backup og meta

उत्तानपादासन योगासन करने का सही तरीका क्या होता है? जानिए इसके फायदे।

उत्तानपादासन योगासन करने का सही तरीका क्या होता है? जानिए इसके फायदे।

योग के फायदों के बारे में आप जानते ही होंगे। योग करने से हमारे मस्तिष्क और शरीर दोनों को फायदा मिलता है। योग के कई आसन हैं, उन्हीं में से एक है उत्तानपादासन (Uttanpadasana)। उत्तानपादासन को रेज्ड लेग्स पोज (Raised legs pose) भी कहा जाता है। इस योगासन को करना बेहद आसान है। उत्तानपादासन में उत का अर्थ है “ऊपर उठाना’, तान का मतलब है “खींचना’ , पाद का अर्थ है “पैर’ और आसान का मतलब “पुजिशन (पोजीशन)’। जैसा की नाम से ही पता चल रहा है, इस योगासन को करते हुए पैरों को ऊपर की दिशा में उठाना पड़ता है। उत्तानपादासन से पेट की समस्याओं को दूर करने और पेट को फ्लैट बनाने के लिए किया जाता है। इस आसन को कई बार “द्विपदासना’ भी कहते हैं। पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी यह आसन बेहद लाभदायक माना जाता है। इस आसन को कोई भी कर सकता है, लेकिन पहले इसका अच्छे से अभ्यास कर लेना जरूरी है। जानिए उत्तानपादासन (Uttanpadasana) के बारे में विस्तार से।

उत्तानपादासन (Uttanpadasana) करने का तरीका क्या है?

उत्तानपादासन कैसे करें

उत्तानपादासन को दो अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है, जो इस प्रकार है:

उत्तानपादासन करने का पहला तरीका-

  • उत्तानपादासन करने के लिए सबसे पहले एक दरी या मैट लें और किसी शांत जगह पर इसे बिछा दें।
  • इस मैट पर पीठ के सहारे सीधा लेट जाएं।
  • अपने दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें। इस दौरान आपके दोनों पैरों की एड़ियां और उंगलियां आपस में छूनी चाहिए।
  • अपने दोनों हाथ अपने शरीर के पास में रखें और आपकी हथेलियां जमीन के साथ टच करें।
  • अब सांस अंदर खींचे और अपनी दाईं टांग को ऊपर 30 डिग्री के कोण तक उठायें।
  • कुछ देर बाद सांस बाहर छोड़ें और अपनी इस टांग को धीरे-धीरे नीचे की तरफ ले आएं।
  • कुछ देर आराम करने के बाद इसी प्रक्रिया को दूसरी टांग के साथ दोहराएं।
  • इस पूरी प्रक्रिया को दोनों टांगों के साथ कम से कम तीन बार दोहराना चाहिए

और पढ़ें : महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने में सहायक 5 योगासन

उत्तानपादासन करने का दूसरा तरीका-

  • सबसे पहले मैट दरी बिछा लें।
  • दूसरे तरीके से उत्तानपादासन को करने के लिए पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
  • इसमें भी आपके दोनों पैर एक दूसरे से जुड़े होने चाहिए।
  • आपके हाथ अपनी कमर के पास जमीन पर होने चाहिए, जिसमें हथेलियां सीधी हों ।
  • अब सांस अंदर की तरफ खींचें और अपनी दोनों टांगों को एक साथ ऊपर की तरफ उठायें।
  • अपनी टांगों को 30 डिग्री के कोण तक ले जा कर रोक दें।
  • कुछ समय तक ऐसे ही रहें और उसके बाद धीरे-धीरे अपनी टांगों को जमीन पर रख दें।
  • इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराएं।

[mc4wp_form id=’183492″]

और पढ़ें : ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst) से राहत दिलाएंगे ये 6 योगासन

उत्तानपादासन के फायदे क्या हैं?

उत्तानपादासन (Uttanpadasana) के फायदे इस प्रकार हैं?

