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आयुष्मान भारत योजना क्यों है लाभकारी, जानें बीमा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

आयुष्मान भारत योजना क्यों है लाभकारी, जानें बीमा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

आयुष्मान भारत योजना (ABY) या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत भारत सरकार की ओर से गरीब व्यक्तियों को हेल्थ इंश्योरेंस यानी स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। इस सेवा का लाभ देश के 50 करोड़ से ज्यादा लोग उठा रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर दिया जाता है। स्वास्थ्य सुरक्षा कवर यानी स्वास्थ्य बीमा देश के उन सभी परिवारों के लिए उपलब्ध है, जिनकी आमदनी अधिक नहीं है। इस स्कीम को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती (25 सितंबर) पर देशभर में लागू किया गया था। आयुष्मान भारत योजना का खर्चा देश की केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर उठा रही हैं। आयुष्मान भारत योजना का मुख्य उद्देश्य उन गरीबों को सेवा उपलब्ध कराना है,जो पैसे की तंगी की वजह से अपना इलाज नहीं करा पाते हैं। पांच लाख की राशि किसी भी गरीब व्यक्ति के लिए बड़ा अमाउंट है। ये योजना देश की बड़ी आबादी की समस्या के देखते हुई लाई गई है। अगर आपको इस योजना के बारे में जानकारी नहीं है ये आर्टिकल जरूर पढ़ें।

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कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस

आयुष्मान भारत योजना से लाभ पाने वाले लाभार्थियों को हॉस्पिटल में पैसे देने की जरूरत नहीं होती है। अगर व्यक्ति का हेल्थ इंश्योरेंस है तो हॉस्पिटल में उसे कैशलेस सुविधा मुहैया कराई जाएगी। गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों के लिए हॉस्पिटल में इलाज कराना सपना मात्र ही होता है। लेकिन आयुष्मान भारत योजना के तहत ऐसा संभव हो सकता है। देश में बड़ी संख्या में रह रहे गरीब लोगों के लिए आयुष्मान भारत योजना स्वास्थ्य के लिहाज से वाकई फायदेमंद स्कीम है। इस स्कीम के तहत देश के करीब 10 करोड़ परिवारों को शामिल किया गया है। देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों के 50 करोड़ लोग स्कीम की लाभ उठा रहे हैं।

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प्रीमियम भर सकते हैं आसानी से

आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति को 1000 रुपए से लेकर 1200 रुपए का वार्षिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। इस बात को ऐसे समझे कि गरीब व्यक्ति को अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा और बीमा कवरेज के लिए प्रतिमाह 100 रुपए बचाने की जरूरत है। सौ रुपए प्रतिमाह जमा करने के बाद व्यक्ति 5 लाख रुपए के इलाज के लिए पात्र हो जाता है। ये बीमा कवरेज केवल एक व्यक्ति के लिए नहीं होता है। बीमा कवरेज का लाभ पूरे परिवार को मिलता है। यानी एक परिवार में अगर पांच सदस्य हैं तो पांचों लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाएगा। घर के मुखिया को इस कवरेज के लिए हर माह 100 रुपए भरने होंगे। परिवार के किसी भी सदस्य को इस बीमा के साथ जोड़ा जा सकता है।

सरकारी और निजी चयनित अस्पताल में करा सकते हैं इलाज

आयुष्मान भारत योजना के तहत जो भी व्यक्ति हेल्थ इंश्योरेंस लेता है, वो देश के किसी भी सरकारी या निजी चयनित अस्पताल में इलाज करा सकता है। पात्र लोगों को उपचार से के दौरान हॉस्पिटल में एक भी रुपए देने की जरूरत नहीं है। इस स्कीम के तहत केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 60:40 के अनुपात से बीमा राशि साझा की जाती है। गरीब व्यक्ति के लिए अच्छे स्वास्थ्य के बारे में सोचना वाकई कठिन विषय लगता है। ऐसे में ये बीमा योजना भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सबसे अच्छे तरीके से लागू करने के लिए क्रांति ला रही है।

आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत ये सर्जरी हैं शामिल

आयुष्मान भारत योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दरों के साथ चिकित्सा उपचार प्रदान करती है। NHPM के तहत मेडिकल ट्रीटमेंट के रेट निम्न हैं,

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50 करोड़ लोगों को पहुंच रहा है लाभ

