एक महिला जब ऑव्युलेट करना शुरू कर देती है या उसके योनि में अंडाणु तैयार होने लगे तब वह गर्भवती हो सकती हैं। आम तौर पर पीरियड्स शुरू होने के लगभग एक साल बाद ऐसा होता है, लेकिन यह गर्भधारण की उम्र या प्रेग्नेंट होने की उम्र नहीं होती। महिलाओं में प्रजनन क्षमता स्वाभाविक रूप से बढ़ती उम्र के साथ घटती जाती है। जो बाद में गर्भावस्था के कॉम्प्लिकेशंस को बढ़ा सकती है। डॉक्टर्स कहते हैं कि प्रेग्नेंट होने के लिए कोई ‘बेस्ट एज’ नहीं होती है। गर्भधारण और प्रजनन का निर्णय कई बातों पर निर्भर करता है। जिसमें महिलाओं की उम्र और पेरेंट्स बनने की उनकी उत्सुकता भी शामिल है।
फोर्टिस ला फेम हॉस्पिटल की ऑब्स्टेट्रिक्स और गायनोकोलॉजिस्ट एंव सीनियर कंसल्टेंट डॉ कुसुम साहनी ने हिंदुस्तान समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में बताया कि अगर महिला 30 साल की उम्र के आसपास बच्चे को जन्म देने की प्लानिंग करती हैं तो प्रेग्नेंसी की संभावना अधिक होती है। हालांकि आज बड़ी संख्या में महिलाएं बढ़ती उम्र में भी प्रेग्नेंट हो रही हैं।
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क्या 50 की उम्र में महिलाएं गर्भधारण कर सकती हैं?
इस बाबत डॉ कुसुम कहती हैं कि, “अधिक उम्र में मां बनना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं है। हालांकि वह इस बात पर भी जोर देती हैं कि बड़ी उम्र में मां बनने के सीमित दायरे हैं। 50 की उम्र तक महिलाओं में मेनोपॉज शुरू हो चुका होता है जिसके कारण उनमें प्रेग्नेंसी के दौरान स्वास्थ्य से जुड़े कई रिस्क शामिल होते हैं। उदाहण के लिए- जेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भावस्था में होने वाली डायबिटीज की बीमारी), हाइपरटेंशन, प्री-टर्म डिलिवरी और स्टिल बर्थ जैसी समस्याएं हो सकती हैं।”
50 या उससे अधिक उम्र की महिलाएं अगर बच्चे को जन्म दना चाहें तो बहुत हद तक बायोलॉजिकल प्रेग्नेंसी की संभावना कम होती है। इस दौरान वे आईवीएफ तकनीक से गर्भावस्था धारण कर सकती हैं।
सामान्य गर्भधारण की उम्र के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता क्यों घटती है?
किसी महिला की उम्र गर्भधारण की उम्र से अधिक होने पर फर्टिलिटी यानी प्रजनन क्षमता के घटने के पीछे का मुख्य कारण महिलाओं में होने वाली ऑव्युलेशन में परेशानी और फैलोपियन ट्यूब का ब्लॉक होना है। फैलोपियन ट्यूब की यह समस्या वजायना में इंफेक्शन की वजह से होती है।
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महिलाओं में अधिक उम्र में ऑव्युलेशन से जुड़ी समस्याएं इन कारणों से होती हैं:
ज्यादा उम्र हो जाने के बाद महिलाओं के गर्भाशय में अच्छी गुणवत्ता वाले एग्स (डिंब) बहुत कम रह जाते हैं। जिससे गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ अंडाशय में इन एग्स की संख्या भी घटने लगती है।
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग एक प्रतिशत महिलाएं समय से पहले ही रजोनिवृति के दौर से गुजरने लगती हैं। परिणामस्वरूप 40 की उम्र से पहले ही ऑव्युलेशन होना बंद हो जाता है।
एक समय के बाद महिलाओं में पीरियड्स पहले जैसे नियमित नहीं होते। जैसे-जैसे मेनोपॉज पास आता है, पीरियड्स काफी कम और देर से आने लगते हैं। इससे ऑव्युलेशन भी ठीक प्रकार से नहीं हो पाता है। यह गर्भधारण की उम्र या प्रेग्नेंट होने की उम्र को प्रभावित करने वाले कारकों में सबसे महत्वपूर्ण होता है।
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क्या गर्भधारण की उम्र अधिक होने से फर्टिलिटी प्रभावित होगी?
