वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार, समय से पहले होने वाली मौतों में 80% लोगों की मौत हृदय रोग के कारण होती है। दुनिया में लाखों लोग दिल संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में दिन प्रित दिन हृदय रोग का खतरा (Risk factor of Cardiovascular disease) बढ़ रहा है। हर पांच में से एक इंसान हृदय रोग से ग्रसित है। हृदय रोग का खतरा या हार्ट अटैक को सबसे बड़ी और गंभीर बीमारी माना जाती है।
द लेंसेट स्टडी (The Lancet study) के अनुसार, भारत में कार्डियोवैसक्यूलर डिजीज (Cardiovascular disease) तेजी से पैर पसार रही है। जहां 1990 में 25.7 मिलियन लोग इस बीमारी की चपेट में थे वहीं 2016 में ये आंकड़ा बढ़कर 54.5 मिलियन हो गया, जो वाकई चिंता की बात है। केरल, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा और पश्चिम बंगाल में ये आंकड़े तेजी से बढ़े हैं।
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हृदय रोग के खतरे से बचने के लिए फॉलो करें एक्सपर्ट की राय
“इस बारे में फोर्टिस अस्पताल, कल्याण के डॉ. जाकिया खान, हृदय रोग विशेषज्ञ ने हैलो स्वास्थ्य को बताया कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। ये हमें तमाम बीमारियों से सुरक्षा कवच प्रदान करता है। ओवरवेट होने पर कई बीमारीयों के शिकार हो जाते हैं जैसे कि हृदय रोग, श्वांस-प्रणाली की समस्याएं, हाइपरटेंशन की समस्या, डायबिटीज आदि की चपेट में आ सकते हैं। जब बात दिल की हो तो आपका वजन मेंटेन होना बेहद जरूरी है। रिपोर्ट्स की माने तो, अगर आपका वजन सामान्य वजन से 20% अधिक है खासतौर पर अगर आपके पेट पर चर्बी है तो ये कारण हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाता है। वजन ज्यादा होने के पीछे कई सारे कारण जैसे जेनेटिक्स, वातवरण, कमजोर मेटाबॉलिज्म और बुरी आदते आदि। हृदय रोग का खतरा और दिल संबंधित परेशानियों के कुछ जोखिम कारकों को हम नहीं बदल सकते लेकिन, हम अपनी आदतों में कुछ बदलाव जरूर कर सकते हैं।
मांसपेशियों, वसा और हड्डियों में अतिरिक्त वजन होना ओवरवेट है। मोटापे का मूल्यांकन करने के लिए नियमित बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) चेकअप करना बेहद जरूरी है। हमारे शरीर में सामान्य से ज्यादा बॉडी मास इंडेक्स कम उम्र में भी दिल के रोगों का खतरा रहता है। मोटे व्यक्ति में दिल संबंधित जरूरते ज्यादा होती हैं। इसके लिए बड़ी मात्रा में रक्त पंप करना पड़ता है। समय के साथ कुछ लोगों में उनका दिल ये पूर्ति नहीं कर पाता और आखिर में शरीर बाकी के हिस्सों में रक्त पंप करने की अपनी क्षमता को खोना शुरू कर देता है। ओवरस्ट्रेस होने पर ये हार्ट फेल का कारण बनता है।
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1. हृदय रोग का खतरा: एक बार में हैवी डायट न लें
आप क्या खा रहे हैं इसी के साथ इस बात पर भी ध्यान दें कि आप किस मात्रा में खा रहे हैं। कभी भी एक बार में हैवी डायट लेने से बचना चाहिए। इसी लिए डॉक्टर छोटे-छोटे मिल की सलह देते हैं। अपनी प्लेट में ज्यादा खाना लेना और उसे पेट भरने के बाद भी खाते रहना जरुरत से ज्यादा कैलोरी लेना होता है। इसे कंट्रोल करने के लिए प्लेट में कम मात्रा में खाना लें। लो कैलोरी, न्यूट्रिएंट्स से भरपूर सब्जियों और फलों को ज्यादा मात्रा में खाएं। हाई कैलोरी फूड, हाई सोडियम फूड का कम से कम मात्रा में सेवन करें। इस टिप को फॉलो करने से आपकी वेस्ट लाइन खुद-ब-खुद शेप में आ जाएगी।
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2. हृदय रोग का खतरा: अपनी डायट में सोडियम को करें कम
सोडियम की अधिक मात्रा लेना ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है, जिससे हृदय रोगों के होने का खतरा बढ़ता है। डायट में नमक कम करना भी बेहद फायदेमंद है। खाने में कभी भी ऊपर से नमक न डालें। खाने को पकाते समय नॉर्मल नमक जाएगा। सैलेड, बटर मिल्क, पापड़ में ऊपर से नमक का प्रयोग न करें। प्रोसेस्ड फूड जैसे फ्रोजन सूप और सब्जियों में जो नमक होता है वो हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। फ्रेश खाना खाने की कोशिश करें। अपना सूप खुद बनाएं और इसमें नमक को कम मात्रा में प्रयोग करें। ऐसा करने से हृदय रोग का खतरा कम होता है।
3. हृदय रोग का खतरा: लो फैट प्रोटीन युक्त खाने को करें डायट में शामिल
फीश, लीन मीट, लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स और अंडे प्रोटीन के स्त्रोत हैं। लो फैट फूड को चुनने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें। जैसे जब आप दूध खरीद रहे हैं तो फूल क्रीम की जगह लो फैट दूध लें। फ्राइड चिकन की जगह चिकन ब्रेस्ट का सेवन करें। मटर, बींस और दाल भी प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत है। इनमें फैट कम होता है और कोलेस्ट्रॉल नहीं होता। आप मीट से मिलने वाले प्रोटीन की जगह वेज चीजों को भी डायट में शामिल कर सकते हैं। जैसे हैमबर्गर की जगह सोयाबीन बर्गर लें। ये शरीर में फाइबर की मात्रा बढ़ाने के साथ फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करेगा ।
