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शुगर छोड़ना क्यों है जरूरी? इसके कारण होते हैं कई शारीरिक बदलाव

शुगर छोड़ना क्यों है जरूरी? इसके कारण होते हैं कई शारीरिक बदलाव

आजकल हर कोई हेल्थ कॉन्शियस हो गया है, हर कोई अपने बॉडी और फिटनेस को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित रहते हैं। इसके लिए कई तरह की डायट के साथ-साथ शुगर छोड़ना एक आम बात हो गई। जरा सोचिए कि बिना मिठास के जिंदगी कैसी होगी? वो एक अलग बात है कि जिसे डायबिटीज है, शुगर डिचिंग उनकी मजबूरी बन जाती है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि शुगर छोड़ना शरीर पर क्या प्रभाव डालता है? इसके अलावा कुछ ऐसे लोगों की स्टोरी साझा करेंगे, जिन्होंने शुगर डिचिंग किया है। 

शरीर में शुगर का क्या काम है?

जैसे शरीर के लिए सारी चीजें जरूरी हैं, वैसे ही शरीर के लिए शुगर भी जरूरी है। लेकिन किसी भी चीज की अधिकता सेहत के लिए हानिकारक होती है। शुगर को मेडिकल भाषा में ग्लूकोज के रूप में जाना जाता है। ग्लूकोज हमारे शरीर के हर एक कोशिका में जाता है और शरीर में खुद को ऊर्जा में बदल देता है। इस ऊर्जा का उपयोग शरीर के कई कामों में किया जाता है, जैसे- मांसपेशियों के कॉन्ट्रेक्शन में और शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में। जबकि शरीर के कुछ अंग ऐसे भी होते हैं कि जो प्रोटीन और फैट के द्वारा ऊर्जा प्राप्त करते हैं। 

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डायट्री गाइडलाइन के मुताबिक हमारे शरीर को प्रतिदिन संपूर्ण कैलोरी में लगभग 6-10% प्रतिशत शुगर को शामिल करना चाहिए। वहीं एक टीस्पून शुगर में 16 कैलोरी ऊर्जा होती है। 

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शुगर छोड़ने पर कैसा महसूस किया?

हैलो स्वास्थ्य ने कुछ ऐसे लोगों से बात की, जिन्होंने अपने सेहत के लिए शुगर छोड़ना एक बेहतर विकल्प समझा। आइए जानते हैं कि उन लोगों ने शुगर डिचिंग के समय और बाद में कैसे महसूस किया :

Sugar Ditching शुगर छोड़ना

#1 शुगर छोड़ना फिटनेस के लिए था जरूरी – बृजेश मौर्या

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले बृजेश मौर्या (उम्र 42) बताते हैं कि “35 से 40 साल की उम्र के बाद हमें अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। मेरा वजन दिन ब दिन बढ़ रहा था, जिसे लेकर मैं काफी परेशान हो गया। मुझे हमेशा भूख लगती थी और पेट में भी समस्याएं महसूस होती थी। इस बीच मैंने इंटरमिटेंट डायट शुरू कर दिया, लेकिन फिर भी कुछ खास फर्क नहीं पड़ रहा था। इसके बाद मैंने शुगर डिचिंग का फैसला किया। जैसे ही मैंने संकल्प लिया कि मुझे अब किसी भी कीमत पर शुगर छोड़ना हैं, तब मुझे नहीं पता था कि शुरुआत में समस्याएं हो सकती हैं।”

बृजेश बताते हैं कि “जनवरी 2019 में मैंने शुगर छोड़ दिया। शुरुआत में मुझे कमजोरी महसूस होती थी, कभी-कभी तो चक्कर जैसा भी फील हुआ। इसके बाद कहीं पार्टी या मार्केट में जाने के बाद मीठी चीजों को देखकर स्वीट क्रेविंग भी होती थी। लेकिन दृढ़ संकल्प होने के नाते मैंने मीठी चीजों को हाथ नहीं लगाया। शुरुआत के एक महीने तक मुझे ये समस्याएं हुई। लेकिन समय बीतने के साथ-साथ मैंने महसूस किया कि मेरा वजन बहुत प्रभावी ढंग से कम होने लगा। इसके अलावा मेरी डायट में भी कमी आई, मुझे बार-बार भूख लगने की समस्या भी कम हो गई। पेट संबंधी समस्याओं से भी राहत मिली। शुगर छोड़ने के बाद खुद को ज्यादा एक्टिव महसूस करने लगा। रातों में नींद भी बेहतर आने लगी। आज मैं पहले की तुलना में ज्यादा फिट हूं और मुझे लगता है कि शुगर छोड़ना एक बेहतरीन फैसला था।”

