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जानिए विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज और घरेलू उपाय यहां!

जानिए विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज और घरेलू उपाय यहां!

नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में तकरीबन 0.5 प्रतिशत लोग विटिलिगो (Vitiligo) यानी सफेद दाग के शिकार हैं। वहीं भारत में ये आंकड़ा 8.8 प्रतिशत है। विटिलिगो स्किन से जुड़ी समस्या है, जिसमें चेहरे के साथ-साथ शरीर के अन्य हिस्सों पर सफेद दाग हो जाते हैं। इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्टस, वेनेरियोलोजिस्ट एंड लेप्रोलॉजिस्ट (IADL) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार विटिलिगो के बारे में अवेयरनेस ना होने की वजह से इस बीमारी के प्रति लोगों में अलग धारणा है। इसलिए आज इस आर्टिकल में विटिलिगो एवं विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for Vitiligo) क्या है, इससे जुड़ी पूरी जानकारी आपसे शेयर करेंगे।

  • विटिलिगो क्या है?
  • विटिलिगो के कारण क्या हैं?
  • विटिलिगो के लक्षण क्या हैं?
  • विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज कैसे किया जाता है?
  • विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज के लिए घरेलू टिप्स।

चलिए अब एक-एक विटिलिगो से जुड़े इन प्रश्नों को सुलझाते हैं।

विटिलिगो (Vitiligo) क्या है?

विटिलिगो ऑटोइम्यून डिजीज है। विटिलिगो को सफेद दाग भी कहा जाता है। इस बीमारी को छुआछूत की बीमारी समझा जाता है, लेकिन यह बीमारी किसी के छूने से नहीं फैलती है। दरअसल विटिलिगो बीमारी मेलेनिन पिगमेंट के लेवल में हुए बदलाव की वजह से ऐसा होता है। मेलेनिन पिगमेंट में कमी आने की वजह से विटिलिगो की समस्या शुरू हो सकती है। इसलिए विटिलिगो के कारणों को समझना जरूरी है।

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विटिलिगो के कारण क्या हैं? (Cause of Vitiligo)

आयुर्वेदि के अनुसार जब बॉडी की इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने लगती है, तो शरीर में मौजूद कोशिकाएं ठीक तरह से काम नहीं कर पाती हैं। कमजोर रोग प्रतिरक्षा प्रणाली की वजह भी विटिलिगो का कारण बन सकती है और अगर एक बार विटिलिगो यानी सफेद दाग की समस्या शुरू हो जाए, तो इस बीमारी के इलाज में भी वक्त लग सकता है। हालांकि ऐसा नहीं कि इसका इलाज संभव नहीं है, बल्कि विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for Vitiligo) संभव है, लेकिन इसके इलाज के दौरान धैर्य रखने की जरूरत है। विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for Vitiligo) जानेंगे, लेकिन पहले इसके लक्षणों को समझना जरूरी है।

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विटिलिगो के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Vitiligo)

विटिलिगो के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

  • त्वचा के रंग में बदलाव आना।
  • स्कैल्प, पलकों, भौंहों या दाढ़ी के बालों का समय से सफेद होना।
  • मुंह और नाक के टिशू के रंग में बदलाव आना।
  • आईबॉल यानी रेटीना के अंदुरुनी लेयर के रंग में बदलाव आना।

शरीर के अंगों में हो रहे ऊपर बताये बदलाव विटिलिगो के ओर इशारा करते हैं।

नोट: विटिलिगो शरीर के किसी भी अंगों में होने वाली परेशानी है। जिसे सेगमेंटल विटिलिगो कहते हैं। ये कम उम्र में भी हो सकता है। कम उम्र में होने के बाद ये कुछ समय के लिए रुक भी जाता है। विटिलिगो की समस्या जब एक जगह से दूसरे जगह फैलने लगे, तो इसे सेगमेंटल विटिलिगो कहते हैं। वहीं बॉडी के एक हिस्से में फैलने वाली इस बीमारी को लोकेलाइज्ड विटिलिगो भी कहते हैं। विटिलिगो के आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for Vitiligo) से जुड़ी जानकारी आर्टिकल में आगे जानेंगे।

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विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for Vitiligo) कैसे किया जाता है?

