
प्रेग्नेंसी में रोने के कारण एक नहीं बल्कि कई हैं। ऐसे में गर्भवती महिला को उनके लाइफ पार्टनर और फैमली का साथ मिलना बेहद जरूरी है। लेकिन, रोना क्यों आता है या प्रेग्नेंसी में रोना क्यों आ सकता है? दरअसल अगर किसी महिला का स्वभाव पहले से ही इमोशनल होता है या वो बहुत जल्द किसी भी बात पर भावुक हो जाती हैं, तो ऐसी स्थिति में महिला रो भी सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा इमोशनल होना नॉर्मल है। हालांकि प्रेग्नेंसी में रोना जरूरत से ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है। वैसे देखा जाए तो रोना एक तरह से नेचुरल प्रोसेस है, जो कई अलग-अलग तरह के भावनाओं से होती है। इन भावनाओं में उदासी, दुःख, गम, खुशी और चिड़चिड़ाहट शामिल हो सकती है। लेकिन, क्या आप जानते है की रोने के फायदे भी हो सकते हैं? रिसर्च के अनुसार रोना आपके शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है और यह बच्चे के जन्म के समय से ही शुरू हो जाता है।
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प्रेग्नेंसी में रोने के कारण क्या हैं?
प्रेगनेंसी में रोना आने के कारण कई हो सकते हैं। गर्भधारण कर चुकी महिलाओं की माने तो प्रेग्नेंसी के दौरान रोना किसी भी छोटी-सी छोटी बात पर आ जाता है। इसलिए गर्भावस्था में रोने के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
प्रेग्नेंसी में रोने के कारण 1: हॉर्मोन लेवल का बढ़ना या घटना
प्रेग्नेंसी की शुरुआत में ही हॉर्मोन में बदलाव शुरू हो जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्ट्रोन और ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG) हॉर्मोन लेवल बढ़ते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार प्रोजेस्ट्रोन का लेवल प्रेग्नेंसी के आखरी दो महीने में और ज्यादा बढ़ जाता है। इन हॉर्मोन की वजह से भी प्रायः गर्भवती महिला बार-बार रोने लगती हैं। दरअसल इनसभी हॉर्मोन लेवल के बढ़ने की वजह से गर्भवती महिलाएं सामान्य से ज्यादा भावुक होने लगती हैं।
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प्रेग्नेंसी में रोने के कारण 2: टेंशन
बेबी प्लानिंग करने के बाद भी प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव में आना कोई नई बात नहीं है। क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बदलाव आने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ना तय माना जा सकता है। गर्भवती महिला पारिवारिक स्थिति, जॉब से संबंधित परेशानी या कोई अन्य परेशानी होने पर गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान रोने लगती हैं।
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प्रेग्नेंसी में रोने के कारण 3: शारीरिक असुविधा
प्रेग्नेंसी के दौरान फिजिकल एक्टिविटी के दौरान असुविधा होने पर भी गर्भवती महिलाएं रोने लग सकती हैं। क्योंकि जितनी तेजी से और आसानी से प्रेग्नेंसी के पहले महिला कोई भी काम कर लेती हैं। लेकिन, धीरे-धीरे शारीरिक गतिविधि के दौरान परेशानी बढ़ती जाती है। इसके पीछे बढ़ता वजन भी एक कारण माना जाता है।
प्रेग्नेंसी में रोने के कारण 4: लेबर पेन
गर्भवती महिला प्रेग्नेंसी के दौरान कई बातों को लेकर परेशान रहती हैं। जैसे जन्म लेने वाला शिशु कैसा होगा? कहीं सिजेरियन डिलिवरी न करनी पड़े! मुझे कुछ होगा तो नहीं! लेबर पेन के दौरान मैं कैसे अपने आपको ठीक रखूंगी? और न जाने ऐसे अन्य क्या-क्या विचार। अब सभी बातों को सोचते-सोचते गर्भावस्था में रोना आ जाता है।
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प्रेग्नेंसी में रोने के कारण 5: लुक्स और कपड़े
प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाएं स्किन संबंधित समस्या से परेशान रहती हैं और इस दौरान बढ़ते वजन की वजह कपड़े फिट न आने की स्थिति में रोने लगती हैं। हालांकि बदलती लाइफ स्टाइल और फैशनेबल ड्रेस की लिस्ट में शामिल है मैटरनिटी आउटफिट।
प्रेग्नेंसी में रोने के कारण 6: अलग-अलग ट्राइमेस्टर
प्रेग्नेंसी के दौरान अलग-अलग समय पर किये जाने वाले अल्ट्रासाउंड में बच्चे को गर्भ में बढ़ते हुए देखना, उसकी धड़कने सुनना गर्भवती महिला को भावुक करने वाला पल होता है। ये पल बनने वाली मां के आंखों में आंसू ला देता है।
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प्रेग्नेंसी में रोने के कारण 7: मेरे हस्बैंड ने मेरी आइसक्रीम खा ली
गर्भावस्था में रोने का कारण हस्बैंड का आइसक्रीम खा लेना ये पढ़कर आपके चेहरे पर जरूर हसी ला सकती है लेकिन, ये कहना है 31 वर्षीय चित्रा सिन्हा का। चित्रा के अनुसार उनकी प्रेग्नेंसी के दौरान जब उनकी आइसक्रीम उनके लाइफपार्टनर ने खा ली तो उन्हें रोना आ गया। यह स्वभाव थोड़ा बच्चों जैसा भी लग सकता है।
प्रेग्नेंसी में रोने के कारण 8: टेलिविजन, सीरियल या अन्य विज्युअल माध्यम
टेलीविजन, सिनेमा या कुछ पढ़कर गर्भवती महिला भावुक हो सकती हैं और ऐसे वक्त में उन्हें रोना भी आ जाता है।
प्रेग्नेंसी में रोने के कारण 9: स्ट्रेच मार्क्स
शिशु के जन्म के बाद महिलाओं की जिंदगी में सब कुछ बदल जाता है। अब वह एक महिला, पत्नी के साथ-साथ मां बन चुकी होती हैं। ऐसे में कुछ बदलाव मानसिक होते हैं तो कुछ शारीरिक, जिनमें से एक है स्ट्रेच मार्क्स। लेकिन, डिलिवरी के पहले गर्भवती महिला स्ट्रेच मार्क्स को लेकर चिंतित हो जाती हैं। चिंता की वजह से उन्हें रोना भी आ जाता है।
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प्रेग्नेंसी में रोने के कारण 10: मूड स्विंग
गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग होना सामान्य परेशानी है। इस दौरान बार-बार हो रहे स्वभाव में बदलाव गर्भवती महिला को भी रोने पर मजबूर कर देता है। कुछ महिलाओं का मानना है की प्रेग्नेंसी में हो रहे मूड स्विंग की वजह से उनके घर के सदस्य भी परेशान हो जाते हैं। ऐसे में परिवार के सदस्यों को परेशानी में देख गर्भवती महिला रोने लगती हैं।
प्रेग्नेंसी में रोने के कारण 11: डिप्रेशन या एंग्जाइटी
गर्भावस्था में रोने का कारण डिप्रेशन भी हो सकता है। अगर कोई महिला गर्भधारण करने से पहले ही डिप्रेशन की शिकार होती है, तो प्रेग्नेंसी के दौरान यह समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है। ऐसी स्थिति गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु दोनों की सेहत पर बुरा प्रभाव डालता है। डिप्रेशन की तरह ही अगर किसी महिला में एंग्जाइटी की समस्या है तो उनके लिए भी गर्भावस्था के दौरान परेशानी हो सकती है। इसलिए डिप्रेशन या एंग्जाइटी की समस्या को अपने आप से दूर ही रखें।
गर्भावस्था में रोने के इन 11 कारणों के अलावा अन्य कारण भी हो सकते हैं। लेकिन, गर्भवती महिला को इस वक्त का ज्यादा से ज्यादा आनंद लेना चाहिए। इस दौरान खुश रहना चाहिए, जो अत्यधिक जरूरी है। इन 9 महीने के लिए अपनी सारी परेशानी दूर कर दीजिये। क्योंकि प्रेग्नेंसी में हमेशा रोना आपको किसी अप्रिय घटना से रु-ब-रु करवाने के लिए काफी है।
इन ऊपर बताये गए प्रेग्नेंसी में रोने के वजह को समझते हुए अगर आप या आपके कोई करीबी इस स्थिति से गुजर रहें हैं, तो उन्हें समझाएं और इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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