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मिसकैरिज से रिकवरी के लिए भावनात्मक सहयोग है जरूरी, इन चीजों का भी रखें ध्यान

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Kanchan Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/09/2021

    मिसकैरिज से रिकवरी के लिए भावनात्मक सहयोग है जरूरी, इन चीजों का भी रखें ध्यान

    दो या उससे अधिक बार जिस महिला का मिसकैरिज हो जाए उसके लिए इस दर्द से उबरना आसान नहीं होता क्योंकि मिसकैरिज का दर्द उसे न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी तोड़कर रख देता है। बार-बार अपने बच्चे को खोने के दुख में महिलाएं तनाव और अवसाद का शिकार हो जाती हैं, लेकिन जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए इस दुख से उबरना जरूरी है। मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) के लिए क्या किया जाना चाहिए जानिए इस आर्टिकल में।

    मिसकैरिज से रिकवरी के लिए भावनात्मक चिंताओं को करें दूर

    मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) के लिए सबसे पहले आपको अपनी भावनात्मक चिंताओं को दूर करना होगा। दूसरे मिसकैरिज के बाद महिलाएं पहले से कहीं अधिक निराश और दुखी हो जाती हैं। दोस्तों, रिश्तेदारों द्वारा दिया गया दिलासा कि आगे सब ठीक हो जाएगा भी कुछ काम नहीं करता, क्योंकि महिला के दिमाग में यह बात चलती रहती है कि पिछली बार भी तो सबने यही कहा था। हालांकि आंकड़े यही बताते हैं कि एक से अधिक बार मिसकैरिज के बाद भी आगे सफल प्रेग्नेंसी की संभावना बनी रहती है। द अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के मुताबिक, दो या उससे अधिक बार मिसकैरिज सिर्फ 1 प्रतिशत महिलाओं का ही होता है, लेकिन जिन एक प्रतिशत के साथ ऐसा होता है उनके लिए तो यह दुख पहाड़ जैसा होता है। एक से अधिक बार गर्भपात का शिकार होने वाली महिलाओं को निम्न समस्याएं हो सकती हैं।

    एंग्जाइटी और डिप्रेशन- सामान्य महिलाओं की तुलना में बार-बार गर्भपात का शिकार होने वाली महिलाओं के एंग्जाइटी और डिप्रेशन का शिकार होने की संभावना अधिक होती है। अगली बार प्रेग्नेंसी के बारे में सोचकर ही वह चिंतित हो जाती हैं। मिसकैरिज के बाद देखभाल बहुत जरूरी हो जाती है।

    रिश्ते पर असर- बार-बार मिसकैरिज का आपके रिश्तों पर भी असर पड़ सकता है। आमतौर पर पुरुष इस दुख से जल्दी उबर जाते हैं, जबकि महिलाओं को सामान्य होने में बहुत अधिक समय लगता है। ऐसे में कई बार पुरुषों को लगता है कि महिलाएं उस मुद्दे पर जरूरत से अधिक भावुक हो रही हैं और उन्हें अपना दुख प्रकट करने नहीं देते, जिससे मनमुटाव बढ़ जाता है।

    अकेलापन- मिसकैरिज का महिलाओं पर बहुत गहरा भावनात्मक असर होता है और भरे-पूरे परिवार में भी वह बहुत अकेलापन महसूस करने लगती हैं और बार-बार पुरानी बातों को याद करके गहरे दुख में चली जाती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसी महिलाओं को समझना होगा कि वह दुनिया की अकेली ऐसी महिला नहीं है जिसका बार-बार मिसकैरिज हो रहा है। ऐसे बहुत सी महिलाओं के साथ होता है, भले ही सबके कारण अलग हो, मगर मिसकैरिज का दर्द सबका एक समान ही होता है और मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) के लिए उन्हें भावनात्मक सहयोग की जरूरत होती है।

    और पढ़ें- पारंपरिक सरोगेसी और जेस्टेशनल सरोगेसी क्या है?

    मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) के लिए क्या करें?

    माना कि मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) बच्चे को खोने का दर्द बहुत होता है, लेकिन सामान्य जीवन जीने और आगे बढ़ने के लिए इस दर्द से उबरना भी जरूरी है। ऐसी स्थिति में महिलाओं के लिए परिवार का सहयोग बहुत मायने रखता है। परिवार से मिला भावनात्मक सहयोग उन्हें इससे उबरने में मदद करता। सपोर्ट ग्रुप की मदद भी ले सकती है। मेडिकल प्रोवाइडर, दोस्तों या सोशल मीडिया के जरिए आपको इनकी जानकारी मिल जाएगी। सपोर्ट ग्रुप आपको भावनात्मक मदद देकर इस दुख से उबरने में बहुत मदद करते हैं। इसके अलावा आप काउंसलर के पास जा सकती हैं और हां, उम्मीद कभी नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि कई बार मिसकैरिज के बाद भी सफल प्रेग्नेंसी की संभावना बनी रहती है। इसके अलावा मिसकैरिज के उबरने और अपने मन को शांत करने के लिए करें ये कामः

  • मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) करना चाहती हैं तो अपनी भावनाओं को बहुत देर तक दबाना सही नहीं होता। इसलिए उसे जाहिर करने के लिए एकांत कमरा तलाशें जहां थोड़ी देर के लिए आप चिल्लाकर अपना गुस्सा और रोकर अपने दिल का गुबार निकाल सकें।
  • मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) या गर्भपात से रिकवरी चाहती हैं तो उन बातों से बचें जो आपको परेशान करती हैं। कुछ दिनों के लिए दोस्तों रिश्तेदारों के बेबी शावर में जाने से बचें, क्योंकि इससे आपका जख्म फिर ताजा हो जाएगा।
  • मिसकैरिज से जुड़ी जानकारी इंटरनेट या किताबों के जरिए जुटाएं और डॉक्टर से इस बारे में बात करके खुद को जागरुक बनाएं।
  • यादों को डायरी में लिखें। लिखने से दिल हल्का हो जाता है, इसलिए अपनी प्रेग्नेंसी और मिसकैरिज के अनुभवों को शब्दों में पिरोएं इससे भावनाओं का भार थोड़ा कम हो जाएगा। ये मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) करने में मदद करेगा।
  • रोजाना कुछ देर के लिए योग करें।
  • मेडिटेशन करें, इससे मन को शांति मिलती है। यह मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) में भी मदद करेगा।
  • हेल्दी भोजन करें।
  • बीती बातों को भुलाकर कहीं और ध्यान लगाने की कोशिश करें।
  • अपनी पसंद का कोई काम करें जिससे ध्यान बंट जाएगा।
  • और पढ़ें- गर्भधारण से पहले देखभाल क्यों जरूरी है?

    मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) में इन लोगों की लें मदद!

    मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) में आपका पार्टनर और परिवार के लोग तो सहयोग करते ही हैं। इसके अलावा इमोशनल हीलिंग के लिए आप कुछ अन्य लोगों से भी मदद ले सकते हैं।

    दोस्त/रिश्तेदार की मदद-

    बार-बार होने वाले मिसकैरिज के बाद कुछ दिनों तक आप अपने रोजमर्रा के काम भी ठीक से नहीं कर पाएंगी और बार-बार भावुक हो सकती हैं। ऐसे में अपने किसी भरोसेमंद दोस्त या रिश्तेदार की मदद ले सकते हैं।

    सपोर्ट ग्रुप-

    मिसकैरिज जैसे दर्द से गुजरने वाले कुछ लोगों के लिए सपोर्ट ग्रुप बनाया गया है। जहां एक ही तरह की भावनाएं शेयर करने से लोगों के दिल को थोड़ा सुकून मिलता है।

    थेरेपिस्ट-

    अपने दुख से उबरने के लिए आप काउंसलर की भी मदद ले सकती हैं, वह मिसकैरिज के रिकवरी में आपका भावनात्मक रूप से सहयोग करता है।

    आध्यात्मिक सहयोग-

    यदि आप आध्यात्मिक हैं, तो किसी आध्यात्मिक गुरू से बात करने से आपका दुख थोड़ा कम हो जाएगा।

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    मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) के लिए शारीरिक चिंताओं को करें दूर

    मिसकैरिज से रिकवरी के लिए सबसे पहले इस बारे में तुरंत डॉक्टर से बात करें कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। मिसकैरिज की वजह से कहीं गर्भाशय का असामान्य आकार, ब्लड क्लॉटिंग समस्या या हार्मोन का असंतुलन तो नहीं है यह पता लगाने के लिए डॉक्टर कई तरह की जांच करेगा। जिसमें ब्लड टेस्ट से लेकर इमेजिंग टेस्ट शामिल है। जब तक यह सारे टेस्ट हो न जाएं और परिणाम न आ जाएं, तब तक आपको कंसीव करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। यदि आप अपने वर्तमान डॉक्टर से संतुष्ट नहीं हैं, तो किसी अन्य जगह अच्छे डॉक्टर का पता लगाकर वहां इलाज करवाएं।

    क्या करें?

    मिसकैरिज से रिकवरी (Recovery from miscarriage) के लिए जरूरी है कि बार-बार होने वाले मिसकैरिज की वजह का पता लगाया जाए और अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाएं। क्योंकि इसकी वजह से आपका शरीर काफी कमजोर हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी सेहत का ख्याल रखें। इस दौरान शारीरिक रूप से मजबूत बनने के लिए सबसे जरूरी है हेल्दी डायट लेना। साथ ही धीरे-धीरे आपको वॉकिंग और एक्सरसाइज भी शुरू कर देनी चाहिए।

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    मिसकैरिज से रिकवरी में हेल्दी लाइफस्टाइल से मिलेगी मदद

    मिसकैरिज का महिलाओं पर शारीरिक से ज्यादा भावनात्मक असर होता है। ऐसे में परिवार और पार्टनर का सहयोग बहुत मायने रखता है, लेकिन इसके साथ ही मिसकैरिज से रिकवरी के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना भी जरूरी है। कैफीन, फास्टफूड, जंक फूड और हर तरह के हेल्दी फूड से दूर रहने की जरूरत है। रोजाना योग, मेडिटेशन, पोषक तत्वों से भरपूर भोजन और हानिकारक चीजों से दूरी बनाकर न सिर्फ गर्भपात के दर्द से जल्दी उबरा जा सकता है, बल्कि दोबारा कंसीव करने के लिए भी महिलाओं का शरीर जल्दी तैयार हो जाता है।

    हमें उम्मीद है मिसकैरिज से रिकवरी कैसे करें विषय पर लिखा ये आर्टिकल आपको उपयोगी लगा होगा। मिसकैरिज होना कपल के लिए दुखद पल होता है। अगर आप मिसकैरिज के इस दुख से उबर नहीं पा रही हैं तो डॉक्टर या किसी मनोचिकित्सक की सलाह लेना बेहतर होगा। वे आपके मिसकैरिज से रिकवरी कैसे करें बेहतर तरीके से समझाएंगे। ।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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