डायबिटीज मेलेटस के 90% से अधिक मामलों को टाइप 2 डायबिटीज मेलेटस (T2DM) के रूप में क्लासिफाइड किया जाता है। एक ऐसी स्थिति जिसमें शरीर इंसुलिन का ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। आमतौर पर टाइप-2 डायबिटीज ओबेसिटी, लिपिड मेटाबॉलिज्म डिसफंक्शन (Lipid metabolism dysfunction) और हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) से जुड़ा होता है। ये सभी ऐसे फैक्टर्स हैं जो पेशेंट्स की लाइफ क्वालिटी को प्रभावित कर सकते हैं। टाइप 2 डायबिटीज बीमारियों के एक ग्रुप (हार्ट डिजीज, अल्जाइमर डिजीज, कैंसर, आदि) से संबंधित है, जो फिजिकल इनएक्टिविटी के कारण रिस्क को और बढ़ाते हैं। लेकिन, एंड्यूरेंस एक्सरसाइज का डायबिटिक्स पर असर (Effect of endurance exercise on diabetics) प्रभावी माना जाता है। दरअसल, नियमित एरोबिक एक्सरसाइज मेटाबॉलिज्म असंतुलन (Metabolism imbalance) और इंसुलिन सेंस्टिविटी में सुधार करता है, जिससे डायबिटीज की कॉम्प्लिकेशन्स जैसे कि किडनी डैमेज (Kidney damage) और हृदय रोग (Heart disease) के रिस्क को कम करता है।