फोलिक एसिड और फोलेट दोनों विटामिन B9 (Vitamin B9) के प्रकार हैं। लोग अक्सर इन दोनों को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रहे कपल या कंसीव कर चुकी महिलाओं को इनके बारे में जानकारी होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को फोलिक एसिड दिया जाता है। यह प्रेग्नेंसी के दौरान न्यूरल ट्यूब डेवलपमेंट में सपोर्ट करता है। बच्चे के विकास के साथ ही यह गर्भवती महिला के भी जरूरी होता है। यह रेड ब्लड सेल फॉर्मेशन में मदद करता है। यह प्रीनेटल मल्टीविटामिन (Prenatal Multivitamin) में प्रमुख है, तो अब तो आप समझ गए होंगे कि फोलिक एसिड कितना महत्वपूर्ण है। ये तो बात हुई फोलिक एसिड आगे जानेंगे कि फोलेट क्या है? फोलिक एसिड और फोलेट में अंतर क्या है? शुरुआत करते हैं विटामिन बी9 से, क्योंकि ये दोनों विटामिन बी9 से ही प्राप्त होते हैं।
विटामिन बी9 (Vitamin B9)
विटामिन बी9 एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो स्वाभाविक रूप से फोलेट के रूप में होता है। यह बॉडी में कई सारे महत्वपूर्ण कार्य करता है। उदाहरण के लिए कोशिकाओं की ग्रोथ और डीएनए (DNA) के फाउंडेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बॉडी में विटामिन बी9 की कमी होने पर निम्न प्रकार की स्वास्थ्य स्थितियां हो सकती हैं।
- विटामिन बी9 की कमी होने पर होमोसिस्टीन (Homocysteine) का लेवल बढ़ जाता है। होमोसिस्टीन का हाय लेवल का संबंध हार्ट डिजीज (Heart disease) और स्ट्रोक (Stroke) हो सकता है।
- फोलेट का लो लेवल गर्भवती महिलाओं में बर्थ एब्नॉर्मलटीज जैसे कि न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स (Neural Tube Defects) के खतरे को बढ़ा सकता है।
- फोलेट का लेवल कम होने के कारण कैंसर का रिस्क भी बढ़ जाता है।
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फोलेट क्या है? (Folate)
फोलेट (Folate) को विटामिन बी9 से नैचुरल रूप से प्राप्त किया जाता है। यह शब्द लेटिन शब्द फोलियम (Folium) से लिया गया है। जिसका मतलब लीफ (Leaf) यानी पत्ती होता है। पत्तेदार सब्जियां फोलेट का बेस्ट डायट्री सोर्स (Dietary source) हैं। फोलेट समान पोषक गुणों वाले कमांउड्स के लिए एक सामान्य नाम है। हमारे ब्लडस्ट्रीम में प्रवेश करने से पहले डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive system) इसे बायोलॉजिकल एक्टिव फॉर्म विटामिन बी9 5-MTHF में कंवर्ट कर देता है। फोलिक एसिड और फोलेट दोनों ही हमारे के लिए बेहद जरूरी हैं।
फोलिक एसिड क्या है? (Folic Acid)
फोलिक एसिड (Folic acid) विटामिन बी9 का सिंथेटिक फॉर्म है। इसका उपयोग सप्लिमेंट्स में किया जाता है। साथ ही इसे प्रोसेस्ड फूड (Processed food) प्रोडक्ट्स जैसे कि आटा, चावल, पास्ता और ब्रेकफास्ट सीरियल्स में एड किया जाता है। फोलेट के विपरीत हमारे द्वारा कंज्यूम किए गए संपूर्ण फोलिक एसिड को डायजेस्टिव सिस्टम बी9 5-MTHF में परिवर्तित नहीं करता। यह हमारे लिवर (liver) और दूसरे टिशूज में परिवर्तित किया जाता है। सेंटर्स ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार अगर गर्भवती महिलाएं प्रेग्नेंसी के पहले या प्रेग्नेंसी के दौरान पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड कंज्यूम करती हैं तो यह बच्चे को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से बचाने में मदद करता है। आपको बता दें कि इन दोनों को नैचुरल तरीके से भी प्राप्त किया जा सकता है। फोलिक एसिड और फोलेट दोनों का महत्व समझने के बाद इनका सोर्स पता कर लेते हैं।
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फोलिक एसिड और फोलेट (Folate) के सोर्स क्या हैं?
निर्माता फोलेट (Folate) के बजाय फोलिक एसिड वाले खाद्य पदार्थों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि खाना पकाने या बेकिंग के दौरान फोलेट उड़ जाता है, क्योंकि गर्मी और प्रकाश इसे डिवाइड कर सकते हैं। फोलिक एसिड अधिक स्टेबल है। फोलिक एसिड के सोर्स निम्न हैं।
- फोर्टिफाइड पास्ता (Fortified pasta), चावल, मक्के का आटा
- फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल्स
- फोर्टिफाइड ब्रेड
- विटामिन सप्लिमेंट्स (सप्लिमेंट में 400 से 1000 माइक्रोग्राम्स फोलिक एसिड पाया जाता है)
फोलेट के सोर्स (Folate sources)
प्रेग्नेंट महिला को 600एमसीजी फोलेट लेना रिकमंड किया जाता है। फोलेट कई फूड्स में नैचुरली मिल जाता है। कुछ खाद्य पदार्थों में फोलेट अधिक मात्रा में पाया जाता है। नीचे बताए गए 5 फूड्स में फोलेट अधिक मात्रा में पाया जाता है।
- बीफ लिवर
- पालक
- मटर
- चवली इसे लोबिया भी कहते हैं (Black-eyed peas)
- फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल (Fortified breakfast cereal)
- शतावरी (Asparagus)
इसके अलावा अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल , नट्स, सीफूड्स, अंडा, डेयरी प्रोडक्ट्स, ओरेंज जूस आदि सभी में फोलेट पाया जाता है। फोलेट के विभिन्न स्रोतों के साथ विविध आहार खाने से व्यक्ति को पोषक तत्वों का अच्छा संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
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प्रेग्नेंसी के पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान दोनों में से (फोलिक एसिड और फोलेट) किसका उपयोग बेहतर है?
