अनचाही प्रेग्नेंसी हो या यौन संबंधी रोग, फीमेल कंडोम कई चीजों से बचाता है। इसके लिए महिलाओं को पुरुषों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। यही कारण है कि फीमेल कंडोम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाता है। 16 सितम्बर को इंटरनेशनल फीमेल कंडोम डे के तौर पर मनाया जाता है, जिससे अनचाही प्रेग्नेंसी और यौन रोगों के खिलाफ जागरुकता लाई जा सके।
फीमेल फीमेल कंडोम के फायदे की भारत में क्या स्थिति है?
हैलो स्वास्थ्य से बात करते हुए कंसलटिंग होम्योपैथ और क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट एक्सपर्ट डॉ. शाहबाज सायद M.D (Hom), PGDPC ने बताया कि महिला कंडोम भारत में अभी कॉमन नहीं है। लगभग 50 से 70 फीसदी महिलाओं को महिला कंडोम के बारे में जानकारी नहीं है। वहीं, अगर 20 फीसदी महिलाओं को इसके बारे में पता है, तो उन्हें यह नहीं पता होता कि इसका इस्तेमाल किस तरह से करना चाहिए? जो यह साफ दर्शाता है कि संभोग के दौरान सुरक्षित सेक्स और अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए महिलाओं को पुरुष साथी पर ही निर्भर होना पड़ता है।
जबकि, विदेशों में महिला कंडोम का इस्तेमाल बहुत ही आम है। कई मामलों की तरह वहां सेक्स के लिए भी महिला और पुरुष की बराबर की भागीदारी होती है।
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फीमेल कंडोम के फायदे क्या हैं?
फीमेल कंडोम के फायदे के निम्न फायदे हो सकते हैंः
पुरुषों पर बचाव के लिए निर्भर होने की जरूरत नहीं पड़ती
फीमेल कंडोम के फायदे में सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह महिलाओं को अनचाही प्रेग्नेंसी और यौन संचारित रोगों से बचाव के लिए पुरुषों पर निर्भर नहीं होना पड़ता।
मासिक धर्म के दौरान भी इसे पहना जा सकता है
मासिक धर्म, प्रेग्नेंसी और डिलिवरी के बाद जब आप सेक्स के लिए तैयार हों तो आप फीमेल कंडोम के फायदे उठा सकती हैं
पुरुषों को भी पसंद आते हैं फीमेल कंडोम
एक शोध में बताया गया है कि मेल कंडोम के बजाए पुरुषों को फीमेल कंडोम यूज करना ज्यादा सही लगता है। यह मेल कंडोम की तरह पेनिस पर टाइट नहीं होते और न ही यह उत्तेजना को कम करते हैं। कई लोगों को हमेशा जिम्मेदारी लेने से बचना भी अच्छा लगता है।
इंटिमेसी और सेक्स के आनंद में बाधा नहीं बनता
कई फीमेल कंडोम हीट-ट्रांस्मिटिंग मटीरियल से बने होते हैं। ऐसे में यह लेटेक्स कंडोम की तरह एहसास में कमी नहीं आने देते, बल्कि सबकुछ नेचुरल ही लगता है। इस तरह फीमेल कंडोम के फायदे में सेक्स का भरपूर आनंद लेना भी शामिल है।
फीमेल कंडोम के फायदे: एलर्जी नहीं होती
पुरुष कंडोम के बजाए फीमेल कंडोम के फायदे में एलर्जी ना होना भी शामिल है। कई मेल कंडोम से स्किन एलर्जी का डर होता है। इस तरह की समस्या महिला कंडोम से नहीं जुड़ी होती। एलर्जी का कारण लेटेक्स होता है। जो कंडोम लैटेक्स से बने होते हैं उनसे एलर्जी होती है।
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फीमेल कंडोम के फायदे: पेनिस इरेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती
फीमेल कंडोम के फायदे में किसी तरह कि बंदिश ना होना भी शामिल है। मेल कॉन्डम के लिए पेनिस के इरेक्शन की जरूरत पड़ती है लेकिन, फीमेल कंडोम का बेनिफिट यह भी है कि इसको पहनने के लिए इरेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती। आप फीमेल कंडोम वजायना में लगाकर ओरल सेक्स भी कर सकते हैं।
