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Throat Infection : गले में इंफेक्शन क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2020

Throat Infection : गले में इंफेक्शन क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

परिचय

गले का संक्रमण (Throat Infection) क्या है ?

गले में इंफेक्शन बैक्टीरिया से होने वाली वह बीमारी है जिसमें गले में सूजन आ जाती है। इसकी वजह से कोई भी खाद्य पदार्थ निगलने में भी दिक्कत आती है। गले में इंफेक्शन की गंभीरता हर इंसान में अलग-अलग हो सकती है। कुछ लोगों को थ्रोट इंफेक्शन (throat infection) होने पर गले में दर्द और बुखार भी महसूस होता है।

कभी-कभी गले में संक्रमण (Infection) मौसम में बदलाव की वजह से भी होता है। ठंडा पानी पीने, किसी एलर्जी और स्ट्रेप्टोकोकस पायोजेनेस बैक्टीरिया की वजह से भी में इंफेक्शन हो सकता है। आगे जानते हैं कि गले में इंफेक्शन होना कितना आम है? थ्रोट इंफेक्शन के कारण और लक्षण क्या हैं?

गले में इंफेक्शन (Throat Infection) होना कितना आम है?

गले में इंफेक्शन या संक्रमण काफी आम है। ठंड या बरसात में अक्सर गले में ऐसी तकलीफ हो जाती है। वयस्कों की तुलना में बच्चों और इम्यून सिस्टम की कमजोरी से जूझ रहे लोगों में थ्रोट इंफेक्शन होने के चांसेस ज्यादा होते हैं, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है।

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लक्षण

थ्रोट इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं?

शिशुओं में गले में इंफेक्शन के लक्षण –  चिड़चिड़ापन दिखाई देने लगता है। खाना- पीना कम कर देते हैं और हल्का बुखार भी हो जाता है। 

बच्चों में इंफेक्शन के लक्षण –  गले में दर्द और खाना निगलने में परेशानी होती है। उन्हें हल्का पेट दर्द भी होता है।

बड़े लोगों के गले में इंफेक्शन के लक्षण –  गले में दर्द, तेज बुखार और थकान हो सकती है।

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गले में संक्रमण के अन्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं।

गले में संक्रमण अधिकतम 3 से 5 दिनों तक रहता है। गले में इंफेक्शन के साथ होने वाली अन्य समस्याओं पर इसके लक्षण निर्भर करते हैं।

सर्दी-जुकाम के साथ गले में खराश, दर्द और सूजन होने के साथ निम्न परेशानियां हो सकती हैं।

  • थकान
  • नाक बहना
  • शरीर में दर्द होना
  • छींक आना
  • सिरदर्द
  • खांसी
  • ठंड लगना
  • बुखार

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गले में संक्रमण के साथ मोनोन्यूक्लिओसिस के लक्षणों में शामिल हैं –

  • लिम्फ नोड्स में सूजन
  • अत्यधिक थकान
  • बुखार
  • मांसपेशियों में दर्द
  • सामान्य रोग
  • भूख न लगना
  • त्वचा पर चकत्ते

अन्य प्रकार के गले में इंफेक्शन को स्ट्रेप थ्रोट कहा जाता है जिसके कारण निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं –

  • ठंड लगना
  • निगलने में दिक्कत आना
  • गले पर लालिमा
  • लिम्फ नोड्स में सूजन
  • बुखार
  • भूख न लगना
  • मतली
  • मुंह का स्वाद बिगड़ना

बीमारी की संक्रामक अवधि उसके साथ हुई अन्य बीमारियों पर निर्भर करती हैं।

गले में इंफेक्शन (Throat Infection) का पता कैसे लगाएं?

कई बार स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया की वजह से थ्रोट इंफेक्शन हो जाता है। इसे स्ट्रेप थ्रोट इंफेक्शन (strep throat infection) भी कहा जाता है। इसका पता रैपिड एंटीजेन डिटेक्शन टेस्ट से लगाया जा सकता है।

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कारण

गले में इंफेक्शन (Throat Infection) क्यों होता है?

