प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। इन्हीं बदलावों की वजह से महिला को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं में से एक समस्या है मॉर्निंग सिकनेस की। मॉर्निंग सिकनेस होने पर महिला को सुबह उठने के बाद मितली और उल्टी की तकलीफ बनी रहती है। जब यह समस्या जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है, तो इस स्थिति को हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis Gravidarum) के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में महिला के लिए मॉर्निंग सिकनेस की समस्या असहनीय हो जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम की स्थिति में महिला को डॉक्टर कई तरह के ट्रीटमेंट दे सकते हैं। इसमें से एक ट्रीटमेंट है हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट (Antihistamines for Hyperemesis Gravidarum)। हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट तब दिया जाता है, जब मॉर्निंग सिकनेस की समस्या जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए।
हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट लेने से पहले आपको कुछ बातों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आइए जानते हैं एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट (Antihistamines) से से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।
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क्या है हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis Gravidarum) की समस्या?
हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis Gravidarum) की समस्या आम तौर पर उस स्थिति को माना जाता है, जब महिला को मितली की समस्या जरूरत से ज्यादा हो जाती है। इसकी वजह से कई बार महिला को डीहायड्रेशन की तकलीफ उठानी पड़ती है। इस डीहायड्रेशन को ठीक करने के लिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की जरूरत पड़ती है। लेकिन हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम की समस्या के चलते आप किसी भी तरह का खाना और पानी नहीं ले सकते।
आमतौर पर हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम के लक्षण आपको प्रेग्नेंसी के पहले 6 सप्ताह में दिखाई देते हैं, लेकिन यदि यह जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए और इसकी वजह से आपको कमजोरी और डिजीनेस महसूस हो, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत पड़ती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपको हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट (Antihistamines for Hyperemesis Gravidarum) दे सकते हैं। हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने से पहले आपको हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम से जुड़े लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए। आइए अब जानते हैं हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम से जुड़े लक्षण क्या हैं।
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हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में कौन से लक्षण दिखाई देते हैं? (Symptoms of Hyperemesis Gravidarum)
हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis Gravidarum) की समस्या आमतौर पर प्रेग्नेंसी के फर्स्ट ट्राइमेस्टर के दौरान देखी जाती है। बेहद कम महिलाएं ऐसी होती हैं, जिनमें हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम के लक्षण पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान बने रहते हैं। प्रेग्नेंसी में हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम के लक्षण ये हो सकते हैं –
- लगातार उल्टी जैसा महसूस होना
- ऐपेटाइट का कम होना
- दिन में चार बार से ज्यादा बार उल्टी होना
- डिहायड्रेशन होना
- कमजोरी महसूस करना
- तेजी से वजन घटना
इन लक्षणों के दिखाई देने पर आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। प्रेग्नेंसी में हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis Gravidarum) की समस्या को पहचानना बेहद जरूरी माना जाता है। इस समस्या को पहचान कर हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट (Antihistamines for Hyperemesis Gravidarum) लिया जा सकता है, जो आपकी स्थिति को बेहतर बना सकता है। लेकिन इस समस्या को पहचानने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। आइए अब जानते हैं प्रेग्नेंसी में हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम की समस्या को किस तरह पहचाना जा सकता है।
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हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम की समस्या का कैसे किया जाता है निदान? (Diagnosis Hyperemesis Gravidarum)
जब आप हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis Gravidarum) से जुड़े लक्षणों के बारे में डॉक्टर को बताते हैं, तो डॉक्टर सबसे पहले आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानते हैं। इसके बाद एक सामान्य फिजिकल चेकअप किया जाता है। जिससे आम तौर पर महिलाओं में हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम की समस्या का पता चल जाता है। डॉक्टर इस समस्या के लक्षणों पर भी ध्यान देते हैं, साथ ही साथ आपके ब्लड प्रेशर और पल्स को चेक करते हैं। यदि आपको डिहायड्रेशन की समस्या हुई है, तो डॉक्टर आपका ब्लड और यूरीन सैंपल लेकर उसकी जांच कर सकते हैं। साथ ही डॉक्टर आपकी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को भी जानने का प्रयास कर सकते हैं। आमतौर पर इस स्थिति में अल्ट्रासाउंड उन महिलाओं को करवाया जाता है, जिन्हें ट्विंस होने की गुंजाइश होती है।
हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis Gravidarum) की समस्या में आमतौर पर दवाइयां प्रिसक्राइब की जाती है। लेकिन यह दवाइयां आप की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दी जाती हैं। कई बार गर्भावस्था में कॉम्प्लिकेशन के चलते डॉक्टर किसी भी तरह की दवाइयां नहीं देते। लेकिन यदि आपकी गर्भावस्था सामान्य है, तो आपको हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट की सलाह दी जाती है। आइए अब जानते हैं उन दवाइयों के बारे में, जो हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट (Antihistamines for Hyperemesis Gravidarum) के दौरान दी जा सकती हैं।
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हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट : काम आ सकती हैं ये दवाएं (Antihistamines for Hyperemesis Gravidarum)
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं में हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम की समस्या होती है। ऐसी स्थिति में महिलाओं को एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट दिया जाता है। आमतौर पर हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट (Antihistamines for Hyperemesis Gravidarum) के दौरान कुछ दवाएं प्रिसक्राइब की जा सकती हैं। क्योंकि यह दवाएं सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर खराब प्रभाव नहीं डालती, इसलिए गर्भावस्था में इनका सेवन सेफ माना जा सकता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट लेने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बगैर इन दवाओं का इस्तेमाल करना आपके और शिशु के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। आइए अब जानते हैं हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट (Antihistamines) के अंतर्गत किन दवाओं का समावेश होता है।
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हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट : सिट्राजिन (Citrazine)
सिट्राजिन, हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट (Antihistamines for Hyperemesis Gravidarum) के अंतर्गत दी जाती है। लेकिन कई बार यह दवा प्रेग्नेंसी में होनेवाली एलर्जी की समस्याओं के लिए भी दी जाती है। इस दवा का इस्तेमाल खाने के बाद किया जाना चाहिए। इस दवा को खाने के बाद अक्सर डिजीनेस की समस्या होती है, इसलिए सोने से पहले इस दवा को लेने की सलाह दी जाती है। वैसे सिट्राजिन से आपको किसी तरह की समस्या नहीं होती, लेकिन कई बार इसके साइड इफेक्ट के तौर पर आपको जरूरत से ज्यादा नींद या डिजीनेस की समस्या दिखाई दे सकती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इसका सेवन किया जाना चाहिए।
हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट : फेक्सोफेनाडाइन (Fexofenadine)
फेक्सोफेनाडाइन हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट (Antihistamines for Hyperemesis Gravidarum) के अंतर्गत दी जाती है। लेकिन कई बार यह दवा प्रेग्नेंसी में होनेवाली एलर्जी की समस्याओं के लिए भी दी जाती है। इस दवा का इस्तेमाल खाने के बाद किया जाना चाहिए। इस दवा को खाने के बाद अक्सर डिजीनेस की समस्या होती है, इसलिए सोने से पहले इस दवा को लेने की सलाह दी जाती है। वैसे फेक्सोफेनाडाइन से आपको किसी तरह की समस्या नहीं होती, लेकिन कई बार इसके साइड इफेक्ट के तौर पर आपको जरूरत से ज्यादा नींद या डिजीनेस की समस्या दिखाई दे सकती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इसका सेवन किया जाना चाहिए।
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हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट : लोरैटैडाइन और डेस्लोरैटैडाइन (Loratadine and Desloratadine)
लोरैटैडाइन और डेस्लोरैटैडाइन हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट (Antihistamines for Hyperemesis Gravidarum) के अंतर्गत दी जाती है। लेकिन कई बार यह दवा प्रेग्नेंसी में होनेवाली एलर्जी की समस्याओं के लिए भी दी जाती है। इस दवा का इस्तेमाल खाने के बाद किया जाना चाहिए। इस दवा को खाने के बाद अक्सर डिजीनेस की समस्या होती है, इसलिए सोने से पहले इस दवा को लेने की सलाह दी जाती है। वैसे लोरैटैडाइन और डेस्लोरैटैडाइन से आपको किसी तरह की समस्या नहीं होती, लेकिन कई बार इसके साइड इफेक्ट के तौर पर आपको जरूरत से ज्यादा नींद या डिजीनेस की समस्या दिखाई दे सकती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इसका सेवन किया जाना चाहिए।
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हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट (Antihistamines) के दौरान आपको खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। गर्भावस्था की वजह से आप कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, वहीं हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट (Antihistamines for Hyperemesis Gravidarum) से आपको अन्य साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद अपनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट लिया जाना चाहिए। आमतौर पर हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में एंटिहिस्टामाइन ट्रीटमेंट सेफ माना जाता है, लेकिन कई महिलाओं को यह दवाइयां सूट नहीं होती। यही वजह है कि इन दवाओं को बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए।
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