शरीर को मजबूत बनाएं

उत्तानपादासन एथलीटों के लिए बेहतरीन योगासन है, क्योंकि इससे शरीर मजबूत होता है। इस योगासन से शरीर का संतुलन भी बना रहता है। यह आसन हैमस्ट्रिंग की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यही नहीं पेट, पीठ, कूल्हों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करने में भी यह लाभदायक है।

तनाव को करे दूर

यह योगासन करने से तनाव या अवसाद से भी छुटकारा मिल सकता है। इसे करने से आप चिंता मुक्त महसूस करेंगे और आपके दिमाग में सकारात्मक विचार आएंगे। इसलिए इस आसन को अपने जीवन का हिस्सा बना लें।

ब्लड सर्क्युलेशन सुधारे

उत्तानपादासन से पूरे शरीर में ब्लड सर्क्युलेशन बेहतर होता है। जिससे स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं दूर हो सकती हैं। इसके साथ ही प्रजनन प्रणाली (फर्टिलिटी) को भी हेल्दी बनाने में यह योगासन लाभकारी माना जाता है।

पेट के लिए लाभदायक

यह आसन पेट के लिए सबसे अच्छा आसन माना जाता है। उत्तानपादासन करने से पेट या पेट के आसपास एक्स्ट्रा फैट नहीं बनते हैं। इसे रोजाना करने से एसिडिटी, कब्ज, गैस जैसी पेट की तकलीफ दूर हो सकती है। पाचन क्रिया को बेहतर बनाये रखने में भी यह आसन सहायक है।

दर्द से छुटकारा

उत्तानपादासन करने से पीठ की दर्द से छुटकारा मिलता है। शरीर के पॉश्चर को सुधारने में भी यह आसन लाभदायक है। इसके साथ ही कंधे, गर्दन आदि की दर्द को भी यह दूर करता है।

जानिए कैसे करें योग की शुरुआत इस वीडियो के माध्यम से:

उत्तानपादासन के अन्य लाभ

और पढ़ें : साइनस (Sinus) को हमेशा के लिए दूर कर सकते हैं ये योगासन, जरूर करें ट्राई

इन बातों का रखें ध्यान

उत्तानपादासन करने के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:

  • अगर आपकी गर्दन में दर्द है, तो उत्तानपादासन को करते हुए सहारा देने के लिए एक कंबल को फोल्ड कर के गर्दन के नीचे रख लें।
  • इस आसन को करते हुए आपकी रीढ़ की हड्डी बिलकुल सीधी होनी चाहिए, जिससे किसी भी तरह की चोट से बचा जा सके।
  • योग के किसी भी आसन को सुबह की ताजा हवा में करने के लिए कहा जाता है। इस आसन को सुबह के समय करना आपके लिए बेहतर है। शाम के समय भी आप इसे कर सकते हैं। लेकिन उस समय आपका पेट खाली होना चाहिए। ताकि आपको इस आसन से होने वाले पूरे स्वास्थ्य लाभ मिल सके।
  • अगर आप शाम के वक्त उत्तानपादासन करते हैं, तो खाना खाने से दो घंटे पहले योगासन करें।

और पढ़ें : नॉर्मल डिलिवरी में मदद कर सकते हैं ये 4 आसान प्रेग्नेंसी योगा

किन स्थितियों में उत्तानपादासन (Uttanpadasana) को न करें

निम्नलिखित परिस्थितियों में उत्तानपादासन न करें। जैसे:

  • अगर आपकी गर्दन में दर्द है या चोट लगी है, तो इस आसन को न करें।
  • गर्भवती महिलाओं या मासिक धर्म के दिनों में भी महिलाओं को यह आसन नहीं करने की सलाह दी जाती है।
  • जिन लोगों का ब्लड प्रेशर हाय है या घुटनों में चोट लगी है, तो उन के लिए इस आसन को करना हानिकारक है।
  • अगर आपको स्लिप डिस्क, अल्सर की समस्या है, तो इस आसन को न करें।
  • अगर आपके पेट की सर्जरी हुई है, तो भी उत्तानपादासन को न करें।

योग के अन्य आसनों की तरह इस आसन को भी सही मार्गदर्शन के बाद ही करना चाहिए। इसे करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से अवश्य पूछ लें।

[embed-health-tool-heart-rate]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Yogasana for Stomach disorders- Uttanpadasana. https://www.theayurveda.org/yoga/yogasana-for-stomach-disorders-uttanpadasana.Accessed on 16.07.20

Uttanapadasan – tone and strengthen abdominal muscles. http://www.idyaz.org/uttanapadasan-yoga-asana/.Accessed on 16.07.20

Uttanpadasana. http://airworldservice.org/english/archives/84080.Accessed on 16.07.20

Current Version

14/12/2020

Anu sharma द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


संबंधित पोस्ट

योग क्या है? स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र योग और योगासन

पादहस्तासन : पांव से लेकर हाथों तक का है योगासन, जानें इसके लाभ और चेतावनी


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/12/2020

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement