आलू बुखारा के फायदे इतने हैं, जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते। आलू बुखारा आपकी सेहत को दुरुस्त रखने के साथ-साथ कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पाने में भी मदद करते हैं। प्रेग्नेंसी से लेकर कोलेस्ट्रॉल में आलू बुखारा काफी फायदेमंद है। किस्म के हिसाब से आलू बुखारा का स्वाद खट्टा मीठा हो सकता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में आलू बुखारा के फायदे के बारे में बताएंगे।
आलू बुखारा के फायदे क्या हैं?
आलू बुखारा एक रंगबिरंगा फल है। दिखने में यह जितना आकर्षक है खाने में भी यह उतना ही स्वादिष्ट है। आलू बुखारा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह प्रूनस (Prunus) प्रजाति के पौधों से संबंध रखता है। यह प्रजाति आडू और बादाम के पौधों के परिवार से आती है। आलू बुखारा के बीज काफी सख्त होते हैं। आलू बुखारा ग्रामीण इलाकों से लेकर देश के शहरी इलाकों में काफी प्रचलित है। देशभर में यह अलग-अलग रंगों में उपलब्ध होता है। भारत में इसे आडू बुखारा भी कहा जाता है। यह मीठा होने के साथ-साथ खट्टा भी होता है। सूखा आलू बुखारा काफी फायदेमंद होता है, इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
कब्ज में आलू बुखारा के फायदे
आलू बुखारा में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है। आलू बुखारा में पाया जाने वाला फाइबर पानी में घुलता नहीं है। आंत में स्टूल के साथ बल्क में मिलकर आंत में स्टूल की गति को बढ़ा देता है। इसके अतिरिक्त, आलू बुखारा में सोरबिटोल (sorbitol) होता है। यह शुगर एल्कोहॉलिक प्रकृति के साथ प्रभाव से लेकेस्टेवि होता है।
अन्य लेक्सेटिव के मुकाबले आलू बुखारा कब्ज में बेहतर तरीके से राहत देता है। यह सायलिअम (psyllium) फाइबर के मुकाबले ज्यादा कारगर है, जिसका इस्तेमाल कब्ज को ठीक करने के लिए किया जाता है। कब्ज में आलू बुखारा के फायदे को लेकर एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में शामिल लोगों ने प्रतिदिन 50 ग्राम आलू बुखारा का सेवन तीन हफ्तों तक किया। इसके साथ ही लोगों के एक समूह को सायलिअम फाइबर दिया गया। सायलिअम फाइबर का सेवन करने वाले लोगों के मुकाबले इन लोगों के स्टूल की फ्रीक्वेंसी में सुधार देखने को मिला।
आलू बुखारा के नुकसान भी हैं
अधिक मात्रा में आलू बुखारा का सेवन करने से अनचाहे परिणाम जैसे डायरिया हो सकसता है। डायरिया से बचने के लिए बेहतर होगा कि आप दिन में 44-87 ग्राम के बीच आलू बुखारा का सेवन करें। यदि आप आलू बुखारा के जूस का सेवन कर रहे हैं तो यह सुनिश्चित करें कि इसमें किसी भी प्रकार की शुगर न मिली हो।
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कोलेस्ट्रॉल में आलू बुखारा के फायदे
नियमित रूप से आलू बुखारा या इसके जूस का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हार्ट की बीमारियों का खतरा रहता है। कोलेस्ट्रॉल पर आलू बुखारा के प्रभाव का आंकलन करने के लिए एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में शामिल लोगों ने आठ हफ्तों तक आलू बुखारा या इसके जूस (अर्क) का सेवन किया। सुबह आलू बुखारा का सेवन करने वाले लोगों के ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल में महत्वपूर्ण रूप से कमी दर्ज की गई। वहीं, जिन लोगों ने सुबह एक ग्लास पानी पिया था, उनके मुकाबले आलू बुखारा या इसके जूस का सेवन करने वाले लोगों के बुरे कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) में भी कमी दर्ज की गई।
आलू बुखारा पर रिसर्च
एक अन्य अध्ययन के मुताबिक, हाई कोलेस्ट्रॉल से पीढ़ित लोगों ने आठ हफ्तों तक प्रतिदिन 12 आलू बुखारा का सेवन किया। इन लोगों के एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में भी वही कमी दर्ज की गई। जानवरों पर हुए समान अध्ययनों में कुछ इसी प्रकार के नतीजे सामने निकलकर आए। जानवरों पर हुए अध्ययन में चूहों को सूखे आलू बुखारा का पाउडर और इसका अर्क दिया गया, जिससे उनका बुरा कोलेस्ट्रॉल कम हुआ और अच्छा कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) में इजाफा हुआ। हालांकि, इन नतीजों की मनुष्यों से तुलना नहीं की जा सकती। हार्ट की बीमारियों के कारकों को कम करने में आलू बुखारा काफी कारगर है, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में फाइबर, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं।