फोलिक एसिड और फोलेट दोनों प्रेग्नेंसी के पहले और अर्ली प्रेग्नेंसी के दौरान महत्वपूर्ण होते हैं। ब्लड में फोलेट का हाय लेवल बेबी बर्थ के दौरान होने वाली असामान्यताओं को रोकने में मदद करता है। फोलेट का लो लेवल स्पाइनल कोर्ड और ब्रेन को प्रभावित कर सकता है। जिसमें स्पिना बिफिडा (Spina bifida) एक कंडिशन है जिसमें स्पाइन का निमार्ण प्रॉपर्ली नहीं होता। जिससे नर्व्स डैमेज (Nerve damage) हो जाती हैं। (Anencephaly) इस कंडिशन में ब्रेन के हिस्से और स्कल का निमार्ण बाधित होता है। सीडीसी (CDC) के अनुसार महिलाओं को कंसीव करने के एक महीने पहले से फोलिक सप्लिमेंट्स (Folic supplements) लेना शुरू कर देना चाहिए। शायद आपको पता नहीं होगा कि फोलेट की कमी एनीमिया का कारण बन सकती है।
फोलेट डेफिसिएंशी (Folate deficiencies)
फोलिक एसिड और फोलेट के बारे में जानने के बाद अब इसकी डेफिसिएंशी के बारे में भी जान लेते हैं। चूंकि कई सारे फूड्स में फॉलिक एसिड पाया जाता है। इसलिए फोलेट डेफिसिएंशी (Folate deficiencies) होना असामान्य है। ब्लड में फोलेट की मात्रा का कम होना फोलेट डेफिसिएंशी एनीमिया का कारण बन सकता है। जब ऐसा होता है, तो बॉडी लार्जर रेड ब्लड सेल्स का निमार्ण करने लगती है। इसके सामान्य लक्षण निम्न हैं।
- थकान होना (Fatigue)
- ऊर्जा की कमी लगना
- हाथ, पैर, तलवों और पंजों में गुदगुदी सी होना
- मुंह में छाले होना (Mouth ulcer)
- देखने में तकलीफ होना
- याद्दाश्त में कमी आना
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प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड और फोलेट (Folic Acid and Folate) के अलावा और क्या लेना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड और फोलेट को रूटीन में शामिल करने के तरीके तो आपने जान लिए। इनके अलावा भी कुछ पोषक तत्व है, जिनकी प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरत होती है। जो निम्न हैं।
फोलिक एसिड और फोलेट के अलावा कैल्शियम (Calcium) को भी करें डायट में शामिल
गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए कैल्शियम बेहद जरूरी है। इसके अलावा कैल्शियम मसल्स और नर्वस सिस्टम के विकास में भी मदद करता है। डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे कि दूध, दही, योगर्ट, चीज की मदद से कैल्शियम को डायट में शामिल किया जा सकता है। वहीं ब्रोकली और काले, पालक भी इसके अच्छे सोर्स हैं। प्रेग्नेंट महिला को एक दिन में 1300 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है।
फोलिक एसिड और फोलेट के अलावा विटामिन डी (Vitamin D) भी है जरूरी
विटामिन डी भी बेबी की हड्डियों और दांतों के निमार्ण में सहायक है। फैटी फिश जैसे कि साल्मन विटामिन डी का बेस्ट सोर्स है। इसके अलावा दूध, संतरे का जूस, अंडे से भी विटामिन डी प्राप्त किया जा सकता है। 600 IU की रोज जरूरत होती है। international units
फोलिक एसिड और फोलेट के अलावा प्रोटीन (Protein) को भी बनाए डायट का हिस्सा
पूरे प्रेग्नेंसी पीरियड के दौरान प्रोटीन बेबी के विकास के ओवरऑल ग्रोथ के लिए जरूरी है। एक दिन में 71 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। प्रोटीन के लिए लीन मीट, फिश एग को डायट में शामिल किया जा सकता है। वहीं दालें, बीन्स, सोया प्रोडक्ट्स और नट्स भी इसके अच्छे सोर्स हैं।
आयरन (Iron)
प्रेग्नेंसी के दौरान दोगुना आयरन की जरूरत होती है। बॉडी को बेबी तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन सप्लाई करने के लिए आयरन की जरूरत पड़ती है। अगर आपकी बॉडी में आयरन की कमी है तो आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया (Iron deficiency anemia) हो सकता है। इससे प्रीमैच्योर बर्थ, लो बर्थ वेट जैसी स्थितियां भी बन सकती हैं। एक दिन में 27 मिलिग्राम्स आयरन की जरूरत होती है। लीन रेड मीट, फिश आयरन के अच्छे सोर्स हैं। ब्रेकफास्ट सीरियल्स, बीन्स और सब्जियों से भी आयरन प्राप्त किया जा सकता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और फोलिक एसिड और फोलेट से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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