आयुष्मान भारत योजना के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस को भी मैनेज किया जाता है। आयुष्मान भारत योजन के तहत इनकम, ऐज और फैमिली साइज को लेकर कोई भी लिमिटेशन नहीं है। लाभार्थी को हेल्थ इंश्योरेंस के साथ ही ट्रांसपोर्ट अलाउंस भी दिया जाता है। ट्रीटमेंट पैकेज की कॉस्ट में कमी करके लाभार्थी को अधिक सुविधाएं मुहैया करायी जाती हैं। सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांव और शहरों में रह रहे गरीबों के लिए स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना है। SECC के लेटेस्ट डाटा के मुताबिक इस स्वास्थ्य सेवा का लाभ भारत देश के करीब 50 करोड़ लोग उठा रहे हैं।

आयुष्मान भारत योजना के लाभ

  • देश की 40 प्रतिशत जनता को लाभ
  • देश के सबसे गरीब और कमजोर वर्ग को हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा
  • प्रत्यके परिवार को पांच लाख का बीमा कवरेज
  • गरीब परिवारों को क्वालिटी हेल्थ और मेडिकेशन की सुविधा
  • फैमिली साइज का कोई भी रिस्ट्रिक्शन नहीं
  • टाइम से ट्रीटमेंट, गरीब लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार
  • लोगों के लिए रोजगार के अवसर का लाभ
  • मंहगे ट्रीटमेंट को सस्ता करने से बीमा कवरेज का अधिक लाभ
  • महीने की कम लागत में बीमा कवरेज का लाभ

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आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाने के लिए जानें जरूरी बातें

  • आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाने के लिए लाभर्थी को कुछ स्टेप फॉलो करने पड़ते हैं।
  • ऑपरेटर एबी पीएम-जेएवाई लिस्ट के माध्यम से कवर्ड पर्सन के बारे में जान सकता है।
  • नाम और लोकेशन के साथ ही राशन कार्ड नंबर या मोबाईल नंबर के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जाती है।
  • फैमिली आईडी के रूप में कुछ डॉक्युमेंट की जरूरत पड़ती है।
  • मेंबर की सरकारी सर्टिफिकेट लिस्ट
  • RSBY कार्ड में अपलोड की गई फोटो
  • पीएम लेटर में अपलोड किए जाने वाले सर्टिफिकेट

अगर इनमें से आपके पास कुछ भी उपलब्ध नहीं है तो राज्य सरकार अन्य आईडी के लिए स्वीकृति प्रदान कर सकता है।

  • व्यक्तिगत आईडी जिसमें कम से कम पिता / माता / पति / पत्नी का नाम आईडी के रूप में हो।
  • इसे राज्य योजना आकड़ों के अनुसार चेक किया जाता है।
  • सिस्टम के माध्यम से कॉन्फिडेंस स्कोर तैयार किया जाता है।
  • ऑपरेटर बीमा कंपनी को रिकॉर्ड भेजने का काम करता है।
  • इंश्योरेंस कंपनी की ओर से लाभार्थी को एडवाइज दी जाएगी।
  • ई-कार्ड को एबी पीएम-जेएवाई के तहत यूनिक आईडी के साथ लाभार्थी को दे दिया जाएगा। इस तरह भविष्य में लाभार्थी हेल्थ इंश्योरेंस का फायदा उठा सकता है।

आयुष्मान भारत योजना का निर्धारण कैसे किया जाएगा ?

आयुष्मान भारत योजना का निर्धारण SECC के आंकड़ों के अनुसार किया जाएगा। मेडिकल इंश्योरेंस के तहत SECC के आंकड़ों के हिसाब से ग्रामीण इलाके की आबादी को कैटेगरी के माध्यम से शामिल किए गए हैं। शहरी के साथ ही ग्रामीणवासियों को भी इस स्कीम से जोड़ा गया है।

  • ग्रामीण इलाके में कच्चा मकान, परिवार के वयस्क का होना या फिर परिवार के मुखिया का होना जरूरी है। अगर घर नहीं है तो भी कोई समस्या नहीं है।
  • अनुसुचित जाति/ जनजाति या दिहाड़ी मजदूर भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकता है।
  • साथ ही बेघर या फिर भीख मांगने वाले, आदिवासी आदि भी इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं।
  • शहरी इलाके में रहने वाले भिक्षुक, काम करने वाले मजदूर (घर बनाने व अन्य कंस्ट्रक्शन साइट में काम करने वाले) व अन्य कामकाजी व्यक्ति को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल सकता है।

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अगर बीमा करवाने के बाद कोई बीमार हो जाए तो ?

