आज हर इंसान डिप्रेशन के शब्द से वाकिफ होगा। कभी खुद में तो कभी अपने आसपास के व्यक्ति में डिप्रेशन का कोई लक्षण महसूस किया होगा।
अक्सर कई लोग कहते हैं कि मैं डिप्रेशन से गुजर रहा हूं और हम जानकारी के अभाव में सोचते हैं कि इस व्यक्ति को बस थोड़ी टेंशन होगी, लेकिन वास्तव में डिप्रेशन व्यक्ति को हंसती-खेलती जिंदगी से दूर और मौत के करीब तक पहुंचाने वाली मानसिक समस्या है।
इसलिए आइंदा से अगर कोई आपसे कहे कि वह डिप्रेशन में है तो उसे हल्के में ना लें और उसकी इस मानसिक समस्या से निकलने में मदद करें। आप उन्हें डिप्रेशन से बचने और इसे दूर करने के उपायों के बारे में बताकर भी मदद कर सकते हैं।
आपको जान कर हैरानी होगी कि डिप्रेशन से ग्रस्त आशावादी व्यक्ति इस स्थिति से खुद को निकालने के लिए खुद अपनी मदद कर सकता है। डिप्रेशन से बचने के उपाय कहीं और नहीं बल्कि हमारे पास, हमारे दिन की शुरुआत के साथ ही मिलने लगते हैं, हमें बस जरूरत है तो इन्हें पहचानने की।
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डिप्रेशन (Depression) क्या है?
डिप्रेशन एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें व्यक्ति दिमागी रूप से थका, उदास, संवेदनहीन और उत्साह की कमी महसूस करता है। यूं तो इसके कई लक्षण होते हैं लेकिन इसमें उदासी का भाव सबसे ज्यादा हावी होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में अवसादग्रस्त लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। भारत की कुल जनसंख्या में 6.5 प्रतिशत लोग डिप्रेशन का शिकार हैं। डब्लूएचओ की रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि साल 2020 के अंत तक ये संख्या बढ़कर 20 प्रतिशत तक हो सकती है।
आमतौर पर डिप्रेशन का असर कई महीनों तक रहता है या कुछ मामलों में यह जल्दी ठीक भी हो जाता है। इसे डिप्रेशन एपिसोड कहा जाता है। ज्यादातर लोग जो डिप्रेशन के दौर से गुजरते हैं, उन्हें उस दौरान कई परिस्थितियों का अनुभव करना पड़ सकता है।
डिप्रेशन को अक्सर मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर कहा जाता है। आमतौर पर कोई नकारात्मक या दुखद घटना (जैसे किसी प्रियजन की हानि, या गंभीर और लंबे समय तक तनाव) डिप्रेशन का कारण बनती है। रोजमर्रा की जिंदगी से होने वाले तनाव के कारण डिप्रेशन नहीं होता है।
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डिप्रेशन के लक्षण क्या हैं?
जिस व्यक्ति को डिप्रेशन होता है, वह अक्सर इसे पहचान नहीं पाता है। अगर पहचान भी लेता है तो स्वीकार नहीं कर पाता है। ऐसे में उसके करीबियों की जिम्मेदारी है कि वे उनमें डिप्रेशन के लक्षण को देखकर और उस की पहचानकर जल्द से जल्द ट्रीटमेंट शुरू करवा दें। डिप्रेशन के लक्षण निम्न हो सकते हैं :
व्यवहारिक (Behavioral)
- खूब सोना या बिलकुल न सोना
- लोगों से मिलने से बचना
- नेगेटिव बातें करना
- खुशी के मौकों पर भी दुखी रहना
- चिढ़कर या झल्लाकर जवाब देना
- लोगों से अलग-थलग रहना
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सायकोलॉजिकल (Psychological)
- उदास रहना
- खुद को कोसते रहना
- निराशाजनक होना
- चिड़चिड़ापन
- आत्मविश्वास में कमी
- दुविधा में पड़े रहना
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फिजिकल (Physical)
- लगातार ज्यादा थकान रहना
- वजन अचानक बढ़ जाना या तेजी से कम हो जाना
- सिरदर्द और बदन दर्द की शिकायत करना
- मांसपेशियों में दर्द
- नींद की समस्या
- खाने की इच्छा न होना या बहुत ज्यादा खाना
डिप्रेशन से बचने के उपाय क्या हैं?
