प्रेग्नेंसी में कई महिलाओं को मुंह संबंधी समस्याओं से जूझते पाया गया है। उन्हें दांतों में दर्द, मसूड़ों से खून आना जैसी समस्याएं होना आम है।हालांकि, डॉक्टरों के अनुसार यह समस्याएं केवल 50 प्रतिशत महिलाओं को ही होती हैं। इस आर्टिकल में हम प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली मुंह की समस्याओं के बारे में बात करेंगे। जानिए प्रेग्नेंसी और ओरल हेल्थ कनेक्शन के बारे में।
छोटे बच्चों में कैविटी को रोकने का एक तरीका गर्भवती मां के ओरल केयर में सुधार करना है। प्रेग्नेंसी महिलाओं को गम संबंधित परेशानी के लिए अधिक प्रवण बना सकती है। गर्भावस्था के दौरान खराब ओरल हेल्थ मां और शिशु के लिए खराब स्वास्थ्य परिणाम पैदा कर सकता है। इसे देखते हुए ओरल हेल्थ को प्रसव पूर्व देखभाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा सकता है।
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प्रेग्नेंसी में ओरल हेल्थ का क्या कनेक्शन है?
गर्भावस्था के दौरान अपने मुंह और दांतों का खास ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि इस दौरान हार्मोन्स में परिवर्तन आते हैं, जिनसे मसूड़ों और मुंह के रोगों की संभावना बढ़ जाती है। इन सब का प्रभाव न केवल महिला, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है। गर्भवती मां के शरीर और सेहत का पूरा कनेक्शन अपने बच्चे के साथ होता है। यही नहीं, गर्भावस्था और ओरल हेल्थ भी शिशु के स्वास्थ्य से जुड़े हैं। दरअसल, मां के मुंह के बैक्टीरिया गर्भ में पल रहे शिशु तक पहुंच सकते हैं। जब मां के मुंह में बहुत अधिक बैक्टीरिया हो जाते हैं, तो मसूड़ों से खून के माध्यम से गर्भाशय तक पहुंच जाते हैं, इससे प्रोस्टाग्लैंडिंस नामक रसायनों का उत्पादन अधिक होता है। इससे समय से पहले ही प्रसव की संभावना बढ़ जाती है।
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इसका अर्थ है कि प्रेग्नेंसी के समय आपके मुंह में जितने बैक्टीरिया पैदा होंगे, तो उतने ही शिशु तक भी पहुंचेंगे। ऐसा होना न केवल आपके बल्कि गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए भी हानिकारक है।
प्रेग्नेंसी और डेंटल कैविटी
प्रेग्नेंसी में खाने पीने की आदतों में बदलाव के कारण डेंटल कैविटी होने की संभावना अधिक होती है। जिन महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया अधिक होते हैं, तो उनके मुंह से ये बैक्टीरिया बच्चे के मुंह तक जा सकते हैं। इन बैक्टीरिया और दूसरे शुगर आइटम्स के साथ संपर्क जैसे रात को सोते समय दूध की बोटल लेना, इससे कम उम्र में दंत चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।
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प्रेग्नेंसी में ओरल हेल्थ: दांतों की साफ-सफाई करें
अपने दांत और मुंह की साफ-सफाई पर खास ध्यान दें, ताकि मुंह की बीमारियों से बचा जा सके। अपने दांतों की साफ-सफाई आप दिन के किसी भी समय कर सकती हैं। अपने दांतों के चेकअप से पहले अपने डॉक्टर से मिल लें, ताकि वो आपको इस अवस्था में कुछ खास सलाह दे सके। यही नहीं, दिन में एक बार फ्लॉसिंग करें, ताकि आपके दांतों में खाने के टुकड़े न फंसे। फ्लॉसिंग करने से यह टुकड़े बाहर निकल जाते हैं, जिससे दांतों में सूजन, दर्द और अन्य समस्याएं नहीं होती।
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प्रेग्नेंसी और ओरल हेल्थ – मॉर्निंग सिकनेस में क्या करें?