लोगों के मन में मुख्य रूप से से प्रश्न आता है कि अगर आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा करवा लिया है तो अब क्या करना होगा। अगर अचानक से बीमार पड़ गए तो कौन से अस्पताल जाना होगा। क्या हॉस्पिटल में एक भी पैसा नहीं लगेगा, या फिर बीमारी बड़ी होने पर क्या लाभ मिल पाएगा ? स्वास्थ्य बीमा लेने के बाद आपको जानकारी भी मुहैया कराई जाएगी। साथ ही ये भी बताया जाएगा कि आप बीमार होने पर किस अस्पताल में सुविधा प्रॉप्त कर पाएंगे। अगर आप किसी ग्रामीण इलाके में रहते हैं तो ऑपरेशन के लिए शहर के हॉस्पिटल में आकर भी इलाज करा सकते हैं। पैनल में कवर किए गए किसी भी हॉस्पिटल में सुविधा प्रॉप्त की जा सकती है।

मान लीजिए कि आपने कुछ समय पहले आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ इंश्योरेंस लिया। कुछ सालों बाद आपको घुटने की सर्जरी करानी हैं। आपने एक साल में हजार रुपए से 1200 रुपए तक जमा किए थे। अगर अब आप पैनल में शामिल अस्पताल में इलाज कराते हैं तो आपको कोई भी शुल्क देने की जरूरत नहीं है। पैनल में सरकारी के साथ ही निजी अस्पताल भी शामिल होते हैं।

आधार होता है प्राइमरी डॉक्युमेंट

अगर कोई भी व्यक्ति योजना का लाभ उठाना चाहता है तो उसके पास दस्तावेज यानी डॉक्युमेंट होना जरूरी होता है। परिवार सदस्य के लिए आधार कार्ड का होना जरूरी होता है, क्योंकि आधार को प्राइमरी आईडी माना जाता है। जब लाभार्थी यानी बेनेफिशरी कॉन्टेक्ट पॉइंट में आता है तो आधार कार्ड के क्यूआर कोड को स्कैन किया जाता है, या फिर ई-केवाईसी की जरूरत पड़ सकती है।

  • UIDAI की मदद से जानकारी की सत्यता को भी परखा जाता है।
  • मेंबर की फोटोग्राफ भी ली जाती है।
  • ई-कार्ड बनाने के लिए आईडी के साथ ही फोटोग्राफ का होना जरूरी होता है।
  • अगर संबंधित व्यक्ति के पास आधार कार्ड नहीं है तो उस व्यक्ति को बिना आधार कार्ड के एक बार इलाज करवाने की अनुमति होती है।
  • उस व्यक्ति को दोबारा आधार अप्लाई करने के लिए कहा जा सकता है।

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हेल्थ इंश्योरेंस ले रहे हैं तो ध्यान रखें ये बातें

हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। बेसिक हॉस्पिटलाइजेशन से लेकर क्रिटिकल इलनेस तक कई पॉलिसी को शामिल किया जाता है। अगर आप पहली बार हेल्थ इंश्योरेंस ले रहे हैं तो बेसिक हॉस्पिटलाइजेशन पॉलिसी को पहले लें। नेक्स्ट लेवल की प्रोटक्शन के लिए क्रिटिकल इलनेस और डिसीज स्पेसिफक पॉलिसी को लिया जा सकता है। हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी अन्य बातों को भी जानिए।

  • हेल्थ इंश्योरेंस के तहत अस्पताल में भर्ती पर खर्च जैसे कि कमरे का किराया, डॉक्टर की फीस आदि को शामिल किया जाता है। साथ ही डिसीज डायग्नोसिस के लिए भी लाभ मिलता है। जब भी हेल्थ पॉलिसी लें, एक बार सभी नियम व शर्तें जरूर पढ़ लें।
  • हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय ये बात ध्यान रखना जरूरी है कि पॉलिसी कब से शुरू हो रही है और कितनी अवधि तक चलेगी। कई हेल्थ पॉलिसी हमेशा के लिए भी होती है।
  • अगर आप चाहे तो पॉलिसी लेते समय एडिशनल कवर भी ले सकते हैं। जैसे कि इंटरनेशनल ट्रीटमेंट, मैटरनिटी और क्रिटिकल इलनेस को एड किया जा सकता है।
  • सर्जरी के लिए भी इंश्योरेंस ले सकते हैं। वैसे तो हॉस्पिटल में ज्यादातर सीरियस सर्जरी से कहीं ज्यादा वायरल इंफेक्शन, डायरिया या फिर डायजेस्टिव प्रॉब्लम का ट्रीटमेंट करवाते हैं। अगर आप सीरियस सर्जरी का इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो इंश्योरेंस भविष्य के लिए बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है। प्लान टाइप के हिसाब से सर्जरी कवर रहती हैं। ऐसे में सर्जरी की कॉस्ट के साथ ही ओवरऑल अस्पताल का खर्चा उसमे जुड़ेगा या फिर नहीं, इसकी जानकारी जरूर लें।