आलू बुखारा पर और अध्ययन की जरूरत
ह्रदय की सुरक्षा को लेकर आलू बुखारा की प्रभाविकता का विस्तृत अध्ययन करने की आवश्यकता है। जैसाकि ऊपर पहले ही बता दिया गया है कि आलू बुखारा में मौजूद पानी अघुलनशील होता है, जो आंत में स्टूल के साथ मिलकर इसकी गति को बढ़ा देता है। इससे कोलन कैंसर और बवासीर का खतरा कम होता है। बड़ी आंत में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया के लिए आलू बुखारा भोजन भी मुहैया कराता है। यह फाइबर फैटी एसिड की एक छोटी चैन का निर्माण करते हैं, जिसे बुटायरिक एसिड (butyric acid) कहा जाता है। यह एसिड बड़ी आंत के बैक्टीरिया को प्राथमिक रूप से भोजन प्रदान करने का कार्य करते हैं। साथ ही इससे कोलन को स्वास्थ रखने में मदद मिलती है।
लिवर कोशिकाओं के लिए आलू बुखारा के फायदे
यह बैक्टीरिया अन्य दो प्रकार की फैटी एसिड प्रोपिओनिक (propionic) और एसेटिक एसिड (acetic acid) बनाते हैं। लिवर और मासपेशियों की कोशिकाएं इनका इस्तेमाल भोजन के रूप में करती हैं। प्रोपिओनिक एसिड कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करता है। जानवरों पर हुए शोध में पता चला कि यह एचएमजी-सीओए (HMG-CoA) को रोक देता है। यह एक एंजायम होता है, जो लिवर में कोलेस्ट्रॉल को बनाने का कार्य करता है। इस एंजायम की गतिविधियों को धीमा करके प्रोपिओनिक एसिड ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।
इसके अतिरिक्त, आलू बुखारा में मौजूद फाइबर पित्त (बाइल) के एसिड को फेसेस (Feces) के माध्यम से बॉडी से निकाल देता है। बाइस एसिड्स एक प्रकार के कपाउंड होते हैं, जिनका इस्तेमाल फैट को पचाने के लिए किया जाता है। लिवर इन्हें कोलेस्ट्रॉल से बनाता है।
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प्रेग्नेंसी में आलू बुखारा के फायदे
गर्भावस्था के दौरान आलू बुखारा खाना गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है। आलू बुखारा में उच्च गुणवत्ता वाले पोषक तत्व होते हैं, जिसकी चलते प्रेग्नेंसी के दौरान आलू बुखारा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। हालांकि गुर्दे की बीमारी से परेशान महिलाओं को आलू बुखारा का सेवन सावधानीपूर्ण करना चाहिए। यदि आपको गुर्दे की समस्या है तो अपनी डायट में इसे शामिल करने से पहले आपको एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। प्रेग्नेंसी में आलू बुखारा के फायदे अनेकों हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है, इसमें मौजूद पोषक तत्व।
मां और शिशु के लिए आलू बुखारा के फायदे
प्रेग्नेंसी के दौरान मां और शिशु के लिए आलू बुखारा के दर्जनों फायदे हो सकते हैं। इसमें खनिज पदार्थ जैसे पोटैशियम, विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है। इसमें फाइबर के अलावा, निओ क्लोरोगजेनिक (Neo Clorogenic) और क्लोरोजेनिक एसिड (Chlorogenic acid) जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट्स बीमारियों के खतरों को कम करते हैं। सूखा और ताजा आलू बुखारा दोनों ही हेल्दी होते हैं। हर 100 ग्राम लुसियस आलू बुखारा में 46 कैलोरी होती हैं। इसमें किसी भी प्रकार का फैट नहीं होता है। यह बॉडी में आयरन लेने की क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
गर्भावस्था में आलू बुखारा के फायदे
- ब्लड प्रेशर: प्रेग्नेंसी के दौरान हर महिला की बॉडी में हार्मोन अलग ढंग से कार्य करते हैं। ऐसे में ब्लड प्रेशर को नियमित करना एक समस्या होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर बढ़ने से प्रीक्लेम्पसिया जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। आलू बुखारा फाइबर से भरपूर होता है, जो ब्लड प्रेशर को नियमित करने में काफी अहम होता है।
- एनर्जी: आलू बुखारा में विटामिन सी होता है, जो कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाकर अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करता है।
- वजन को नियंत्रित करना: आलू बुखारा में कैलोरी काफी कम मात्रा में होती हैं। यदि आप प्रेग्नेंसी के दौरान इसका सेवन करती हैं तो आपकी डायट में अधिक कैलोरी नहीं जाएंगी, जिससे आपका वजन बढ़ने की संभावना कम होगी।
- हार्ट की बीमारी: आलू बुखारा में फैट की मात्रा काफी कम होती है। इसमें सैचुरेटेड फैट शून्य मात्रा में होता है। इससे हार्ट की बीमारियों का पैदा होने का खतरा कम होता है।
