इंग्लैंड में एनएचएस (NHS) दिल को स्वस्थ रखने के लिए बैड कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन (Cholesterol Vaccine) बनाएगा, जिसे साल में दो बार लगवाना होगा। अभी तक, लाखों लोग अपने कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के लिए रोजाना स्टैटिन पिल्स (Statin Pills) लेते हैं। लेकिन, इस साल के अंत तक एक ऐतिहासिक ट्रायल के अंतर्गत एनएचएस अपने रोगियों को नई तरह की दवा एक इंजेक्शन के द्वारा देगा। इस मेडिसिन का नाम जीन साइलेंसिंग (Gene Silencing) है, जो कि इनक्लिसिरन (Inclisiran) नामक इंजेक्शन के द्वारा दी जाएगी। इस कदम की घोषणा के साथ हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैंकॉक ने बताया कि, यह पहल अगले दशक में करीब 30 हजार लोगों की जान बचा सकता है।
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कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन क्या है?
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन (Cholesterol Injection) जीन साइलेंसिंग दवा द्वारा कार्य करता है। यह दवा आपके ‘पीसीएसके9 जीन’ (PCSK9 Gene) को साइलेंस करके लिवर को शरीर के खून से बैड कोलेस्ट्रॉल अवशोषित करके तोड़ने में मदद करेगी। एनएचएस के लिए पहली जीन साइलेंसिंग मेडिसिन एक दुर्लभ बीमारी हेरेडिटरी ट्रांस थाइरेटिन मेडियेटेड अमीलॉइडोसिस (Hereditary Transthyretin-Mediated Amyloidosis) के लिए पिछले साल मंजूरी दी गई थी।
कोलेस्ट्रॉल कैसे नुकसानदायक होता है?
कोलेस्ट्रॉल एक तरह का फैटी तत्व होता है, जिसका उत्पादन लिवर द्वारा किया जाता है। जब हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर अनियंत्रित हो जाता है या खतरे के निशान तक या उससे ऊपर चला जाता है, तो स्थिति खतरनाक हो जाती है। कोलेस्ट्रॉल शरीर के रक्त में मौजूद होता है और इसका स्तर खतरनाक होने के बाद रक्त वाहिकाओं को अवरोधित या संकरी कर सकता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से शरीर कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो सकता है और इसका सबसे ज्यादा असर दिल के स्वास्थ्य पर पढ़ता है। कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर से हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।
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कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन का प्रभाव
पिछले साल यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलोजी में प्रस्तुत ट्रायल में बताया गया है कि, यह इंजेक्शन कुछ ही हफ्तों में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाकर आधा कर सकता है। इस ट्रायल की अध्यक्षता करने वाले प्रोफेसर कौशिक रे के मुताबिक, इसकी प्रभाव ऐतिहासिक हो सकता है। इसके अलावा, डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड सोशल केयर के मुताबिक, इस इंजेक्शन के द्वारा 3 लाख रोगियों में 55 हजार रोगियों को हर साल हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन सबसे पहले किसे दिया जाएगा?
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन (Cholesterol Injection) एक ट्रायल के अंतर्गत सबसे पहले एनएचएस के उन रोगियों पर परीक्षण किया जाएगा, जिन्हें अभी तक हार्ट अटैक या स्ट्रोक आया तो नहीं है, लेकिन उनमें इन बीमारियों का खतरा बहुत ज्यादा है। एक अनुमान के मुताबिक, करीब 40 हजार लोग इस ट्रायल के लिए एलिजिबल हैं। इस साल के ट्रायल के नतीजों के मुताबिक अगले साल इनक्लिसर के और नियमित इस्तेमाल का मूल्यांकन किया जा सकता है। फिलहाल, यह परीक्षण सिर्फ इंग्लैंड में ही किया जाएगा।
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क्या कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन स्टैटिन पिल्स की जगह ले पाएगा?
कुछ रोगियों में कॉलेस्ट्रॉल का स्तर काफी उच्च होता है और स्टैटिन पिल्स देने के बाद भी उसका स्तर खतरनाक लेवल पर भी रहता है। इसके अलावा, कई शोध में देखा गया है कि करीब आधे रोगियों में यह पिल्स सही से कार्य भी नहीं करती हैं। हालांकि, स्टैटिन पिल्स कई तरह की हो सकती हैं और हो सकता है कि कोई मरीज कम प्रभावी स्टैटिन पिल्स ले रहा हो या अपनी नियमित दवा लेना भूल गया हो। लेकिन, इस कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन और स्टैटिन पिल्स एक साथ बेहतर कार्य कर सकती हैं।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
विशेषज्ञों के मुताबिक, अभी कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी और एफडीए द्वारा प्रमाणित होना बाकी है, लेकिन ऐसे किसी भी सुरक्षित ट्रायल की खबर आना अच्छी बात है। वहीं, अन्य विशेषज्ञ के मुताबिक, यह एक दिलचस्प खबर है, जो कि भविष्य में कोलेस्ट्रॉल के इलाज में ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।
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कोलेस्ट्रॉल के संकेत क्या हो सकते हैं?
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन (Cholesterol Injection) के बारे में हम बात कर चुके हैं, अब इसी के साथ हम कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों के बारे में बात करते हैं। कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों की बात की जाए, तो इसके कोई प्रामाणिक लक्षण नहीं होते हैं, जिनके द्वारा कोलेस्ट्रॉल की समस्या के बारे में सुनिश्चित हुआ जा सके। क्योंकि, सिर्फ कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग की मदद से ही कॉलेस्ट्रॉल की समस्या के बारे में पता लगाया जा सकता है। लेकिन, कुछ शारीरिक समस्याओं को कॉलेस्ट्रॉल से जोड़ कर देखा जाता है। जैसे-
- गर्दन और सिर के पीछे वाले हिस्से में दर्द
- जल्दी थकान होना
- हाथ-पैर में सिहरन
- वजन बढ़ना
- असामान्य हृदय गति
- ज्यादा पसीना आना
- पैरों में लगातार दर्द
- छाती में भारीपन
कोलेस्ट्रॉल किस वजह से शरीर में हो सकता है?
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन की जरूरत कोलेस्ट्रॉल के अनियंत्रित स्तर की वजह से पड़ रही है। कोलेस्ट्रॉल का शरीर में खतरनाक स्तर कुछ चीजों की वजह से हो सकता है, जिन्हें कोलेस्ट्रॉल का कारण भी कह सकते हैं। जैसे-
- कोलेस्ट्रॉल युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन
- सैचुरेटेड फैट्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन
- ट्रांस फैट्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन
- जेनेटिक
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कोलेस्ट्रॉल का खतरा कैसे बढ़ सकता है?
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन तब लगाया जाएगा, जब किसी व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने वाले जोखिमों का खतरा भी ज्यादा होगा। आसान भाषा में कहें, तो कुछ जोखिम कोलेस्ट्रॉल की समस्या को बढ़ा सकते हैं, जिससे गंभीर परिणाम देखने पड़ सकते हैं। जैसे-
- मोटापा होना
- डायबिटीज होना
- अस्वस्थ खानपान
- एक्सरसाइज न करना
- स्मोकिंग या तंबाकू उत्पादों का सेवन
- अत्यधिक शराब का सेवन
- उम्र और लिंग
- दवाइयां
हाई कोलेस्ट्रॉल से क्या-क्या दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है?
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन इसके उच्च स्तर से होने वाली गंभीर शारीरिक समस्याओं से बचाव के लिए किया जाता है। क्योंकि, हाई कोलेस्ट्रॉल से होने वाली शारीरिक परेशानियां इतनी खतरनाक हो सकती हैं, कि आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से शरीर की रक्त वाहिकाएं संकरी या अवरोधित हो सकती हैं, जिससे अन्य शारीरिक अंगों को ऑक्सीजन युक्त खून की आपूर्ति नहीं हो पाती। इसकी वजह से निम्नलिखित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे-
- हार्ट अटैक
- हाई ब्लड प्रेशर
- छाती में दर्द
- स्ट्रोक
- क्रोनिक किडनी बीमारी
- पेरिफेरल वास्कुलर बीमारी
हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से बाइल असंतुलन भी हो सकता है, जिससे पित की पथरी की समस्या हो सकती है।
हाई कोलेस्ट्रॉल की जांच कैसे की जाती है?
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन लगाने से पहले कोलेस्ट्रॉल की जांच की जा सकती है। इसकी जांच के लिए आपका डॉक्टर ब्लड टेस्ट कर सकता है। जिसमें टोटल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर मापा जाता है। अगर, ब्लड रिपोर्ट में आपके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर ज्यादा आता है, तो डॉक्टर आपके लिए कॉलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने की दवा चला सकता है।
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हाई कोलेस्ट्रॉल और कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम
हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन की जरूरत होती है। जिसकी वजह से हमें दिल की बीमारी हो सकती है। क्योंकि, जब हमारे शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज्यादा बढ़ जाता है, तो यह हमारी रक्त वाहिकाओं में जमने लगता है। जिससे वो संकरी हो जाती हैं या बिल्कुल अवरोधित हो जाती हैं। जिसकी वजह से दिल की बीमारी विकसित होती है।
वहीं, दूसरी तरफ जब हार्ट मसल्स तक ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंच पाता, तो एंजाइना का दर्द उठता है। यह हार्ट अटैक का दर्द नहीं होता, लेकिन उसका संकेत होता है। जब, रक्त वाहिकाएं कोलेस्ट्रॉल की वजह से पूरी तरह से बंद हो जाती हैं, तो हार्ट अटैक आता है।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन के घरेलू विकल्प
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का इंजेक्शन की जरूरत को खत्म करने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों या बदलावों का उपयोग कर सकते हैं। जिससे, प्राकृतिक रूप से ही कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने लगता है या कम से कम बढ़ता नहीं है। आइए, हम इन घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं।
- मोनोसैचुरेटेड फैट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। क्योंकि, इस डायट से शरीर में खतरनाक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है। इसके लिए आप ऑलिव या ऑलिव ऑइल, बादाम, अखरोट, हेजलनट, एवाकाडो का सेवन कर सकते हैं।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। यग सीफूड या फिश ऑइल सप्लीमेंट्स में मौजूद होता है।
- ट्रांस फैट्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें।
- सोल्यूबल फाइबर का सेवन करें। एक स्टडी में भी सामने आया है कि, सोल्यूबल फाइबर सप्लीमेंट का सेवन लगातार 12 हफ्ते करने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 18 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
- कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज करने से न सिर्फ मोटापा कम होता है और फिजिकल फिटनेस आती है, बल्कि इससे खतरनाक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है और फायदेमंद एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। एक स्टडी में सामने आया है कि जो महिलाएं हर हफ्ते में कम से कम तीन दिन 15 मिनट एक्सरसाइज करती हैं, उनमें कोलेस्ट्रॉल का खतरा कम होता है।
- स्मोकिंग करने से बचें। क्योंकि, स्मोकिंग करने से दिल और शरीर का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है और वह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित नहीं कर पाता है। जिससे स्थिति खतरनाक हो सकती है।
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