डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी तकलीफ है, जिसमें व्यक्ति को कई स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। डायबिटीज के कारण व्यक्ति के खानपान में बड़े पैमाने में बदलाव करने की जरूरत पड़ती है। वहीं उसे अपनी डायट में कुछ ऐसी चीजों को जोड़ना पड़ता है, जो डायबिटीज में व्यक्ति के ब्लड शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखे। आज हम एक ऐसी ही चीज के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो डायबिटीज की समस्या में आपके ब्लड शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है। हम बात कर रहे हैं डायबिटीज में आंवला (Amla for diabetes) के सेवन की। डायबिटीज में आंवला (Amla) बेहद गुणकारी माना जाता है। इसमें कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो डायबिटीज की समस्या में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने का काम करते हैं। इसलिए डायबिटीज में आंवला खाने की सलाह दी जाती है। इस विषय पर अधिक जानकारी लेने से पहले आइए जानते हैं डायबिटीज की समस्या आपको कैसे होती है।
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क्या है डायबिटीज (Diabetes) की समस्या?
डायबिटीज उस समस्या को कहते हैं, जिसमें रोगी के शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। डायबिटीज की समस्या में पैंक्रियाज इंसुलिन ठीक ढंग से पैदा नहीं कर पाती और इसलिए शरीर में इंसुलिन की कमी होती है। यही कारण है कि शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और व्यक्ति डायबिटीज की समस्या से ग्रसित हो जाता है। मुख्यतः डायबिटीज (Diabetes) के दो प्रकार माने गए हैं, टाइप वन डायबिटीज (Type 1 Diabetes) और टाइप टू डायबिटीज। टाइप वन डायबिटीज में शरीर के इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है और इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती है। वहीं टाइप टू डायबिटीज में शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) पैदा नहीं कर पाता और शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। हालांकि डायबिटीज का रोग एक आम रोग हो चला है। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इस रोग के शिकार ज्यादा से ज्यादा लोग हो रहे हैं। भारत में रोजाना डायबिटीज के मरीजों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं, इसलिए हमारे देश में डायबिटीज एक गंभीर और चिंताजनक विषय बन गया है। आइए अब जानते हैं डायबिटीज के लक्षण कौन से हैं।
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क्या हो सकते हैं डायबिटीज के लक्षण? (Symptoms of Diabetes)
टाइप टाइप वन डायबिटीज के मुकाबले टाइप टू डायबिटीज (Type of Diabetes) के रोगियों में लक्षण धीरे-धीरे और कम दिखाई देते हैं। ऐसी स्थिति में आपको डायबिटीज से जुड़े इन लक्षणों पर ध्यान देना बेहद जरूरी माना जाता है –
- बार-बार यूरिनेशन होना
- बार-बार प्यास लगना
- बहुत भूख लगना
- अत्यधिक थकान
- धुंधला दिखना
- किसी चोट को ठीक होने में ज्यादा समय लगना
- लगातार घटता वजन (टाइप1)
- हाथ / पैर में झुनझुनी या दर्द (टाइप 2)
यदि आप ये लक्षण आमतौर पर खुद में देखते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर अलग-अलग टेस्ट के जरिए पता लगाएंगे कि आपको डायबिटीज की समस्या है या नहीं। समय पर डायबिटीज (Diabetes) का इलाज हो, तो इसे संतुलित किया जा सकता है। साथ ही खान-पान पर ध्यान देकर ब्लड शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखा जा सकता है। आइए अब बात करते हैं डायबिटीज में आंवला (Amla for diabetes) खाने से आपको क्या फायदे हो सकते हैं।
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डायबिटीज में आंवला : खाने से हो सकते हैं कई लाभ! (Amla for diabetes)
आंवला (Amla) को अमृत फल या धात्री फल का नाम भी दिया गया है। वैदिक काल से ही आंवला का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। आयुर्वेद में बहुत ही सी स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिसका इलाज आंवला के सेवन से किया जा सकता है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जो मधुमेह के साथ-साथ कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में भी फायदा पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं डायबिटीज में आंवला (Amla for diabetes) खाने से आपको क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन में छपी एक एनिमल बेस्ड रिसर्च के मुताबिक यह पाया गया कि डायबिटीज में आंवला (Amla) के सेवन से ब्लड शुगर लेवल कम होता है। इसके अलावा नेशनल सेंटर ऑफ बायो टेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन में छपी एक रिसर्च के मुताबिक 32 लोगों पर आंवला के प्रभाव को देखा गया। इस रिसर्च में पाया गया कि रोजाना 1 से 3 ग्राम आंवला खाने से डायबिटीज में फास्टिंग और पोस्ट मील ब्लड शुगर लेवल कम हुआ। इस रिसर्च के मुताबिक डायबिटीज में आंवला खाने से इसका सीधा प्रभाव आपके ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है। साथ ही टाइप टू डायबिटीज में आंवला (Amla for diabetes) का सेवन खासतौर पर फायदेमंद माना जाता है।
