कैंसर की वजह देश ने इरफान खान और ऋषि कपूर जैसे दिग्गज अभिनेताओं को खो दिया है। जब किसी व्यक्ति को कैंसर होने का पता चलता है तो उनके मन में यह सवाल जरूर होता है कि क्या वह कभी सामान्य जीवन जी सकेगा? कैंसर के इलाज में केवल रेडिएशन ही शामिल नहीं होता, बल्कि और भी कई चीजें शामिल होती हैं जैसे कीमोथेरिपी और जरूरत पड़ने पर सर्जरी भी। कैंसर के मरीज भी अच्छा जीवन जीना चाहते हैं। ऐसे में कैंसर रोगियों के लिए डांस थेरिपी काफी उपयोगी साबित हो सकती है। आज अस्पताल तथा कैंसर चिकित्सा केंद्र कैंसर के मरीजों को शारीरिक एवं भावनात्मक पीड़ा से उबारने के लिए डांस थेरिपी के फायदों को लेकर अध्ययन कर रहे हैं।
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कैंसर रोगियों के लिए डांस थेरिपी (Dance Therapy)
ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में डांस थेरिपी को डांस मूवमेंट थेरेपी (डीएमटी) के रूप में तथा ब्रिटेन में डांस मूवमेंट साइकोथेरिपी (डीएमपी) के रूप में जाना जाता है। डांस थेरिपी का कैंसर के मरीजों की सामान्य मानसिक और शारीरिक बेहतरी पर समग्र सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। हालांकि, यह याद रखा जाना चाहिए कि कैंसर का पता चलने पर ऑन्कोलॉजिस्ट अगर सर्जरी, रेडिएशन या कीमोथेरिपी की सलाह देते हैं तो उसके विकल्प के तौर पर डीएमटी/डीएमपी को अपनाया नहीं जाना चाहिए। दरअसल, डीएमटी/डीएमपी एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए मरीज अपनी मानसिक वेदना से राहत पा सकता है।
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कैंसर रोगियों के लिए डांस थेरिपी (Dance Therapy) कैसे काम करती है?
यह ज्ञात हो चुका है कि डीएमटी/डीएमपी एंडोर्फिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे शरीर में विभिन्न प्रणालियों की सक्रियता में वृद्धि होती है। कैंसर के मरीजों में होने वाले सकारात्मक भावनात्मक एवं व्यवहारात्मक सुधार का यही आधार है और इससे शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता भी बढ़ती है। नृत्य की भंगिमाओं एवं गतिओं में क्रिएटिव डांस, इंटरैक्टिव गेम्स, रिलैक्सेशन तकनीकें, एक्सप्रेसिव गतिविधियां, इम्प्रोवाइजेशन और अभिनय प्रस्तुति शामिल है। इन शारीरिक और मानसिक गतिविधियों से चिकित्सीय या मनोचिकित्सा संबंधी प्रभाव पैदा होते हैं। इसका लाभदायक प्रभाव जीवन की समग्र गुणवत्ता पर पड़ता है, जो शरीर को शारीरिक एवं मानसिक तौर पर स्वस्थ रखता है तथा अलगाव और दोबारा कैंसर होने के भय को दूर करता है।
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कैंसर रोगियों के लिए डांस थेरिपी: दूर होती है नकारात्मकता
कैंसर के ज्यादातर मरीजों में सर्जरी के बाद अपने शरीर की छवि को लेकर नकारात्मक भावना होती है, जिसका मरीज के ठीक होने और उसके पुनर्वास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कैंसर रोगियों के लिए डांस थेरिपी (डीएमटी/डीएमपी) उनके आत्मसम्मान को बढ़ा सकती है, अभिव्यक्ति में सुधार करती है और कैंसर के मरीजों को हंसा कर उनमें बेहतर होने की भावना को भरती है और स्वतः ही मानसिक तनाव को घटाती है तथा संबंधित शारीरिक दर्द को कम करती है। अध्ययन में मैस्टेक्टोमी सर्जरी कराने वाली महिलाओं में एक सप्ताह में दो से तीन बार डीएमटी/डीएमपी के डेढ़ घंटे के सत्र के बाद ये फायदे देखे गए हैं।
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कैंसर रोगियों के लिए डांस थेरिपी- ग्रुप डीएमटी/डीएमपी क्या है?
