ड प्लान के साथ-साथ अन्य प्लान के बारे में सोचें। इससे आपको बच्चे का पूरा भविष्य सेव रखने में मदद मिलेगी।
कम रिटर्न वाली पॉलिसी लेना
आप अगर कोई पॉलिसी लेते हैं, तो कभी भी कम रिटर्न वाली पॉलिसी की ओर रुख न करें। कम दर से रिटर्न देने वाले विकल्प आपके लिए बेहतर नहीं हो सकते हैं। जैसे कि, ज्यादातर परिवार अपना भविष्य सुरक्षित रखने के लिए गोल्ड में हेवी इनवेस्टमेंट करते हैं, जबकि सोने का रिटर्न कई सालों से स्थिर रहा है। बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial planning) को पूरा करने के लिए आपको ऐसे जगह इनवेस्ट करना चाहिए, जिससे कि तय समय आपको बेहतर रिटर्न मिल सके।
महंगाई को कैलक्युलेट करें
महंगाई हमेशा बढ़ती ही है, कभी भी कम नहीं होती। इसलिए आप इस हिसाब से इनवेस्टमेंट करें, जो आपको आने वाले समय में फायदा पहुंचाए। मान लीजिए कि आपकी पढ़ाई में तीन लाख रुपए का खर्चा आया होगा। लेकिन यह न सोचें कि आपके बच्चे की हायर स्टडीज में भी इतना ही खर्चा आएगा। इसलिए महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए आप बच्चे के लिए सही इनवेस्टमेंट करें।
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टर्म प्लान न लेने की गलती न करें
अक्सर माता-पिता टर्म प्लान न लेने की गलती कर बैठते हैं। जिस व्यक्ति के ऊपर परिवार की जिम्मेदारी होती है, उसके लिए टर्म प्लान लेना जरूरी होता है। अगर कभी परिवार के कामकाजी सदस्य की असमय मृत्यु हो जाती है, तो ऐसे में टर्म प्लान की पॉलिसी आपके काम आ सकती है। इसके अलावा आप चाहें तो बेटी की शादी के लिए भी पॉलिसी ले सकते हैं। इसके लिए आपको कई सारी सरकारी पॉलिसी भी मिल सकती है।
बच्चे की शिक्षा के लिए आज से ही बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करना शुरू करें। निवेश करने के लिए ऊपर बताई गई बातों को ध्यान में रख सकते हैं तथा चुनाव कर सकते हैं इसके लिए विशेषज्ञों की भी सलाह ले सकते हैं।
उम्मीद है आपको अपने बच्चों के लिए बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial planning) पर लिखा गया ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि आप बच्चे के लिए किस तरह की पॉलिसी लेनी चाहिए। साथ ही आपने जाना कि इस दौरान किन गलतियों को करने से बचना चाहिए। अगर आपको इससे संबंधित अन्य कोई सवाल पूछना है तो हमसे सोशल मीडिया पर जरूर पूछें।
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