डेंगू जिसे इंग्लिश में डेंगी कहते हैं, एडीज मच्छर के काटने के कारण होता है। एडीज मच्छर जमे हुए पानी जैसे कूलर में जमा हुआ पानी, फूलों के गमलों में जमा हुआ पानी या कोई ऐसी जगह जहां पर पानी कई दिनों तक जमा हुआ रहता हो। बता दें कि यह छोटा सा मच्छर व्यक्ति की जान तक ले सकता है। मच्छर कई जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है और डेंगू उन्हीं में से एक है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते डेंगू से बचाव के उपाय (Prevention from Dengue) किए जा सके। इस आर्टिकल में बताए गए डेंगू से बचाव के उपाय (आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं। उससे पहले जानते हैं डेंगू से जुड़े कुछ मिथक और फैक्ट्स –
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जानें डेंगू से जुड़े कुछ मिथक और उनका सच (Myths and facts of Dengue)
क्या यह सच है कि डेंगू के मच्छर सिर्फ दिन के समय ही काटते हैं?
डेंगू एडीज मच्छर के काटने से फैलता है जो आम तौर पर दिन के समय में ही हमला करता है। यह ज्यादातर कोहनी के नीचे और घुटने (Knee) के नीचे ही काटते हैं। यह शरीर के वैसे हिस्सों पर काटते हैं, जहां त्वचा (Skin) का रंग गहरा हो।
क्या सर्दियां में डेंगू के मच्छर मर जाते हैं?
मौसम का तापमान 16 डिग्री से कम हो जाने पर डेंगू के मच्छर प्रजनन नहीं कर सकते हैं। इसलिए आम-तौर पर अगस्त से अक्टूबर के बीच ये मच्छर ज्यादा सक्रिय होते हैं, जो मलेरिया और डेंगू दोनों का ही खतरा बढ़ाता है। सर्दियों (Winter) के मौसम में डेंगू (Dengue) की बीमारी बहुत कम होती है।
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क्या डेंगू से बचाव के लिए कोई टीका है?
ऐसा नहीं है कि डेंगू का इलाज (Dengue treatment) नहीं किया जा सकता है। डेंगू (dengue) के खतरे को कम किया जा सकता है और अभी-भी इस विषय पर रिसर्च जारी है। ऐसी दवाएं भी मौजूद हैं जो इसके खतरे को कम कर सकते हैं।
हाल के दशकों में डेंगू की घटना दुनिया भर में तेजी से बढ़ी है। कभी-कभी डेंगू के लक्षणों (Symptoms of Dengue) को नहीं समझपाने या फिर देर से समझने की वजह से डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी है। एक अनुमान के अनुसार प्रति वर्ष 390 मिलियन डेंगू से संक्रमित देखे जाते हैं, जिनमें से 96 मिलियन रजिस्टर किए जाते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार 2016 में 3.34 मिलियन हो गई थी।
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डेंगू से कैसे बचें?
