आज के दौर में कई नामी हस्तियां अक्सर ‘वीगन’ या शाकाहारी डायट फॉलो करने की सलाह देते हैं। इनमें बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड के कई सेलिब्रिटीज शामिल हैं। हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर ने इसको लेकर एक पोस्ट शेयर किया था। उन्होंने बताया कि इस डायट के कारण वे आयोडीन की कमी (Deficiency of Iodine) से जूझ रही हैं। उन्होंने अपने फैंस को सलाह दी कि सभी वीगन और शाकाहारी लोग इस बात का ध्यान रखें कि वे आयोडीन युक्त नमक को अपनी डाइट में शामिल जरूर करें। आपको बता दें कि वीगन उन लोगों को कहा जाता है, जो लोग जानवरों से मिलने वाले मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन नहीं करते। अपने खाने के लिए पेड़ पौधों से मिलने वाली चीजों पर ही निर्भर रहते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वीगन और शाकाहारी लोगों में आयोडीन की कमी (Deficiency of Iodine) हो सकती है और शरीर पर इसके नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
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क्यों जरूरी है आयोडीन (Why is Iodine Important)?
शरीर को एक निश्चित मात्रा में आयोडीन की जरूरत होती है। शरीर इससे थायरॉइड नाम का हॉर्मोन बनाता है। थायरॉइड शरीर में मेटाबॉलिज्म को नियत्रिंत करता है। आयोडीन की कमी (Deficiency of Iodine) के कारण थायरॉइड ग्लैंड असाधारण तौर पर बढ़ सकता है। इसके अलावा बच्चों में इसकी कमी से मानसिक दिक्कतें भी हो सकती हैं। आपका शरीर खुद आयोडीन नहीं बनाता, तो शरीर में इसकी कमी को पूरा करने के लिए हमें अपनी डायट में ऐसी चीजें शामिल करने की जरूरत होती है, जो इसकी कमी को पूरा कर सकें। आम तौर पर एक व्यस्क को दिन में 150 माइक्रोग्राम आयोडीन की जरूरत होती है। वहीं गर्भवती महिलाओं और ब्रेस्टफीडींग कराने वाली महिलाओं को प्रतिदिन 200 माइक्रोग्राम आयोडीन की जरूरत होती है।
आयोडीन की कमी (Deficiency of Iodine) के लक्षण क्या हो सकते हैं?
आयोडीन की कमी (Deficiency of Iodine) के लक्षण निम्न हो सकते हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैंः
- गर्दन में सूजन
- थायरॉइड हॉर्मोन की कमी
- ठंड ज्यादा लगना
- पेट में कब्ज की समस्या
- ड्राय स्किन
- बाल झड़ना
- वजन बढ़ना
- मांसपेशियों में कमजोरी आना
- डिप्रेशन
- याददाश्त कमजोर होना
- आलसी रहना या ज्यादा नींद आना
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आयोडीन की अधिकता भी नुकसानदायक (Excess of iodine is also harmful)
अमेरिकी कैंसर शोध संस्थान के वरिष्ठ सदस्य डॉक्टर फ्रेडरिक हाफमैन समेत कई शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में आयोडीन युक्त नमक को मानव स्वास्थ्य के लिए घातक पाया है। उनके शोध के अनुसार, शरीर में आयोडीन की अधिक मात्रा होने से कैंसर, लकवा, रक्तचाप, गले में खारिश, शरीर पर या स्किन पर खुजली की समस्या, सफेद दाग, नपुंसकता, डायबिटीज और पथरी जैसी 40 से भी अधिक बीमारियों के होने का जोखिम भी बढ़ सकता है।
आयोडीन से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
- अधिक सेवन से थायरॉयड की समस्याओं जैसे दुष्प्रभावों का खतरा बढ़ सकता है। बड़ी मात्रा में आयोडीन की कमी (Deficiency of Iodine) दांतों और मसूड़ों की समस्या, मुंह और गले में जलन, लार, गले में सूजन, पेट में जलन, दस्त, तनाव, त्वचा की समस्याओं और कई अन्य दुष्प्रभावों का कारण बन सकता है।
- जब आयोडीन का उपयोग सीधे त्वचा पर किया जाता है, तो यह त्वचा में जलन, दाग, एलर्जी और अन्य दुष्प्रभावों को पैदा कर सकता है। सावधान रहें कि आयोडीन के जलने से बचने के लिए आयोडीन से उपचारित पट्टी या कसकर आच्छादन वाले क्षेत्रों को न बांधें।
