ताड़ासन को द माउंटेन पोज (Mountain Pose) के नाम से भी जाता जाता है। ताड़ा का अर्थ पहाड़ और आसन का अर्थ पोज और पॉश्चर से है। ताड़ जोड़ आसन शब्द ताड़ासन कहलाता है। योग करने वाला हर इंसान इस आसन को अपनी रोजमर्रा की योगासन में शामिल कर इसका लाभ उठा सकता है। ताड़ासन (Tadasana) को सभी स्थायी योग मुद्राओं की नींव माना जाता है। इस पोज को करने में शरीर के हर एक अंग की जरूरत पड़ती है। यहां तक कि हमारे दिमाग का इस्तेमाल भी ताड़ासन के दौरान होता है। बच्चों को यह आसन करने का सुझाव इसलिए भी दिया जाता है क्योंकि इससे उनकी हाइट बढ़ती है। वहीं यह हमारे शरीर के पॉश्चर को भी सुधारने में भी मददगार होती है।
कैसे करें ताड़ासन (Tadasana) योग?
ताड़ासन करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करें:
- स्टेप 1: अपने पांव पर सीधे खड़े हो जाएं, वहीं शरीर का पूरा वजन दोनों पांव पर बराबर हिस्सों में डालें
- स्टेप 2: सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को सिर की तरफ ले जाएं। आगे की तरफ देखते हुए दोनों हाथों की उंगलियों को उल्टा कर ऊपर ले जाकर लॉक करें। अब पांव की उंगलियों के बल ऊपर उठें
- स्टेप 3: टकटकी लगाकर सीधा देखते रहें। फिर हाथों को धीरे-धीरे अनलॉक करें
- स्टेप 4: अब पांव को रिलैक्स करें और खड़े हो जाएं
- स्टेप 5: ध्यान रखें कि आप इस आसन को बार-बार कर सकते हैं, लेकिन आवश्यकता से ज्यादा न करें।
इस आसन को करने के लिए आपके शरीर के साथ आपके दिमाग का भी इस्तेमाल होता है। इसलिए ध्यान केंद्रित रखें और रिलैक्स होकर ताड़ासन या कोई भी अन्य आसन करें।
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ताड़ासन (Tadasana) करते वक्त इन बातों का रखें ख्याल
यदि आपने पहले कभी भी ताड़ासन नहीं किया है, तो कुछ बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे में आप ताड़ासन करने से पहले बातों को ध्यान दें। जैसे:
- यदि आप इनसोमनिया (insomnia) की बीमारी से पीड़ित हैं, तो आपको यह योगासन नहीं करना चाहिए।
- ताड़ासन करने के दौरान यदि आपको सिरदर्द महसूस हो, तो उसे जल्द से जल्द बंद कर देना चाहिए।
- यदि आप खून को पतला करने और लो ब्लड प्रेशर की दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो उस स्थिति में बिना हेल्थ एक्सपर्ट के इस योगासन को नहीं करना चाहिए।
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ताड़ासन (Tadasana) के वैरिएशन्स पर दें ध्यान
इस आसन को कई वैरिएशन्स से कर सकते हैं। जैसे:
- वैरिएशन एक : अपने दोनों पैर पर बराबर वजन डालकर खड़ें हो जाए, फिर सामान्य तरीके से सांसें लें। इसे समस्थिति आसन भी कहा जाता है।
- वैरिएशन दो : तिर्यक ताड़ासन (Tiryaka Tadasana) व ताड़ासन योगासन करने के दौरान सांस छोड़ें और अपने शरीर को धीरे-धीरे हिप की ओर झुकाएं। जितना संभव हो स्ट्रेचिंग करें। फिर वापिस स्ट्रेट पुजिशन (पोजिशन) पर आ जाएं। यह सुनिश्चित करें कि इसे करने में जो प्रेशर लग रहा है, वो बराबर हिस्सों में बंटे। इस योगासन को करने में इस बात का ध्यान रखें कि आपके घुटने बेंड न हों और आपका हिप भी सीधा रहे।
- वैरिएशन तीन : दोनों पैर पर एक साथ रखकर खड़े हो जाएं। अब हाथों को साइड में रखें। दोनों हाथों को आगे की ओर से धीरे-धीरे से अपने ऊपर ले जाएं। हाथ जब कंधे से ऊपर जाने लगे, तो अंगूठों पर टकटकी लगाकर देखें। गहरी सांस लेकर करीब 10 गिनने तक इसे रोकें। इसे ऊर्ध्व हस्तासन और अपराइट पोज (Oordhva hastasana -upright hand pose) कहा जाता है।
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ताड़ासन (Tadasana) के फायदे क्या हैं?
