मिथक- आपका पार्टनर यदि आपको प्यार करना चाहता है तो उसे आपकी मर्जी जानने या सहमति की जरूरत नहीं है, क्योंकि आपके शरीर पर उसका हक बनता है।
सच्चाई- आपके शरीर पर सिर्फ आपका हक है किसी और का नहीं और आपको ना बोलने का पूरा अधिकार है, भले ही सामने आपके पति ही क्यों न हों।
शॉर्ट ड्रेस पहनने वाली लड़कियां आसानी से इंटीमेट हो सकती हैं
मिथक- छोटे कपड़े पहनने वाली लड़कियां सेक्स को लेकर बहुत खुली होती हैं और आसानी से इंटीमेट हो सकती हैं। छोटी स्कर्ट पहनकर वह मर्दों को उन्हें घूरने और छूने के लिए उकसाती हैं। सेक्स और महिलाओं को लेकर लोगों की सोच आज भी महिलाओं के कपड़ों पर अटकी है।
सच्चाई- किसी महिला को उसके कपड़ों के आधार पर जज करना बिल्कुल गलत है। कपड़ों का सेक्शुअल बिहेवियर से कोई लेना देना नहीं होता। महिलाएं अपनी पंसद और कंफर्ट के हिसाब से कपड़े पहनती हैं, इसलिए उनके कपड़ों के आधार पर उन्हें जज करने की गलती न करें।
मिथक – मेनोपॉज के कारण महिलाओं में कामेच्छा में कमी आती है। सेक्स और महिलाओं से जुड़ा यह मिथक भी काफी प्रचलित है।
सच्चाई – यह सच है कि मेनोपॉज के कारण महिलाओं की कामेच्छा कम हो जाती है या कई महिलाओं के लिए यह बिल्कुल खत्म भी हो जाती है। लेकिन, सभी महिलाओं के केस में ऐसा नहीं होता है। वहीं महिलाओं में कुछ थोड़े बदलाव देखने को मिलते हैं। कई अध्ययनों में तो यह तक सामने आया है कि कुछ महिलाओं में मेनोपॉज के बाद कामेच्छा और बढ़ गई है। मोनोपॉज का अनुभव व्यक्तिगत तौर पर अलग-अलग हो सकता है। जबकि कुछ महिलओं के अनुभवों में समानताएं हो सकती हैं। लेकिन, हर महिला के लिए यह अलग-अलग हो सकता है।
मिथक- महिलाओं के लिए वजायनल हेल्थ केवल सेक्स से ही जुड़ी है,