रेग्युलर लाइफ में हमारे साथ चोट के निशान(Bruise), फोड़े-फुंसी का होना लगा रहता है। कहने को तो चोट के निशान, फोड़े-फुंसी छोटे हैं लेकिन, तकलीफ बहुत होती है। शरीर के किसी अंग पर चोट लग जाने, कट जाने, छिल जाने और जल जाने पर हमारी कोशिश यही रहती है कि जल्दी से जल्दी चोट के घाव, फोड़े-फुंसी भर जाए। चोट लग जाने के दौरान या घाव हो जाने के दौरान उसकी सही देखभाल बहुत जरूरी है, क्योंकि कुछ चोट आपकी मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकती है। बेहतरी इसी में है कि जब भी किसी अंग पर चोट लगे या घाव हो जाए, तत्काल घर पर उसका सही उपचार किया जाए। आप इस चोट के घाव को भरने के लिए नीचे बताए गए घरेलू उपाय आजमा सकते हैं।
चोट के निशान (Bruise) भरने के लिए घरेलू उपाय क्या हैं?
चोट के निशान (Bruise) या घाव जल्द ठीक न होने पर निम्नलिखित उपाय अपनायें-
सबसे पहले घाव की सफाई
जब भी शरीर के किसी अंग पर चोट लगे। फौरन साफ पानी से उसकी सफाई करें। अगर चोट लगने के बाद लगातार ब्लीडिंग हो रहा है, तो किसी तरह उस पर कॉटन लगाकर उसे रोकने की कोशिश करें। अगर कॉटन और बर्फ लगाने के बाद भी ब्लीडिंग नहीं रुके, तो फौरन नजदीकी डॉक्टर को दिखाएं। घाव जितना बड़ा होगा चोट के निशान उतने बड़े हो सकते हैं।
चोट के निशान और एलोवेरा
एलोवेरा से भी दर्द और सूजन कम होती है। आप एलोवेरा के पत्तों को दबाकर उसमें से जेल निकालिए। इसके जेल को चोट के निशान पर लगाइए। एलोवेरा चोट के निशान को भरने में मदद करता है। इससे सूजन और दर्द नहीं होता है। एलोवेरा को आसानी से घर में उगाया जा सकता है।
चोट के निशान और अजमोद
चोट के निशान पर लगाने के लिए अजमोद के पत्तों को हाथों से रगड़ लीजिए। फिर इन पत्तों को चौट पर फैलाकर इलास्टिक बैंड से बांध दीजिए। मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि अजमोद के पत्तों को घाव पर लगाने से दर्द और सूजन नहीं होता है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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घाव पर हल्दी लगाना
हल्दी चोट के घाव के लिए एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक है। साथ ही हल्दी को चोट पर लगाने से इंफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता है। अगर चोट लगने पर बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, तो तुरंत उस पर हल्दी का पाउडर डाल दें। इससे ब्लीडिंग बंद हो जाएगी। दरअसल, यह हर्बल सप्लीमेंट कैसे काम करता है पर इसके बारे में अभी ज्यादा शोध मौजूद नहीं है। चोट लगने या कहीं पर दर्द होने पर हल्दी वाला दूध पीने की सलाह भी दी जाती है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी डॉक्टर या फिर किसी हर्बलिस्ट से सम्पर्क करें। हालांकि, इसमें करक्यूमिन (curcumin) नामक केमिकल पाया जाता है, जोकि सूजन को कम करने का काम करता है। इसलिए हल्दी का इस्तेमाल इन्फ्लेमेशन आदि में किया जाता है और चोट के निशान कम होने में भी मदद मिलती है।
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चोट के निशान और अनानास
अनानास वैसे तो हर किसी को पसंद होता है। लेकिन बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगा, कि यह चोट के लिए कितना फायदेमंद है। अगर आप चोट के दौरान अनानास खाते हैं और जूस पीते हैं, तब आपका जख्म काफी जल्दी भर जाएगा।
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चोट के निशान या घाव जल्द ठीक न होने के क्या कारण हैं?
इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे-
- डेड स्किन होने पर घाव जल्दी ठीक नहीं हो पाते हैं।
- शरीर पर हुए घाव या चोट की वजह बैक्टीरिया होने लगते हैं। जिस कारण इंफेक्शन (संक्रमण) शुरू होने लग सकता है। ऐसी स्थिति में घाव जल्दी ठीक नहीं हो पाता है।
- संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन न करने के कारण भी घाव भरने में देरी हो सकती है। इसलिए अगर ज्यादा वक्त लग रहा हो घाव भरने में तो डॉक्टर से अवश्य मिलें।
- डायबिटीज, एनीमिया और वेस्कुलर डिजीज जैसी बीमारी होने पर घाव जल्दी ठीक नहीं हो पाता है।
- अगर आपको चोट लगी है और आप सिगरेट पीते हैं, तो यह आपकी परेशानी को और बढ़ा सकता है। ऐसी स्थिति में घाव के जल्द ठीक होने की संभावना कम हो जाती है।
अगर आप घाव से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें