एंड्रोमेट्रोसिस और गर्भधारण के बीच क्या संबंध है जानने के बाद जानते हैं कि एंड्रोमेट्रोसिस का उपचार कैसे किया जा सकता है। एंडोमेट्रोसिस का इलाज कई तरह से किया जा सकता है। डॉक्टर सर्जरी के जरिए एंडोमेट्रियल टिशू को हटा सकता है जिससे स्पर्म और महिला के एग के फर्टिलाइज होने का रास्ता साफ हो जाता है।
यदि सर्जरी नहीं करवानी है तो आप इंट्रायूटराइन इन्सेमिनेशन (IUI) तकनीक की मदद से गर्भधारण कर सकती है। इसमें आपके साथी का स्पर्म सीधे तौर पर आपके यूटरस में डाला जाता है। इसके लिए महिला का पहले नियमित रूप से अल्ट्रासाउंड किया जाता है और जब अंडाणु परिपक्व हो जाते हैं तो स्पर्म डाल दिया जाता है।
आपका डॉक्टर IUI के साथ ‘ कंट्रोल्ड ओवेरियन हाइपरस्टिम्यूलेशन’ नामक तकनीक का उपयोग करता है। जिसमें दवा की मदद से आपकी ओवरी में अधिक अंडे के निर्माण किया जाता है। इससे महिला के प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ जाती है।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) भी गर्भधारण का एक विकल्प हो सकता है। इससे भी कंसीव करने की संभावना बढ़ जाती है। इसमें महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणुओं को निकालकर बाहर फर्टिलाइज किया जाता है और उसके बाद महिला के गर्भाशय में इम्प्लाट कर दिया जाता है।
एग को फ्रीज करना भी एक विकल्प है। एंडोमेट्रियोसिस आपके ओवेरियन रिजर्व को प्रभावित कर सकता है। इसलिए यदि आप बाद में प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, तो कुछ डॉक्टर आपके अंडाणुओं को संरक्षित करने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि यह विकल्प बहुत महंगा है।
हम उम्मीद करते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण पर आधारित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण न कर पाने के बीच क्या संबंध है ये भी आप समझ गए होंगे। अगर इस विषय में किसी प्रकार की शंका है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। वे आपको उन सभी बातों की जानकारी देंगे कि एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण एक साथ हो सकता है या नहीं। ।