फोरस्किन स्किन की उस थिन लेयर को कहा जाता है, जो पीनस के एंड को कवर करती है। जन्म के समय फोरस्किन पीनस के हेड के साथ अटैच होती है। लेकिन, समय के साथ ही यह फोरस्किन, पीनस के हेड से अलग हो जाती है। फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin) होना, फोरस्किन से संबंधित एक समस्या है। इस के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ऐसा हार्मलेस पिंपल्स के कारण हो सकता है या इसके पीछे बैक्टीरियल इंफेक्शंस भी एक वजह हो सकती है। इसके कारणों के अनुसार ही इस परेशानी का उपचार किया जा सकता है। आइए जानें फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin) के क्या हैं कारण और पाएं इनके बारे में पूरी जानकारी।
फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin) के क्या हैं कारण?
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि कई चीजें फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin) का कारण बन सकती हैं। आइए जानें इन कुछ वजहों के बारे में:
पिनायल पैप्युल्स (Penile papules)
पिनायल पैप्युल्स, पीनस और हेड या ग्लैंस के आसपास टाइनी व्हाइट ग्रोथ को कहा जाता है। यह समस्या हार्मलेस होती है। इसके बारे में जानकारी नहीं हैं कि इसके कारण क्या हैं, लेकिन सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (Sexually transmitted diseases) से इसे जोड़ा नहीं जाता है। डॉक्टर तब तक इन्हें रिमूव करने की सलाह नहीं देते हैं, जब तक यह स्ट्रेस या एंग्जायटी का कारण न बन जाए। रिमूव करने की स्थिति में पॉसिबल ऑप्शन इस प्रकार हैं:
- एक्सिजन सर्जरी (Excisional surgery): इस सर्जरी में डॉक्टर स्केलपल (Scalpel) का इस्तेमाल करते हैं।
- लेजर सर्जरी (Laser surgery): इसमें डॉक्टर सर्जिकल तकनीक का इस्तेमाल होता है, ताकि पैप्युल्स को ब्रेक और रिमूव किया जा सके
- क्रायोसर्जरी (Cryosurgery): क्रायोसर्जरी में डॉक्टर पैप्युल्स को फ्रीज करने के लिए लिक्विड नाइट्रोजन का इस्तेमाल किया जाता है।
फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin): फॉर्डाइस स्पॉट्स (Fordyce spots)
फॉर्डाइस स्पॉट्स एंलार्जड सबेशियस ग्लैंड्स (Enlarged sebaceous glands ) हैं, जो पीनस की त्वचा की सतह पर दिखाई देती हैं। सबेशियस ग्लैंड्स त्वचा को नमी युक्त बनाए रखने में मदद करती हैं। यह आमतौर पर त्वचा से ढकी होती हैं, लेकिन वे त्वचा पर व्हाइट स्पॉट्स के क्लस्टर्स के रूप में दिखाई दे सकते हैं। यह समस्या भी हार्मलेस होती है। कुछ लोग इस समस्या के साथ जन्म लेते हैं। इसके उपचार के लिए डॉक्टर तब तक किसी भी तरह के ट्रीटमेंट की सलाह नहीं देते हैं, जब तक रोगी की इच्छा न हो। इसके उपचार के तरीके इस प्रकार हैं:
- लेजर ट्रीटमेंट (Laser treatment)
- मायक्रो-पंच सर्जरी (Micro-punch surgery)
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फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin): पिंपल (Pimple)
पिंपल्स की समस्या तब होती है, जब पोर्स में बॉडी ऑयल या डेड टिश्यूज जमा हो जाता है और ब्लॉकेज का कारण बनता है। जब पोर्स ब्लॉक हो जाते हैं, तो बैक्टीरिया ग्रो होते हैं और पोर्स को इंफेक्टेड पस से भर जाते हैं। इसके कारण पिंपल व्हाइट हो जाते हैं। पीनस के फोरस्किन पर भी यह परेशानी हो सकती है।यह समस्या भी हानिरहित होती हैं और समय के साथ ठीक हो जाती है। पिंपल्स को कभी भी खुद से न फोड़ें। ऐसा करने से इंफ्लेमेशन बदतर हो सकती है और परमानेंट जख्म हो सकता है। पिंपल के उपचार के लिए बेन्जॉयल परॉक्साइड (Benzoyl peroxide) या सैलिसिलिक एसिड (Salicylic Acid) का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन, बिना डॉक्टर की सलाह के इसका इस्तेमाल न करें।
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बैलेनाइटिस (Balanitis)
फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin) का एक कारण बैलेनाइटिस (Balanitis) भी हो सकता है। बैलेनाइटिस की समस्या तब हो सकती है जब पीनस का हेड में परेशानी हो या इसमें सूजन हो। पीनस के हेड और फोरस्किन के आसपास व्हाइट स्पॉट्स, इसके कुछ लक्षण हैं। इसके साथ ही इसके अन्य लक्षणों में रेडनेस, यूरिनेशन के दौरान दर्द, पीनस में खुजली या सोरनेस आदि शामिल हैं। अगर इस रोग का कारण इंफेक्शन है, तो आप इससे व्हाइट डिस्चार्ज का अनुभव कर सकते हैं। इसके उपचार के लिए डॉक्टर कई तरीकों की सलाह दे सकते हैं। जैसे इसमें होने वाली इरिटेशन को दूर करने में लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम (Corticosteroid cream) का इस्तेमाल। अगर डॉक्टर को इसका कारण इंफेक्शन लगे, तो वो टॉपिकल एंटीफंगल या एंटीबायोटिक्स की सलाह दे सकते हैं।
