रमजान का पाक महीना…इस्लामिक धर्म के अनुसार रमजान के इस पाक महीने में रोजा रखने का विशेष फल मिलता है लेकिन, इस्लाम धर्म से जुड़े जानकारों की मानें तो नेकी सिर्फ रोजा रखने से ही पूरी नहीं होती है। अगर कोई बीमार है तो ऐसे लोगों को रोजा रखने की जरूरत नहीं होती है। सिर्फ मन में अच्छी विचारधारा होनी चाहिए। मुंबई के जसलोक अस्पताल की ऑब्स्टेट्रिक्स एवं गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सुदेशना राय कहती हैं कि “प्रेयर से लोगों का लगाव होता है। उनका इमोशनली जुड़ाव होता है। मेरे पास रमजान के दौरान ऐसी कई गर्भवती महिला आती हैं, जो प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) रखती हैं। दरअसल प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) एक दिन के लिए किया जा सकता है लेकिन, रमजान पूरे एक महीने का होता है, तो ऐसे में गर्भवती महिलाओं को एक दिन के रोजे की सलाह देती हूं। गर्भवती महिला के इमोशनल भावनाओं को भी समझना जरूरी होता है। प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) सिर्फ सप्ताह में एक दिन किया जाए तो इससे कोई हानि नहीं होती है लेकिन, गर्भवती महिला अगर शारीरिक तौर से फिट हो तभी कर सकती है। क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु तक पोषण फास्ट की वजह से नहीं पहुंच पाता है।”
प्रेग्नेंसी में उपास (Fasting in pregnancy)
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नेशनल सेंटर फॉर बयोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) द्वारा किये गए गर्भवती महिलाओं पर एक रिसर्च की गई। यह रिसर्च साल 2012 से 2014 में एक अस्पताल में की गई। इस अस्पताल में गर्भवती महिला के साथ-साथ बच्चों का इलाज किया जाता है। प्रेग्नेंसी में रोजा या प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) रखने की वजह से शिशु का जन्म समय से पहला हुआ। इसलिए प्रेग्नेंसी में उपास की सलाह डॉक्टर्स नहीं देते हैं।
डॉ. सुदेशना राय गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) नहीं करने की सलाह नहीं देती हैं और अगर रमजान के दौरान एक दिन या इससे ज्यादा का फास्ट रखती हैं, तो उन्हें निम्नलिखित टिप्स फॉलो करने की सलाह देती हैं। इन टिप्स में शामिल है:-
- मसाले और तले भुने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें
- गर्मी का मौसम है इसलिए रोजा के रखने के पहले और तोड़ने के बाद तीन से साढ़े तीन लीटर पानी का सेवन रोजाना करें
- पौष्टिक आहार का सेवन करें
- दूध और जूस का सेवन करें
- रोजाना वॉक करें
- गर्भावस्था में रोजा रखने के दौरान कमजोरी महसूस होने पर फास्ट न करें
- अगर गर्भवती महिला को हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर की परेशानी है, तो रोजा न रखें
- प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) की वजह से शरीर का वजन कम हो रहा हो, तो रोजा न रखें
- गर्भ में शिशु अगर मूवमेंट न कर रहा हो, तो फास्ट न रखें
- अत्यधिक चाय या कॉफी का सेवन न करें
- हर्बल टी या ग्रीन टी का भी सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए
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प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) ज्यादा करने से होने वाली परेशानियां
गर्भावस्था में ज्यादा फास्ट रखने से निम्नलिखित परेशानी हो सकती है। जैसे-
- समय से पहले शिशु का जन्म होना
- स्टिलबर्थ होना (गर्भ में ही शिशु की मौत होना)
- हाइपर सेंसेटिव डिसऑर्डर की समस्या होना
- गर्भवती महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज होना
- नवजात का वजन सामान्य से कम होना
- शिशु का शारीरिक विकास ठीक तरह न होना
- मस्तिष्क के विकास में परेशानी आना
- न्यूट्रिशन की कमी की वजह से गर्भवती महिला शारीरिक रूप से कमजोर भी हो सकती हैं।
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इन ऊपर बताई गई स्थिति के साथ ही पोषण की कमी की वजह से कभी-कभी गर्भवती महिला की मौत भी हो सकती है। महिला अगर प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) करना चाहती हैं या पूरा रोजा करना चाहती हैं, तो सबसे पहले अपने गायनोकोलॉजिस्ट से सलाह लें और उनके द्वारा बताई गई सलाह का पालन करें। क्योंकि हर महिला या किसी भी व्यक्ति की शारीरिक बनावट अलग-अलग होती है। डॉक्टर आपके शारीरिक फिटनेस को ध्यान में रखकर प्रेग्नेंसी में रोजा या प्रेग्नेंसी में व्रत रखने या नहीं रखने की सलाह दे सकते हैं। यही नहीं प्रेग्नेंसी के दौरान उपवास की वजह से आहार में हुए बदलाव का असर गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो रूक-रूक कर या ज्यादा देर के अंतराल के बाद खाना खाने से हॉर्मोन लेवल में बदलाव हो सकता है। प्रेग्नेंसी में अगर हॉर्मल में सामान्य से ज्यादा बदलाव होता है, तो इससे खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है, जो मिसकैरेज की संभावना को भी बढ़ा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) न करने की सलाह के साथ-साथ स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को भी फास्ट रखने की सलाह नहीं देते हैं।
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प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) न रखकर आहार पर विशेष ध्यान दें-
प्रेग्नेंसी में रोजा या प्रेग्नेंसी में व्रत रख रहीं या नहीं भी लेकिन, अपने डायट में निम्नलिखित खाद्य पदार्थ अवश्य शामिल करें। जैसे:-
- फल और हरी सब्जियां को अपने प्रेग्नेंसी डायट चार्ट में अवश्य शामिल करें। क्योंकि गर्भवती महिला को रोजाना विटामिन, फाइबर और मिनरल से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसलिए मौसमी फल और सब्जी जरूर खाएं।
- डेयरी प्रोडक्ट प्रेग्नेंसी में लें। डेयरी प्रोडक्ट शिशु और गर्भवती महिला दोनों के शरीर को विटामिन डी कमी को पूरा कारण में मददगार है, तो प्रेग्नेंसी में कैल्शियम की कमी से भी बचाता है।
- गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को आयरन की कमी हो सकती है। इसलिए प्रेग्नेंसी डायट चार्ट में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। आयरन का स्तर कम होना गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।
- गर्भवती महिला को प्रोटीन की कमी से बचना चाहिए। प्रेग्नेंसी के समय गर्भवती महिलाओं और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए प्रोटीन की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है। गर्भवती महिला लीन प्रोटीन, मसूर-दाल, चीज, अंडे, दाल, बीन्स या नट्स का सेवन कर सकती हैं।
- प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में फोलिक एसिड की कमी न होने दें। दरअसल फोलिक एसिड, डीएनए और आरएनए के संश्लेषण और रेड ब्लड सेल्स (Red blood cells) के निर्माण का कार्य करता है। गर्भधारण से पहले या बेबी प्लानिंग के दौरान से ही फोलिक एसिड के सेवन पर ध्यान देना चाहिए। गर्भ में पल रहे शिशु के पूरे विकास के लिए महिला को फोलिक एसिड का खास योगदान होता है। इससे शिशु के नर्वस सिस्टम का विकास सही तरह से होता है।
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हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) से जुड़ी जानकारी दी गई है। अगर आप भी या आपके घर में कोई महिला रमजान के दौरान गर्भवती हैं, तो प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) से जुड़ी परेशानियों को समझें और इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहती हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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