हेल्दी लंग्स शरीर का बेहद महत्वपूर्ण काम ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान- प्रदान करते हैं। बढ़ती एज, स्मोकिंग, पॉल्यूशन और कई दूसरे फैक्टर फेफड़ों के काम करने की क्षमता को कम कर देते हैं। साथ ही लंग से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं जैसे अस्थमा और क्रोनिक ऑब्सट्रेक्टिव पल्मोनरी डिसीज (COPD), निमोनाइटिस भी फेफड़ों की क्षमता को प्रभावित करती हैं। हालांकि, कुछ ब्रीदिंग एक्सरसाइज फेफड़ों की सीमित कार्य क्षमता के कारण होने वाली सांस की तकलीफ को कम करने में मदद कर सकती हैं।
आइए इस आर्टिकल में उन एक्सरसाइज के बारे में जानते हैं। साथ ही कुछ ऐसे टिप्स भी बताते हैं जिनसे आप अपने फेफड़ों को हेल्दी (हेल्दी लंग्स) रख सकते हैं।
1. हेल्दी लंग्स के लिए पर्सड लिप ब्रीदिंग
- इस एक्सरसाइज के लिए सीधे बैठ जाएं। ध्यान रखें सही पॉश्चर फेफड़ों की गति को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
- एक्सरसाइज में आपको नाक से धीरे-धीरे सांस लेना है और फिर उससे भी धीरे मुंह से सांस छोड़ना है।
- सांस को जब बाहर निकालेंगे तो आपको मुंह को थोड़ा सिकोड़ना होगा। जैसा हम किस करने के समय मुंह को सिकोड़ते हैं उसी तरह।
- इस एक्सरसाइज की कुछ सेकेंड रोज प्रेक्टिस करें।
और पढ़ें : वर्कआउट से पहले क्या खाना चाहिए? क्विज से जानिए
2. हेल्दी लंग्स के लिए रिलैक्स ड्रीप ब्रीदिंग
- इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप शांत माहौल में बैठें।
- अपने शोल्डर को पूरा तरह रिलैक्स कर लें।
- अब नाक से सांस लें और मुंह से बाहर निकालें।
- जब आप सांस ले रहे हैं और बाहर निकाल रहे हैं तो आपका एब्डॉमिन भी मूव होना चाहिए।
3. हेल्दी लंग्स के लिए बेली ब्रीदिंग
- इसे डायफ्रागमिक ब्रीदिंग भी कहते हैं। इसमें भी आपको नाक से सांस लेना है।
- आपको इतनी गहरी सांस लेना है कि ऑक्सीजन बेली तक भर जाए।
- इसमें आप अपनी बेली के पास अपना हाथ या कोई लाइटवेट ऑब्जेक्ट रख सकते हैं। ताकि आपको पता लग सके कि बेली कितने ऊपर और नीचे जा रही है।
- अब आपको सांस को मुंह से बाहर निकालना है। ध्यान रहें यह एक्सरसाइज करते वक्त आपकी गर्दन और शोल्डर रिलैक्स रहें।
- यह एक्सरसाइज किसी भी फंसी हुई हवा को बाहर निकालने में मदद करती है। इसलिए जब आप अपनी अगली सांस लेते हैं तो ताजी हवा के लिए अधिक जगह होती है।
क्या मैं हेल्दी लंग्स के लिए फिजिकल एक्सरसाइज भी कर सकता हूं?
किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधियों को व्यायाम के रूप में गिना जाता है। यह कोई खेल भी हो सकता है जैसे रनिंग, स्विमिंग या टेनिस। इसके अलावा इसमें साइकलिंग, स्विमिंग और वॉकिंग को भी शामिल किया जा सकता है। दैनिक जीवन का हिस्सा रहने वाली बागवानी और साफ- सफाई करना भी फिजिकल एक्टिविटीज में गिनी जाती है।
स्वस्थ रहने के लिए, आपको सप्ताह में पांच दिन 30 मिनट का हल्का व्यायाम करना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए 4 से 6 किमी प्रति घंटे की गति से चलना बेहतर व्यायाम हो सकता है। यदि आपको कोई फेफड़ों से जुड़ी समस्या है, तो आपको धीमी गति से चलना होगा ताकि आप आसानी से सांस ले सकें और फेफड़ों पर ज्यादा प्रेशर न आए।
और पढ़ें : हैंगओवर में वर्कआउट करने से करें तौबा, शरीर को हो सकते हैं ये नुकसान
फिजिकल एक्सरसाइज के दौरान फेफड़ों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
जब आप व्यायाम करते हैं और आपकी मांसपेशियां कड़ी मेहनत करती हैं, तो आपका शरीर अधिक ऑक्सीजन का उपयोग करता है और अधिक कार्बन डाइऑक्साइड पैदा करता है। इस अतिरिक्त मांग के लिए आपकी ब्रीदिंग जब आप आराम कर रहे होते हैं कि तुलना में काफी अधिक बढ़ जाती है, जो कि एक मिनट में 40-60 टाइम्स होती है। इस दौरान हमारे फेफड़ों में 100 लीटर हवा तक जाती है। और जब हम आराम कर रहे होते हैं तो यह 15 टाइम्स के लगभग होती है। इस दौरान 12 लीटर के लगभग हवा लगभग फेफड़ों तक जाती। हमारा संचलन मांसपेशियों को ऑक्सीजन लेने की गति प्रदान करता है ताकि वे अच्छी तरह चलती रहें।
- व्यायाम के दौरान, शरीर के दो महत्वपूर्ण अंग एक्टिव होते हैं: हृदय और फेफड़े।
- फेफड़े शरीर में ऑक्सीजन लाते हैं, ऊर्जा प्रदान करते हैं, और जब आप ऊर्जा का उत्पादन करते हैं, तो कार्बन डाइऑक्साइड को हटाते हैं।
- हृदय उन मांसपेशियों को ऑक्सीजन पंप करता है जो व्यायाम में शामिल हैं।
लंग्स को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम का भी सहारा लिया जा सकता है। इसलिए निम्नलिखित व्यायाम से फेफड़ों को स्वस्थ्य रखें। जैसे:
एरोबिक्स (Aerobics):
एरोबिक्स फेफड़ों को स्वस्थ्य रखने में अहम भुमिता निभाता है। एरोबिक्स की मदद से हार्ट एवं लंग्स को मजबूती प्रदान करता है, जिससे मांसपेशियां स्ट्रॉन्ग होती हैं ऑक्सिजन सप्लाई भी बेहतर होता है। एरोबिक्स की मदद से सांस लेने की क्षमता भी बेहतर होती है।
रिब स्ट्रेचिंग (Rib Stretching):
फिटनेस एक्सपर्ट्स के अनुसार रिब स्ट्रेचिंग वर्कआउट से लंग्स स्ट्रॉन्ग होते हैं और वे बेहतर तरीके से कार्य भी करने में सक्षम होते हैं। इस आसान एक्सरसाइज के दौरान आपको सीधे खड़े रहकर सांस छोड़ना है और फिर सांस लेना है। जितना संभव हो सके उतना इन्हेल और एग्झिल करें। इस प्रक्रिया को तेजी से न कर आराम से करें।
कार्डिओ एक्सरसाइज (Cardio Exercise):
फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कार्डियो एक्सरसाइज बेहतर माना जाता है। नियमित रूप से आधे घंटे कार्डिओ एक्सरसाइज की मदद से लंग्स को हेल्दी रखा जा सकता है।
पुशिंग आउट (Pushing Out):
ब्रीदिंग हैबिट्स अच्छी बनाने के साथ-साथ लंग्स को फिट रखने के लिए पुशिंग आउट व्यायाम किया जा सकता है। पुशिंग आउट करने से पहले फिटनेस एक्सपर्ट से इस बारे में समझें और फिर शुरुआत करें।
इन बातों पर दें विशेष ध्यान
अगर आपको ब्रीदिंग से संबंधित किसी प्रकार की कोई परेशानी है जैसे सांस लेने में तकलीफ, कम सांस आना, किसी काम को करने के बाद बहुत अधिक थकान महसूस होना, सांस लेते वक्त चेस्ट में पेन होना या क्रोनिक कफ, तो आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। सांस लेने में कमी (Feeling short of breath) लंग से जुड़ी बीमारियों का एक पहला और सामान्य लक्षण है।
