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डायबिटीज से जुड़े मिथकों की सच्चाई जानना है जरूरी!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/05/2022

    डायबिटीज से जुड़े मिथकों की सच्चाई जानना है जरूरी!

    2011 के एक अनुमान है कि भारत में 20-79 वर्ष की आयु के 61.3 मिलियन लोग डायबिटीज के साथ जी रहे हैं। यह संख्या 2030 तक बढ़कर 101.2 मिलियन होने की उम्मीद है, लेकिन अच्छा यह है कि इसे मैनेज किया जा सकता है। डायबिटीज के मैनेजमेंट के पहले स्टेप में से एक है अपने ब्लड शुगर (Blood Sugar) को मैनेज करने के लिए सही डायट्री चेंज। न्यूट्रिशन और डायबिटीज एक दूसरे रूप से जुड़े हुए हैं, लेकिन डायबिटीज न्यूट्रिशन के बारे में इतने सारे मिथक हैं कि कभी-कभी फैक्ट को फिक्शन से अलग करना मुश्किल हो सकता है। यहां डायबिटीज से जुड़े मिथ (Diabetes myths) और फैक्ट्स के बारे में बात की गई है जो आपको इस मेडिकल कंडिशन को मैनेज करने में मदद करेगी।

    डायबिटीज से जुड़े मिथ (Diabetes myths) : चीनी खाने से डायबिटीज होती है

    अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार, बहुत अधिक चीनी खाने से डायबिटीज (Diabetes) नहीं होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह एक कॉन्ट्रिब्यूटिंग फैक्टर हो सकता है। टाइप 1 डायबिटीज जेनेटिक्स के कारण होता है। टाइप 2 डायबिटीज जेनेटिक्स और विभिन्न रिस्क फैक्टर्स के कारण होती है, जिनमें से कुछ लाइफस्टाइल से संबंधित हैं। अधिक वजन होना, हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) होना, 45 वर्ष से अधिक उम्र का होना और एक्टिव न रहना कुछ ऐसे रिस्क फैक्टर्स हैं जो डायबिटीज का कारण बन सकते हैं। शुगर-स्वीटेंड ड्रिंक्स, जैसे सोडा और फ्रूट पंचेस, एम्प्टी कैलोरी में हाय होते हैं, और हाल के अध्ययनों ने इन्हें डायबिटीज के हाय रिस्क से लिंक किया है। डायबिटीज को रोकने में मदद करने के लिए, एडीए उनसे बचने की सलाह देता है। हालांकि, अन्य स्वीट्स अपने आप में मधुमेह का कारण नहीं हैं।

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    डायबिटीज से जुड़े मिथ (Diabetes myths) : काॅर्बोहाइड्रेट (कार्ब्स) डायबिटीज पेशेंट्स के लिए नुकसानदायक है

    डायबिटीज से जुड़े मिथ में एक यह है कि लोग कार्ब्स को डायबिटीज का दुश्मन मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कार्ब्स (Carbs) स्वयं हानिकारक नहीं है, बल्कि कार्ब का प्रकार और कार्ब की मात्रा जो आप खाते हैं वह डायबिटीज वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। सभी कार्ब्स समान नहीं होते हैं। एडीए के अनुसार जो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) स्केल पर कम होते हैं, हाय जीआई वाले प्रोडक्ट्स लोगों की तुलना में बेहतर विकल्प हैं। लो-जीआई कार्ब्स के उदाहरणों में शामिल हैं:

    • ओटमील (Oatmeal)
    • व्होल-ग्रेन ब्रेड (Whole grain bread)
    • ड्राइड बीन्स (Dried beans)
    • लो-स्टार्च सब्जियां (Low starch vegetable) जैसे-पालक, ब्रोकली और टमाटर

    कम ग्लाइसेमिक लोड (जीएल) वाले खाद्य पदार्थों का चयन करना एक अच्छा आईडिया है। जीएल जीआई की तरह ही होते हैं। बस इसे सर्विंग साइज के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है। लो-जीएल कार्ब्स के उदाहरणों में शामिल हैं:

    • 150 ग्राम सोयाबीन
    • 80 ग्राम हरी मटर
    • 80 ग्राम पार्सनिप्स (Parsnips: गाजर जैसी एक सब्जी)
    • 80 ग्राम गाजर

    यदि आप हाय-जीआई या हाई-जीएल खाना खाते हैं, तो इसे कम-जीआई या लो-जीएल भोजन के साथ मिलाकर फूड को बैलेंस करने में मदद मिल सकती है। एक बार जब आप हेल्दी कार्ब्स चुनते हैं, तब भी आपको कार्ब्स के साइज पोर्शन को मैनेज करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि बहुत अधिक कार्ब्स हाय ब्लड शुगर के लेवल का कारण बन सकते हैं। इसलिए, अपने पर्सनल कार्ब गोल पर स्टिक रहें।

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    डायबिटीज से जुड़े मिथ (Diabetes myths): डायबिटीज होने के बाद आप फिर कभी डेजर्ट नहीं खा सकते हैं

