मतली, थकान, स्तन में सूजन यह आमतौर पर यह देखना आसान है क्योंकि यह सब गर्भावस्था के लक्षण है। लेकिन कई बार यह लक्षण प्रेग्नेंसी की वजह से नहीं होते। फॉल्स प्रेग्नेंसी को फैंटम प्रेग्नेंसी (Phantom pregnancy) के रूप में भी जाना जाता है इसके अलावा इसे क्लिनिकल शब्दों में स्यूडोसिसिस भी कहा जाता है। यह एक असामान्य स्थिति है जिसके कारण किसी महिला को लगता है कि वह गर्भवती है। यहां तक कि महिला में गर्भावस्था के कई लक्षण भी दिखते हैं। लेकिन फैंटम प्रेग्नेंसी (Phantom pregnancy) गर्भपात से संबंधित नहीं है। हालांकि फैंटम प्रेग्नेंसी (Phantom pregnancy) में कोई गर्भाधान नहीं होता है और ना ही कोई बच्चा होता है। इसके बावजूद फैंटम प्रेग्नेंसी के लक्षण महिला को काफी लंबे समय तक रह सकते हैं, और यहां तक कि उसके आस-पास के लोगों को भी लगने लगता है कि महिला प्रेग्नेंट हैं।
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फैंटम प्रेग्नेंसी के उदाहरण
“मैंने शादी के दो साल बाद प्रेग्नेंसी प्लानिंग की है और मैं इस वक्त को काफी एंजॉय कर रहीं हूं। मेरी प्रेग्नेंसी में कोई कॉम्प्लिकेशन नहीं है (फिंगर क्रॉस करते हुए ) और मैं बहुत खुश हूं कि अब मैं बनने जा रही हूं।” ये कहना है मुंबई में रहने वाली 32 साल की सौम्या मुखर्जी का। जो पेशे से एक प्राइवेट कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करती हैं। वे इस समय 6 महीने की गर्भवती है। उन्होंने ये जानकारी हैलो स्वास्थय से बात करते हुए दी।
हालांकि कुछ महिलाएं प्रेग्नेंसी के सफर का आनंद नहीं ले पाती हैं। ऐसी ही एक महिला गौरी त्यागी हैं। वे 33 साल की हैं और पेशे से एच.आर कंसल्टेंट हैं। जब गौरी से हमने बात की तो उनका कहना था कि, वे गर्भवती तो हुईं लेकिन, मिसकैरिज हो जाने के कारण उनका मां बनने का सपना अधूरा रह गया। अपनी नम आंखों और भरी आवाज में गौरी कहती हैं कि मुझे कई बार अपने गर्भवती होने का अनुभव होता है, लेकिन ये सच नहीं होता है। बार-बार इस तरह के ख्याल आने से वो परेशान रहने लगीं तो उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया। डॉक्टर से बातचीत के बाद उन्हें पता चला कि वे फैंटम प्रेग्नेंसी की शिकार हैं (Phantom pregnancy)।
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रिसर्च के अनुसार तकरीबन 40 प्रतिशत महिलाएं फैंटम प्रेग्नेंसी या फैंटम फीटल किक की समस्या से पीड़ित होती हैं। ऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए ऑनलाइन सर्वे के अनुसार 197 महिलाओं का कहना है कि, वे फैंटम प्रेग्नेंसी की शिकार हुई हैं। डिलिवरी के साढ़े छह साल बाद ऑस्ट्रेलियन महिलाओं ने किया ऐसे एक्सपीरियंस शेयर किए हैं। वहीं एक महिला ने तो डिलिवरी के 28 साल बाद बच्चे के किक को अनुभव किया है। 40 प्रतिशत महिलाएं फैंटम किक हफ्ते में एक बार जरूर महसूस करती हैं वहीं 20 प्रतिशत महिलाओं का कहना है की वे फैंटम प्रेग्नेंसी को (फैंटम किक) तकरीबन हर रोज अनुभव करती हैं।
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फैंटम प्रेग्नेंसी क्यों महसूस होती है
कुछ महिलाओं का मानना है कि फैंटम किक (फैंटम प्रेग्नेंसी) महसूस होने पर कुछ वक्त के लिए ऐसा ही महसूस होता है जैसे वो गर्भावस्था का वक्त चल रहा हो। हालांकि इस तरह का अनुभव महिला को अपसेट कर देता है। रिसर्च के अनुसार फैंटम प्रेग्नेंसी के कारण कभी-कभी महिलाएं एंग्जाइटी और डिप्रेशन की शिकार भी हो जाती हैं। वहीं प्रेग्नेंसी से जुड़े हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि महिलाओं को फैंटम प्रेग्नेंसी क्यों महसूस होती है इस पर अभी भी रिसर्च जारी है।
फैंटम प्रेग्नेंसी को फॉल्स प्रेग्नेंसी भी कहा जा सकता है। कुछ रिचर्स के अनुसार इसका संबंध महिलाओं की मनोस्थिति से हो सकता है। मिसकैरिज होने के बाद या डिलिवरी के बाद भी महिलाओं को ऐसा फील होता है कि वे अभी भी प्रेग्नेंट हैं। उन्हें लगता कि बेबी किक मार रहा है। यह भ्रम हो सकता है।
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फैंटम प्रेग्नेंसी या फैंटम किक के क्या हैं कारण?
