जबसे देश में कोरोना वायरस ने दस्तक दी है, तब से लोग बिना किसी मेड या हेल्पर के खुद ही घर का काम-काज संभाले हुए हैं। लोगों की परेशानी तो बढ़ी है, लेकिन ये घर के काम-काज आपके स्वीट होम की खूबसूरती तो बढ़ाते ही हैं साथ ही आपको फिट रहने में भी आपका साथ निभाते हैं। दरअसल ये घर के काम-काज व्यायाम की तरह होते हैं और व्यायाम बॉडी को फिट बनाये रखने में आपका साथ निभाता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए फिजिकल एक्टिविटी जैसे घर की साफ-सफाई करना लाभकारी होता है।
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कुछ वक्त पहले की बात करें, तो पहले आटा नहीं मिलता था, महिलाएं गेहूं धोकर चक्की चलाकर गेहूं पीसा करती थी। जिससे उनके आर्म्स, पेट और बैक मसल्स का वर्कआउट होता था। नल नहीं था और पानी कुएं से निकालना होता था, तो एक तरह से उनके लिए पुलिंग वर्कआउट होता था। इसके बाद झुककर झाड़ू लगाना, जिससे कमर का वर्कआउट होता। फिर बैठ कर पोछा लगाने से तो थाइ, आर्म, पेट और कमर की एक्सरसाइज हो जाती थी। ऐसा करने से एक पंथ दो काज हो जाते थें। घर का काम भी हो जाता था और एक्सरसाइज भी। उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली चम्पा मौर्या (68 वर्ष) बताती है कि “आजकल लोग मॉर्डन हो गए हैं। पहले के जमाने में हमारा चूल्हा-चौका ही हमारा जिम हुआ करता था। घर में झाड़ू लगाना, पोछा लगाना, मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाना, कुएं से पानी निकालना, हाथों से चक्की चलाना आदि से हमारा वर्कआउट हो जाता था। इसलिए मेरी सलाह ये है कि कुएं से पानी निकालना, चक्की चलाना आदि तो संभव नहीं है, लेकिन झाड़ू लगाना और पोछा लगाना तो हम कर ही सकते हैं। इससे घर की सफाई से साथ-साथ सेहत भी बन जाएगी।”
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झुककर क्यों झाड़ू लगाना चाहिए?
झाड़ू लगाना तो साफ-सफाई का अहम हिस्सा है। हमारे देश की सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान भी चलाया है। जिससे हमें ये सीखने को मिलता है कि सफाई इंसान की प्राथमिकताओं में अव्वल है। झाड़ू लगाना तो सभी को आता होगा, लेकिन क्या सही तरीके से झाड़ू लगाना आता है? झुककर झाड़ू लगाना हमारी कमर के लिए काफी फायदेमंद होता है। कमर और पेट पर जमा हुई चर्बी को कम करने में झुक कर झाड़ू लगाने से स्क्वॉट्स के बराबर फायदा मिलता है। जिससे हमारे थाइ, बैक और टमी फैट कम होता है। जैसे ही आप झाड़ू लगाना शुरू करते हैं, अपनी रीढ़ की स्थिति को ठीक रखें। धीरे से झुकें और हर तरफ से अंदर से बाहर की तरफ झाड़ू लगाएं। झाड़ू लगाने से हमारी कलाई की फ्लैक्सीबिलिटी बढ़ती है और ये सुबह एक अच्छा वॉर्मअप होता है। इसके साथ ही बाइसेप मसल्स पर भी झाड़ू लगाने के फायदे होते हैं। वहीं, जब आप झाड़ू को पकड़ते हैं, तो उससे आपके अंगूठे और उंगलियों के बीच पकड़ अच्छी होती है।
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झुककर झाड़ू लगाना : एक पंथ कई काज
- झुककर झाड़ू लगाने से बहुत अच्छा वर्कआउट होता है। अगर आप लगभग एक घंटे तक झाड़ू लगाते हैं, तो 200 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है। इससे स्क्वॉट्स जैसा वर्कआउट होता है। जिससे कमर, बेली और थाइ के मसल्स टोन होते हैं।
- झाड़ू लगाने से सफाई होती है, जिससे हम तनाव मुक्त महसूस करते हैं। इसके अलावा जब हम झाड़ू लगाते हैं, तो स्ट्रेस और एंग्जायटी का लेवल कम होता है।
- जब हम घर की सफाई करते हैं, तो झाड़ू लगाने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। क्योंकि झाड़ू लगाना और उसके बाद पोछा लगाने से घर डिसइंफेक्ट हो जाता है।
- झाड़ू लगाने से एलर्जी कंट्रोल हो सकती है। अक्सर घर की धूल से कई लोगों को एलर्जी होती है। झाड़ू लगाने से घर की धूल साफ हो जाती है। जिससे एलर्जी होने से बच जाती है।
झाड़ू लगाने के साथ पोछा लगाने के फायदे भी हैं
झाड़ू लगाना तो हो गया, अब पोछा लगाने के फायदे के बारे में भी जान लें, लेकिन पोछा लगाने के फायदे आपके द्वारा पोछा लगाने के तरीके पर निर्भर करता है। पोछा बैठकर लगाते हैं या खड़े होकर इससे पोछा लगाने के फायदे अलग होते हैं। जब आप खड़े होकर स्टिक की सहायता से पोछा लगाते हैं, तो इससे सिर्फ आपके आर्म्स का वर्कआउट होगा। लेकिन जब आप बैठ कर पोछा लगाते हैं, तो 340 स्क्वॉट्स के बराबर होता है। जब भी आप पोछा लगाते हैं, तो हर मिनट में आपकी लगभग 4 कैलोरी बर्न होती है। पोछा लगाने से हमारे लोअर बॉडी का वर्कआउट होता है। जब हम बैठकर पोछा लगाते हैं, तो आगे से पीछे की ओर खिसकते जाते हैं। साथ ही हाथों को भी दाएं-बाएं करते हैं। ऐसे में इससे पेट की मसल्स और कमर की मसल्स टोन होती है। जिससे बॉडी टोन होती है।
