मेंस्ट्रुअल सायकल को पीरियड्स, माहवारी, रजोधर्म, मासिक धर्म आदि कई नामों से जाना जाता है। 10 से लेकर 13 साल की उम्र की लड़कियों में मासिक धर्म शुरू की शुरुआत हो जाती है। अधिकतर महिलाओं का मेंस्ट्रुअल सायकल 28 दिनों का होता है और पीरियड्स चार से सात दिनों तक रहते हैं। इस दौरान पेट दर्द, ब्लोटिंग, थकावट आदि समस्याएं होना सामान्य हैं। असामान्य मेंस्ट्रुएशन में हैवी ब्लीडिंग, क्रैम्प्स या अन्य परेशानियां भी हो सकती हैं। कुछ महिलाएं मेंस्ट्रुअल ब्लड में क्लॉट्स यानी थक्के भी नोटिस कर सकती हैं। मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) होना कोई असामान्य बात नहीं है, लेकिन कुछ स्थितियों में गंभीर हो सकता है। जानिए, किन स्थितियों में मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) सामान्य नहीं है और पाइए अन्य जानकारी।
मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स क्या है? (What are Menstrual Clots)
किन स्थितियों में मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स सामान्य नहीं है, इससे पहले जानना जरूरी है कि मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स क्या है। सामान्य भाषा में जब शरीर में कहीं चोट लगी हो और घाव के भरने के बाद थक्के के जम जाने को ब्लड क्लॉट्स कहा जाता है। यह क्लॉट्स देखने में ब्राइट या लाइट किसी भी रंग के हो सकते हैं बड़े क्लॉट्स काले रंग के भी दिख सकते हैं। ऐसे ही मासिक धर्म में भी क्लॉट्स हो सकते हैं। मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) ब्लड सेल्स, यूटरस की लाइनिंग के टिश्यू और खून में प्रोटीन का मिश्रण है, जो ब्लड फ्लो को रेगुलेट करने में मदद करता है। कुछ मेडिकल स्थितियां अधिक बड़े ब्लड क्लॉट्स के साथ ही हैवी मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग और पीरियड पैन का कारण बन सकती हैं।
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अगर आप मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) को लेकर चिंतित हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। ब्लड क्लॉट्स मासिक धर्म का प्राकृतिक हिस्सा है लेकिन, यह कई बार हेल्थ कंडीशन की तरफ इशारा भी हो सकता है।
मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स कब होते हैं? (When are Menstrual Clots formed?)
क्लॉट्स तब होते हैं, जब गर्भाशय की लाइनिंग शेड में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है। तो गर्भाशय या योनि में खून जमना शुरू हो जाता है, जैसे एक खुली त्वचा पर होता है। मेंस्ट्रुअल ब्लड की कंसिस्टेंसी पीरियड के दौरान बदल सकती है। महिलाएं किसी महीने में कम मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) के साथ हैवी फ्लो अनुभव करती है तो दूसरे महीने बिना क्लॉट्स के लाइट फ्लो का अनुभव कर सकती है। यह भिन्नता स्वाभाविक है और आहार और जीवन शैली कारकों के कारण यह परिवर्तन हो सकते हैं।
मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स के कारण (Causes of Menstrual Clots)
