फाइब्रॉएड के अलावा कई अन्य कारणों से भी फर्टिलिटी प्रभावित होती है, उन्हीं में से एक है एंडोमेट्रियोसिस। जिसमें पीरियड्स के दौरान न सिर्फ असहनीय दर्द होता है, बल्कि यह गर्भधारण की क्षमता को भी प्रभावित करता है। एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण न कर पाने के बीच क्या संबंध है और किसी तरह यह फर्टिलिटी पर असर डालता है जानिए आगे।
एंडोमेट्रियोसिस क्या है?
यह गर्भाशय में होने वाली महिलाओं की एक आम समस्या हैं। इसमें गर्भाशय की अंदर वाली लेयर बनाने एंडोमेट्रियम के टिशू असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं और यह फैलकर गर्भाशय से बाहर आ जाते हैं। कई बार एंडोमेट्रियम की लेयर गर्भाशय की बाहरी लेयर के अलावा अंडाशय, आंत और अन्य प्रजनन अंगों तक भी फैल जाती है। इसे ही एंडोमेट्रियोसिस कहा जाता है। एंडोमेट्रियम टिशू बढ़ने से प्रजनन अंगों जैसे फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय की क्षमता प्रभावित होती है। एंडोमेट्रियोसिस के कारण पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अधिक ब्लीडिंग और दर्द होता है और यह बांझपन का भी कारण बन जाता है। मतलब एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण एक साथ होना बेहद मुश्किल है।एंडोमेट्रियोसिस क्या है और एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण में क्या सबंध है आगे जानते हैं।
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एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण न कर पाने के बीच क्या संबंध है?
एंडोमेट्रियोसिस बांझपन का कारण बन सकता है। यह अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को प्रभावित करता है। यूटराइन लाइनिंग में इम्प्लांट होने से पहले निषेचन के लिए अंडा अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय में घूमता है, लेकिन यदि किसी महिला के फैलोपियन ट्यूब में एंडोमेट्रियोसिस है तो यह अंडे को गर्भाशय तक जाने से रोकता है। यह भी संभव है कि एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं के अंडे या पुरुषों के स्पर्म को प्रभावित करे जिससे प्रेग्नेंट होना मुश्किल हो जाता है। इससे कहा जा सकता है कि एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण एक साथ होना संभव नहीं है।
इस बीमारी की वजह से महिलाओं की सेक्स की इच्छा नहीं होती, क्योंकि इस दौरान उन्हें बहुत दर्द होता है, जिस वजह से गर्भधारण मुश्किल हो जाता है। विशेषज्ञों के मतुबाकि, इस बीमारी में एब्डॉमिनल कैविटी में डिपॉजिट यानी मासिक धर्म के समय निकलने वाला ब्लड (Menstrual blood) शरीर से बाहर निकलने की बजाय अंदर ही अंदर बंटकर आसपास के अंगों में जमा होने लगता है और गांठ बन जाता है। इन गांठों के कारण इंटेस्टाइन (आंत) में एक गाढ़ा और चिपचिपा तरल प्रदार्थ बनने लगता है। जिसे ‘चॉकलेट सिस्ट’ कहते हैं। इस सिस्ट की वजह से आंत और गर्भाशय आपस में चिपक जाते हैं। धीरे-धीरे अन्य अंग भी चिपकने लगते हैं जिसकी वजह से मल-मूत्र के दौरान और सेक्स के समय भी असहनीय दर्द होता है। इस बीमारी में यदि संबंध बन भी जाएं तो गर्भाशय में अंडे बनते नहीं है, यदि बन भी जाएं तो वहां ज्यादा देर रह नहीं पाते और महिला का मिसकैरिज हो जाता है। इसलिए समय रहते इसका इलाज कराया जाना चाहिए। हालांकि इसका इलाज थोड़ा मुश्किल है, इसलिए एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण का इलाज एक साथ किया जा सके।
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एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
- पीरियड्स के दौरान पेल्विक में बहुत अधिक दर्द होता है।
- पीरियड्स में ब्लीडिंग भी बहुत अधिक होती है।
- थकान की समस्या, चक्कर, मितली, कब्ज की समस्या
- सेक्स के दौरान या बाद में अत्यधिक दर्द होता है।
- इसकी वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।
- कई बार बिना पीरियड्स के भी पेल्विक में दर्द में होता है।
एंडोमेट्रोसिस का क्या कारण है?
एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण के बीच संबंध जानने के बाद जानते हैं कि एंडोमेट्रोसिस का कारण क्या है। एंडोमेट्रोसिस का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ अध्ययनों के मुताबिक, यह निम्न कारणों से हो सकता है।
- जब पीरियड्स का ब्लड शरीर से बाहर निकलने की बजाय शरीर के अंदर ही रह जाए और अन्य अंगों में फैलने लगे।
- पेरोटोनियल कोशिकाओं में बदलाव के कारण भी एंडोमेट्रोसिस हो सकती है।
- सी-सेक्शन या हिस्टरेक्टॉमी जैसी सर्जरी के बाद भी इसके होने की संभावना रहती है। ऐसी सर्जरी के बाद एंडोमेट्रियल कोशिकाएं खुद को सर्जरी वाले स्थान से जोड़े रह सकती हैं।
- यदि इम्यून सिस्टम संबंधी कोई बीमारी है तो गर्भाशय के बाहर बढ़ने वाले एंडोमेट्रियल टिशू को खत्म करना और पहचानना संभव नहीं होता, जिससे बीमारी बढ़ जाती है।
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एंडोमेट्रोसिस और गर्भधारण की संभावना?
एंड्रोमेट्रोसिस और गर्भधारण एक साथ हो सकते हैं या नहीं आइए जानते हैं। हालांकि, अभी तक इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला है कि दवा से एंडोमेट्रोसिस से पीड़ित महिला के गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन डॉक्टर प्रोजेस्टिन जैसी कुछ दवाओं की सलाह दे सकता है जिससे महिला के शरीर में प्रेग्नेंसी हार्मोन में वृद्धि होती है। इसके साथ ही यदि आपको एंडोमेट्रोसिस है, तो स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी बेहद जरूरी है। इससे आपके शरीर में सूजन कम होगी और आपका शरीर बच्चे के विकास के लिए तैयार होगा। एंड्रोमेट्रोसिस और गर्भधारण एक साथ हो सके इसके लिए हेल्दी लाइफस्टाइल होना जरूरी है।
स्वस्थ जीवनशैली के निम्न कदम उठा सकती हैंः
- वजन नियंत्रित रखें।
- स्वस्थ आहार लें। फल, सब्जियां, साबुत अनाज और पतले प्रोटीन वाली चीजों को आहार में शामिल करें।
- हल्की फुल्की एक्सरसाइज रोजाना करें जैसे- वाॅकिंग, वेट लिफ्टिंग, एरोबिक्स आदि।
- इस बात का ध्यान रखें कि गर्भधारण में उम्र भी बहुत मयाने रखती है। 35 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में इनफर्टिलिटी और मिसकैरिज दोनों का खतरा अधिक होता है, इसलिए जल्दी प्रेग्नेंसी प्लान करें।
- तनाव की वजह से भी कंसीव करने में दिक्कत आती है, इसलिए तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन करें।
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एंडोमेट्रोसिस का उपचार
एंड्रोमेट्रोसिस और गर्भधारण के बीच क्या संबंध है जानने के बाद जानते हैं कि एंड्रोमेट्रोसिस का उपचार कैसे किया जा सकता है। एंडोमेट्रोसिस का इलाज कई तरह से किया जा सकता है। डॉक्टर सर्जरी के जरिए एंडोमेट्रियल टिशू को हटा सकता है जिससे स्पर्म और महिला के एग के फर्टिलाइज होने का रास्ता साफ हो जाता है।
यदि सर्जरी नहीं करवानी है तो आप इंट्रायूटराइन इन्सेमिनेशन (IUI) तकनीक की मदद से गर्भधारण कर सकती है। इसमें आपके साथी का स्पर्म सीधे तौर पर आपके यूटरस में डाला जाता है। इसके लिए महिला का पहले नियमित रूप से अल्ट्रासाउंड किया जाता है और जब अंडाणु परिपक्व हो जाते हैं तो स्पर्म डाल दिया जाता है।
आपका डॉक्टर IUI के साथ ‘ कंट्रोल्ड ओवेरियन हाइपरस्टिम्यूलेशन’ नामक तकनीक का उपयोग करता है। जिसमें दवा की मदद से आपकी ओवरी में अधिक अंडे के निर्माण किया जाता है। इससे महिला के प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ जाती है।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) भी गर्भधारण का एक विकल्प हो सकता है। इससे भी कंसीव करने की संभावना बढ़ जाती है। इसमें महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणुओं को निकालकर बाहर फर्टिलाइज किया जाता है और उसके बाद महिला के गर्भाशय में इम्प्लाट कर दिया जाता है।
एग को फ्रीज करना भी एक विकल्प है। एंडोमेट्रियोसिस आपके ओवेरियन रिजर्व को प्रभावित कर सकता है। इसलिए यदि आप बाद में प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, तो कुछ डॉक्टर आपके अंडाणुओं को संरक्षित करने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि यह विकल्प बहुत महंगा है।
हम उम्मीद करते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण पर आधारित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण न कर पाने के बीच क्या संबंध है ये भी आप समझ गए होंगे। अगर इस विषय में किसी प्रकार की शंका है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। वे आपको उन सभी बातों की जानकारी देंगे कि एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण एक साथ हो सकता है या नहीं। ।
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