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झाड़ू पोछा के अलावा ये घरेलू काम भी बर्न करते हैं कैलोरी
झाड़ू लगाना और पोछा लगाने के फायदे के बारे में बात तो हो गई। आइए अब जानते हैं घर के कुछ अन्य कामों के बारे में जिससे आप अपनी कैलोरी बर्न कर सकते हैं :
काउंटर या घर की दीवारों की साफ-सफाई करना
फ्लोर क्लीनिंग के साथ-साथ दीवारों या काउंटर की भी साफ-सफाई किसी व्यायाम से कम नहीं है। इसे अगर आसान शब्दों में समझें, तो जब हम अपने पैरों के उंगलियों पर खड़े होते हैं, तो हमारे पैर पीछे की मांसपेशियां और लोअर लेग को शेप करने की कोशिश करती हैं। दरअसल इस दौरान पैरों के पंजों के सहारे बॉडी को ऊपर की ओर लिफ्ट की जाती है और फिर वापस पूरे पैर को जमीन पर रखा जाता है। यही प्रक्रिया कई बार की जाती है, जिससे फ्लैक्सीबिल होती है।
किसी सामान के साथ सीढ़ी चढ़ना
जब हम कोई सामान या कपड़े लेकर सीढ़ी पर चढ़ते हैं, तो हमारे शरीर से प्रति मिनट 6 कैलोरी ऊर्जा बर्न होती है। जब आप सीढ़ियां चढ़ना शुरू करते हैं, तो आपके अपर बॉडी और कंधे को स्ट्रेंथ मिलती है। इसके अलावा थाइ के पीछे की मसल्स का भी वर्कआउट होता है, जिससे हिप्स टोन होते हैं। इसलिए सीढ़ी चढ़ना और उतरना किसी व्यायाम से कम नहीं है।
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बिस्तर लगाने में भी बर्न होती है कैलोरी
जब आप चादर को झाड़कर गद्दे पर बिछाते हैं, तो ये भी एक तरह का वर्कआउट होता है। जिसमें प्रति मिनट आपकी 2 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है। क्योंकि जब आप बिस्तर लगाते हैं, तो आपकी अपर बॉडी काम करती है और लोअर बॉडी शरीर का बैलेंस बनाने में मदद करती है। जिससे आपके पैर, बैक और पेट की मसल्स स्ट्रेंथ होती है।
कपड़ा धोना
हर काम में मेहनत लगती है, तो जाहिर सी बात है कपड़ा धोने में भी मेहनत तो लगती ही है। पहले कपड़ों को पानी में अच्छी तरह से गीला करें और फिर सर्फ या साबुन की मदद से कपड़ों को धोते हैं। हाथों से कपड़ा धोने से हाथों की मसल्स को स्ट्रॉन्ग बनाया जा सकता और शरीर की कैलोरी को बर्न करने में मदद मिलती है।
खाना बनाना
खाना बनाना किसी वर्कआउट से कम नहीं है। क्योंकि खाना बनाने के दौरान आटा गूंधना और फिर रोटी बेलना भी व्यायाम की तरह है। आटा गूंधने से आपके हाथों की पकड़ बेहतर होती है, सभी उंगलियों पर प्रेशर पड़ता है और कलाई को मजबूती मिलती है।
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मसाला पीसना
बदलती और बढ़ती टेक्नोलॉजी ने ओखली और सील की जगह मिक्सर ने ले ली है। लेकिन ओखली और सील में पीसे हुए मसालों का स्वाद बेहद स्वादिष्ट होता है, तो वहीं ओखली और सील पर मसाला पीसना एक एक्सरसाइज की तरह भी देखा जाता है। ओखली और सील पर काम करने के लिए बॉडी को एक खास पुजिशन में लाना पड़ता है, जिससे बॉडी का पॉश्चर ठीक होने के साथ ही इससे हाथों को मजबूती मिलती है और शरीर में ब्लड फ्लो भी बेहतर होता है।
पौधा लगाना
गार्डनिंग का शौक तो कई लोग रखते हैं, लेकिन ये सिर्फ शौक ही नहीं बल्कि बॉडी फिटनेस का राज भी है। पेड़-पौधे लगाना और उनका ध्यान रखना एक बेहतरीन एक्सरसाइज माना जाता है। गार्डनिंग का काम महिला और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं और अपने आपको फिट रख सकते हैं। इसके साथ ही साइकल चलाकर एक जगह से दूसरे जगह जाना-आना, कुल्हाड़ी चलाना, फावड़ा चलाना या कुएं से पानी निकलना आपके दिनचर्या का हिस्सा होने के साथ-साथ आपके स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि घर के काम जैसे कि झाड़ू लगाना, पोछा लगाना और अन्य घर के काम-काज के कितने फायदे हैं, तो हाे जाइए तैयार इन कामों को करने के लिए। लेकिन एक बात हमेशा ध्यान में रखें की अगर आपको इनसभी कामों के दौरान कमजोरी महसूस होती है, तो हो सकता है आपके शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी हो। इसलिए बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आप अपने सेहत से जुड़ी किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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