अगर चाहते हैं मैटरनिटी एक्सपेंस कवर करना ?

ऐसा नहीं है कि फिलहाल ही मैटरनिटी एक्सपेंस को हेल्थ इंश्योरेंस में कवर किया जा रहा  है। ये सुविधा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में पहले भी थी। लेकिन अब वेटिंग पीरियड को कम कर दिया गया है। कुछ पॉलिसी में वेटिंग पीरियड नौ महीने से भी कम है। क्लेम राशि तीन लाख के कवर के लिए 35,000 रुपए और पांच लाख के कवर के लिए 50,000 रुपए तक सीमित है। पॉलिसी तीन साल के लिए हो सकती है। यानी की आपको तीन साल तक के लिए प्रीमियम की राशि भरनी होगी। वैसे तो ये पॉलिसी 25,000 से 50,000 रुपए तक का एक्सपेंस कवर करती हैं। अगर आपका अलग से खर्चा हुआ तो आपको अपनी जेब से भरना पड़ेगा।

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विदेश में अगर करवाना चाहते हैं इलाज

वैसे तो क्रिटिकल डिसीज के ट्रीटमेंट में अपने ही देश में बहुत रुपए खर्च हो जाते हैं। अगर आपको लगता है कि हेल्थ इंश्योरेंस के दौरान अब्रॉड ट्रीटमेंट भी कवर होना चाहिए तो ये भी संभव हो सकता है। आप हेल्थ इंश्योरेंस में अब्रॉड ट्रीटमेंड कवर करवाने के बाद डेवेलप्ड कंट्रीज में इलाज करवा सकते हैं। विदेश में ट्रेवलिंग, फूड, अटेंडेंट एकोमडेशन के खर्चे के साथ ही बीमारी का खर्चा भी पॉलिसी में कवर किया जाता है। इंश्योर्ड प्लान 50 लाख से लेकर 60 लाख तक हो सकते हैं। वहीं कुछ कंपनीज इससे कम में भी प्लान ऑफर करती हैं। अपने एजेंट से बात करने के बाद ही हेल्थ इंश्योरेंस लें।

आयुष्मान भारत योजना के तहत कम लागत में अच्छा कवर पाया जा सकता है। अगर आप भी आयुष्मान भारत योजना के अंतरगर्त कवरिंग चाहते हैं तो नजदीकी अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही किसी भी प्रकार के हेल्थ इंश्योरेंस को लेने से पहले उसके बारे में जानकारी, अवधि और कवरेज के बारे में एजेंट से जरूर चर्चा करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

(Accessed on 10/1/2020)

Ayushman Bharat Yojana

https://ayushmanbharat.co.in/ayushman-bharat-yojana-registration-online/ 

About Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana

https://pmjay.gov.in/about-pmjay

10 million screened for common diseases under Ayushman Bharat scheme

https://www.hindustantimes.com/india-news/10-million-screened-for-common-diseases-under-ayushman-bharat-scheme/story-jRilUYWeolc7JQf9yCPLfL.html

47 lakh people got treatment in 1st year under Ayushman Bharat

https://timesofindia.indiatimes.com/india/47-lakh-people-got-treatment-in-1st-year-under-ayushman-bharat-scheme/articleshow/71246505.cms

Ayushman Bharat Scheme

https://www.gibl.in/government-scheme/ayushman-bharat-scheme.html

HEALTH INSURANCE BASICS

https://www.businesstoday.in/moneytoday/cover-story/tips-on-how-to-choose-the-best-health-insurance-policy-2015/story/215066.html

Current Version

11/05/2021

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Nikhil deore


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/05/2021

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