नेशनल सेंटर फॉर बयोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) द्वारा किये गए गर्भवती महिलाओं पर एक रिसर्च की गई। यह रिसर्च साल 2012 से 2014 में एक अस्पताल में की गई। इस अस्पताल में गर्भवती महिला के साथ-साथ बच्चों का इलाज किया जाता है। प्रेग्नेंसी में रोजा या प्रेग्नेंसी में उपवास रखने की वजह से शिशु का जन्म समय से पहला हुआ। इसलिए प्रेग्नेंसी में उपास की सलाह डॉक्टर्स नहीं देते हैं।
डॉ. सुदेशना राय गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी में उपवास नहीं करने की सलाह नहीं देती हैं और अगर रमजान के दौरान एक दिन या इससे ज्यादा का फास्ट रखती हैं, तो उन्हें निम्नलिखित टिप्स फॉलो करने की सलाह देती हैं। इन टिप्स में शामिल है:-
- मसाले और तले भुने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें
- गर्मी का मौसम है इसलिए रोजा के रखने के पहले और तोड़ने के बाद तीन से साढ़े तीन लीटर पानी का सेवन रोजाना करें
- पौष्टिक आहार का सेवन करें
- दूध और जूस का सेवन करें
- रोजाना वॉक करें
- गर्भावस्था में रोजा रखने के दौरान कमजोरी महसूस होने पर फास्ट न करें
- अगर गर्भवती महिला को हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर की परेशानी है, तो रोजा न रखें
- प्रेग्नेंसी में उपवास की वजह से शरीर का वजन कम हो रहा हो, तो रोजा न रखें
- गर्भ में शिशु अगर मूवमेंट न कर रहा हो, तो फास्ट न रखें
- अत्यधिक चाय या कॉफी का सेवन न करें
- हर्बल टी या ग्रीन टी का भी सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए
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प्रेग्नेंसी में उपवास ज्यादा करने से होने वाली परेशानी-
गर्भावस्था में ज्यादा फास्ट रखने से निम्नलिखित परेशानी हो सकती है। जैसे-
- समय से पहले शिशु का जन्म होना
- स्टिलबर्थ होना (गर्भ में ही शिशु की मौत होना)
- हाइपर सेंसेटिव डिसऑर्डर की समस्या होना
- गर्भवती महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज होना
- नवजात का वजन सामान्य से कम होना
- शिशु का शारीरिक विकास ठीक तरह न होना
- मस्तिष्क के विकास में परेशानी आना
- न्यूट्रिशन की कमी की वजह से गर्भवती महिला शारीरिक रूप से कमजोर भी हो सकती हैं।
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इन ऊपर बताई गई स्थिति के साथ ही पोषण की कमी की वजह से कभी-कभी गर्भवती महिला की मौत भी हो सकती है। महिला अगर प्रेग्नेंसी में उपवास करना चाहती हैं या पूरा रोजा करना चाहती हैं, तो सबसे पहले अपने गायनोकोलॉजिस्ट से सलाह लें और उनके द्वारा बताई गई सलाह का पालन करें। क्योंकि हर महिला या किसी भी व्यक्ति की शारीरिक बनावट अलग-अलग होती है। डॉक्टर आपके शारीरिक फिटनेस को ध्यान में रखकर प्रेग्नेंसी में रोजा रखने या नहीं रखने की सलाह दे सकते हैं। यही नहीं प्रेग्नेंसी के दौरान उपवास की वजह से आहार में हुए बदलाव का असर गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो रूक-रूक कर या ज्यादा देर के अंतराल के बाद खाना खाने से हॉर्मोन लेवल में बदलाव हो सकता है। प्रेग्नेंसी में अगर हॉर्मल में सामान्य से ज्यादा बदलाव होता है, तो इससे खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है, जो मिसकैरेज की संभावना को भी बढ़ा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट प्रेग्नेंसी में उपवास न करने की सलाह के साथ-साथ स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को भी फास्ट रखने की सलाह नहीं देते हैं।