अधिकांश महिलाएं हर 28 से 35 दिनों में अपने यूटराइन लायनिंग को छोड़ती हैं। गर्भाशय की इस लायनिंग को एंडोमेट्रियम (Endometrium) भी कहा जाता है। एक फीमेल हॉर्मोन एस्ट्रोजन की वजह से पूरे महीने एंडोमेट्रियम बढ़ता और थिक होता है। जब गर्भाशय या पेल्विस की लायनिंग के टिश्यू पर एंडोमेट्रियल टिश्यू बनने लगते हैं तो उसे एंडोमेट्रियोसिस कहा जाता है। एंडोमेट्रियोसिस मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स का एक कारण है। मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) के मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)
एंडोमेट्रियोसिस को गर्भाशय के बाहर एंडोमेट्रियल टिश्यू के विकास के लिए जाना जाता है, जिससे भारी मासिक धर्म, अधिक दर्द और क्लॉट्स हो सकते हैं। हालांकि, यह विकार किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन, 30 और 40 की उम्र के बीच की महिलाओं में अधिक होता है।
गर्भपात (Miscarriage)
मासिक धर्म के दौरान ब्लड क्लॉट्स यानी मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स का गर्भावस्था के पहले तिमाही में होना गर्भपात की तरफ इशारा हो सकता है, खासकर अगर रंग थोड़ा पीला या भूरा हो। अगर ऐसा है तो आपको तुरंत उपचार की जरूरत हो सकती है।
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मायोमा (Myoma)
मायोमा गर्भाशय की भीतरी दीवार में होने वाला बिनाइन ट्यूमर है जो आमतौर पर गर्भाशय में दर्द, क्लॉट्स के साथ भारी मासिक धर्म आदि लक्षणों का कारण बन सकता है।
एनीमिया (Anemia)
एनीमिया यानी शरीर में आयरन की कमी भी मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) का कारण हो सकता है क्योंकि आयरन की कमी से खून क्लॉट्स में बदल सकता है। जिससे मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) बनते हैं।
अन्य बीमारियां जो एंडोमेट्रियम को प्रभावित करती हैं (Other Diseases that Affect the Endometrium)
एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया (endometrial hyperplasia) जैसे अन्य एंडोमेट्रियल रोग, जो एंडोमेट्रियम, या एंडोमेट्रियल पॉलीप्स को बढ़ा सकते हैं। इसके कारण भी मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) बनते हैं।
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विटामिन और मिनरल डेफिशियेंसी (Vitamin and Mineral Deficiency)
विटामिन और मिनरल डेफिशियेंसी भी मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) बनने का कारण हो सकते हैं जैसे विटामिन C या K की कमी।
मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स सामान्य हैं या नहीं? (Menstrual Clots are normal or not)
अगर मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) छोटे हैं और कभी-कभी ब्लीडिंग में आ रहे हैं तो यह समान्य हैं। आपकी नसों में बनने वाले थक्के के विपरीत, मासिक धर्म के थक्के खतरनाक नहीं होते हैं। लेकिन, नियमित रूप से पीरियड में क्लॉट्स आना किसी मेडिकल स्थिति की तरफ संकेत हो सकता है। अगर आपको हैवी मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग हो या क्लॉट्स का आकार बड़ा हो, तो डॉक्टर से सलाह जरूरी है। अगर आप गर्भवती हैं या आपके शुरुआती महीने चल रहे हैं और आप ब्लीडिंग के साथ क्लॉट्स महसूस करें तो यह गर्भपात का संकेत हो सकता है।
मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स किन स्थितियों में गंभीर हो सकते हैं?
अगर आपको नियमित रूप से मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) हो रहे हों और यह क्लॉट्स आकार में बड़े हों तो यह गंभीर स्थिति हो सकती है। हैवी मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग और क्लॉट्स से जुडी सबसे बड़ी जटिलता है: आयरन की कमी यानी एनीमिया। यह स्थिति तब पैदा होती है, जब खून में पर्याप्त आयरन नहीं बन पाता है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं
- थकावट (Fatigue)
- कमजोरी (Weakness)
- पीलापन (Paleness)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
- छाती में दर्द (Chest Pains)
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मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स का निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment of Menstrual Clots)
असामान्य मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) की समस्या के निदान के लिए डॉक्टर इसके लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही आपकी शारीरिक जांच की जा सकती है। आपको खून और इमेजिंग टेस्ट्स के लिए भी कहा जा सकते हैं। इस समस्या का सही कारण जाने के बाद ही उपचार में मदद मिल सकती है। इसके उपचार के लिए डॉक्टर इन तरीकों की सलाह दे सकते हैं। अगर डॉक्टर को लगता है कि आपके शरीर में खून की कमी है या आपको एनीमिया है, तो डॉक्टर आपको आयरन सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं। इस समस्या के उपचार के लिए आपको निम्नलिखित तरीके सुझाए जा सकते हैं:
- हाइड्रेटेड रहें। अधिक से अधिक पानी पीएं।
- एस्पिरिन न लें। इसे लेने से ब्लीडिंग बदतर हो सकती है।
- हेल्दी आहार लें। जिसमें आयरन रिच फूड (Iron Rich Food) शामिल हो।
- रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करें।
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- डॉक्टर मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) के उपचार के लिए हार्मोनल मेडिकेशन्स की राय दे सकते हैं। जिससे आपको हार्मोन्स को बैलेंस करने और हैवी ब्लीडिंग को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
- इसके साथ ही डॉक्टर आपको बर्थ कंट्रोल मेथड्स का प्रयोग करने या बदलने की सलाह भी दे सकते हैं। प्रोजेस्टिन युक्त अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (Intrauterine Devices) ब्लड फ्लो को कम कर सकते हैं, और कुछ बर्थ कंट्रोल पिल्स भी मददगार साबित हो सकती हैं।
- डॉक्टर पीरियड्स के दौरान नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Nonsteroidal Anti-Inflammatories) लेने के लिए कह सकते हैं, जो लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं जैसे क्रैम्पिंग, दर्द और बेचैनी। नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स अधिक ब्लीडिंग को कम करने में मददगार हैं।
- जो लोग हार्मोन उपचार का उपयोग नहीं करना चाहते हैं वे इनकी जगह ब्लड क्लॉटिंग को कंट्रोल करने वाली दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं। इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
क्या हैवी मेंस्ट्रुअल पीरियड्स और मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स के लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है?
हैवी मेंस्ट्रुअल पीरियड्स और मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) रोजाना के जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। इसके कारण क्रैम्पिंग और थकावट भी हो सकती है। इनके कारण आपके लिए शारीरिक रूप से एक्टिव रहना भी मुश्किल हो सकता है। ऐसे में इन लक्षणों को मैनेज करने के लिए आप इन तरीकों को अपना सकते हैं:
- क्रैम्पिंग की समस्या से राहत पाने के लिए आप नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी (Nonsteroidal Anti-Inflammatories) दवाईयों जैसे आइबूप्रोफेन को ले सकते हैं। लेकिन, लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है।
- अधिक फ्लो वाले दिनों में टैम्पोन और पैड्स का प्रयोग करें ताकि ब्लड फ्लो और मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स को मैनेज किया जा सके।
- आयरन रिच फूड खाने से आपको मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) को कम करने में मदद मिल सकती है जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, सीफूड, बीन्स, ड्राई फ्रूट्स आदि।
- शरीरी में पानी की कमी न होने दें। शरीर में पानी की कमी भी इस समस्या को बढ़ा सकती है।
- फिजिकल एक्टिविटीज करें। दिन में कम से कम तीस मिनट्स तक रोजाना व्यायाम करें। सैर करना, स्विमिंग, साइकिलिंग आदि से भी आपको फायदा होगा।
- तनाव से बचे। तनाव और चिंता भी इस समस्या के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। तनाव से बचने के लिए योगा और मैडिटेशन करें, खुश रहें, पर्याप्त नींद लें। अधिक समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह लें।
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महिलाओं के हॉर्मोन असंतुलन के कारण होने वाले मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) को अधिकतर मामलों में सामान्य माना जाता है और इसमें किसी उपचार की जरूरत नहीं होती। लेकिन, कुछ मामलों में इसका कारण कुछ गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए अगर आपको अधिक ब्लड फ्लो के साथ बड़े क्लॉट्स की समस्या होती है तो अपनी गायनेकोलॉजी से सलाह लें ताकि सही कारण का पता चल सके और उपचार संभव हो।
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