अनइवन स्किन टोन (Uneven Skin tone) होना एक आम परेशानी है। इसमें बॉडी के कुछ हिस्सों का रंग दूसरे से अलग हो जाता है। ऐसा बॉडी के कई एरियाज में हो सकता है। जो लोग अनइवन स्किन टोन से निजात पाना चाहते हैं या इसे थोड़ा कम करना चाहते हैं तो कुछ वे ऑप्शन्स को कंसीडर कर सकते हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में लोग इसे ठीक करने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की सहारा नहीं लेते। कुछ लोग कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के जरिए इससे राहत पाने की कोशिश करते हैं। कई प्रकार की होम रेमेडीज और प्रोफेशनल ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं जो इवन स्किन टोन प्राप्त करने में मदद करते हैं। इस आर्टिकल में अनइवन स्किन टोन और इसे ठीक करने के लिए क्या कर सकते हैं इसके बारे में जानकारी दी जा रही है।
अनइवन स्किन टोन (Uneven Skin Tone)
अनइवन स्किन टोन (Uneven Skin tone) एक अम्ब्रेला टर्म है जिसका उपयोग स्किन टेक्चर, हायपरपिंगमेंटेशन (Hyperpigmentation), धब्बेदार त्वचा, चेहरे की निस्तब्धता से संबंधित समस्याओं के लिए किया जाता है। इन कंडिशन्स को कुछ लोग पिंगमेंटेशन डिसऑर्डर्स (Pigmentations disorders) कहते हैं। कई प्रकार की कंडिशन्स पिगमेंट सेल्स को प्रभावित कर सकती हैं या मेलनोसाइट्स (Melanocytes) का स्किन में होना स्किन में डिसकलर्ड स्किन पैचेस का कारण बन सकता है।
अनइवन स्किन टोन होने का सबसे कॉमन कारण हायपरपिंगमेंटेशन है जिसमें स्किन मेलालिन (Melanin) पिगमेंट को अधिक प्रोड्यूस करती है। हायपरपिंगमेंटेशन की समस्या डार्क स्किन कॉम्प्लेक्शन वाले लोगों में अधिक देखी जाती है क्योंकि उनका स्किन पिगमेंटेशन अधिक स्ट्रॉन्ग होता है।
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अनइवन स्किन टोन के क्या कारण हैं? (What are the causes of uneven skin tone?)
असमान त्वचा टोन के कुछ सामान्य कारणों में शामिल हैं:
सन डैमेज (Sun damage)
यह अनइवन स्किन टोन का सबसे आम कारण है। सन एक्सपोजर स्किन को प्रोटेक्ट करने के लिए मेलानिन प्रोडक्शन को ट्रिगर करता है। शुरुआत में ये स्किन टैनिंग का कारण बनता है और बाद में सन डैमेज ब्राउन स्पॉट्स और अनइवन स्किन टोन का कारण बनता है।
मुंहासे (Acne)
मुंहासे स्किन इंफ्लामेशन और फ्लशिंग का कारण भी बन सकते हैं जो अनइवन स्किन टोन (Uneven Skin tone) का कारण बन सकती है। कुछ लोग इसे पोस्ट इंफ्लामेटरी हायपरपिगमेंटेशन या हायपरपिगमेंटेशन एक्ने मानते हैं।
हॉर्मोनल चेंजेंस (Hormonal changes)
हायपरपिगमेंटेशन का एक प्रकार जिसे मेलाज्मा (Melasma) कहा जाता है हॉर्मोन प्रोडक्शन के बढ़ने के कारण होता है। यह आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान होता है, और यह हॉर्मोनल बर्थ कंट्रोल का उपयोग करने वाले लोगों को भी प्रभावित कर सकता है।
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एजिंग (Aging)
व्यस्क लोगों की तुलना में बुजुर्ग लोगों में अनइवन स्किन टोन (Uneven Skin tone) की समस्या अधिक होती है। जिसमें सन एक्सपोजर से लेकर दवाओं का उपयोग शामिल है जो हायपरपिगमेंटेशन का कारण बन सकता है।
स्किन का डैमेज होना (Skin damage)
कीड़े के काटने, जलने और त्वचा के अन्य प्रकार के आघात भी पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हायपरपिग्मेंटेशन में योगदान कर सकते हैं और अनइवन स्किन टोन (Uneven Skin tone) का कारण बन सकते हैं।
स्किन टोन इवन कैसे करें? (How to even skin tone?)