- प्रेग्नेंसी में कब्ज को रोकना: आलू बुखारा में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है, जिससे पाचन तंत्र में कब्ज से जुड़ी समस्याएं पैदा होने का खतरा कम होता है। चूंकि आलू बुखारा की प्रकृति एक लेक्सेटिव है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कब्ज की समस्या होना एक सामान्य बात है।
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वेट लॉस में आलू बुखारा के फायदे
वजन घटाने में आलू बुखारा काफी फायदेमंद है। इसमें मौजूद फाइबर ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है। इससे पेट से भोजन के पाचन तंत्र में पहुंचने की रफ्तार धीमी हो जाती है। इससे खाना खाने के बाद बॉडी में ग्लूकोज के सोखने की गति (ब्लड में ग्लूकोज (वसा) के पहुंचने की रफ्तार) धीमी हो जाती है।
यह इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ा देता है, जिसकी टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में एक अहम भूमिका होती है। आलू बुखारा में मौजूद फाइबर आपको पेट भरे होने का अहसास दिलाता है। इससे आप जल्दी-जल्दी भोजन नहीं करते हैं। अप्रत्यक्ष रूप से इससे आपका कैलोरी उपभोग कम हो जाता है, जिससे आपको वजन कम करने में मदद मिलती है।
त्वचा के लिए आलू बुखारा के फायदे
आलू बुखारा में विटामिन अधिक मात्रा में विटामिन-सी होता है। त्वचा के विटामिन सी काफी फायदेमंद होता है। अक्सर हमारी त्वचा पर झुर्रिया पड़ जाती हैं, विटामिन सी इन झुर्रियों को कम करने में एक अहम भूमिका निभाता है। विटामिन सी रूखी त्वचा और एजिंग को कम करता है। घाव भरने में विटामिन सी काफी अहम होता है। यह स्कार ऊत्तकों का निर्माण करके घाव को भरता है। विटामिन सी फ्री रेडिकल्स को भी कम करता है।
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हड्डियों के लिए आलू बुखारा के फायदे
कुछ अध्ययनों में पता चला है कि आलू बुखारा ऑस्टियोअर्थराइटिस और ओस्टियोपेनिया (Osteopenia) के खतरे को कम करता है। यह बीमारियों हड्डियों को कमजोर करती हैं। यह हड्डियों को पहुंचने वाली क्षति को रोकता है। इसके अलावा, इन बीमारियों की वजह से हड्डियों को दोबारा होने वाले नुकसान को भी कम करता है। हालांकि इस संबंध में अभी भी पर्याप्त शोध की आवश्यकता है। आलू बुखारा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और इनफ्लमेशन को कम करने की क्षमता इस संबंध में एक अहम भूमिका निभाती है। इसके अतिरिक्त, अध्ययनों में सुझाव दिया गया है कि आलू बुखारा खाने से कुछ हार्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है, जो हड्डियों को बनाने का कार्य करते हैं।
आलू बुखारा से होता है बेहतर आयरन का बेहतर अवशोषण
बॉडी में आयरन के अवशोषण के संबंध में आलू बुखारी की क्षमता पर अनेकों अध्ययन प्रकाशित किए जा चुके हैं। इन अध्ययनों में पाया गया है कि आलू बुखारा बॉडी में आयरन के अवशोषण को बेहतर करता है। इसी विशेषता के कारण आलू बुखारा में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
ब्लड शुगर लेवल को करता है नॉर्मल
आलू बुखारा में घुलनशील फाइबर पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को सामान्य करते हैं। यह फाइबर पेट से भोजन के पाचन के लिए निकलने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। घुलनशील फाइबर इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ा देता है और जो टाइप 2 डायबिटीज के इलाज और इसकी रोकथाम में एक अहम भूमिका निभाता है।
आलू बुखारा में विटामिन-के, फॉफोरस, मैग्नीशियम और पोटैशियम होता है। हालांकि इन सभी अध्ययनों में इस संबंध में सकारात्मक साक्ष्य मिले हैं। जानवरों पर किए गए इन अध्ययनों में काफी उत्साहजनक नतीजे मिले हैं। अन्य फलों के मुकाबले आलू बुखारा हड्डियों को पहुंचने वाले नुकसान को रोकता है।
निष्कर्ष
अंत में हम यही कहेंगे कि आलू बुखारा आपकी हेल्थ के लिए विभिन्न प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। यदि आपको पहले ही कोई स्वास्थ्य समस्या है तो इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। यदि आप प्रेग्नेंसी में आलू बुखारा का सेवन करने की योजना बना रही हैं तो बिना चिकित्सा सलाह के इसका सेवन बिलकुल भी न करें। संभवतः आपको अन्य प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनकी जानकारी के आभाव में इसका सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
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