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Types Of Psoriasis: सोरायसिस क्या है? जानिए सोरायसिस के प्रकार, लक्षण और इलाज

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/01/2022

    Types Of Psoriasis: सोरायसिस क्या है? जानिए सोरायसिस के प्रकार, लक्षण और इलाज

    सोरायसिस एक गंभीर ऑटोइम्यून डिजीज है, जो एक त्वचा संबंधी समस्या है। सोरायसिस प्रायः कॉस्मेटिक या रिएक्शन के कारण होता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को त्वचा में जलन के साथ त्वचा पर अलग तरह के ही चकत्ते और सूजन आदि लक्षण नजर आते हैं, जिसका अगर इलाज ठीक तरह से ना करवाया जाए तो तकलीफ बढ़ सकती है। सोरायसिस के प्रकार (Types Of Psoriasis) भी अलग-अलग होते हैं। इसलिए भी सोरायसिस की समस्या होने पर डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करना चाहिए। आज इस आर्टिकल में सोरायसिस के प्रकार (Types Of Psoriasis) और इससे जुड़ी सभी जानकारी हम आपके लिए लेकर आये हैं।

    सोरायसिस किसी एक संक्रमित मरीज से दूसरे मरीज को नहीं होगा, लेकिन यह संभावना है कि ये एक से ज्यादा रूप में आपको प्रभावित कर सकता है। हालांकि इसका इलाज अब कुछ हद तक संभव है। वहीं आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर इस बीमारी से निजात पा सकते हैं। साथ ही अपने त्वचा का ध्यान रख के और तनाव से दूर रह कर आप इस बीमारी से निजात पा सकते हैं। तो चलिए सबसे पहले सोरायसिस के लक्षण और फिर सोरायसिस के प्रकार (Types Of Psoriasis) को समझने की कोशिश करते हैं।

    सोरायसिस के लक्षण (Psoriasis Symptoms) क्या हैं? 

    सोरायसिस के प्रकार (Types Of Psoriasis)

    सोरायसिस के लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :

    जरूरी नहीं कि ये लक्षण सभी व्यक्ति में यही नजर आएं। क्योंकि ऑटोइम्यून डिजीज के लक्षण और सोरायसिस के प्रकार अलग-अलग लोगों में अलग-अलग होता है। कुछ लोगों में इसके लक्षण तुरंत नजर आ सकते हैं और कुछ लोगों में कई हफ्तों के बाद भी दिखाई दे सकते हैं।

    सोरायसिस के प्रकार (Types of Psoriasis)

    सोरायसिस के पांच प्रकार होते हैं :

    सोरायसिस के प्रकार : प्लाक सोरायसिस (Plaque psoriasis)

    प्लाक सोरायसिस के प्रकार का जिसे सबसे ज्यादा सामान्य प्रकार माना जाता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट (AAD) के अनुसार इससे ग्रसित 80 प्रतिशत लोगों में प्लाक सोरियासिस ही पाया जाता है। जिससे त्वचा पर लाल चकत्ते और जलन होता है। साथ ही सफेद और सिल्वर रंग के स्केल्स भी पड़ जाते हैं। ये प्लाक्स कोहनी, घुटने और बालों की जड़ों में होते हैं।

    सोरायसिस के प्रकार : गट्टेट सोरायसिस (Guttate psoriasis)

    ये सोरायसिस के प्रकार बच्चों में होने वाला सामान्य सोरायसिस होता है। इसमें बच्चे के त्वचा पर गुलाबी रंग के चकत्ते पड़ने लगते हैं। जो सामान्यतः बच्चे के टखने, पैरों और हाथों में होता है।

    सोरायसिस के प्रकार : पस्चुलर सोरायसिस (Pustular psoriasis)

    ये सोरायसिस के प्रकार त्वचा की एक स्थिति है जिसमें त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ सकते हैं। ये शरीर में किसी भी जगह हो सकते हैं लेकिन हाथ और हथेलियों एवं पैर के तलवों में इसके होने की संभावना ज्यादा होती है। ये किसी एक संक्रमित मरीज से दूसरे मरीज को नहीं होगा लेकिन ये संभव है कि ये एक से ज्यादा रूप में आपको प्रभावित करे। इन सभी में से एक महत्त्वपूर्ण रूप पस्ट्यूलर सोरायसिस है, इसमें सफेद पस से भरे हुए छाले दिखाई देते हैं।

    सोरायसिस के प्रकार : इंवर्स सोरायसिस (Inverse psoriasis)

    सोरायसिस के प्रकार में इसमें त्वचा में जलन, लालपन और चिकनाहट आ जाती है। इसमें अंडर आर्म्स या सीने पर या जननांगों के स्कीन फोल्ड्स पर जलन, लालपन हो जाता है।

    सोरायसिस के प्रकार : एरि‍थ्रोडर्मिक सोरायसिस (Erythrodermic psoriasis)

    ये सोरायसिस के प्रकार को बहुत रेयर प्रकार का सोरायसिस माना जाता है। जो शरीर के ज्यादा हिस्से को प्रभावित करता है। ज्यादातर मामलों में सनबर्न जैसी समस्या भी हो जाती है। इसमें बुखार आना सामान्य है और कभी-कभी ये जानलेवा भी साबित हो सकती है।

    सोरायसिस को लेकर कुछ मिथ भी प्रचलित हैं। जिनकी वजह से लोग इस बीमारी को लेकर कंफ्यूज भी रहते हैं। आइए जानते हैं उन मिथक को और उनसे जुड़े फैक्ट्स को।

    सोरायसिस से जुड़े मिथ्स और फैक्ट्स (Myths and facts about psoriasis)

    मिथ: सोरायसिस (Psoriasis) त्वचा से संबंधित बीमारी नहीं है।

    फैक्ट्स :

    सोरायसिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है। जो त्वचा से संबंधित बीमारी है। इससे त्वचा पर लाल चकत्ते, जलन, खुजली आदि जैसी समस्या होती है। जिसमें हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, डिप्रेशन, सोरियाटिक आर्थराइटिस, इंफ्लामेट्री बाउल डिजीज और मोटापा होने का खतरा रहता है।

    और पढ़ेंः आखिर कैसे स्विमिंग से पहले नहाना आपको स्किन इंफेक्शन से बचाता है?