फैंटम प्रेग्नेंसी या फैंटम किक के निम्नलिखित कारण होते हैं। इन कारणों में शामिल हैं।
- पेट में जरूरत से ज्यादा गैस बनना या एसिडिटी होना
- पेट निकलना
- बार-बार यूरिन जाना
- शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होना
- सिरदर्द होना
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फैंटम प्रेग्नेंसी या फैंटम किक के लक्षण क्या हैं?
फैंटम प्रेग्नेंसी या फैंटम किक के साथ-साथ इसके निम्नलिखित कारण होते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं-
- मॉर्निंग सिकनेस होना
- ब्रेस्ट का अत्यधिक सॉफ्ट होना
- स्तन के साइज का बढ़ना
- बार-बार भूख लगना
- गर्भाशय का बड़ा होना, गर्दन का सॉफ्ट होना
- कभी-कभी किक के अलावा फॉल्स लेबर पेन भी हो सकता है
फैंटम प्रेग्नेंसी की ही तरह प्रेग्नेंसी के कुछ और टर्म हैं जो फॉल्स प्रेग्नेंसी के सामान हैं। इन प्रेग्नेंसी में शामिल हैं एक्टोपिक प्रेग्नेंसी और केमिकल प्रेग्नेंसी।
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एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को कैसे समझें?
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को भी फॉल्स प्रेग्नेंसी कहते हैं। इसमें कई बार एक फर्टिलाइज एग (अंडा) यूट्रस के कैविटी वॉल के बाहर विकसित हो जाता है। ऐसी स्थिति में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ जाती है। फर्टिलाइज एग यूटरस तक न पहुंच कर फेलोपियन ट्यूब में ही रुक जाता है। इस तरह की प्रेग्नेंसी को ट्यूबल प्रेग्नेंसी भी कहते हैं।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण-
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी या ट्यूबल प्रेग्नेंसी के दौरान निम्नलिखित लक्षण महसूस किए जाते हैं।
- उल्टी आना
- ब्रेस्ट में सूजन आना
- पेट दर्द महसूस होना
- ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होना
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केमिकल प्रेग्नेंसी
कई बार केमिकल प्रेग्नेंसी के कारण से भी आपको लगता है कि आप गर्भवती हैं। यह वह स्थिति है जब एक फर्टाइल अंडा विकसित नहीं हो पाता है। केमिकल प्रेग्नेंसी के कई कारण हैं। इसमें फाइब्रॉइड, स्कार टिस्सूज और जन्म से ही गर्भाशय संबंधित परेशानी होना है। इसके अलावा प्रोजेस्टेरॉन जैसे हॉर्मोन की कमी अंडे के विकास को कम कर सकती है।
केमिकल प्रेग्नेंसी के लक्षण-
केमिकल प्रेग्नेंसी के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं।
- पीरियड्स (मासिक धर्म) के एक हफ्ते पहले स्पॉटिंग होना
- पीरियड्स के बाद भी वजायनल ब्लीडिंग होना
- पेट में हल्का-हल्का दर्द होना
वैसे इन परेशानियों के अलावा अन्य परेशानी भी हो सकती हैं, लेकिन अगर आप फैंटम प्रेग्नेंसी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। आपको बता दें कि यूनिसेफ के रिसर्च के अनुसार तकरीबन 29 मिलियन शिशु हर साल जन्म लेते हैं। ऐसे में कई तरह की मेडिकल कंडिशन्स सामने आ सकती हैं। किसी भी विषय पर ज्यादा और सही जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना है बेस्ट ऑप्शन होता है। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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