जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes) की समस्या महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान होती है। ऐसी महिलाओं को प्रेग्नेंसी से पहले डायबिटीज की समस्या नहीं होती है। जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes) प्रेग्नेंसी के बीच के महीनों में होने की संभावना अधिक होती है। प्रेग्नेंसी के 24वें से 28वें सप्ताह के बीच जेस्टेशनल डायबिटीज के लिए डॉक्टर चेक कर सकते हैं। जेस्टेशनल डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डायट के साथ ही रेग्युलर एक्सरसाइज बहुत जरूरी होती है। कुछ महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज के दौरान इंसुलिन लेने की भी जरूरत पड़ती है। जेस्टेशनल डायबिटीज में न्यूट्रीशन थेरिपी (Nutrition Therapy in Gestational Diabetes) भी अपना असर दिखाती है। 7 प्रतिशत प्रेग्नेंसीज में मधुमेह की संभावना रहती है। जेस्टेशनल डायबिटीज में न्यूट्रीशन थेरिपी (Nutrition Therapy in Gestational Diabetes) फस्ट लाइन एप्रोच की तरह देखी जाती है। जानिए इसके बारे में अधिक जानकारी।