आठ घंटे तक चलता है
ऑर्गैज्म के तुरंत बाद आपको इसे निकालने की जरूरत नहीं पड़ती है। आप ज्यादा समय तक एक-दूसरे का साथ एंजॉय कर सकते हो। चूंकि फीमेल कंडोम को आठ घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
95 प्रतिशत प्रोटेक्शन की गारंटी
यदि इन्हें सही से इस्तेमाल किया जाए तो 95 प्रतिशत फीमेल कंडोम अनचाही प्रेग्नेंसी और यौन रोगों से बचा जा सकता है।
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महिलाओं के लिए कंडोम की कीमत
- मेल कंडोम की तुलना में फीमेल कंडोम को ज्यादा महंगा माना जाता है। भारत में इसकी कीमत पर बात की जाए तो ऐसी कई कंपनियां हैं जो इसे सस्ता करने की ओर अग्रसर हैं। कई एनजीओ के मदद से मात्र पांच रुपए में महिला कंडोम को महिलाओं तक पहुंचाया जा रहा है।
फीमेल कंडोम के फायदे के साथ ही कुछ नुकसान/संभावित खतरे भी समझें
- फीमेल कंडोम को 75 से 82 प्रतिशत प्रभावी माना जाता है। सही से उपयोग करने पर ही इसे 95 प्रतिशत उपयोगी माना गया है। वहीं कुछ रिसर्च के मुताबिक लगभग 21% की असफलता भी देखी गई है
- फीमेल कंडोम से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (urinary tract infection) का खतरा हो सकता है।
- योनी में फीमेल कंडोम डाले जाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि इसके पहले योनि लिंग के संपर्क में ना आई हो। चूंकि सीमन किसी पुरुष के लिंग से ऑर्गेैज्म के पहले भी बाहर आ सकता है
- यदि ठीक से इस्तेमाल नहीं किया गया तो यह मेल कंडोम से कम सुरक्षित साबित हो सकते हैं
सेक्स के दौरान फीमेल कंडोम का इस्तेमाल ऐसे आसान बनाएं
- इसका इस्तेमाल सिर दर्द भी बन सकता है। इसलिए लुब्रिकैंट का उपयोग करें और सेक्स से पहले ही इसे धारण कर लें ताकि यह आपके शरीर के तापमान के अनुकूल बैठ जाए
- फीमेल कंडोम का नुकसान यह है कि यह सेक्स के दौरान यह स्लिप हो सकता है। इसलिए इस बात का ख्याल रखें कि लिंग के कारण कंडोम स्लिप न हो जाए। कंडोम की बाहरी रिंग यदि अंदर चली जाए और आपके पार्टनर का ऑर्गैज्म नहीं हुआ है तो इसे आप निकालकर दोबारा पहन सकती हैं
- यदि ऑर्गेज्म के बाद कंडोम की रिंग अंदर चली जाए या कंडोम स्लिप हो गया है तो इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टीव (Contraceptive) लेना ना भलें।
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क्या ना करें?
- मेल कंडोम और फीमेल कंडोम को एक साथ इस्तेमाल ना करें। इससे कॉन्डम का रगड़ से फटने का डर होता है।
- फीमेल कंडोम को दोबारा ना यूज करें
- कंडोम को कभी भी फ्लश ना करें, इससे टॉयलेट क्लोग हो जाता है।
फीमेल कंडोम को लेकर जागरुकता जरूरी
गर्भ निरोधक दवा , गर्भनिरोधक इंजेक्शन, कॉपर-टी आदि का उपयोग महिलाएं अनचाही प्रेग्नेंसी व यौन संचारित रोगों जैसे कि एड्स (AIDS) और एचआईवी (HIV) से बचने के लिए करती हैं। ठीक यही फीमेल कंडोम के फायदे भी हैं। भारत में महिला कंडोम की जानकारी कम है। जानकारी के लिए बता दें कि जो महिलाएं पीरियड्स के लिए टैम्पोन (Tempons) का उपयोग करती हैं वह आसानी से फीमेल कंडोम का उपयोग कर सकती हैं। चूंकि इन्हें टैम्पोन की तरह ही पहनना होता है।