अगर आप गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस से पीड़ित हैं और कई बार ऐसा टूथपेस्ट की खुशबू से भी होता है। अगर ऐसा है तो अपने टूथपेस्ट को बदलें। अपने डेंटिस्ट से भी आप इसमें मदद ले सकती हैं, यानी वो सही टूथपेस्ट के बारे में आपको सही सलाह दे सकते हैं। इस दौरान होने वाली मॉर्निंग सिकनेस के कारण दांतों का इनेमल कमजोर हो सकता है, जिसे कैविटी होने की संभावना बढ़ जाती है।
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प्रेग्नेंसी में ओरल हेल्थ: हेल्दी खाएं
- प्रेग्नेंसी में ओरल हेल्थ का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। इसके लिए हेल्दी और संतुलित आहार खाएं। अगर आप सेहतमंद चीजों को खाएंगे, तो उसमे दूध और दूध से बनी चीजें भी शामिल होंगी जैसे दूध, दही, मक्खन आदि। इन सब चीजों से गर्भ में पल रहे आपके शिशु के दांत, हड्डियां मजबूत होंगे।
- चीनी या चीनी से बनी चीजों को गर्भावस्था में आपको कम खाना चाहिए। यही नहीं, यह चीजें आपके मुंह और दांतों के लिए भी खतरनाक है, इससे आपके दांत खराब जल्दी हो सकते हैं।
- गर्भावस्था में अधिक खाना भी सामान्य है। ऐसे में आपके दांतों तक लगातार खाने में मौजूद एसिड पहुंचता है, जिससे बैक्टीरिया पैदा होते हैं, दांत कमजोर होते हैं और कैविटी होती है।
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प्रेग्नेंसी में ओरल हेल्थ: प्रेग्नेंसी जिंजिवाइटस
हार्मोन्स के कारण प्रेग्नेंसी में मसूड़े सूज जाते हैं और नरम हो जाते हैं, जिसके कारण इनसे ब्लीडिंग जल्दी होने लगती है। इस स्थिति को प्रेग्नेंसी जिंजिवाइट्स कहा जाता है। अगर ऐसा है तो प्रसव तक आपको अपने दांतों के डॉक्टर से अपने दांत साफ कराने पड़ सकते हैं। आप भी घर में एक मुलायम दांतों वाले ब्रश का प्रयोग करें, ताकि वो आपके मसूड़ों को खराब न करें। इस दौरान भी मुंह की जांच जरूरी है, क्योंकि हार्मोन में बदलाव के कारण दांत और मुंह संबंधी समस्याएं होना बहुत आम हो जाती हैं।
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प्रेग्नेंसी में ओरल हेल्थ: प्रेग्नेंसी ट्यूमर
कई महिलाएं गर्भावस्था में प्रेग्नेंसी ट्यूमर का सामना करती हैं। ऐसा इस दौरान होने वाले हार्मोन्स में परिवर्तन के कारण होता है। हालांकि, अपने नाम की तरह यह समस्या खतरनाक नहीं है। यह सामान्यत: दूसरी तिमाही में होती है और इसे डेंटिस्ट आसानी से बिना आपको अधिक कष्ट पहुंचाएं निकाल सकते हैं। अधिकतर मामलों में यह ट्यूमर बच्चे के जन्म लेने के बाद खुद ही ठीक हो जाता है।
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प्रेग्नेंसी में ओरल हेल्थ: डेंटिस्ट की सलाह लें
- प्रेग्नेंसी में ओरल हेल्थ से संबंधित कोई भी समस्या होने पर यह सोच कर कि आप प्रेग्नेंट हैं, अपने दांतों के चेकअप को कैंसिल न करें। अपने डेंटिस्ट को इस दौरान जो आप दवाइयां या अन्य चीजें ले रही हैं, उनके बारे में विस्तार से अवश्य बताएं, ताकि डॉक्टर उसके अनुसार आपके दांतों का उपचार कर सकें।
- अगर जरूरत है तो आप गर्भावस्था के दौरान X-rays करा सकती हैं। हालांकि, इस दौरान आपको और आपके डेंटिस्ट को खास ध्यान रखना होता है, ताकि आपको और आपके शिशु को कोई नुकसान न हो।
- गर्भावस्था के दौरान अपने मसूड़ों, दांतों और मुंह पर भी ध्यान दें। अगर आपको सूजन, खून निकलना या मसूड़ों का कोमल होना इनमें से कुछ भी महसूस हो, तो तुरंत डेंटिस्ट और अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- गर्भवती महिला को विटामिन जिसमें फोलिक एसिड हो, उसकी आवश्यकता होती है, ताकि गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ रहे। यह विटामिन अधिकतर चबाने या दांतों से चिपकने वाले होते हैं। अगर आप भी ऐसे विटामिन ले रही हैं, तो इन्हे लेने के बाद ब्रश आवश्यक करें।
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प्रेग्नेंसी और ओरल हेल्थ का खास कनेक्शन है। गर्भावस्था में दांतों और मुंह की समस्याओं को दूर करने के लिए अपने डेंटिस्ट से मिलें। वो आपका सही से मार्गदर्शन कर सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार आप गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में कैविटी फिलिंग या दांतों की सफाई आदि करा सकती है। गर्भावस्था का अर्थ है आपके शरीर को जीवनशैली का पूरी तरह से बदल जाना याद रखें। इस दौरान आपने ओरल हेल्थ का खास ख्याल रखना न भूले। इससे आपका यह समय आराम से गुजर जाएगा।
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