हैलो स्वास्थ्य ने डिप्रेशन से बचने के उपाय के बारे में वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के सर सुंदरलाल हॉस्पिटल के मनोचिकित्सक डॉ. जयसिंह यादव से बात की। डॉ. जयसिंह यादव बताते हैं कि “डिप्रेशन होना आजकल आम बात हो गई है। हर चार में से एक किशोर डिप्रेशन का शिकार है। जब खेलने-कूदने की उम्र में बच्चे ही डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं तो बड़े लोग तो जिम्मेदारियों के तले दबे हैं। डिप्रेशन के लक्षण नजर आने पर व्यक्ति को किसी मनोचिकित्सक के पास लेकर जाना चाहिए क्योंकि डिप्रेशन के लक्षणों के आधार पर साइकोलॉजिस्ट पहले इलाज करते हैं और जब लक्षणों पर काबू पा लिया जाता है तो व्यक्ति खुद ही डिप्रेशन से बचने के उपाय अपने पसंदीदा कामों को करके कर सकता है।”
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हर सुबह को ‘थैंक यू’ कहें
डॉ. जयसिंह यादव बताते हैं कि “डिप्रेशन से निकलना आसान नहीं होता है, लेकिन अगर ठान लिया जाए तो ये काम मुश्किल भी नहीं है। डिप्रेशन में किसी भी चीज से इंटरेस्ट खत्म हो जाता है। बस इसी खोए हुए इंटरेस्ट को वापस लाने के लिए हर नई सुबह को आप ‘थैंक यू’ कहें।
इस बात के पीछे का लॉजिक यह है कि आप सुबह को जब धन्यवाद देंगे तो आपके मन में ये सोच आएगी कि आज आप जो भी हैं एक नई सुबह के कारण हैं। इसके अलावा आप अपने से जुड़े सभी लोगों के प्रति भी कृतज्ञा दिखा सकते हैं, जिनके कारण आपकी जिंदगी आसान हुई है। इससे आपको अंदर से अच्छा फील होगा।
हर सुबह एक गोल सेट करें
एक आम व्यक्ति दिनभर के लिए कई काम करने का गोल सेट करता है। ऐसे में डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति के लिए एक साथ कई कामों को करने का गोल सेट करना कठिन हो सकता है। इससे वह और भी ज्यादा डिप्रेस्ड हो सकता है।
इस तरह के डिप्रेशन से बचने के उपाय में व्यक्ति को पूरे दिन में सिर्फ एक ही काम करना चाहिए। किसी एक प्रमुख काम का गोल सुबह ही सेट कर लें। फिर पूरे दिन उसी गोल को पूरा करने की कोशिश करें। ये गोल कुछ भी हो सकता है, जैसे- किताबें पढ़ना, खाना बनाना, सफाई करना आदि।
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खुद को कहें ‘आई लव माइसेल्फ’
खुद से प्यार करना और खुद पर भरोसा करना सबसे जरूरी है, जो कि डिप्रेशन से बचने के उपाय में से एक है। यदि आपको खुद से ही प्यार नहीं होगा और आप अपने पर भरोसा नहीं करेंगे तो कोई भी दूसरा व्यक्ति आप पर कैसे भरोसा करेगा? इसलिए खुद को दूसरों से कम आंकना बंद करें।
डिप्रेशन से बचने के उपाय का महत्वपूर्ण बिंदु है कि खुद को काबिल समझें और लगातार बेहतर बनाने की कोशिश करते रहें। सुसाइड या अपने आप को नुकसान पहुंचाने वाले विचार दिमाग में न लाएं। इसके लिए आप खुद को कहें ‘आई लव माइसेल्फ’।
अपने दोस्त के साथ बनाएं मॉर्निंग प्लान
दोस्त हर मर्ज की दवा हैं, ऐसा तो सुना ही होगा आपने। उनके साथ हम अपनी हर तकलीफ तो बांटते ही हैं साथ अपने हर गम को भूल भी जाते हैं। डिप्रेशन से निकलने में भी दोस्त आपके लिए दवा का काम कर सकते हैं।
डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति खुद को आइसोलेट और दुनिया से अलग कर लेता है जो कि उन्हें और अंधेरे कुएं में धकेलता है। अगर आप या आपका कोई जानकार व्यक्ति डिप्रेशन हों पर खुद को आइसोलेट कर लेता है तो अपने ठीक होने के दरवाजों को बंद कर रहा होता है।
आप लोगों से मिलेंगे तो डिप्रेशन कम होगा। आपके करीबी दोस्त डिप्रेशन से बचने के उपाय हैं। रोज शाम को अपने दोस्त के साथ अगली सुबह का प्लान बनाएं और कुछ क्रिएटिव करें। अपने दोस्त के साथ मॉर्निंग वॉक पर जाएं। किसी स्पोर्ट्स में हिस्सा लें या दोस्त के साथ खेलें।
सोशल एक्टिविटी में भाग लें
जब आप डिप्रेशन में होते हैं तो हर किसी से हर तरह से दूरी बनाना पसंद करते हैं। सोशल एक्टिविटीज डिप्रेशन से निकलने में आपकी मदद कर सकती हैं।
अकेले-अकेले रहकर आप और भी गंभीर मानसिक विकारों से ग्रसित हो सकते हैं। इसलिए कोशिश करें कि लोगों के बीच में रहें और अपने दिमाग को व्यस्त रखें। डिप्रेशन दिमाग का ही खेल है और आप जितना जल्दी दिमाग को बहलाना सीख जाएंगे, उतना जल्दी इस बीमारी से निकाल जाएंगे।
सुबह की धूप में है डिप्रेशन से बचने का उपाय
सुबह की धूप ब्रेन में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाती है जिससे आपका मूड अच्छा होता है। इसलिए जब भी समय मिले सुबह की धूप लेने बैठ जाएं। कम से कम 15 मिनट धूप में रहें। धूप भी डिप्रेशन से बचने के उपाय में मददगार साबित हो सकती है।
ये ना समझें कि डिप्रेशन कुछ महीनों में अपने आप ठीक हो जाएगा। इसके लिए डॉक्टर की मदद ली जा सकती है। दवा, थेरेपी, योग और मेडिटेशन से आप जल्दी ठीक हो सकते हैं। इस काम में होम्योपैथी दवा भी मददगार साबित हो सकती है।
इस तरह आप डिप्रेशन से लड़ सकते हैं या इस परेशानी से जूझ रहे व्यक्ति की मदद कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है।