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Resistance Exercise Training to Improve Glycemic Control: पाएं ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग के बारे में जरूरी इंफॉर्मेशन

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/01/2022

    Resistance Exercise Training to Improve Glycemic Control: पाएं ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग के बारे में जरूरी इंफॉर्मेशन

    हमारे देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा डायबिटीज यानी मधुमेह जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। यह रोग अधिक उम्र के ही नहीं बल्कि कम उम्र के लोगों को भी प्रभावित कर सकता हैं। यही नहीं, अगर इस समस्या को कंट्रोल न किया जाए, तो यह कई कॉम्प्लिकेशन्स का कारण बन सकती है। खराब लाइफस्टाइल को डायबिटीज का एक बड़ा कारण माना जाता है। इसलिए, इससे पीड़ित रोगी के लिए एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी माना जाता है। आज हम बात करने वाले हैं टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के रोगियों में ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग (Resistance Exercise Training to Improve Glycemic Control) के बार में। ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग (Resistance Exercise Training to Improve Glycemic Control) से पहले ग्लाइसेमिक कंट्रोल और रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग के बारे में जान लेते हैं।

    ग्लाइसेमिक कंट्रोल क्या है? (Glycemic Control)

    ग्लाइसेमिक या ग्लाइसेमिक इंडेक्स, कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों की रैंकिंग को कहा जाता है। जिससे इस बारे में जानकारी मिलती है कि भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज परिवर्तित होने में कितना समय लगता है। यानी, जब हम कुछ खाते हैं तो उससे दो से तीन घंटों के बाद ब्लड में ग्लूकोज की बढ़ी मात्रा को ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कहा जाता है। ग्लाइसेमिक कंट्रोल डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में ब्लड शुगर लेवल (Blood glucose level) को परिभाषित करने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली मेडिकल टर्म है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ग्लाइसेमिक कंट्रोल कॉमन फैक्टर है, जो डायबिटीज के कारण होने वाली समस्याओं और कॉम्पलेकशन को निर्धारित करता है।

    ग्लाइसेमिक कंट्रोल बेहद जरूरी है क्योंकि इंटेंसिव ग्लाइसेमिक कंट्रोल से टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) में माइक्रोवैस्कुलर कम्प्लीकेशन के जोखिम को कम किया जा सकता है। ग्लाइसेमिक कंट्रोल इम्प्रूवमेंट के लिए व्यायाम को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। किंतु, ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग (Resistance Exercise Training to Improve Glycemic Control) से पहले रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग किसे कहा जाता है, इस बारे में भी जान लेते हैं।

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    रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग के बारे में पाएं जानकारी (Resistance Exercise Training)

    जैसा पहले ही बताया गया है कि डायबिटीज कंट्रोल के लिए सही जीवनशैली को अपनाना बेहद जरूरी है। उन्हीं में शामिल है रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग (Resistance Exercise Training)। अगर बात की जाए रेजिस्टेंस ट्रेनिंग की, तो यह फिजिकल एक्टिविटी का एक प्रकार है, जिसे एक्सटर्नल रेजिस्टेंस के अगेंस्ट एक मसल या मसल ग्रुप की एक्सरसाइज द्वारा मस्कुलर फिटनेस को सुधारने के लिए डिजाइन किया गया है। एक्सटर्नल रेजिस्टेंस डंबल, एक्सरसाइज ट्यूबिंग, अपना खुद का बॉडी वेटम, ब्रिक्स, पानी का बोतल या अन्य कोई भी ऑब्जेक्ट हो सकता है, जो मसल्स के कांटेक्ट का कारण बनता है। इस एक्सरसाइज को करने के कई हेल्थ बेनिफिट्स हो सकते हैं। रेजिस्टेंस ट्रेनिंग हेल्दी लाइफस्टाइल का एक हिस्सा है। अब जानते हैं ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग (Resistance Exercise Training to Improve Glycemic Control) के बारे में।

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    ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग (Resistance Exercise Training to Improve Glycemic Control)

    टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को एक्सरसाइज करने से कई लाभ हो सकते हैं। एक्सरसाइज करने से उनकी पेरीफेरल इंसुलिन सेंसिटिविटी के साथ ही इंसुलिन बाइंडिंग बढ़ती है। इसके साथ ही इससे एब्डोमिनल फैट व फ्री फैटी एसिड्स कम होते हैं और इंसुलिन-सेंसिटिव स्केलेटल मसल बढ़ता है, जिसका परिणाम हो सकता है इम्प्रूव्ड ग्लाइसेमिक कंट्रोल (Improved glycemic control)। लेकिन, ऐसा भी पाया गया है कि अगर कोई रोगी नियमित व्यायाम नहीं करता है, तो इस सुधार में कमी आ सकती है। इसलिए, यह जरूरी है कि डायबिटीज के रोगियों को यह एहसास हो कि व्यायाम एक ऐसी गतिविधि है, जिसे उन्हें अपने जीवन में शामिल करना चाहिए। ताकि भविष्य में किसी भी समस्या से बचा जा सके। ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग (Resistance Exercise Training to Improve Glycemic Control) को भी बेहद लाभदायक माना गया है। आइए जानते हैं क्या कहती हैं स्टडीज इस बारे में।

    ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग, Resistance Exercise Training To Improve Glycemic Control
    ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग, Resistance Exercise Training To Improve Glycemic Control

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    ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग: जानिए क्या कहती है स्टडीज

    प्रोग्रेसिव रेजिस्टेंस एक्सरसाइज से स्ट्रेंथ बढ़ती है और इससे ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन (Glycosylated Haemoglobin) में कमी आती है, जो टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes)  से पीड़ित लोगों के लिए चिकित्सकीय रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रोग्रेसिव रेजिस्टेंस एक्सरसाइज  टाइप 2 से पीड़ित लोगों के लिए ग्लाइसेमिक की मैनेजमेंट के लिए एक फिजिबल ऑप्शन है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के द्वारा की गयी एक स्टडी का उद्देश्य टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes)  से पीड़ित व्यक्ति के ग्लूकोज और इंसुलिन रिस्पॉन्स पर एक्यूट और क्रॉनिक रेजिस्टेंस ट्रेनिंग के प्रभाव को जानना था। यह स्टडी कुछ टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) से पीड़ित लोगों पर की गई।

    इनमें से आधे लोगों को सोलह हफ्तों तक रेजिस्टेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ ही जरूरी डायबिटिक केयर प्रदान की गई। जबकि, अन्य लोगों को कंट्रोल्ड एक्सरसाइज प्रोग्राम और जरूरी डायबिटीज केयर प्रदान की गई। इसके बाद इन लोगों में ग्लाइसेमिक कंट्रोल (Glycemic Control), लिपिड प्रोफाइल (Lipid profile), रेस्टिंग ब्लड प्रेशर (Resting blood pressure), मसल स्ट्रेंथ (Muscle strength) आदि को जांचा गया। स्टडी के बाद यह पाया गया कि जिन लोगों ने रेजिस्टेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम का पालन किया है, उनमें ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन लेवल (Glycosylated Haemoglobin level) में कमी, मसल स्ट्रेंग्थ में बढ़ोतरी के साथ ही ब्लड प्रेशर व ट्राइग्लिसराइड्स लेवल में भी कमी आ गई है। यानी, इस स्टडी से यह बात पूरी तरह से साबित हुई कि ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग (Resistance Exercise Training to Improve Glycemic Control) एक बेहतरीन विकल्प है।

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    यह तो थी ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग (Resistance Exercise Training to Improve Glycemic Control) के बारे में जानकारी। किंतु केवल एक्सरसाइज ही टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) या ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए काफी नहीं है। इसके साथ ही कई अन्य चीजों का भी ध्यान रखना जरूरी है, ताकि डायबिटीज का रोगी एक स्वस्थ जीवन जी सके। आइए जानें इस बारे में।

    टाइप 2 डायबिटीज को किस तरह से करें मैनेज? (Management of type 2 diabetes)

    डायबिटीज का कोई उपचार नहीं है। ऐसे में इसके लक्षणों को मैनेज करना बेहद जरूरी है। इन्हें मैनेज करने में हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करने का बहुत महत्व है। व्यायाम करने के साथ ही कई अन्य चीजें हैं, जिन्हें करने से आपको लाभ होगा। यही नहीं, डायबिटीज की स्थिति में कुछ नियमित रूप से  सैर करने को भी लाभदायक माना गया है। अब जानते हैं टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) को मैनेज करने के अन्य उपायों के बारे में:

    • डायबिटीज को कंट्रोल करने का सबसे बेहतरीन तरीका है अपनी डायट का ध्यान रखना। इसके लिए आप अपने आहार में फल, सब्जियों और साबुत अनाज आदि को शामिल करें। डॉक्टर और डायटीशियन भी आपके लिए सही आहार चुनने में आपकी मदद कर सकते हैं।
    • अपने वजन को कंट्रोल में रखें। अधिक वजह या मोटापा डायबिटीज का एक मुख्य रिस्क फैक्टर है। अगर आपका वजन अधिक है, तो सही व्यायाम करें और डायट का ध्यान रखें। अगर आपको वजन कम करने में समस्या हो रही है तो अपने डॉक्टर से अवश्य मदद लें।
    • तनाव से बचें। तनाव को भी डायबिटीज का कारण माना जाता है। इसके साथ ही सही नींद लेना भी जरूरी है। इसके लिए म्यूजिक सुनें, मैडिटेशन और योग करें व मेडिकल हेल्प लें।
    • स्मोकिंग ना करें और एल्कोहॉल को सीमित मात्रा में लें। यही नहीं, डायबिटीज के रोगियों के लिए नियमित जांच कराना और डॉक्टर की सलाह का पालन करना बेहद जरूरी है।

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    उम्मीद है कि ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारने के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग (Resistance Exercise Training to Improve Glycemic Control) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। एक्सरसाइज, डायट और मेडिकेशन टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की मैनेजमेंट में महत्पूर्ण रोल निभाते हैं। अगर आपके मन में इस बारे में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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