स्किन टोन को इवन करने के लिए कई ऑप्शन उपलब्ध हैं। जिसमें ओवर द काउंटर प्रोडक्ट़स से लेकर प्रोफेशनल ट्रीटमेंट तक शामिल है। कई बार ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती है। स्किन टोन समय के साथ इवन हो जाती है। जैसे कि प्रेग्नेंसी रिलेटेड हायपरपिंगमेंटेशन जो 12 महीने के अंदर अपने आप बिना किसी ट्रीटमेंट के ठीक हो जाता है। इसके अलावा स्किन को इवन करने के लिए निम्न ऑप्शन ट्राय किए जा सकते हैं।
अनइवन स्किन टोन का कारण को खत्म करना (Removing the cause)
अगर कोई नया स्किन प्रोडक्ट या बर्थ कंट्रोल पिल्स हायपरपिंगमेंटेशन का कारण बन रही है तो इनका उपयोग बंद करके 6-12 महीने में इस परेशानी से छुटकारा प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि, कुछ बहुत ही गहरे रंग के धब्बे या दाग मिटने में अधिक समय ले सकते हैं।
अंडरलाइन कंडिशन का इलाज ( Treatment for Underline condition)
स्किन कंडिशन जैसे कि मुंहासे, सोरायसिस जैसी स्किन कंडिशन का इलाज करके नए हिस्सों में हायपरपिगमेंटेशन की समस्या को रोका जा सकता है। इससे हाइपरपिग्मेंटेशन समय के साथ फीका पड़ सकता है।
सनस्क्रीन (Sunscreen) का उपयोग
अमेरिकन एकेडेमी डर्मेटोलॉजी के अनुसार हर व्यक्ति को 30 SPF या इससे ज्यादा SPF वाली वॉटर रेसिस्टेंट, बोर्ड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए । यूवी रेज के ब्लॉक करके मेलानिन प्रोडक्शन (Melanin production) ट्रिगर को रोका जा सकता है। इससे नए एरिया में हायपरपिगमेंटेशन के फॉर्मेशन को रोका जा सकता है और पहले से हुए हायपरपिगमेंटेशन को कम किया जा सकता है।
ओटीसी प्रोडक्ट्स (OTC Product) का उपयोग
कई प्रकार के ओवर द काउंटर प्रोडक्ट अनइवन स्किन टोन (Uneven Skin tone) का इलाज करने में मदद कर सकते हैं। जिनमें निम्स में से कोई एक इंग्रीडिएंट पाया जाता है।
विटामिन सी (Vitamin C)
यह एंटीऑक्सिडेंट सन डैमेज से स्किन को प्रोटेक्ट करने में मदद करता है और मेलानिन के प्रोडक्शन को कम करता है।
ग्लाइकोलिक एसिड (Glycolic acid)
यह एक्ने प्रोन स्किन के लिए एक कॉमन स्किन केयर इंग्रीडिएंट है। यह नीचे की स्वस्थ त्वचा को ऊपर लाने के लिए मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने का काम करता है। कुछ शोध बताते हैं कि यह मुंहासे, निशान, मेलास्मा, पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन और धूप से होने वाली एजिंग को कम करने में मदद कर सकता है।
सैलिसिलिक एसिड (Salicylic acid)
यह भी ग्लाइसोलिक एसिड की तरह ही काम करता है। यह पेास्ट इंफ्लामेटरी हायपरपिगेंटेशन को ठीक करने में मदद करता है।
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रेटिनॉल (Retinol)
रेटिनॉल हेल्दी और नई स्किन स्किन को प्रमोट करता है। यह अनइवन स्किन टोन (Uneven Skin tone) को इम्प्रूव कर सकता है। साथ ही यह सन डैमेज के लक्षणों में सुधार कर सकता है। पिगमेंटेशन डिसऑर्डर का इलाज करने के साथ ही यह स्किन एजिंग का इलाज भी करता है।
अगर ऊपर बताए गए ट्रीटमेंट काम नहीं आते हैं तो प्रोफेशनल मेडिकल ट्रीटमेंट्स अनइवन स्किन टोन को ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
मेडिकल ट्रीटमेंट (Medical treatment)
इसके लिए व्यक्ति को त्वचा विशेषज्ञ के साथ अपने विकल्पों पर चर्चा करनी चाहिए, जो निम्न में से किसी एक का सुझाव दे सकते हैं:
लेजर थेरिपी (Laser therapy)
इस ट्रीटमेंट में लाइट की बीम का उपयोग करके हायपरपिगमेंटेशन को हटाया जाता है। यह टेक्नीक बेहद प्रभावशाली है और लंबे समय तक इसका रिजल्ट रहता है।
माइक्रोडर्माब्रेशन (Microdermabrasion)
यह एक्सफोलिएटिंग ट्रीटमेंट मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने के लिए छोटे कणों का उपयोग करता है। यह अपेक्षाकृत मामूली उपचार है जो हायपरपिग्मेंटेशन के हल्के मामलों के लिए उपयुक्त है।
रासायनिक पील्स (Chemical peels)
ये उपचार त्वचा को एक्सफोलिएट भी करते हैं लेकिन माइक्रोडर्माब्रेशन की तुलना में अधिक गहराई तक जाते हैं। वे अत्यधिक प्रभावी हो सकते हैं, लेकिन अनुचित उपयोग से त्वचा के जलने का खतरा होता है।
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होम रेमेडीज (Home remedies)
कुछ होम रेमेडीज भी अनइवन स्किन टोन (Uneven Skin tone) को इम्प्रूव करने में मदद कर सकती हैं। कुछ लोगों का दावा है कि प्राकृतिक उत्पादों को सीधे त्वचा पर लगाने से हाइपरपिग्मेंटेशन कम हो सकता है। जिसमें निम्न शामिल हैं।
- एलोवेरा जेल
- ग्रीन टी
- नींबू का रस
- रोजहिप ऑयल
- टी ट्री ऑयल
- हल्दी
ज्यादातर मामलों में, हालांकि, यह इंगित करने के लिए बहुत कम या कोई सबूत नहीं है कि ये आइटम हाइपरपिग्मेंटेशन या फ्लशिंग में सुधार कर सकते हैं। उनमें से कुछ अन्य समस्याएं भी पैदा कर सकते हैं, जैसे कि त्वचा का सूखापन या जलन।
उम्मीद करते हैं कि आपको अनइवन स्किन टोन (Uneven Skin tone) को इम्प्रूव करने से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।