ताड़ासन के फायदे इस प्रकार हैं:
डायबिटीज पेशेंट्स को मिलता है लाभ
योगासन कई अलग-अलग प्रकार के होते हैं और सभी योगासनों का शारीरिक लाभ भी मिलता है। ठीक इसी तरह ताड़ासन का लाभ डायबिटीज पेशेंट्स को मिलता है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार ताड़ासन से टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) को कंट्रोल किया जा सकता है। दरअसल इस आसन से ब्लड में ग्लूकोज को कंट्रोल करने और इंसुलिन लेवल को बैलेंस रखने में आपकी सहायता करता है। हालांकि इस विषय पर अभी भी रिसर्च जारी है।
बॉडी पॉश्चर होता है बेहतर
बॉडी पॉश्चर को ठीक रखने के लिए रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेट रखना चाहिए। इस योगासन को करने के दौरान भी अपने रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेट रखें। इस योग से बॉडी के पॉश्चर को सुधारने के साथ-साथ बॉडी को फ्लैक्सिबल बनाने में भी मदद मिलती है। यदि आपको लगता है कि आप झुके हुए हैं, आपका कुबड़ निकला है तो यह आसन आपके लिए बेस्ट है। यदि आप नियमित तौर पर ताड़ासन करें तो इस समस्या से कुछ हद तक निजात पा सकते हैं। नियमित तौर पर ताड़ासन को करने वाले लोगों के पीठ का दर्द अपने आप खत्म हो जाता है। आप खड़े होने पर लंबे दिखते हैं और आपके पॉश्चर में सुधार आता है।
घुटने, जांघ और टखनों को मिलती है मजबूती
नियमित योग से पूरे शरीर को लाभ मिलता है, लेकिन कुछ खास योगासनों की मदद से खास शारीरिक हिस्से को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद मिलती है। इसलिए ताड़ासन से घुटने, जांघ और टखनों को मजबूत बनाया जा सकता है। रिसर्च के अनुसार ताड़ासन अगर नियमित और ठीक से किया जाए तो इसके फायदेघुटने, जांघ और टखनों पर देखे या महसूस किये जा सकते हैं।
बैक पेन की प्रॉब्लम होती है दूर
अगर आप पीठ दर्द (Back pain) की तकलीफ से हमेशा परेशान रहते हैं, तो ताड़ासन आपके लिए रामबाण से कम नहीं है। दरअसल इस योगासन के दौरान बॉडी को स्ट्रेच भी किया जाता है और आपकी पीठ बिलकुल सीधी होती है, जिसका फायदा बैक पेन की परेशानी को दूर करने में आपकी मदद करता है।
वजन नियंत्रित में रखता है
आप कई दिनों से अपने वजन को नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो आप ताड़ासन कर अपने वजन को कम कर सकते हैं। ताड़ासन कर आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और आप सामान्य से ज्यादा कैलोरी भी बर्न करते हैं।
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एनर्जी लेवल में करता है इजाफा
माउंटेन पोज और ताड़ासन का एक और फायदा यह है कि इससे आपकी एनर्जी में इजाफा होता है। यह आपकी आत्मा, दिमाग और शरीर को फिर से युवा करने में मदददगार साबित होता है।
आपका मूड अच्छा रहता है
यदि आपका दिन अच्छा नहीं जा रहा है तो आपको ताड़ासन करना चाहिए। ताड़ासन को करने से जहां तनाव कम होता है, वहीं हमारे नर्वस सिस्टम की स्ट्रेंथ मजबूत होती है। आपकी यादाश्त शक्ति बढ़ने के साथ आपका फोकस बढ़ता है।
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हाइट बढ़ाने में है मददगार