आपको यह जानना चाहिए कि जैसे-जैसे किसी महिला की उम्र बढ़ती जाती है, उनके प्रेग्नेंट होने की संभावना कम होती जाती है। जिस कारण इनफर्टिलिटी की संभावना बढ़ जाती है। 40 साल या उसके बाद की उम्र वाली महिलाएं जो गर्भधारण करना चाहती हैं, उनमें सफलता की दर बहुत ही कम हो जाती है। कुछ अध्ययन इस ओर इशारा करते हैं कि ऐसी पांच महिलाओं में से केवल दो महिलाएं ही इस उम्र में प्रेग्नेंट होने में सफल हो पाती हैं।
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गर्भधारण की उम्र : अगर मेनोपॉज शुरू हो तो क्या 50 की उम्र में आईवीएफ की मदद से मैं प्रेग्नेंट हो सकती हूं?:
जब महिलाओं में मेनोपॉज शुरू हो जाता है तो उनमें एग्स का बनना रुक जाता है और गर्भ सिकुड़ जाता है। विज्ञान की तरक्की ने हार्मोनल इंजेक्शन का विकास किया है जिसके जरिए गर्भाशय की सिकुड़न को ठीक किया जा सकता है। जिसके बाद वह पुनः पहले की तरह काम करने लगता है। हालांकि आपको प्रेग्नेंसी के लिए किसी डोनर से एग्स की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद जब ये एग्स जमा हो जाएंगे तो उसे लैब में आपके पार्टनर के स्पर्म से फर्जिलाइज करके भ्रूण बनाया जाएगा। इसके बाद भ्रूण को आपके गर्भ में डाला जाएगा, यहां भ्रूण का विकास होता है और वह बच्चे का रूप लेता है।
आमतौर पर जिस उम्र में महिलाएं आईवीएफ करवाती हैं इसकी औसत उम्र बढ़ती जा रही है। हालांकि 40 साल से अधिक की उम्र वाली महिलाओं में आईवीएफ की सफलता दर कम है।
40 के बाद की उम्र वाली महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान क्या समस्याएं आ सकती हैं?
ऐसी महिलाओं में स्वाभाविक रूप से गर्भवती होने की क्षमता में भारी गिरावट आ जाती है। इस समय 3 महीने तक कोशिश करने के बाद भी गर्भ धारण करने की संभावना लगभग 7 प्रतिशत है। समय के साथ एग्स की मात्रा और गुणवत्ता में गिरावट आती है। पुराने एग्स में अधिक क्रोमोसोम संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जो बर्थ-डिफेक्ट्स वाले बच्चों को जन्म देने की चांसेस बढ़ाती हैं।
गर्भधारण की उम्र: अधिक उम्र में जोखिम बढ़ सकते हैं:
- सी-सेक्शन डिलिवरी
- प्री-टर्म डिलिवरी
- जन्म के समय शिशु के वजन मे कमी
- बर्थ-डिफेक्ट्स
- स्टिलबर्थ
- डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर (इससे जेस्टेशनल डायबिटीज और प्रीक्लेम्पसिया जैसी गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।)
गर्भधारण की उम्र: 50 वर्ष से अधिक उम्र में आईवीएफ के जरिए प्रेग्नेंसी का सक्सेस रेट क्या है?
बात अगर 40-50 साल की महिलाओं के बारे में करें तो उनमें आईवीएफ का सक्सेस रेट बहुत कम है। यह एक चिंता का विषय है। आईवीएफ के जरिए गर्भधारण करने की संभावना सामान्य उम्र के दस कपल्स में से एक में होती है।
उम्र के बढ़ने के साथ प्रेग्नेंट होने की संभावनाएं घटती जाती है, लेकिन प्रेग्नेंट होना असंभव नहीं है। अगर आप 40-50 की उम्र में प्रेग्नेंसी प्लानिंग के बारे में सोच रहे हैं तो एक बार डॉक्टर से मिले और उनकी बताई गई सलाह को मानें। अगर प्रेग्नेंसी 20 से 30 साल की उम्र में की जाती है, तो होने वाले बच्चे का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। अधिक उम्र में प्रेग्नेंसी से होने वाले बच्चों को भी खतरा हो सकता है। अगर आप भी अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, तो बेहतर होगा कि अपने डॉक्टर संभावित नुकसान के बारे में जानकारी जरूर लें।
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