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डायबिटीज में आंवला : गलाइसेमिक इंडेक्स जांचना है जरूरी! (GI of Amla)
डायबिटीज में खाद्य पदार्थों के ग्लाइसेमिक इंडेक्स का सीधा प्रभाव ब्लड शुगर लेवल पर देखा गया है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स वह इकाई है, जिसका असर आपके ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है। डायबिटीज (Diabetes) में जिन खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 55 से ज्यादा होता है, उन्हें डायबिटीज में सीमित मात्रा में डॉक्टर की सलाह के बाद खाने की सलाह दी जाती है। वहीं जिन खाद्य पदार्थों का गलाइसेमिक इंडेक्स 50 से नीचे है, उन्हें डायबिटीज में सीमित मात्रा में खाया जा सकता है। डायबिटीज में आंवला की बात करें, तो आंवला का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI of amla) 15 माना जाता है। जो ना सिर्फ आपका ब्लड शुगर लेवल सामान्य बनाए रखता है, बल्कि आपके ब्लड शुगर लेवल को कम करने में भी मदद करता है। इसलिए डायबिटीज में आंवला (Amla for diabetes) खाने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं।
इसके अलावा आंवला में भरपूर मात्रा में क्रोमियम होता है। क्रोमियम इंसुलिन बनाने वाले सेल्स को एक्टिवेट करने का काम करता है। जब आपके शरीर में भरपूर मात्रा में इंसुलिन बनता है, तो आपका ब्लड शुगर लेवल सामान्य बना रहता है। इसलिए डायबिटीज में आंवला (Amla) खाने की सलाह दी जाती है।
साथ ही साथ डायबिटीज में आंवला खाने से आपके शरीर में पॉलीफेनॉल की मात्रा बढ़ती है, जो हाय ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करती है। पॉलीफेनॉल इंसुलिन के रेजिस्टेंस को रोकने में भी मददगार साबित होता है, इसलिए डायबिटीज में आंवला (Amla for diabetes) आपके लिए एक फायदेमंद खाद्य पदार्थ माना जाता है।
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इसके अलावा आंवला खाने से आपको और भी कई फायदे हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं –
आंवला (Amla) में भरपूर मात्रा में एंटीबैक्टीरियल गुण (Antibacterial properties) पाए जाते हैं, जो फंगल इंफेक्शन से लड़ने में आपकी मदद करते हैं। साथ ही साथ यह इम्यूनिटी को बेहतर बनाते हैं, जिसके कारण शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स आसानी से बाहर निकलते हैं। यही वजह है कि डायबिटीज (Diabetes) में होने वाली अन्य कॉम्प्लिकेशन से लड़ने में भी आंवला का सेवन आपके लिए मददगार साबित होता है।
डायबिटीज में कई लोगों को कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है, जिसकी वजह से हार्ट से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। डायबिटीज में आंवला (Amla for diabetes) के सेवन से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है। इसमें भरपूर मात्रा में क्रोमियम पाया जाता है, जो बीटा ब्लॉकर (Beta-blocker) के प्रभाव को कम करके हार्ट हेल्थ बेहतर बनाता है। ये खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम कर के अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाता है। इसलिए डायबिटीज में आंवला खाना आपके लिए फायदेमंद माना जाता है।
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डायबिटीज में आंवला (Amla for diabetes) खाने के कई फायदे होते हैं, लेकिन डायबिटीज डायट (Diabetes Diet) के अनुसार आपको डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसे अपनी डायट में जोड़ना चाहिए। आपके शरीर की जरूरत के अनुसार सही मात्रा में किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से आपको फायदा हो सकता है। वहीं यदि सही मात्रा में इन खाद्य पदार्थों का सेवन ना किया जाए, तो यह शरीर पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद अपनी जरूरत के अनुसार ही किसी खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए। डायबिटीज की समस्या आपको लंबे समय तक परेशान कर सकती है, लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव, खान-पान का ध्यान रखकर और रोजाना एक्सरसाइज से डायबिटीज के समस्या में आराम पाया जा सकता है।
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