विटिलिगो के आयुर्वेदिक इलाज के दौरान शरीर को डिटॉक्सिफाई किया जाता है, जिससे शरीर के अंदर मौजूद टॉक्सिन को दूर किया जाता है। इसके साथ ही विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज निम्नलिखित हर्ब्स का सेवन दवा की तरह करवाया जाता है। जैसे:

  • बाकुची बीज
  • कत्था
  • दारुहरिद्रा
  • करंज
  • अमलतास
  • रस माणिक्य
  • मंजिष्ठादी क्वाथ
  • खदिरादी वटी
  • त्रिफला

नोट: इन आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन अपनी मर्जी से ना करें। यह सिर्फ आपकी जानकारी के लिए दी गईं हैं।

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विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for Vitiligo) के लिए घरेलू टिप्स-

विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज निम्नलिखित घरेलू उपायों से भी किया जा सकता है। जैसे:

  • आयुर्वेद के अनुसार वात, कफ और पित्त रोगों को समझकर विटिलिगो का इलाज किया जाता है। आयुर्वेद से जुड़े जानकारों की मानें, तो दोषों को समझकर इस बीमारी को दूर करने में मदद मिलती है।
  • विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज के लिए कपाल भाति प्राणायाम और भ्रस्तिका योगासन करने की सलाह मरीजों को दी जाती है। इससे धीरे-धीरे लाभ मिल सकता है।
  • विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज बाबची और इमली के बीजों से भी किया जाता है। दरअसल ऐसा माना जाता है कि बाबची और इमली के बीजों का पेस्ट को सफेद दाग पर लगाने से धीरे-धीरे ये परेशानी दूर हो सकती है।
  • विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज हल्दी और सरसों से भी किया जा सकता है। हल्दी और सरसों का पेस्ट पहले तैयार करें और फिर इसे विटिलिगो यानी सफेद दाग वाली जगहों पर लगाएं।

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वात, कफ और पित्त रोगों से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।

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विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for Vitiligo) के दौरान आहार में क्या करें शामिल?

विटिलिगो के आयुर्वेदिक इलाज के दौरान खानपान पर विशेष ध्यान दें और निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को अपने आहार में रोजाना शामिल करें। जैसे:

  1. हरी पत्तीदार सब्जियों जैसे पालक या केल का सेवन नियमित करें।
  2. हरी सब्जियों में शामिल मौसमी सब्जियां जैसे गाजर, लौकी या सोयाबीन की संतुलित मात्रा में सेवन करें।
  3. विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज के दौरान दाल के सेवन की भी सलाह दी जाती है।
  4. विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज के दौरान तांबे के जग में रखे हुए पानी के सेवन की सलाह दी जाती है।

इन ऊपर बताये 4 बातों का ध्यान अपने आहार में अवश्य रखें।

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विटिलिगो के आयुर्वेदिक इलाज के दौरान किन चीजों का सेवन ना करें?

शरीर को रोग मुक्त रखने में दवाओं के साथ-साथ आहार की भी खास भूमिका होती है। इसलिए विटिलिगो यानी सफेद दाग की समस्या अगर शुरू हो जाये, तो अपने आहार में खट्टे फलों जैसे नीबू, संतरा, आम, अंगूर, आंवला, अचार, दही, लस्सी, मिर्च, मैदा, गोभी, उड़द की दाल एवं टमाटर से दूरी बनायें रखें। इसके अलावा जंक फूड या फास्ट फूड का सेवन ना करें। वहीं सॉफ्ट ड्रिंक या एल्कोहॉल का भी सेवन नहीं करना चाहिए।

नोट: अत्यधिक नमक का सेवन ना करें या फिर उन खाद्य पदार्थों या पेय पदार्थों का भी सेवन ना करें, जिसमें दूध और नमक का एक साथ प्रयोग किया गया हो।

अगर आप विटिलिगो या विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for Vitiligo) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप विटिलिगो की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपके हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर इलाज शुरू करेंगे और विटिलिगो का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for Vitiligo) पर विचार करेंगे।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Ayurvedic Management of chronic Vitiligo (Shvitra): A case
study/http://www.ayurvedjournal.com/JAHM_201842_03.pdf/Accessed on 02/06/2021

Clinical evaluation of the efficacy of Shvitrahara kashaya and lepa in vitiligo/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3215421/Accessed on 02/06/2021

Herbal Compounds for the Treatment of Vitiligo: A Review/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5816300/Accessed on 02/06/2021

Integrative medicine treatment for Vitiligo/https://iad.org.in/care-without-compromise/vitiligo/Accessed on 02/06/2021

Can Ayurveda help with vitiligo?/https://vrfoundation.org/faq_items/can-ayurveda-help-with-vitiligo/Accessed on 02/06/2021

Vitiligo-Ayurvedic Treatment Approach/https://sciforschenonline.org/journals/clinical-cosmetic-dermatology/article-data/JCCD-2-129/JCCD-2-129.pdf/Accessed on 02/06/2021

Current Version

07/06/2021

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. स्नेहल सिंह

Updated by: Nidhi Sinha


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. स्नेहल सिंह

होम्योपैथी · Wellness Online Clinic Healing Arts


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/06/2021

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