डॉक्टर आपके लंग फंक्शन को जांचने के लिए टेस्ट कर सकते हैं। ऐसी कई बीमारियां हैं जो आपके लंग फंक्शन को प्रभावित कर सकती हैं। जैसे-
- अस्थमा (Asthma)
- एम्फसिमा (Emphysema)
- क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic bronchitis)
- ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis)
अगर आपको ये परेशानियां नहीं है तो भी आपको अपने फेफड़ों की कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए ताकि ये लंबे समय तक अच्छी तरह काम कर सकें। यहां इसके लिए आपको कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं जिन्हें आपको अपनाना चाहिए।
हेल्दी लंग्स के लिए ज्यादा से ज्यादा फल खाएं
दिसंबर 2017 में किए गए एक शोध में यूरोपियन रेसपिरेटरी जर्नल ने पाया कि एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनॉइड रिच फ्रूट्स को ज्यादा से ज्यादा लेने से फेफड़ों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसमें केला, सेब और टमाटर शामिल हैं, तो अगर आप हेल्दी लंग चाहते हैं तो आपको अपने डायट में इन फ्रूट्स को शामिल कर लेना चाहिए।
हेल्दी लंग्स के लिए डायट्री पैटर्न का रखें ख्याल
कई प्रकार के डायट्री पैटर्न का सीधा संबंध रेसपिरेटरी डिजीज से होता है। मेडिटेरेनियन डायट को रेसिपिरेटरी डिजीज से सुरक्षा प्रदान करने वाला बताया गया है। जिसमें प्लांट फूड्स (सब्जी और फल), ब्रेड्स, अनाज, बीन्स, नट्स और बीज को शामिल किया गया है। इसमें डेयरी फूड्स, फिश, पॉल्ट्री, रेड मीट और वाइन का कम इंटेक लेने की बात भी कही गई है। इसलिए अगर आप भी हेल्दी लंग चाहते हैं तो आप इन बातों का ध्यान रखना होगा।
अपर बॉडी ट्रेनिंग है जरूरी
रेगुलर वेट ट्रेनिंग हड्डियों की स्ट्रेंथ को बढ़ा सकती है। साथ ही चेस्ट और शोल्डर को प्रेस करने वाली एक्सरसाइज और डेड लिफ्ट्स चेस्ट, शोल्डर और बैक मसल्स को मजबूत कर सकते हैं। यह आपको एक ब्रीदिंग फ्रेंडली पॉश्चर प्रदान करने में मदद करती हैं जिससे आप अच्छी तरह सांस ले सकते हैं और अपने फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं।
हेल्दी लंग्स के लिए वैक्सीनेशन करवाएं
बार-बार होने वाले निमोनिया जैसे श्वसन संक्रमण फेफड़ों और एयरवेज को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एनुअल फ्लू वैक्सीन के अलावा आप अपने डॉक्टर से निमोनिया वैक्सीन के बारे में भी पूछ सकते हैं। यह दो प्रकार की होती हैं PCV13 और PPSV23। सीडीसी इसे व्यस्कों के लिए रिकमंड करता है।
स्मोकिंग और तंबाकू से दूरी बनाकर रखें
फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान अगर कुछ पहुंचाता है तो वह स्मोकिंग ही है। इसलिए आपको इससे दूरी बनाकर रखनी होगी। सर्जन जनरल की 2010 की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में फेफड़ों के कैंसर से मरने वाले लगभग 90 प्रतिशत पुरुष स्मोकिंग करते हैं। इससे आप समझ सकते हैं कि स्मोकिंग कितनी नुकसानदायक हो सकती है।
बॉडी को हाइड्रेट रखें
पानी हर मर्ज की दवा है। बॉडी को हाइड्रेट रखने से आप फेफड़ों को भी स्वस्थ रख सकते हैं।
अब तो आप समझ गए होंगे कि आपको हेल्दी लंग्स के लिए किन चीजों का ध्यान रखना होगा और कौन-कौन सी एक्सरसाइज करनी होगी। याद रखें कि फेफड़े बॉडी का बेहद महत्वपूर्ण अंग है। इसलिए ऐसी कोई भी लापरवाही न करें जो फेफड़ों के स्वास्थ्य को बिगाडें। अगर आपका कोई सवाल है तो डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
और पढ़ें : वर्ल्ड लंग्स डे: इस तरह कर सकते हैं फेफड़ों की सफाई, बेहद आसान हैं तरीके
फेफड़ों की हेल्थ को लेकर लोगों में के मन में कुछ सवाल भी होते हैं। आइए जानते हैं उनकी सच्चाई क्या है?
1. रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी बीमारियों के लिए फैमिली हिस्ट्री जिम्मेदार होती है?
सच- रेस्पिरेटरी इलनेस जैसे कि अस्थमा, लंग कैंसर और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव डिजीज (COPD) जेनेटिक हो सकती हैं। अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में ऐसी कोई बीमारी है तो आपको एक्सट्रा केयर करने की जरूरत है और हर लक्षण को गंभीरता से लेने की जरूरत है।
2. एसिड रिफ्लक्स क्या क्रोनिक कफ का कारण बन सकता है?
सच- क्रोनिक कफ के कई मामलों का संबंध गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी परेशानियों से रहा है। जिसमें से एक एसिड रिफलैक्स है। कफ एक शुरुआती लक्षण है जो हार्टबर्न की स्थिति पैदा करता है और स्थिति बिगड़ने लगती है। अस्थमा, तंबाकू का उपयोग और पोस्टनेजल ड्रिप भी क्रोनिक कफ का कारण बनती है।
3. लंग कैंसर के संकेत बहुत आसानी से पता चल जाते हैं?
झूठ- लंग कैंसर बहुत साइलेंटली असर दिखाता है। कैंसर से लंग के जो टिशू अफेक्ट होते हैं वे अंदर होते हैं। हमें सिर्फ फेफड़े के बाहर पेन फील होता है। शुरुआत के लक्षण समझना मुश्किल होता है। अगर आपको क्रोनिक कफ, खांसी, गहरी सांस लेने के दौरान दर्द लेना और बिना कारण के वजन का कम होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
4. क्या हम अभी एक्शन लेकर हेल्दी लंग्स के लिए स्टेप ले सकते हैं?
सच- अपनी लंग हेल्थ को इम्प्रूव करने का सबसे अच्छा तरीका स्मोकिंग न करना है। अगर आप ऐसा करते हैं तो आज ही बंद कर दें। एरोबिक एक्सरसाइज भी ब्रीदिंग से संबंधित परेशानियों का इलाज कर सकती हैं। इसके साथ ही डायट में फ्रूट्स, वेजिटेबल और होल ग्रेन को शामिल कर आप हर प्रकार की इलनेस से लड़ सकते हैं।
और पढ़ें : टीवी देखते हुए भी कर सकते हैं बेस्ट एक्सरसाइज, जानिए कौन-कौन सी वर्कआउट है बेस्ट
हेल्दी लंग्स से जुड़े टिप्स:
- सुनिश्चित करें कि जब आप कोई सांस लेने का व्यायाम करते हैं, तो आप आराम से सांस ले रहें हों। ब्रीद-ऑउट करने के दौरान फेफड़े को पूरी तरह से खाली करें और फिर सांस लें।
- एक्सरसाइज करने के दौरान सही पॉश्चर में बैठें और पीठ सीधी रखें।
- सांस लेते हुए आवश्यक सावधानी बरतें। अपनी मांसपेशियों को आराम देना सीखें, खासकर तब जब आप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करते हों।
- छोटे-छोटे सेट्स से एक्सरसाइज की शुरुआत करें और धीरे-धीरे एक्सरसाइज का समय बढ़ाएं।
- जरूरत से ज्यादा व्यायाम न करें।
- एक्सरसाइज के दौरान सतर्क रहें और अगर आप वॉटर एक्सरसाइज कर रहें हैं, तो विशेष ध्यान रखें।
अब तो आप समझ ही गए हाेंगे कि हेल्दी लंग्स के लिए आपको क्या करना है और क्या नहीं? हमें उम्मीद है कि इस आर्टिकल में हेल्दी लंग्स के लिए बताई गई ब्रीदिंग एक्सरसाइज और टिप्स आपको पसंद आईं होगी। अगर आपका इससे जुड़ा कोई सवाल है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
[embed-health-tool-heart-rate]