ओएमआईसीएस इंटरनैश्नल (OMICS International) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार भारत के कुल आवादी में शामिल 15 से 50 वर्ष की आयु वाले 25 से 33 प्रतिशत लोग गैस्ट्राइटिस की समस्या से पीड़ित हैं। गैस्ट्राइटिस को अगर सामान्य शब्दों में समझें तो पेट से जुड़ी समस्या है। आज इस आर्टिकल में गैस्ट्राइटिस के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies For Gastritis) एवं गैस्ट्राइटिस की समस्या से जुड़े सवालों का जवाब जानेंगे।
आर्टिकल की शुरुआत करने से पहले नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार भारतीय लोगों में डायजेशन से जुड़ी समस्या का सबसे बड़ा कारण अनहेल्दी फूड हैबिट एवं स्पाइसी खानपान को बताया गया है। चलिए अब गैस्ट्राइटिस एवं गैस्ट्राइटिस के लिए घरेलू उपाय के बारे में समझने की कोशिश करते हैं।
- गैस्ट्राइटिस क्या है?
- गैस्ट्राइटिस के लक्षण क्या हैं?
- गैस्ट्राइटिस के लिए घरेलू उपाय क्या है?
गैस्ट्राइटिस एवं गैस्ट्राइटिस के लिए घरेलू उपाय से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
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गैस्ट्राइटिस (Gastritis) क्या है?
पेट की अंदुरुनी परत में सूजन आने की समस्या को गैस्ट्राइटिस कहते हैं। गैस्ट्राइटिस की समस्या माइल्ड गैस्ट्राइटिस और क्रोनिक दोनों हो सकती है। कम वक्त तक गैस्ट्राइटिस की समस्या को एक्यूट गैस्ट्राइटिस (Acute Gastritis) कहते हैं और यही समस्या अगर लंबे से चली आ रही है, तो ऐसी स्थिति क्रोनिक गैस्ट्राइटिस (Chronic Gastritis) कहलाती है। गैस्ट्राइटिस के लिए घरेलू उपाय उपलब्ध हैं, लेकिन उसके लिए गैस्ट्राइटिस के लक्षण को समझना जरूरी है।
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गैस्ट्राइटिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Gastritis)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार गैस्ट्राइटिस के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- पेट में दर्द (Stomach pain) महसूस होना।
- खट्टी डकार (Indigestion) आना।
- भूख नहीं लगना (Loss of Appetite) या खाने की इच्छा नहीं होना।
- मितली और उल्टी (Nausea and Vomiting) आना।
- हिचकी (Hiccups) आना।
- पेट में जलन (Stomach irritation) महसूस होना।
- मल का रंग काला (Dark stool) होना।
इन ऊपर लक्षणों के अलावा अगर अचानक पेट में जलन जैसी तकलीफ अगर ज्यादा महसूस होने लगे तो यह गैस्ट्राइटिस की ओर इशारा करते हैं। इस समस्या से राहत पाने के लिए गैस्ट्राइटिस के लिए घरेलू उपाय के बारे में आगे समझेंगे।
गैस्ट्राइटिस के लिए घरेलू उपाय क्या है? (Home Remedies For Gastritis)
गैस्ट्राइटिस के लिए घरेलू उपाय इस प्रकार हैं-
1. एंटी-इंफ्लेमेटरी डायट (Anti-inflammatory diet)
नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डायजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (National Institutes of Diabetes and Digestive and Kidney Disease) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के जब पेट की परत पर सूजन आने लगती है, तो गैस्ट्राइटिस की समस्या शुरू हो सकती है। ऐसे में एंटी-इंफ्लेमेटरी डायट (Anti-inflammatory diet) डायजेशन से जुड़ी इस समस्या में राहत दिलवाने में सहायक हो सकता है। इसलिए साबूत अनाज (Whole grains), फल (Fruits) और सब्जियों (Vegetables) का सेवन नियमित करना चाहिए। वहीं शरीर के लिए हेल्दी फैट बेहद आवश्यक होता है, इसलिए ओमेगा-3 फैट्स (Omega-3 fats), नट्स (Nuts), और सीड्स (Seeds) का सेवन किया जा सकता है।
रिसर्च रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ब्रोकली (Broccoli), स्प्राउट्स (Sprouts) और फ्रेश ब्लूबेरी Blueberries) के सेवन से भी गैस्ट्राइटिस की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है।
2. गार्लिक एक्सट्रैक्ट (Garlic extract)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार गार्लिक एक्सट्रैक्ट के सेवन से गैस्ट्राइटिस के लक्षण को कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि सिर्फ कच्चे लहसुन का सेवन करना कई लोग पसंद ना करें, तो ऐसी स्थिति में लहसुन के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें या इन्हें बारीक काट लें और फिर पीनट बटर (Peanut butter) या ड्रायड खजूर (Dried date) के साथ खाएं।
3. प्रोबायोटिक्स (Probiotics)
प्रोबायोटिक्स के सेवन से डायजेशन को बेहतर बनाने में मदद मिलने के साथ-साथ बाउल मूवमेंट भी मदद मिलती है। प्रोबायोटिक्स सप्लिमेंट्स के सेवन से अच्छे बैक्टीरिया (Good Bacteria) का निर्माण होता है, जो एच. पाइलोरी (H. pylori) को फैलने से रोकने में मदद मिलती है। गैस्ट्राइटिस के मरीजों को योगर्ट (Yogurt), किमची (Kimchi), कोम्बुचा (Kombucha), फर्मेन्टेड पत्ता गोभी (Sauerkraut) और केफिर (Kefir) के सेवन से लाभ मिल सकता है।
4. ग्रीन टी के साथ मनुका हनी (Green tea with manuka honey)
गैस्ट्राइटिस के लक्षण को कम करने के लिए या धीरे-धीरे इस तकलीफ को दूर करने के लिए ग्रीन टी के साथ मनुका हनी का सेवन किया जा सकता है। साइंसडायरेक्ट (ScienceDirect) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार गुनगुने पानी के सेवन से डायजेस्टिव ट्रैक्ट (Digestive tract) और डायजेशन (Digestion) की प्रक्रिया आसान हो जाती है। वहीं मनुका हनी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण गैस्ट्राइटिस के लक्षण को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए गैस्ट्राइटिस के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies For Gastritis) में ग्रीन टी और मनुका हनी को एक साथ शामिल किया जा सकता है।
5. एसेंशियल ऑयल (Essential oils)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार गैस्ट्राइटिस की समस्या को कम करने के लिए लेमनग्रास (Lemongrass) और लेमन वर्बेना (Lemon verbena) में मौजूद एसेंशियल ऑयल (Essential oils) लाभकारी होते हैं।
नोट : गैस्ट्राइटिस के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies For Gastritis) में शामिल एसेंशियल ऑयल (Essential oils) बाजार में आसानी से मिल जाते हैं। हालांकि एसेंशियल ऑयल यू.एस. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा ह्यूमन कंजम्प्शन के लिए टेस्ट नहीं किये गए हैं। इसलिए एसेंशियल ऑयल (Essential oils) के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
6. हल्का खाना खाएं (Eat lighter meals)
डायजेशन से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए एकसाथ ज्यादा खाना नहीं खाना चाहिए। इसलिए अपने डायट को छोटे-छोटे हिस्से में डिवाइड करें।
गैस्ट्राइटिस के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies For Gastritis) को नियमित रूप से फॉलो करें। हालांकि अगर गैस्ट्राइटिस की समस्या गंभीर है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार गैस्ट्राइटिस की समस्या से बचने के लिए स्मोकिंग नहीं करना चाहिए और एल्कोहॉल का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा तनाव से दूर रहें, इसलिए योग, एक्सरसाइज या वॉकिंग को अपने दिनचर्या में शामिल करने से लाभ मिल सकता है। वहीं आगे हम गैस्ट्राइटिस के कारणों को समझने की कोशिश करते हैं, जिससे गैस्ट्राइटिस की समस्या से दूर रहने में मदद मिल सकती है।
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गैस्ट्राइटिस के कारण क्या है? (Cause of Gastritis)
गैस्ट्राइटिस को आसान शब्दों में समझें, तो जब पेट की परत (Stomach lining) कमजोर पड़ने लगती है, तो पेट की मसल्स डैमेज हो जाते हैं और पेट में सूजन की समस्या शुरू हो जाती है, जिसके कारण गैस्ट्राइसिट की समस्या उत्पन्न होती है। इसके अलावा गैस्ट्राइटिस हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) नामक बैक्टीरिया के कारण भी होता है। यह बैक्टीरिया पेट की म्यूकस लाइनिंग में रहता है और इंफेक्शन (Infection) पैदा करता है। इंफेक्शन आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है लेकिन यह प्रदूषित भोजन और पानी के कारण भी फैलता है।
नोट : इसके अलावा अत्यधिक शराब (Alcohol) का सेवन, स्ट्रेस (Stress) और एस्पिरिन (Aspirin) एवं एंटीइंफ्लैमेटरी दवाओं के सेवन से भी गैस्ट्राइटिस की समस्या होती है।
गैस्ट्राइटिस से जुड़ी कोई भी समस्या अगर आप महसूस करते हैं, तो इसे इग्नोर ना करें। क्योंकि गैस्ट्राइटिस के शुरुआती स्टेज में गैस्ट्राइटिस के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies For Gastritis) से इस समस्या से राहत मिल सके, लेकिन गैस्ट्राइटिस के लक्षणों को इग्नोर कर आप अनजाने में किसी गंभीर बीमारी को दावत दे सकते हैं।
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