    आपको यह फैक्ट जानकर खुशी होगी कि मधुमेह होने पर भी आप समय-समय पर केक का एक स्लाइस या कुकीज को एंजॉय कर सकते हैं। बस इसके लिए आपको मॉडरेशन और साइज पोर्शन को याद रखना है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, अपने आप को बहुत अधिक रिस्ट्रिक्ट करना बिंज ईटिंग या ओवरईटिंग का कारण बन सकता है। विशेष अवसरों पर पसंदीदा मिठाई का एक छोटा सा टुकड़ा आप ले सकते हैं। बस याद रखें कि सेफ बैलेंस बनाने के लिए अपनी डायट में अन्य कार्ब्स को सीमित करना न भूलें। एडीए औसत व्यक्ति को प्रति भोजन लगभग 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट खाने की सलाह देता है। आप मीठे व्यंजनों के हेल्दी, लो कार्ब रेसिपीज के ऑप्शंस ढूंढ सकते हैं।

    डायबिटीज से जुड़े मिथ: डायबिटीज पेशेंट्स (Diabetic Patient) को एल्कोहॉल का सेवन बंद कर देना चाहिए

    यदि आपका डायबिटीज कंट्रोल में है तो कम मात्रा में शराब पीना ठीक है। द डाइयट्री गाइडलाइन्स फॉर अमेरिकन्स के अनुसार महिलाओं को प्रति दिन एक से अधिक एल्कोहॉलिक बेवरेज का सेवन नहीं करना चाहिए और पुरुष दो से अधिक एल्कोहॉलिक बेवरेज नहीं ले सकते हैं। एक ड्रिंक में 5 औंस वाइन (147 एमएल), 12 औंस बीयर (354 एमएल) होता है। पीने के 24 घंटे बाद तक अपने ब्लड शुगर के स्तर को मॉनिटर करना एक अच्छा आईडिया है। हो सकता है शराब आपके ब्लड शुगर को सामान्य लेवल से नीचे कर दे, आपकी मेडिसिन्स के साथ इंटरैक्ट कर सकती है, और आपके लिवर को ग्लूकोज प्रोडक्शन करने से रोक सकती है।

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    डायबिटीज से जुड़े मिथ (Diabetes myths): डायबिटीज वाले लोगों को आलू नहीं खाना चाहिए

    आलू कार्ब्स में हाई होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि डायबिटीज पेशेंट्स उन्हें एकदम भी नहीं खा सकते हैं। कम मात्रा में आप आलू का सेवन कर सकते हैं। आलू की एक सर्विंग आपकी मुट्ठी के आकार की होनी चाहिए। पके हुए आलू हेल्दी होते हैं, लेकिन शकरकंद और भी बेहतर होते हैं। उनमें बीटा-कैरोटीन सहित अधिक नुट्रिशन होते हैं।

    डायबिटीज से जुड़े मिथ (Diabetes myths) : डायबिटीज के लिए फ्रूट्स ठीक नहीं होते हैं

    डायबिटीज डायट में कोई फल रिस्ट्रिक्ट नहीं हैं। हालांकि, यह सच है कि कुछ फलों में दूसरों की तुलना में अधिक नैचुरल शुगर होती है, यदि आप उचित पोर्शन के साथ स्टिक रहते हैं तो आप किसी भी फल का सेवन कर सकते हैं।

    डायबिटीज से जुड़े मिथ : फैट से ब्लड शुगर (Blood Sugar) पर कोई फर्क नहीं पड़ता है

    अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, टाइप 2 मधुमेह होने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, डायबिटीज वाले कई लोग ओवरवेट होते हैं। उन्हें अक्सर हाय ब्लड प्रेशर या अनहेल्दी ब्लड कोलेस्ट्रॉल के लेवल की भी समस्या होती है। हृदय रोग के रिस्क को कम करने के लिए, ट्रांस वसा से बचें और अपने आहार में सैचुरेटेड फैट को सीमित करें।

    डायबिटीज से जुड़े मिथ : शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स (Sugar free products) सेहतमंद होते हैं

    किसी भी स्टोर में आसानी से मिलने वाले शुगर फ्री, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ आपकी हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकते हैं। आपको लगता होगा कि प्रोडक्ट्स पर शुगर-फ्री लेबल उसे हेल्दी बनाता है। यह फैक्ट नहीं है इन प्रोडक्ट्स में बहुत अधिक कार्ब्स, फैट या कैलोरी हो सकती है। टोटल कार्ब कंटेंट के लिए नुट्रिशन लेबल की जांच करना सुनिश्चित करें।

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    डायबिटीज को मैनेज करना कठिन हो सकता है, लेकिन यह बहुत आसान हो जाता है जब आपको डायबिटीज से जुड़े मिथ (Diabetes myths) और फैक्ट्स के बारे में पूरी जानकारी होती है। एक बार जब आप मिथकों को समझ लेते हैं, तो आप पाएंगे कि डायबिटीज ईटिंग प्लान को ज्यादा रेस्ट्रिक्टिव और कॉम्प्लिकेटेड नहीं बनाना चाहिए। इसकी बजाय एक हेल्दी ईटिंग पैटर्न को डेवलप करना चाहिए। इसके लिए आप अपने डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह ली जा सकती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप अपने स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम विकल्प चुन रहे हैं। इससे निश्चित रूप से डायबिटीज के लक्षणों को मैनेज करना आसान होगा।

    डायबिटीज से जुड़े मिथ के बारे में अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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