थ्रोट इंफेक्शन आमतौर पर वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण फैलाने से होता है। ये वायरस या बैक्टीरिया अक्सर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं।

जब कोई संक्रमित इंसान बोलता, छींकता या खांसता है तो उसके मुंह से निकले वायरस या बैक्टीरिया दूसरे इंसान में ट्रांसफर हो जाते हैं। फिर दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है।

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गले में बैक्टीरियल इंफेक्शन

वायरल इंफेक्शन की तुलना में बैक्टीरियल इंफेक्शन कम ही होता है। स्ट्रेप थ्रोट और काली खांसी गले में बैक्टीरियल संक्रमण के मुख्य कारण हैं।

गले में वायरल इंफेक्शन

वायरस की वजह से गले में होने वाले इंफेक्शन का मुख्य कारण सर्दी जुकाम और फ्लू हैं। वहीं बच्चों में चेचक और चिकन पॉक्स की वजह से भी थ्रोट इंफेक्शन हो सकता है।

गले में इंफेक्शन के जोखिम कारक

  • बैक्टीरिया की वजह से 5 से 15 साल के बच्चों में टॉन्सिल का संक्रमण ज्यादातर देखा जाता है। बार-बार इन्फेक्टेड लोगों के संपर्क में आने से थ्रोट इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
  • जो लोग ट्रेवलिंग ज्यादा करते हैं उनको गले में इंफेक्शन होने की संभावना ज्यादा रहती है। दरअसल, पब्लिक बसों, ऑटो या अन्य वाहनों में यात्रा करने के दौरान टॉन्सिल रोगाणुओं के संपर्क में आते हैं। इससे गले में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
  • जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक कमजोर होती है, उनमें गले का इंफेक्शन बहुत जल्दी होता है।

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गले में इंफेक्शन (Sore Throat) के कारण

गले में संक्रमण के कारण इंफेक्शन के प्रकार से लेकर गले में लगी चोट पर निर्भर करते हैं। निम्न कुछ ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से गले में इंफेक्शन (Sore Throat) होना बेहद सामान्य होता है –

कोल्ड, फ्लू और अन्य वायरल संक्रमण

गले में संक्रमण और खराश के 90 प्रतिशत मामले वायरस के कारण होते हैं। 

  • बुखार
  • चिकन पॉक्स
  • कॉमन कोल्ड
  • मोनोन्यूक्लिओसिस (यह एक संक्रमक रोग है जो थूक के जरिए ट्रांसफर होता है)
  • खसरा, यह एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण बुखार और त्वचा पर चकत्ते होते हैं
  • मम्प (कंठमाला का रोग), यह एक ऐसा संक्रमण होता है जो गले की थूक बनाने वाली ग्रंथियों में सूजन उत्पन्न करता है

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स्ट्रेप थ्रोट और अन्य बैक्टीरियल संक्रमण

बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी गले में खराश, संक्रमण और सूजन हो सकती है। बैक्टीरिया संक्रमण के कारण स्ट्रेप थ्रोट होना सबसे सामान्य होता है। यह गले और टॉन्सिल में होने वाला संक्रमण है जो कि स्ट्रैपटोकोकस बैक्टीरिया की श्रेणी ए में आता है।

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एलर्जी

जब इम्यून सिस्टम फूलों के पराग, घास और जानवरों के बालों  के संपर्क में आता है तो एलर्जी होने की आशंका रहती है। इस स्थिति में शरीर में ऐसे रसायन विकसित होते हैं जिसके कारण नाक बंद होने, आंखों से आंसू आना, छींक और गले में संक्रमण जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

नाक में अत्यधिक बलगम बनने से वह गले के अंदर जा सकता है। इसे पोस्टनेटल ड्रिप कहा जाता है जिसके कारण गले में खराश हो सकती है।

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धूम्रपान, कैमिकल और अन्य प्रदूषित पदार्थ

हवा में मौजूद कई प्रकार के रसायन और प्रदूषित पदार्थों के कारण गले में खराश हो सकती है। इन प्रदूषित पदार्थों में निम्न शामिल हैं –

  • सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद
  • वायु प्रदुषण
  • साफ सफाई करने वाले प्रोडक्ट्स व अन्य रसायन

चोट

गले पर किसी प्रकार की चोट या कट लगने से गले में दर्द हो सकता है। इसके अलावा गले में खाना अटकने से भी गले में खराश होने की आशंका रहती है।

बार-बार वोकल कॉर्ड और गले की मांसपेशियों पर तनाव पड़ने से गले में सूजन हो सकती है। ऐसी स्थिति में चिल्लाने, तेज बोलने या लंबे समय तक गाना गाने से भी गले में खराश होने की आशंका रहती है।

