क्या बच्चे का दूध पलटना या उल्टी को रोका जा सकता है? कैसे पता चलता है कि शिशु केवल दूध उलट रहा है या वॉमिटिंग कर रहा है? क्या नवजात बच्चे का दूध पलटना सामान्य है? ये कुछ सवाल पहली बार मां बनी कई महिलाओं के लिए समझना मुश्किल हो जाता है। “हैलो स्वास्थ्य’ के इस आर्टिकल में न्यू मदर्स के इन सारे सवालों के जवाब मिलेंगे।
लखनऊ की जयती क्लिनिक की गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. मालती पांडेय के अनुसार “शिशु जब भी दूध पीता है और दूध पीते ही वो वॉमिट कर दे, तो इसका मतलब है कि उसे दूध डायजेस्ट नहीं हो रहा है। इसलिए जब भी स्तनपान कराएं थोड़ा-थोड़ा करके दोनों साइड बदल-बदल कर फीड कराएं। एक बार में ही फीड करा देने से भी बच्चा वॉमिट कर देता है। शिशु को हर स्तनपान के बाद डकार दिलाएं और डकार दिलाते समय ध्यान दें कि उसका पेट बिलकुल भी दबने न पाए।’
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क्या बच्चे का दूध पलटना या उल्टी करना सामान्य बात है?
जन्म के बाद, शुरुआती सप्ताह में नवजात बच्चे का दूध पलटना आम होता है क्योंकि तब बच्चे का पेट आहार से तालमेल बिठा रहा होता है। इसके अलावा, कभी-कभी शिशु को अपच की वजह से भी उल्टी हो सकती है। वहीं, शिशु का बहुत देर तक रोना या खासना भी उल्टी की वजह बन सकता है। पेट में दर्द के कारण भी बच्चा मुंह से दूध निकालने लगता है। आपको लगे कि शिशु इससे ज्यादा परेशान हो रहा है, तो एक बार डॉक्टर से संपर्क कर लें।
कैसे पता चलता है कि बच्चा केवल दूध पलट रहा है या उल्टी कर रहा है?
कई लोग खासतौर पर, नए पेरेंट्स इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि उनका शिशु दूध उलट रहा है या उसे वाकई में वॉमिटिंग हो रही है। ऐसे में दूध बाहर निकालने और उल्टी करने के बीच के अंतर को समझने के लिए ये संकेत देखें-
बच्चे का दूध पलटना (milk spitting)
यदि शिशु स्तनपान के तुरंत बाद थोड़ा-सा दूध निकाल दे, तो उसे पासिटिंग कहा जाता है। ऐसे में जब बच्चा दूध निकालता है, तो यह मुंह से अपने आप और बिना किसी बल के बाहर आ जाता है। दरअसल, शुरुआती कुछ सप्ताह में शिशु की फूड पाइप व पेट की मांसपेशियां पूरी तरह से विकसित नहीं होती हैं। इसी वजह से पिए हुए दूध का कुछ भाग दोबारा ऊपर आ जाता है। वहीं ब्रेस्टफीडिंग के कुछ देर बाद थोड़ी मात्रा में बच्चे का दूध पलटना, रिफ्लक्स (reflux) कहलाता है। इसके अलावा, कभी-कभी नवजात शिशु दूध पीते समय कुछ हवा भी अंदर ले लेता है, जो डकार के रूप में बाहर निकलती है। डकार के साथ थोड़ा-सा दूध भी बाहर निकल आता है। इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है।
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उल्टी आना (vomiting)
जब शिशु उल्टी या वॉमिटिंग करता है, तो दूध जोर के साथ बाहर निकालता है और ऐसे में बेबी रो सकता है। वहीं, दूध उलटने की तुलना में वॉमिट की मात्रा ज्यादा होती है। उल्टी करते समय बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है और उल्टी में म्यूकस (बलगम) भी आ सकता है।
क्या बच्चे का दूध पलटना या उल्टी करने से रोकने के लिए मैं कुछ कर सकती हूं?
हालांकि, सामान्य कारणों से होने वाली वॉमिटिंग में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते लेकिन, कुछ सावधानियां अपनाकर बच्चे का दूध पलटना या उल्टी करना रोक सकते हैं :
- हमेशा स्तनपान कराने के बाद शिशु को डकार दिलाएं।
- अगर शिशु फॉर्मूला दूध पीता है, तो ध्यान दें कि निप्पल का छेद छोटा होना चाहिए।
- यदि बच्चा ठोस आहार लेता है, तो हमेशा याद रखें कि यात्रा शुरू करने से पहले उसे कुछ हल्का खिला दें।
- दूध पीने के बाद बच्चे को कम से कम 30 मिनट तक ज्यादा सक्रिय न होने दें और न पेट के बल सोने दें।
- हर बार दूध पिलाने के बाद बच्चे को 20 से 30 मिनट तक सीधे पकड़ कर रखें।
- थोड़ी-थोड़ी मात्रा में करके बच्चे को कई बार दूध पिलाएं।
- बिस्तर पर लिटाते समय बच्चे को हमेशा पीठ के बल लिटाएं और उसका सिर पैरों की तुलना में थोड़ा ऊंचा रखें। हालांकि, किसी मोटे तकिये का इस्तेमाल न करें
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बच्चे का दूध पलटना गंभीर भी हो सकता है!
बच्चे का दूध पलटना आमतौर पर स्वाभाविक और सामान्य स्थिति होती है। हालांकि, कुछ मामलों में यह गंभीर भी हो सकती है जिसे जी.ई.आर.डी या गैस्ट्रो इसोफेगल रिफ्लक्स कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जो मुख्य रूप से इसोफेजियल स्फिंक्टर या एल.ई.एस नामक मांसपेशी को प्रभावित करती है। ये मांसपेशी भोजन नलिका के निचले भाग में पेट के करीब होती है।
क्या है शिशुओं में रिफ्लक्स या दूध उलटने की समस्या?
शिशुओं में रिफ्लक्स या दूध उलटने की समस्या को पासेटिंग भी कहा जाता है। इसकी समस्या तब होती है जब शिशु दूध पीने के तुरंत बाद उसकी उल्टी कर देता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि, बच्चे दावा पीया गया दूध भोजन नलिका में ऊपर की तरफ आ गया होता है। मेडिकल टर्म में इसे गैस्ट्रो इसोफेगल रिफ्लक्स (जी.ई.आर.डी) कहा जाता है।
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शिशुओं में रिफ्लक्स या बच्चे का दूध पलटना किन कारणों से हो सकता है?
आमतौर पर इसकी समस्या फॉर्मूला दूध पीने वाले और स्तनपान करने वाले दोनों ही शिशुओं को हो सकता है। जिसकी वजह एसिड हो सकता है। दरअसल, बच्चों के पेट में एक अम्ल (एसिड) होता है जो दूध को पचाने में मदद करता है। अगर दूध और एसिड का यह मिश्रण भोजन नलिका में ऊपर की तरफ आ जाए तो बच्चे को परेशानी भी हो सकती है। इसके कारण बच्चे के सीने में जलन महससू हो सकती है। हालांकि, इसकी स्थिति गंभीर नहीं मानी जाती है और न ही यह शिशु के विकास या मानसिक क्षमताओं को प्रभावित करता है।
यूं तो बेबी का दूध पलटना या उल्टी करना शुरुआती महीनों में एक सामान्य समस्या है लेकिन, वॉमिटिंग कभी-कभी सर्दी-जुकाम, यूरिन इंफेक्शन या कान में इंफेक्शन की वजह से भी हो सकता है। अगर इन कारणों से बच्चे को उल्टी हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। ऐसे में बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
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