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#2 शुगर डिचिंग के बाद अच्छा महसूस किया – निगम प्रजापति

महाराष्ट्र के विट्ठलवाड़ी के रहने वाले निगम प्रजापति (उम्र 48) ने शुगर छोड़ने को लेकर अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि “शुगर छोड़ना किसी चुनौती से कम नहीं है, चाय हर किसी की सबसे पसंदीदा चीज है। चाय पीने की लत शुगर छोड़ने के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा होती है। जब मेरी उम्र 45 साल थी, तब मेरी तबीयत खराब रहने लगी थी, उस दौरान मुझे पेट संबंधी समस्या होती थी। इसके बाद डॉक्टर ने मुझे मीठा ना खाने की सलाह दी। बिना मिठास के जिंदगी बिताना उस समय मुझे डराने वाला था।”

निगम ने बताया कि “कोशिश करते-करते आखिर मैंने मीठी चीजों को खाना कम किया, लेकिन छोड़ना मुश्किल सा लगता था। इसके बाद भी मुझे अपनी सेहत में काफी सुधार नहीं लग रहा था। फिर मैंने ठान लिया कि अब मुझे शुगर डिचिंग करनी ही है। शुरुआत में चाय छोड़ना मुश्किल हुआ, फिर धीरे-धीरे मैंने चाय में चीनी की मात्रा को कम करना शुरू किया, फिर बिना चीनी की चाय और आज मैंने चाय पीना छोड़ दिया। चाय को छोड़ते ही शरीर द्वारा शुगर लेने का जरिया भी खत्म हो गया। इसके बाद मैंने खुद को बहुत अच्छा महसूस किया और मेरा वजन भी घट गया।

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#3 डायबिटीज थी मजबूरी, लेकिन शुगर छोड़ना था जरूरी – राजेंद्र मौर्या

महाराष्ट्र के महाड़ निवासी राजेंद्र मौर्या (उम्र 61) बताते हैं कि “शरीर को फिट रखने के लिए सही डायट और फिजिकल एक्टिविटी का होना बहुत जरूरी है। मुझे पहले डायबिटीज था, इसके बाद मैं पैरालिसिस का शिकार हो गया। ये दौर मेरे लिए बहुत मुश्किल था, ऐसे में दो हफ्ते हॉस्पिटल में रहने के बाद समझ में आया कि अब और लापरवाही नहीं। डॉक्टर द्वारा दी गई डायट के साथ मैंने शुगर लेना बिल्कुल बंद कर दिया। इसके बाद मेरा वजन काफी तेजी से घटना शुरू हो गया।”

राजेंद्र बताते हैं कि “पैरालाइज्ड होने के बाद मैंने योगा करना शुरू किया, जिससे मात्र 4 महीनों में मैं पहले की तरह स्वस्थ हो गया। वहीं, मैंने शुगर डिचिंग के बाद खुद को ज्यादा एक्टिव और एनर्जेटिक महसूस किया है। शुगर छोड़ना तो डायबिटीज के कारण जरूरी था, लेकिन आज लगता है कि अगर शुगर और पहले छोड़ा होता तो शायद ये स्वास्थ्य समस्याओं से दो चार ना होना पड़ता।”

शुगर छोड़ने के बाद शरीर में क्या बदलाव होते हैं?

शुगर छोड़ने के बाद शरीर में कुछ बदलाव होते हैं, जिससे शुरुआत में काफी परेशानी होती है। एक रिसर्च के मुताबिक शुगर हमारे शरीर के लिए एक ड्रग्स जैसा है, जो समय से ना मिलने पर हमारे शरीर में समस्याएं उत्पन्न हो सकती है, जैसे- सिरदर्द, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन आदि। शुगर डिचिंग के वक्त शरीर में निम्न बदलाव आते हैं :

शरीर ज्यादा ऊर्जावान हो जाता है

माना कि ग्लूकोज शरीर को ऊर्जा देने का सबसे बड़ा जरिया है, लेकिन जब कोई शुगर छोड़ देता है तो वह ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करने लगता है। क्योंकि जब हम हाई शुगर लेते हैं तो हमारे शरीर का शुगर लेवेल बढ़ने से हम किसी भी काम के करने के लिए उतने एक्टिव नहीं रह जाते हैं। ऐसे में जब आप शुगर का इनटेक बंद कर देते हैं तो एनर्जी लेवल हाई हो सकता है। इसके लिए बल्ड शुगर लेवल का मेंटेन रहना एक अहम वजह है।