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परीक्षण

ग्रसनीशोथ (फैरिनगाइटिस) का परीक्षण

शारीरिक परीक्षण

अगर आप फैरिनगाइटिस से ग्रस्त हैं तो डॉक्टर आपके गले का परीक्षण करेंगे। इसमें वह ग्रे या सफेद रंग के धब्बे, सूजन और लालिमा ढूंढ़ने की कोशिश करेंगे।

आपके डॉक्टर लिम्फ नोड्स में हुई सूजन का पता लगाने के लिए आपकी नाक और कान का भी परीक्षण कर सकते हैं।

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थ्रोट कल्चर

अगर आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको स्ट्रेप थ्रोट है तो वह थ्रोट कल्चर नाम के परीक्षण का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस परीक्षण में गले का सैंपल लेने के लिए उसमें रुई डाली जाती है।

ज्यादातर डॉक्टर इस प्रकार का परीक्षण कुछ मिनटों में अपने क्लिनिक में ही कर देते हैं। इस टेस्ट की मदद से कुछ मिनटों में ही पता चल जाता है कि आपको स्ट्रेप थ्रोट है या नहीं।

कुछ मामलों में रुई की फाह को आगे के टेस्ट के लिए लैब भेजा जाता है। इस स्थिति में परिणाम आने में 24 घंटों तक का समय लग सकता है।

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ब्लड टेस्ट

अगर डॉक्टर को लगता है कि आपके गले में संक्रमण का कारण कुछ और है तो वह ब्लड टेस्ट करवाने की भी सलाह दे सकते हैं। टेस्टिंग के लिए आपके हाथ या बांह से खून का सैंपल लिया जाएगा जिसे लैब टेस्ट के लिए भेज दिया जाता है।

इस टेस्ट की मदद से पता चलता है कि आपको मोनोन्यूक्लिओसिस नामक रोग है या नहीं। इसके अलावा अन्य प्रकार के संक्रमण का पता लगाने के लिए कम्प्लीट ब्लड काउंट टेस्ट करवाने की भी सलाह दी जा सकती है।

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जटिलताएं

अगर आप गले में इंफेक्शन के लिए दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं तो 3 से 5 दिन में स्थिति ठीक हो जाएगी। हालांकि, कुछ मामलों में दवा का इस्तेमाल न करने पर तेज बुखार या रोग होने का खतरा रहता है।

बच्चों में इस स्थिति के होने की आशंका सबसे अधिक रहती है। कम उम्र में स्ट्रेप थ्रोट के गंभीर होने का खतरा ज्यादा बना रहता है। ऐसे में डॉक्टरी सलाह के बिना बच्चों किसी भी दवा का सेवन न करवाएं।

इसके साथ ही सही इलाज न होने पर स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है जिससे गले का संक्रमण स्कारलेट फीवर या किडनी में सूजन का भी रूप ले सकता है।

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रोकथाम

गले में इंफेक्शन की रोकथाम के लिए टिप्स

  • टॉयलेट के बाद, खाना खाने से पहले, छींकने और खांसने के बाद हाथ जरूर धोएं। 
  • सार्वजनिक फोन, पानी पीने वाले नल से मुंह को स्पर्श होने से बचाएं साथ ही जूठा खाने से बचे । 
  • भीड़ वाली जगह, अस्पताल, मार्केट या स्कूल से आने के बाद हाथ धोना चाहिए।
  • हाथ सही से धुलें। उंगलियों के बीच की जगह और नाखूनों को भी अच्छे से साफ करें। फिर तौलिये से हाथ पोंछकर सुखाएं।
  • संक्रमित इंसान के संपर्क में आने से बचें।
  • जब भी बाहर जाएं तो हैंड सेनिटाइजर्स साथ रखें। विशेषकर वहां जहां स्वच्छता के उचित प्रबंध न हो।
  • घर में किसी को स्ट्रेप थ्रोट है तो उसके साथ कपड़े, खाना और बर्तन शेयर न करें।
  • धूम्रपान न करें। साथ ही कोई सिगरेट पी रहा है तो भी उससे दूर ही रहें क्योंकि धुंआ थ्रोट इंफेक्शन को और बदतर बना सकता है।
  • खांसते या छींकते समय मुंह को रूमाल से ढकें ताकि किसी और को गले में इंफेक्शन न हो।
  • खूब पानी पिएं।
  • खट्टे और अधिक मसाले वाले खाने से बचें।

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गले में संक्रमण का इलाज (Medical Treatment)