यदि आप इस आसन को बचपन से ही या किशोरावस्था से ही करना शुरू कर देते हैं तो आप खुद यह महसूस करेंगे कि आपकी हाइट बढ़ रही है। ताड़ासन को कर आप सामान्य से कुछ इंच ज्यादा अपनी हाइट बढ़ा सकते हैं। आप चाहे तो अपने घर के बच्चों को ताड़ासन करने की सलाह दे सकते हैं।
मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है
ताड़ासन मानसिक एकाग्रता को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होता है। योग सिर्फ मुवेमेंट ही नहीं बल्कि यह ध्यान व साधना भी है। इसे कर हम आंतरिक चेतना को बढ़ाने के साथ मानसिक एकाग्रता को बढ़ा सकते हैं। इसे कर आप पहले से ज्यादा अलर्ट, शांत और रचनात्मक बनते हैं। इस योगासन के दौरान बॉडी मूवमेंट के साथ-साथ आपका ध्यान भी केंद्रित होता है। योगा एक्सपर्ट्स के अनुसार ताड़ासन से मेंटल हेल्थ को भी बेहतर बनाये रखने में सहायता मिलती है।
श्वांस को करता है ठीक
भरे हुए लंग्स से आप सामान्य की तरह श्वांस नहीं ले पाते हैं, वहीं आपको दिन-ब-दिन कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ताड़ासन हमारे लंग्स को खोलने के साथ हमें गहरी श्वांस लेने में मदद करता है। वहीं श्वांस को छोड़ने के साथ लंग्स की गंदगी भी बाहर चली जाती है।
साइटिका से दिलाता है निजात
यदि आप साइटिका की समस्या से ग्रसित हैं तो आपको ताड़ासन करना चाहिए। इसे कर आप दर्द की समस्या से निजात पा सकते हैं। वहीं यदि नियमित तौर पर आप ताड़ासन करते हैं तो इससे भविष्य में भी बीमारी नहीं होती है।
ताड़ासन कर अपने शरीर को करें बैलेंस
आपने अब तक योगासन किया है और इस योगासन को करने की चाह रखते हैं तो जरूरी है कि शुरुआती दिनों में फीट को तीन से पांच इंच की दूरी पर रखकर ही इस योग का अभ्यास करें। वहीं ऐसा तब तक करें जब तक आपका बैलेंस सही नहीं हो जाता। ताड़ासन जैसे योगाभ्यास करने से हमारा शारिरिक विकास ही नहीं होता बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। इसलिए जरूरी है कि इसे हमें अपनी नियमित दिनचर्या में इसे शामिल करना चाहिए। वहीं यदि आप किसी प्रकार की बीमारी से ग्रसित हैं, प्रेग्नेंट हैं या फिर किसी प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो बेहतर यही होगा कि आप डॉक्टर के साथ योगा ट्रेनर की सलाह लेकर योगासन करें और स्वास्थ्य लाभ उठाएं।
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इन शारीरिक लाभों के साथ-साथ ताड़ासन के फायदे और भी हैं:
- अवेयरनेस और एकाग्रता बढ़ाने में भी यह आसन काफी मददगार है
- फ्लैट फीट की समस्या के साथ यह साइटिका की बीमारी से निजात दिलाता है।
- हमारे चेहरे से यह तनाव मुक्त करने में मदद करता है
- ताड़ासन को योगमुद्रा और वृक्षासन के बाद करने से हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है। शरीर की मोबेलिटी में सुधार होता है
- ताड़ासन को करने से लोअर एब्डॉमिन की स्ट्रेचिंग होती है, इससे हमारी पाचन शक्ति में सुधार होता है
- टो (पैर की उंगलियों के बल) पर शरीर का वजन डालने से हमारे पांव की स्टेब्लिटी बढ़ती है और बैलेंस बना रहता है
- पूरी बॉडी को एक्टिवेट करने का यह बेहतर जरिया है
- यह कब्ज से भी राहत दिलाता है
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी व योगा ट्रेनर की सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
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