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सेकंड ट्रायमेस्टर : जब गर्भवती महिला का सेकंड ट्रायमेस्टर (Second trimester) शुरू होता है, तो उसे अपने डायट में कैलोरी बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। कैलोरी के मुताबिक आपको पानी की मात्रा भी बढ़ानी होती है। आमतौर पर इस दौरान हर कैलोरी के मुताबिक एक से डेढ़ एम एल मिली पानी आपको अपनी डायट में बढ़ाना होता है। जिसका मतलब है कि सेकंड ट्रायमेस्टर में आप पानी का कंटेंट 340 एमएल जितना बढ़ा सकती हैं। डॉक्टर की सलाह लेकर आप पानी के इंटेक को बदल सकती हैं।
थर्ड ट्रायमेस्टर : थर्ड ट्रायमेस्टर (Third trimester) के दौरान आपको अपना खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है, क्योंकि आपका डिलीवरी का समय नजदीक आ रहा होता है। इसलिए आपको खाने में कैलोरी बढ़ाने की और उसी के मुताबिक पानी के इंटेक को बढ़ाने की भी जरूरत पड़ती है। डॉक्टर की सलाह लेकर आपको सही मात्रा में पानी लेना चाहिए, जिससे आपके शरीर में एनर्जी बनी रहे और आपके शरीर में बन रहे टॉक्सिंस को आसानी से बाहर निकाला जा सके।
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फर्स्ट ट्रायमेस्टर में पानी और अधिक लिक्विड (How much water should I drink in first trimester) लेने की सलाह इसलिए भी दी जाती है, क्योंकि आमतौर पर गर्भावस्था में डिहायड्रेशन होने की संभावना होती है। डिहायड्रेशन की समस्या से महिला और उसके होने वाले बच्चे को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। इसलिए आपको डिहायड्रेशन से जुड़े लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं वह कौन से लक्षण हैं, जो डिहायड्रेशन की समस्या में आपको दिखाई दे सकते हैं।
फर्स्ट ट्रायमेस्टर में पानी और अधिक लिक्विड नहीं लेने पर आपको दिखाई दे सकते हैं डिहायड्रेशन के ये लक्षण (Dehydration in first trimester)
फर्स्ट ट्रायमेस्टर में पानी और अधिक लिक्विड (How much water should I drink in first trimester) देने की सलाह दी जाती है, क्योंकि गर्भवती महिला में डिहायड्रेशन की समस्या कई तरह की कॉम्प्लिकेशन खड़ी कर सकती है। जब आपके शरीर को जरूरत के मुताबिक लिक्विड नहीं मिलता, तो शरीर में इस तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं –
- अधिक प्यास या ज्यादा भूख लगना
- यूरिन के रंग में बदलाव होना
- कमजोरी और सिर दर्द होना
- ब्रेन फ़ॉग होना
- स्किन का ड्राय होना