“और भी दुख हैं जमाने में महोब्बत के सिवा”….जब भी टूटे दिल का जिक्र होता है तो, सबसे पहले महोब्बत में तबाह हुए दर्दे दिलों का ही नाम जहन में आता है। पर हर वह कारण जो दिल में खालीपन भर दे और आपमें तनाव की गंभीर स्थिति पैदा कर दे टूटे दिल का कारण हो सकता है। मेडिकल भाषा में इस टूटे दिल को ‘ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम’ (Broken Heart Syndrome) कहते हैं। कई मामलों में यह मौत का कारण भी बन सकती है। इसलिए जिंदगी में कितनी भी गंभीर स्थिति हो दिल को उल्लू
बनाए रखना जरूरी है। उससे कहते रहिए आल इज वेल।
क्या है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome)
तनाव भरी स्थिति के कारण ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम होता है। किसी बड़ी सर्जरी या शारीरिक बीमारी के कारण भी यह सिंड्रोम हो सकता है। इससे ग्रसित लोगों को सीने में दर्द (Chest pain) या हार्ट अटैक (Heart attack) जैसी स्थिति महसूस हो सकती है। इसमें अस्थायी तौर पर दिल का कोई हिस्सा सही से काम करना बंद कर देता है या सामान्य मात्रा से तेज धड़कने लगता है। माना जाता है कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome) स्ट्रेस हार्मोनस् में आए बदलाव के कारण भी हो सकता है।
अन्य नामों से भी जाना जाता है
जपान के एक ओक्टोपस के आकार का दिखने के कारण इसे टाकोसूबू कार्डियोमायोपैथी (Takotsubo cardiomyopathy) भी कहते हैं। इसके अलाव सिंड्रोम को एपिकल बलूनिंग सिंड्रोम (apical ballooning syndrome) या स्ट्रेस कार्डियोमायोपेथी या (stress cardiomyopathy) भी कहते हैं।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम ((Broken Heart Syndrome) कितना सामान्य है?
नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टिट्यूट के अनुसार अमेरिका में साल 2007 में 1.2 मिलियन लोगों में मायोकार्डियल इन्फ्रेक्शन की समस्या देखने को मिली। इनलोगों में 1 प्रतिशत लोगों में हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम की समस्या थी।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome) से सबसे ज्यादा कौन पीड़ित होता है?
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम से पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा पीड़ित होती हैं। दिल से जुड़ी कोई बीमारी न होने की स्थिति में भी ब्रोकन हार्ट हो सकता है।
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हार्ट अटैक (Heart Attack) और ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome) में अंतर
हार्ट अटैक हार्ट अर्टरी के पूरी तरह काम करने के बंद होने वाली या करीब करीब बंद होने वाली स्थिति को कहते हैं। हार्ट आर्टरी में यह ब्लॉकेज ब्लड क्लॉटिंग की वजह से होता है। वहीं ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में किसी तरह की ब्लॉकेज नहीं होती। इसमें दिल में खून के बहाव में कमी आ जाती है।
ब्रोकन हार्ट (Broken Heart) क्यों होता है
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम क्यों होता है अभी तक यह बात साफ नहीं है। माना जाता है कि स्ट्रेस हार्मोन जैसे कि एड्रिनलिन (adrenaline) कुछ लोगों में अस्थायी तौर पर हार्ट पर बुरा प्रभाव डालता है। यह हार्मोन ही सही रूप में जिम्मेदार हैं या कोई अन्य कारण है इसकी जानकारी अभी नहीं है। ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome) के मुख्य कारण भावनात्मक या शारीरिक माने जाते हैं।
इन स्थितियों को कह सकते हैं वजह
- प्रेम संबंधों में दिल का टूटना
- किसी बहुत ही करीबी व्यक्ति की अचानक मौत हो जाना
- अस्थमा अटैक (Asthma attack) आना
- परिवार में चल रहा तनाव (Stress) भी कारण हो सकता है
- शरीर को बेहद थका देने वाला शारीरिक परिश्रम
- कई बार हद से ज्यादा खुशी भी दिल सह नहीं पाता
- किसी प्रकार की सर्जरी या मेडिकल डायग्नोसिस से डर
- नौकरी से निकाल दिए जाने पर
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कुछ दवाओं के कारण भी यह स्थिति पैदा हो सकती है
