उन्होंने बताया, आयुर्वेद में सुबह-सुबह एक्सरसाइज करनी सलाह दी जाती है। हालांकि, शिशु के साथ व्यस्तत्ता के चलते अब इसे अमल में लाना मुश्किल हो गया है। उनके मुताबिक, प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को अधिकतम आधे घंटे से ज्यादा एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। यह एक्सरसाइज बिलकुल हल्के वजन पर की जानी चाहिए। यदि महिला ने खाना खाया हो तो एक्सरसाइज में तीन से चार घंटों का अंतराल होना चाहिए।
शेड्यूल में गलती
डॉक्टर कुंद्रा ने कहा कि डिलिवरी के बाद बॉडी फिटनेस के चलते कुछ महिलाएं अक्सर अपना शेड्यूल बनाने में गलतियां करती हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी के बाद शिशु की देखरेख में महिलाओं को ज्यादा समय खर्च करना होता है लेकिन, अपने खाली समय के हिसाब से वो एक्सरसाइज या किसी भी फिजिकल एक्टिविटी को प्लान कर सकती हैं। डिलिवरी के बाद बॉडी फिटनेस के लिए शेड्यूलिंग में सही समय पर एक्सरसाइज करने से लेकर डायट लेना शामिल है। महिलाएं अपनी डायट के शेड्यूल को तो फॉलो कर रही हैं लेकिन, उचित समय पर एक्सरसाइज नहीं करतीं। इससे बॉडी में फैट घटने के बजाय बढ़ जाता है। फैट लॉस में रोजाना की दिनचर्या की शेड्यूलिंग बेहद जरूरी है।
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डायट में गलती
इस पर डॉक्टर सुनीता कुंद्रा ने कहा, ‘प्रेग्नेंसी के बाद ज्यादातर महिलाएं घी खाना बंद कर देती हैं। इस स्थिति में वो पेट की अग्नि को शांत करने के लिए कार्बोहाइड्रेट ज्यादा खाती हैं। घी का पाचन धीरे-धीरे होता है। यह धीरे-धीरे हमारी बॉडी में एनर्जी को रिलीज करता है। इस स्थिति में आपको पेट के भरे होने का अहसास होता है, जिससे आप गलत चीजें खाने से बचते हैं।’
उन्होंने कहा कि प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं के सामने दो चुनौतियां होती हैं। पहली यूटरस को पुराने आकार में लाना और प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी में जमा हुए अतिरिक्त फैट को बर्न करना। घी मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपनी डायट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को सीमित करके प्रोटीन और फैट को बढ़ाना चाहिए। डॉक्टर कुंद्रा के मुताबिक, रोटियों के बजाय दालों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कई बार प्रेग्नेंसी के बाद महिलाएं तनाव में चली जाती हैं। इस दौरान उनकी मनोस्थिति में बदलाव आता है। वे अपनी बॉडी की अधिक चिंता करने लगती हैं। नतीजतन जरूरत से ज्यादा फूड लेने लगती हैं। बॉडी के हिसाब से डायट प्लान करना बेहद जरूरी है।