शुगर छोड़ने से वजन घटता है

शुगर छोड़ने से प्रभावी रूप से वजन घटता है। शुगर हमारे शरीर में मौजूद घ्रेलिन हॉर्मोन जिसे भूख पैदा करने वाला हॉर्मोन भी कहते हैं। शुगर इस घ्रेलिन के मात्रा को बढ़ाता है , जिसके कारण खाने की इच्छा और भूख दोनों बढ़ती है और व्यक्ति ज्यादा खा लेता है। इससे वजन बढ़ जाता है। इसलिए शुगर डिचिंग से वजन घटाने में मदद मिलती है। 

शुगर डिचिंग से आती है बेहतर नींद

Sugar Ditching शुगर छोड़ना

शुगर छोड़ना मतलब अच्छी नींद को लाना है। जब हम ज्यादा मात्रा में शुगर का सेवन करते हैं तो हमारे ब्रेन से मेलाटोनिन देरी से स्रावित होता है, जिससे हमें नींद आने में वक्त लग सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक जब ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहती है तो हमारे शरीर में मेलाटोनिन अच्छे से स्रावित होता है। जिस कारण अच्छी नींद आती है। 

भूख में आती है कमी

जब शरीर में शुगर ज्यादा मात्रा में होता है तो हमारा ब्रेन घ्रेलिन नामक हॉर्मोन का स्रावण करने लगता है, जिसे हंगर यानी कि भूख पैदा करने वाला हॉर्मोन कहते हैं। जब शरीर में शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती है तो ऐसे में आपको भूख भी कम लगती है और आपके थाली में भोजन की मात्रा भी कम होने लगती है। 

दिल, लिवर और पेट रहता है स्वस्थ

जब हम शुगर को कट करते हैं तो हमारा दिल, लिवर और पेट सही तरह से काम करता है। क्योंकि रिफाइंड शुगर में फैट्स और कार्ब्स मौजूद होते हैं, जो दिल, लिवर और पेट में समस्या का कारण बनते हैं। 

और पढ़ें: डायट एंड इटिंग प्लान- ए-जेड : वेट लॉस और वेट मैनेजमेंट की पूरी जानकारी

शुगर कैसे छोड़े?

Sugar Ditching शुगर छोड़ना

अक्सर लोगों की शिकायत होती है कि हम शुगर छोड़ना चाहते हैं, लेकिन चाह कर भी नहीं छोड़ पाते हैं। ऐसे में आपको निम्न टिप्स मदद कर सकती हैं :

  • अगर आप चाय या कॉफी नहीं छोड़ पा रहे हैं तो आप उनमें शुगर की जगह दालचीनी डालें। दालचीनी एक नेचुरल स्वीटनर है, जिसकी मदद से आपको चाय का स्वाद हल्का मीठा लगेगा। लेकिन कोशिश करें कि धीरे-धीरे चाय छोड़ दें। 
  • आपके मन में एक सवाल जरूर आएगा कि जब हम शुगर छोड़ देंगे तो ब्लड शुगर का लेवल कम ना हो जाए। इसके लिए आप कृत्रिम मिठास की जगह प्राकृतिक मिठास पर ध्यान दें। आप फल खाएं क्योंकि फलों में नेचुरल शुगर होता है। 
  • जब भी आप कोई पैक्ड फूड खरीदें तो कोशिश करें कि आप पैकेट पर एडड शुगर के बारे में जरूर पढ़ लें। इससे आप शुगर लेने से बच सकते हैं। 

अब तो आपको पता चल गया होगा कि शुगर छोड़ना सेहत के लिए फायदेमंद है, तो फिर देरी किस बात की आज से ही शुगर डिचिंग के लिए खुद को तैयार करें। इससे आप पूरी तरह से खुद फिट रख सकते हैं। उम्मीद है कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या डायटीशियन से संपर्क कर सकते  हैं। 

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Here’s What Happens When You Stop Eating Sugar, According To Nutritionists https://www.womenshealthmag.com/food/a28568544/what-happens-when-you-stop-eating-sugar/ Accessed on 11/5/2020

What Role Does Sugar Play in the Body? https://www.med.umich.edu/pfans/_pdf/hetm-2016/0416-sugarcancer.pdf Accessed on 11/5/2020

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Sugar-sweetened beverages and weight gain in children and adults: a systematic review and meta-analysis/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3778861//Accessed on 12/5/2020

Current Version

15/07/2020

Shayali Rekha द्वारा लिखित

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ

Updated by: Manjari Khare


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के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड

डॉ. पूजा दाफळ

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Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/07/2020

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