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4. हृदय रोग का खतरा: अनहेल्दी फैट और शुगर की मात्रा को करें कम
अपनी डायट में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट को कंट्रोल करना बहुत फायदेमंद साबित होगा। ये बल्ड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम कर हृदय रोगों के खतरे को कम करता है। अगर शरीर में बल्ड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है तो इसका सीधा असर धमनियों के निर्माण पर पड़ता है जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) कहा जाता है। ये स्ट्रोक और हार्ट अटैक होने की संभावना को बढ़ाता है। जंक फूड में सोडियम, आर्टिफीशियल फूड कलर, छुपी हुई कैलोरी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इनका स्वाद भले ही आपको बहुत अच्छा लगता हो लेकिन ये आपका वजन तेजी से बढ़ाते हैं। लंबे समय तक जंक फूड को खाने से हृदय रोग, अंधापन, किडनी संबंधित परेशानी आदि होने का खतरा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि धमनियों में चर्बी की मात्रा अधिक होने से ब्लॉकेज आ जाते हैं जो हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार होता है।
5. हृदय रोग का खतरा: वजन कम करने के लिए करें एक्सरसाइज
अत्यधिक फैट को कम करने के लिए रोजाना आधे से एक घंटे तक रोजाना एक्सरसाइज करें। हर दिन कम कैलोरी वाला खाना खाने के साथ ज्यादा से ज्यादा कैलोरी बर्न करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए आप साइकलिंग, जॉगिंग, स्वीमिंग, डांसिंग और स्किपींग कर सकते हैं। हफ्ते में कुछ दिन इन एक्सरसाइज को करने से आप अपने वजन को मेंटेन कर पाएंगे।
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6. हृदय रोग का खतरा: बेरिएट्रिक सर्जरी
आज के समय में मोटापा और उससे बढ़ता हृदय रोग का खतरा एक कड़वा सच है। हर तीसरा इंसान इससे ग्रसित है। मोटापे से टाइप 2 डायबिटीज होना बहुत आम है, जो एक गंभीर समस्या है। जब सब कुछ करके भी आपका वजन कम न हो तो आप अपने डॉक्टर से बेरिएट्रिक सर्जरी जिसे मेटाबॉलिक सर्जरी भी कहा जाता के लिए कह सकते हैं। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि वजन कम करने वाली बेरिएट्रिक सर्जरी से टाइप-2 मधुमेह का खतरा कम हो सकता है। जो तमाम कोशिश करने के बाद भी मोटापे को मात नहीं दे पा रहे हैं ये उन लोगों के लिए अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेस्ट ऑप्शन है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
जानें क्या है फायदेमंद
हृदय रोग का खतरा: ड्राड फ्रूट्स
दिल की बीमारियों से बचे रहने के लिए जरूरी है कि आप अपने डायट में ड्राय फ्रूट्स को भी शामिल करें। इसमें बहुत सारे ऐसे पोषक तत्व पाए जाते है, जोकि हार्ट की रक्षा करते हैं। जिसमें शामिल है अखरोट भी। अखरोट में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने का गुण पाया जाता है। जो हृदय रोग के मुख्य कारणों में से एक है। इसलिए यदि आप अखरोट को अपनी डायट में शामिल करते हैं तो आपको दिल की बीमारियों के अलावा और भी कई शरीरिक समस्याओं से आराम मिलेगा। इसके अलावा और भी ड्राय फ्रूट का सेवन कर सकते हैं। इसमें बीटा ग्लूकन होता है, जोकि कोलेस्ट्राॅल को कम करने में मदद करते हैं।
हृदय रोग का खतरा: विटामिन सी फ्रूट्स
स्वस्थ दिल के लिए विटामिन सी वाले फूड लेना बहुत जरूरी है, जैसे कि नीबू, मौसमी, संतरा और आंवला आदि। इसे आप रोजाना किसी न किसी रूप में अपनी डायट में शामिल करें। ये एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, इसमें विटामिन सी होता है, जोकि दिल की बीमारियों को कम करने में मददगार है। ये हार्ट डिजीज के अलावा कई प्रकार के त्वचा रोग के बचाने के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।
हृदय रोग का खतरा: अलसी के बीज
हार्ट के अलावा अगर और भी कई तरह की बीमारियों से बचना चाहते हैं तो अपने सुबह के नाश्ते में फ्लैक्स सीड को शामिल करें। ये आपके स्वस्थ हृदय के लिए जरूरी आहारों में से एक है। दरअसल फ्लैक्स सीड में ओमेगा 3 एसेंशियल फैटी एसिड पाया जाता है जिसे एक गुड फैट के रूप में माना जाता है। अलसी के बीज के अपने भी कई फायदे हैं, ये डायबिटीज वालों के लिए भी फायदेमंद है। इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड सीधे तौर पर दिल को जरूरी पोषक तत्व पुहंचाता है। यह ब्लड प्रेशर और वेट लाॅस में भी काफी प्रभावकारी है।
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