- इपिनेफ्रिन (Epinephrine) (EpiPen, EpiPen Jr.) अस्थमा की बीमारी या गंभीर एलर्जी की समस्या में इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है।
- ड्ूयलोक्सटिन (Duloxetine) (Cymbalta) डायबिटिज के मरीजों नर्व से जुड़ी समस्या में दी जाती है या तनाव के उपचार में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
- वेनलाफेक्सिन (Venlafaxine) (Effexor XR) तनाव के उपचार के लिए।
- लिवोथाइरोक्सिन (Levothyroxine) (Synthroid, Levoxyl) जिन लोगों का थाइरोयड ग्लैंड सही से काम नहीं करता उन्हें दी जाती है।
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लगभग लगभग हार्ट अटैक से मेल खाते हैं इसके लक्षण
यदि सीने में लगातार दर्द हो रहा तो यह हार्ट अटैक की स्थिति भी हो सकती है। यदि आपके सीने में रह रह के दर्द उठ रहा हो। सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही हो। इन सभी स्थितियों में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- सीने में दर्द (Chest pain) महसूस होना
- सांस लेने में कमी या परेशानी होना
- दिल का असाधारण तरह से धड़कना
- लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure) की स्थिति होना
इन ऊपर बताये गए लक्षणों से ब्रोकन हार्ट की परेशानी समझी जा सकती है। वैसे तनाव की स्थिति होने पर ब्रोकन हार्ट (Broken Heart) की समस्या हो सकती है। इसलिए ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। तनाव (Stress) को कभी भी इग्नोर न करें। आप चाहे तो अपने किसी जानकार या भी दोस्त से भी इस बारे में बात कर सकते हैं। ये सत है कि अपनी परेशानी किसी को बता देने से मन हल्का हो जाता है। ऐसा करने से आप डिप्रेशन की समस्या से भी बच सकते हैं।
किनके लिए है ज्यादा खतरा
महिलाओं और 50 वर्ष पार करने वाले व्यक्तियों में यह सिंड्रोम ज्यादा प्रभाव डालता है। जिन लोगों में न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर (neurological disorders) जैसे कभी सर पर चोट आना, सीजर डिसआर्डर (Seizure disorder) होते हैं। यदि पहले कभी कोई मानसिक रोग जैसे एनजाइटी (Anxiety) या डिप्रेशन (Depression) से गुजरा है या गुजर रहा है। ऐसे लोगों में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome) का खतरा बढ़ जाता है।
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क्या है उपचार ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome) का ?
पहले यदि आपके साथ ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome) की स्थिति पैदा हुई है, तो आगे भी हो सकती है। इससे बचने के लिए कोई मान्य थेरेपी नहीं है। कई डॉक्टर लंबे समय के लिए बेटा ब्लॉकर (Beta blockers) या दवाएं देते हैं, जिनसे कि दिल को नुकसान पहुंचाने से स्ट्रेस हार्मोन (Stress hormone) को रोका जा सकता है। जिंदगी में तनाव ही तनाव लेंगे तो, जिंदगी तनाव से ही भरी रहेगी। चाहे सबकुछ बुरा ही क्यों न दिख रहा हो उस बुरे को छोड़कर कुछ अच्छा देखने की कोशिश करनी चाहिए। अच्छा लाइफ स्टाइल और मेडिटेशन से भी स्थिति को काबू में किया जा सकता है।
अगर आपको दिल से जुड़ी कोई परेशानी है, तो आप डॉक्टर से निम्नलिखित सवाल पूछ सकते हैं। इन सवालों में शामिल है-
तनाव (Stress) किस तरह दिल (Heart) को नुकसान पहुंचा सकता है?
- स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी क्या है?
- क्या स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी खतरनाक है?
- स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी के लक्षण क्या हो सकते हैं?
- अचानक से होने वाले तनाव की वजह से हृदय की मांसपेशियों को कितना नुकसान पहुंच सकता है?
- क्या स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी और हार्ट अटैक में अंतर है?
- स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी का खतरा सबसे ज्यादा किसे हो सकता है?
अगर आप ब्रोकन हार्ट से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। उपरोक्त दी गई जानकारी एक्सपर्ट की सलाह नहीं है। अगर आपको भी उपरोक्त दिए गए लक्षण नजर आते हैं तो एक बार विशेषज्ञ से जरूर मिले।
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