निम्नलिखित डेंगू से बचाव के उपाय (Home remedies for dengue) को अपनाकर डेंगू बुखार (Fever) होने की संभावना को कम किया जा सकता है-
- ऐसे जगहों पर जाने से बचना चाहिए जहां एडीज मच्छर (Mosquito) का खतरा ज्यादा होता है।
- घर में होने वाले कचरे को ज्यादा दिनों तक घर के अंदर इक्कठा नहीं करना चाहिए।
- नियमित रूप से या हर सप्ताह घर में जमा किए गए पानी को हटाना।
- जिस जगह पानी जमा करते हैं वहां कीटनाशक का प्रयोग जरूर करें।
- लोगों में साफ-सफाई से जुड़ी जानकारी पहुंचाएं।
- पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं।
- मच्छरदानी लगाकर ही सोए।
- खिड़की और दरवाजे बंद करके रखें।
व्यक्तिगत घरेलू सुरक्षा उपायों का उपयोग करना, जैसे कि विंडो स्क्रीन, लंबी बाजू के कपड़े, रिपेलेंट, कीटनाशक उपचारित सामग्री, कॉइल और वेपोराइजर का ध्यान रखना काफी हद तक डेंगू बीमारी होने की संभावना को कम करने में हेल्प करते हैं। नियमित रूप से जांच करते रहें।
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डेंगू से बचाव के उपाय
मेथी (Fenugreek) से भागेगा बुखार
डेंगू से बचाव के उपाय के रूप में लोग मेथी के पत्ते का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए एक चम्मच मेथी के सूखे पत्ते को एक गिलास पानी में डालकर उबालें। फिर पानी छान लें और चाय की तरह सेवन करें। मेथी में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीपायरेटिक (Antipyretic) गुण डेंगू बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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पपीता का उपयोग है प्रभावी
डेंगू बुखार के बचाव के उपाय में पपीते के पत्तों का अर्क असरदार उपायों में से एक है। पपीते के पत्ते का अर्क बनाने के लिए मुट्ठी भर पपीते के पत्तों को पीसकर इसके रस को सीधे तौर पर पी सकते हैं। ऐसे अगर पीना संभव न हो तो इसमें पानी और शहद (Honey) मिलाया जा सकता है। इसके पत्ते में विटामिन सी (Vitamin c) और एंटीऑक्सिडेंट (Anti-oxidants) प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो इम्यून पावर (Immune power) को सुधारने के साथ-साथ प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में भी सहायक होते हैं।
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गिलोय है प्रभावकारी
डेंगू से बचाव के उपाय में गिलोय का प्रभावी उपचार तो आपने सुना ही होगा। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से निजात दिलाने के लिए जाने जाते हैं। गिलोय एंटीपायरेटिक (Antipyretic) यानी ज्वरनाशक भी है। गिलोय का उपयोग पुराने से पुराने बुखार को कम करने में किया जाता है। प्लेटलेट काउंट (Platelet count) को बढ़ाने के उपाय के लिए भी यह जाना जाता है। इस प्रकार यह डेंगू से बचाव के उपाय में सबसे अच्छे प्राकृतिक विकल्पों में से एक है। इसके लिए गिलोय का अर्क, गिलोय कैप्सूल या टैबलेट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह से किया जा सकता है।
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बकरी का दूध
डेंगू बुखार में शरीर में सेलेनियम और ब्लड प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं। ऐसे डेंगू के बचाव के उपाय के रूप में बकरी का दूध एक प्रभावी इलाज हो सकता है। इसके उपयोग से शरीर में सेलेनियम की कमी पूरी होती और प्लेटलेट भी बढ़ती हैं।
कड़वी नीम से बुखार इलाज
अपने एंटीवायरल गुणों की वजह से नीम का इस्तेमाल कई तरह के इंफेक्शन को दूर करने में किया जाता है। इसका प्रयोग शरीर की अन्य बीमारियों के उपचार में भी किया जा सकता है, जिसमें डेंगू बुखार भी शामिल है। डेंगू से बचाव के उपाय के तौर पर नीम का गुनगुना पानी पीएं और असर देखें।
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कीवी से सेहत में होगा सुधार
किवी (Kiwi) फ्रूट पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। यह मिनरल, आयरन (Iron), विटामिन (Vitamins) और अन्य कई पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। किवी में विटामिन सी (Vitamin C), इम्युनिटी और प्लाज्मा में सुधार करता है और कई गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने काम भी करते हैं।
डेंगू बुखार काफी खतरनाक साबित होता है और यह कभी भी और किसी को भी हो सकता है। इसलिए, ऊपर बताए गए डेंगू से बचाव के उपाय आप याद रखें। साथ ही डॉक्टर को भी दिखायें। डेंगू से बचाव के उपाय समय से न किए जाए तो ब्यक्ति की जान भी जा सकती है।