गले में संक्रमण के बेहद दुर्लभ मामलों में मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है। ऐसा आमतौर पर बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है। ऐसे केस में डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार स्ट्रेप थ्रोट के इलाज के लिए आमतौर पर अमोक्सीसीलीन (Amoxicillin) और पेनिसिलिन (Penicillin) दवा लेने की सलाह दी जाती है।

संक्रमण के अधिक गंभीर होने या स्थिति के वापस आने से रोकने के लिए आपको एंटीबायोटिक्स का पूरा कोर्स करना बेहद आवश्यक है। इसका पूरा कोर्स 7 से 10 दिन तक का होता है।

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दवाएं

आप चाहें तो गले में दर्द या खराश से आराम पाने के लिए दवा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

दर्द निवारक दवाओं में निम्न शामिल हैं –

बच्चों या किशोरों को एस्पिरिन न दें, क्योंकि इसके कारण रेय सिंड्रोम जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है।

आप चाहें तो गले के दर्द से आराम पाने के लिए अन्य इलाज का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे कि –

  • गले में खराश के लिए विशेष प्रकार की स्प्रे। सुन्न करने के लिए एंटीसेप्टिक दवा जैसे फिनॉल या मेंथोल।
  • गले में संक्रमण की मीठी गोलियां
  • कफ सिरप

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कुछ मामलों में गले में संक्रमण का कारण पेट में बना एसिड भी होता है। इस स्थिति में निम्न दवाओं का इस्तेमाल करें –

  • एंटासिड जैसे टम, रोलाइड, मालोक्स और मिलैंटा की मदद से पेट के एसिड को कम किया जा सकता है।
  • एच2 ब्लॉकर जैसे सिमेटीडाइन और फैमोटीडाइन की मदद से भी पेट में एसिड के उत्पादन को रोका जा सकता है।
  •  प्रोटोन पंप इन्हीबिटर से भी एसिड के उत्पादन को कम किया जा सकता है।

गले में इंफेक्शन को दूर करने के लिए घरेलू उपाय

  • गले में इंफेक्शन को दूर करने के लिए आंवला खाएं। इसमें कई एंटी- ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
  • आधे घंटे ही सही लेकिन, किसी भी तरह का व्यायाम जरूर करें।
  • हल्दी में एंटी-आक्सीडेंट होते हैं और इसके उपयोग से गले की खराश, सूजन और दर्द दूर हो सकता है।
  • गरारे करें। इसके लिए नमक को हल्के गर्म पानी में डालकर गरारे करने से गले की सूजन और दर्द में आराम मिलता है ।
  • शहद को हल्के गर्म पानी में डालकर पीने से गले का इंफेक्शन दूर होता है। यह गले की सूजन को भी दूर करता है।
  • काली मिर्च और तुलसी को मिलाकर सेवन करने से गले के इंफेक्शन में राहत मिलती है।
  • लहसुन में बैक्टीरिया को मार देने के गुण होते हैं। इसलिए गले में इंफेक्शन को दूर करने में उपयोगी होता है। इसके लिए लहसुन की एक कली को अपने मुंह में रखें और उसे धीरे-धीरे चूसते रहें। थ्रोट इंफेक्शन में आराम मिलेगा।

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निष्कर्ष

ज्यादातर मामलों में गले में इंफेक्शन को घर पर प्राकृतिक उपचार की मदद से ठीक किया जा सकता है। हालांकि ऐसे कुछ लक्षण होते हैं, जिनके लिए मरीज को डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता पड़ सकती है।

यदि आपको निम्न परिस्थितियां हैं तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।

  • लिम्फ नोड्स में सूजन
  • गले के आसपास चकत्ते होना
  • एक हफ्ते से अधिक समय के लिए गले में खराश या दर्द रहना
  • 100.4 डिग्री से अधिक का बुखार होना
  • एंटीबायोटिक्स का पूरा कोर्स करने पर भी स्थिति में सुधार न आना
  • दवाओं को लेने के बाद फिर से लक्षणों का वापस आना

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गले में इंफेक्शन होने पर डॉक्टर से जरूर सलाह लें ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि इसके पीछे कारण क्या है? गले का संक्रमण है तो सामान्य ही होगा ऐसा समझकर इसको यूं ही न लें। सही उपचार न होने की वजह से कभी-कभी गंभीर समस्या का कारण भी बन सकता है।

डिस्क्लेमर

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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr. Pooja Bhardwaj


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2020

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