    मिथ: यह एक दुर्लभ बीमारी है!

    फैक्ट्स :

    सोरायसिस एक सामान्य बीमारी है। जिससे भारत में लगभग एक करोड़ लोग इससे परेशान हैं। लेकिन सभी में इसके लक्षण सामने नहीं आते हैं और वह धीरे-धीरे सामने आते हैं और कई लोग तो इसका इलाज भी नहीं कराते हैं। क्योंकि उनमें जागरूकता की कमी होती है।

    मिथ : सोरायसिस संक्रामक है? (Psoriasis is a infectious disease)

    फैक्ट्स :

    ये संक्रामक बीमारी नहीं है, बल्कि ये एक आनुवंशिक रोग है। इसके लिए कोई भी बैक्टीरिया या वायरस जिम्मेदार नहीं हैं। ये जेनेटिक्स और प्राकृतिक कारणों की वजह से हो सकता है।

    मिथ : सोरायसिस (Psoriasis) के लिए मदद ली जा सकती है?

    फैक्ट्स :

    इसका इलाज या मदद तब ही संभव है जब तक लक्षण और इसकी स्थिति नियंत्रित करने लायक रहती है। लेकिन इसका पूरा इलाज भी करना बहुत जरूरी है। जिससे कभी-कभी मरीज परेशान हो कर दवा छोड़ देते हैं और इस तरह से दवा का कोर्स पूरा नहीं हो पाता है। इसलिए, सोरायसिस की दवा को सही समय से और निश्चित समय तक लेना जरूरी है।

    मिथ : सोरायसिस का इलाज सिर्फ मलहम (Ointment) से किया जा सकता है?

    फैक्ट्स :

    इसका इलाज कॉर्टिकोस्टेरॉइड, विटामिन डी, एनाथ्रालिन, कोल टार और सैलिसिलिक एसिड से बने मलहम को लगाने से ये बीमारी ठीक होता है। इसके अलावा फोटोथेरिपी से भी इसका इलाज किया जा सकता है।

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    सोरायसिस का घरेलू इलाज (Psoriasis Home remedies)

    सोरायसिस का घरेलू इलाज निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे:

    • नैशनल सोरायसिस फाउंडेशन के अनुसार डायट्री सप्लीमेंट्स इस ऑटोइम्यून डिजीज को ठीक करने में मदद कर सकता है। जैसे- मछली का तेलविटामिन डी, एलो वेराअंगूर और ईवनिंग प्राइमरोज का तेल का उपयोग करने से सोरायसिस से राहत मिलती है। लेकिन कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
    • घर पर हो या ऑफिस में अपनी त्वचा। को हमेशा सूखा रखें। क्योंकि अगर त्वचा पर पड़े चकत्तों में जरा भी नमी रहेगी तो स्तिथि बदतर हो सकती है। त्वचा पर हमेशा मॉस्चराइजर लगाएं। लेकिन मॉस्चराइजर का प्रयोग हमेशा डॉक्टर के निर्देश पर ही करें।
    • सभी साबुन और परफ्यूम में खुशबू लाने के लिए केमिकल मिलाये जाते हैं। जो सोरायसिस में आपकी त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए इनसे बचने की कोशिश करें।
    • हेल्दी खाना खाएं। आपकी डायट आपको इस बीमारी से बचा सकती है। अपने भोजन में रेड मीटसैचुरेटेड फैट, रिफाइंड शुगर, कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से सोरायसिसकम होता है। साथ की ठंडे पानी में रहने वाली मछली, बीज, नट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करने से इस बीमारी के लक्षण कम होते हैं।
    • घाव या चकत्ते वाले स्थानों पर ऑलिव ऑयल से मसाज करने से राहत मिलती है।
    • अगर आपके घावों में खुजली हो रही है तो एप्सोम सॉल्ट, मिनरल ऑयल, दूध या ऑलिव ऑयल गुनगुने पानी में मिला कर नहाने से राहत मिलेगी। वहीं, नहाने के बाद मॉस्चराइजर जरूर लगा लें।
    • एल्कोहॉल का सेवन न करें। 2015 में हुए एक अध्ययन के अनुसार नॉनलाइट बीयर पीने से सोरायसिस का रिस्क बढ़ जाता है। स्मोकिंग करने से भी ये बीमारी बढ़ती है।
    • कभी-कभी सोरायसिस होने का कारण तनाव भी होता है। इसलिए तनाव लेने से आप इस बीमारी से उबर नहीं पाएंगे। तनाव मुक्त होने के लिए ध्यान और योग करें।
    • सोरायसिस का घरेलू इलाज हल्दी के सेवन करने से भी आपको राहत मिल सकती है।
    • सूर्य की हानिकारक किरणों से बचें।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और सोरायसिस के प्रकार से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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