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फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin): पिनायल यीस्ट इंफेक्शन (Penile yeast infection)
पिनायल यीस्ट इंफेक्शन एक फंगल इंफेक्शन है, जो कैंडिडा अल्बिकन्स फंगस (Candida albicans fungus) के कारण होता है। यह समस्या किसी ऐसे व्यक्ति के साथ सेक्स करने के कारण हो सकता है, जिन्हें यीस्ट इंफेक्शन हो या इसका कारण गुड जेनिटल हायजीन को फॉलो न करने के कारण भी हो सकता है। अगर आपको यीस्ट इंफेक्शन है, तो इसके लक्षण पीनस के हेड के आसपास या फोरस्किन के नीचे नजर आ सकते हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
- व्हाइट या रेड बम्प्स (White or red bumps)
- रेडनेस (Redness)
- फोरस्किन का टाइट होना (Tightness of the foreskin)
पिनायल यीस्ट इंफेक्शन के उपचार के लिए टॉपिकल एंटीफंगल दवाइयां या क्रीम्स की सलाह दी जा सकती है ताकि इंफेक्शन क्लियर हो सके। जिनके विकल्प इस प्रकार हैं:
- माइकोनाजोल (Miconazole)
- क्लोट्रिमाजोल (Clotrimazole)
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फोरस्किन पर सफेद दाग: जेनिटल वार्ट्स (Genital warts)
फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin) का कारण जेनिटल वार्ट्स भी हो सकते हैं। जेनिटल वार्ट्स आमतौर पर कॉलीफ्लॉवर शेप के होते हैं। यह व्हाइट या त्वचा के रंग के बंप के होते हैं, जो सेंटर में डार्क या ब्लैक-कलर के हो सकते हैं। जेनिटल वार्ट्स सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually transmitted infection) जिसे ह्यूमन पेपीलोमावायरस (human papillomavirus) कहा जाता है, उसके कारण होते हैं। यह वार्ट किसी ऐसे व्यक्ति की लार के संपर्क में आने से फैलता है, जो एचपीवी स्किन-टू-स्किन कांटेक्ट से संक्रमित हो। इस इंफेक्शन की स्थिति में डॉक्टर एंटीवायरल मेडिकेशन्स की सलाह दे सकते हैं। गार्डासिल वैक्सीन (Gardasil Vaccine) से भी ह्यूमन पेपिलोमावायरस (Human papillomavirus) से इम्युनिटी मिलती है, जो जेनिटल वार्ट्स का कारण बनता है।
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फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin): फॉलिक्युलाइटिस (Folliculitis)
फॉलिक्युलाइटिस रोग तब होता है, जब फॉलिकल्स (Follicles) जो इंडिविजुअल हेयर को होल्ड करते हैं, वो सूज जाते हैं। यह बीमारी बैक्टीरियल इंफेक्शन, फंगल इंफेक्शन, या इनग्रोन हेयर के परिणामस्वरूप हो सकती है। फॉलिक्युलाइटिस की समस्या खुजली भरी और परेशान करने वाली हो सकती है। हालांकि, तब तक यह रोग हार्मफुल नहीं होता है, जब तक यह एक संक्रमण के परिणामस्वरूप होता है, जिसका इलाज नहीं किया जाता है। अगर आप इसमें इन समस्याओं का अनुभव करें, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें:
- जलन और खुजली
- व्हाइट बम्प्स या ब्लिस्टर से पस या डिस्चार्ज होना
- बम्प्स के आसपास दर्द या टेंडरनेस
फॉलिक्युलाइटिस के कारण के अनुसार डॉक्टर इस रोग का उपचार एंटीबायोटिक्स या फंगल व बैक्टीरियल इंफेक्शंस के लिए क्रीम्स की सलाह दे सकते हैं। अगर किसी को बार-बार यह समस्या हो रही है, तो डॉक्टर लेजर सर्जरी के लिए कह सकते हैं, ताकि हेयर फॉलिकल को रिमूव किया जा सके। यह तो थे फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin) के कुछ कारण। अब जानते हैं कि कब आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए?
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डॉक्टर की सलाह कब लें?
फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin) होना हमेशा चिंता का विषय नहीं होता है। अक्सर, यह कुछ दिनों या हफ्तों में गायब हो जाते हैं। अगर इसके लक्षण एक या दो हफ्तों से अधिक समय तक रहें, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। यह लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- दर्द
- सूजन
- सोरनेस
- रेडनेस
- ड्राय और क्रैकेड स्किन
- रैश
- क्लियर डिस्चार्ज
- लाल या व्हाइट बम्प्स के 20 या इससे अधिक क्लस्टर
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कई बार फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin) सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually transmitted infection) या अन्य इंफेक्शंस के लक्षण हो सकते हैं। अगर इनका उपचार न किया जाए, तो इसके कारण लॉन्ग-टर्म कॉम्प्लिकेशंस हो सकती हैं। याद रखें, फोरस्किन पर सफेद दाग (White Spots On Foreskin) अधिकतर हानिरहित होते हैं और उनमें उपचार की जरूरत नहीं होती है। अगर आपके मन में इस बारे में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से इसे पूछना न भूलें।