- यदि आपको साइड इफेक्ट के बारे में कोई चिंता है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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आयोडीन के स्त्रोत (Sources of iodine)
अपनी डायट के अनुसार आप आयोडीन युक्त चीजों को चुन सकते हैं। नीचें बताई गई चीजों में आयोडीन की प्रचुर मात्रा होती है-
- दूध
- दही
- मुनक्का
- सी-फूड
- ब्राउन राइस
- मीट
- लहसुन
आयोडीन युक्त नमक (Iodized salt) की कैसे हुई शुरूआत
आयोडीन युक्त नमक मूलत: एक दवा थी जिसका उपयोग 19वीं सदी के प्रारंभ में बेल्जियम, फ्रांस व अन्य यूरोपीय देशों में कुछ विशेष रोगों के इलाज में किया जाता था। बाद में भारत के कुछ प्रांतों में घेंघा (goitre) रोग फैलने पर इसका उपयोग शरू किया गया। जिसके बाद और फिर गर्भवती महिलाओं और समय पूर्व जन्मे अथवा कम विकसित बच्चों में आयोडीन की जरूरत के नाम पर पूरे देश में इसे अनिवार्य कर दिया गया। मानव शरीर की जरूरत के मुताबिक आयोडीन प्राकृतिक नमक के अलावा डेयरी प्रोडक्ट्स और फिश समेत कई सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है और इसे अलग से लेना बिल्कुल भी जरूरी नहीं है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एल्जीरिया, कोलंबिया, चीन व डेनमार्क के कुछ हिस्सों के अलावा कई लैटिन अमेरिकी देशों में नमक का प्रयोग बिल्कुल नहीं होता और एफएओ व यूनीसेफ के परीक्षण में वहां के निवासी बिल्कुल स्वस्थ पाए गए हैं।
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आयोडीन की कमी (Deficiency of Iodine) न हो, इसलिए जानिए आयोडीन की सही खुराक!
नमक कितना खाएं, ये जानना बहुत जरूरी है। हर रोज औसतन 150 माइक्रोग्राम यानि कि सुई की नोक के बराबर है। इसका मतलब यह हुआ कि आपको जीवनभर के लिए एक छोटे से चम्मच से भी कम चाहिए। शरीर को हर रोज नियमित रूप से मिलना जरूरी है। इसलिए यह जरूरी है कि हर व्यक्ति के लिए आयोडीन नमक रोज की खुराक का हिस्सा हो।
इसके लिए मैक्सिमम लिमिटेड डोज नीचे दिए गए हैं। ये उन लोगों पर लागू नहीं होते हैं जो डॉक्टर की देखरेख में चिकित्सा कारणों से आयोडीन (Iodine) ले रहे हैं या फिर किसी प्रकार का मेडिसिन ले रहे हैं।
आयोडीन की कमी (Deficiency of Iodine) न हो, इसके लिए उम्र बढ़ने के साथ ही उचित मात्रा में सेवन जरूरी हो जाता है। उचित मात्रा में शरीर को आयोडीन (Iodine) की कितनी आवश्यकता हो सकती है, यह व्यक्ति के उम्र, लिंग और स्वास्थ्य की स्थितियों पर भी निर्भर कर सकता है। उम्र और लिंग के अनुसार प्रतिदिन आयोडीन की कितनी मात्रा का सेवन करना चाहिए, इसके लिए आप यह नीचे दिए गए चार्ट को देख सकते हैं।
उम्र- जन्म से 6 महीने के शिशु के लिए – लड़का- 110 mcg*, लड़की- 110 mcg*
उम्र- 7–12 महीने के शिशु के लिए – लड़का- 130 mcg*, लड़की- 130 mcg*
उम्र- 1–3 साल के शिशु के लिए – लड़का- 90 mcg, लड़की- 90 mcg
उम्र- 4–8 साल के बच्चों के लिए – लड़का- 90 mcg, लड़की- 90 mcg
उम्र- 9–13 साल के बच्चों के लिए – लड़का- 120 mcg, लड़की- 120 mcg
उम्र- 14–18 साल के युवाओं के लिए – पुरुष- 150 mcg, महिला- 150 mcg, गर्भवती महिलाओं के लिए- 220 mcg, स्तनपान के दौरान- 290 mcg
उम्र- 19 और उससे बड़ी उम्र के व्यस्कों के लिए, पुरुष- 150 mcg, महिला- 150 mcg, गर्भवती महिलाओं के लिए- 220 mcg, स्तनपान के दौरान- 290 mcg
शरीर में आयोडीन की कमी (Deficiency of Iodine) या अधिकता दोनों ही इंसान के लिए खतरनाक हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आयोडीन की सही मात्रा का सेवन किया जाए। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
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