इसके अलावा समूह में दी जाने वाली डांस थेरिपी अलगाव की भावना को दूर कर सकती है तथा आत्मविश्वास को मजबूत कर सकती है। डीएमटी/डीएमपी संवाद संबंधी कौशल को बेहतर बनाने में मदद करता है तथा कैंसर रोगियों को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, अन्य कैंसर रोगियों और अपने स्वयं के देखभालकर्ताओं और परिवारजनों के साथ जीवंत संबंध बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है। ये मरीज अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना तथा उन्हें अभिव्यक्त करना शुरु करते हैं और रिश्ते कायम करने के कौशल की मदद से इनका सामना करना सीखते हैं। इन समूहों में एक ही तरह के कैंसर के मरीज होते हैं या अलग-अलग तरह के मरीज मिले-जुले होते हैं।
डीएमटी/डीएमपी के हीलिंग चरण
डांस के लय एवं हाव-भाव का शरीर एवं मन से घनिष्ठ संबंध होता है। यह संबंध विभिन्न नृत्य चरणों या गतियों का उपयोग करके स्थापित किया जाता है, जिसमें मुख्य रूप से चार चरण शामिल होते हैं, जैसे कि नियोजन, परिपक्वता, जागरुकता और मूल्यांकन। आइए, इन चरणों के बारे में जानते हैं।
- कैंसर रोगियों के लिए डांस थेरिपी के नियोजन चरण में चिकित्सक के साथ प्रारंभिक सत्रों को शामिल किया जाता है, ताकि दैनिक सत्र के लिए किसी खास मरीज की शारीरिक और मानसिक स्थिति को समझा जा सके। इसमें कुछ वार्मअप व्यायाम शामिल हो सकते हैं, जिससे संभावित गतियों की सीमाओं को समझा जा सके।
- लयबद्ध गतियों के माध्यम से शांति एवं एकाग्रता प्राप्त होने पर परिपक्वता की प्राप्ति होती है। जांच के परिणामस्वरूप कैंसर मरीज अधिक शांत होते हैं और वे तनाव तथा एंग्जाइटी को बेहतर तरीके से नियंत्रण कर पाते हैं।
- जागरुकता के चरण में मरीज को पर्याप्त शारीरिक एवं मानसिक ताकत प्राप्त होती है, जिससे रोग का मुकाबला करने की क्षमता विकसित होती है और उसमें आशा की भावना जागृत होती है।
- मूल्यांकन के दौरान, रोगियों में डांस थेरिपी के स्पष्ट लाभ स्पष्ट तौर पर प्रकट होते हैं तथा एक दूसरे के बीच संपूर्ण अनुभवों को साझा करने के साथ सेशन का समापन किया जा सकता है। पूरा सेशन 9 से 10 सप्ताह से अधिक का हो सकता है।
कैंसर रोगियों के लिए डांस थेरिपी के अलावा इन बातों का ध्यान रखना भी है जरूरी
कैंसर से शरीर और दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव
- कैंसर के ट्रीटमेंट के दौरान आपको सिर्फ दर्द ही नहीं, बल्कि थकान का भी सामना करना पड़ता है। जिससे आपको दैनिक गतिविधि या सामान्य जिंदगी जीने में मुश्किलें हो सकती हैं।
- कैंसर की वजह से आप स्वस्थ महसूस नहीं करते और आपकी भूख कम होने लगती है। हालांकि, कुछ लोगों में चिंता या अवसाद के कारण भूख बढ़ भी सकती है। भूख में बदलाव होने से आपके शारीरिक वजन में भी बदलाव हो सकता है, जो कि चिंता को और बढ़ा देता है।
- कैंसर ट्रीटमेंट में आपको कई शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है। जैसे- शरीर के बालों का गिरना या किसी शारीरिक हिस्से को खो देना। हालांकि, यह बदलाव स्थाई या अस्थाई हो सकते हैं, लेकिन यह आपके खुद को लेकर भावनाओं को बदल सकते हैं और आत्म-विश्वास में गिरावट ला सकते हैं।
- कुछ प्रकार के कैंसर या ट्रीटमेंट आपके सेक्शुअल ऑर्गन को सीधे तौर पर प्रभाव डालते हैं। इसके अलावा, यह आपके लिबिडो पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा, कुछ सेक्शुअल ऑर्गन के कैंसर की वजह से आपकी फर्टिलिटी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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