हम सभी को बचपन से ही जीवन का एक गोल्डन रूल बताया जाता है कि दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप अपने साथ चाहते हैं। यह एक पुरानी कहावत है जिसका पालन हम उम्र करने कोशिश करते हैं। हमारे द्वारा दूसरों के साथ व्यवहार करने के तरीके के वास्तविक जीवन में भी कई लाभ हैं। बचपन में हमारे अंदर दया भाव रहता है। साथ ही लगातार अभ्यास से इस खूबी को और अधिक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, कभी-कभी हम बाहरी प्रभावों और हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन के तनाव के कारण इस क्षमता को खो सकते हैं।
दया और सहानुभूति हमें दूसरे लोगों से जुड़ने में मदद करती है। दया भाव से दोस्तों, परिवार और यहां तक कि अजनबियों के साथ मिलने-जुलने से हमारा दैनिक जीवन सकारात्मक होता है। व्यक्तिगत संबंधों में सुधार के अलावा दया भाव वास्तव में आपको स्वस्थ्य बना सकता है। दया भाव से स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई साइंटिफिक तरीके बताए गए हैं, जो आपके जीवन में बदलाव लाने के लिए जरुरी हैः
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दया भाव ‘फील-गुड हॉर्मोन’ रिलीज करता है
क्या आपने कभी गौर किया है कि जब आप किसी के लिए कुछ अच्छा करते हैं, तो यह आपको बेहतर महसूस होता है। यह कुछ ऐसा नहीं है जो एकाएक होता है। इसका आपके दिमाग में प्लेजर सेंटर के साथ कनेक्शन होता है। यह जानने के बाद आपको हैरानी होगी। लेकिए ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप दूसरों के लिए अच्छी चीजें करते हैं तो आपके मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, यह संतुष्टि और भलाई की भावनाओं के लिए जिम्मेदार न्यूरोट्रांसमीटर है। व्यायाम की तरह, परोपकार भी एंडोर्फिन रिलीज करता है, यह एक ऐसा प्रोसेस जिसे हेल्पर्स हाई (Helpers High) के रूप में जाना जाता है। तो आगे बढ़ें और किसी की जरूरत में मदद करें, किसी को कॉफी या लंच कराएं। शायद यह आपके मूड को और बेहतर करने में मदद करे।
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दया भाव चिंता को कम करता है
चिंता के दौरान हल्की घबराहट या गंभीर घबराहट एक अत्यंत सामान्य मानवीय अनुभव है। जबकि चिंता को कम करने के कई तरीके हैं, जैसे कि ध्यान, व्यायाम, दवाओं का सेवन और प्राकृतिक उपचार। कई अध्ययनों से यह पता चलता है कि दूसरों के लिए कुछ अच्छा करना चिंता को कम करने के सबसे सस्ते तरीकों में से एक हो सकता है। जैसा कि ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी (यूबीसी) में हुए एक अध्ययन में कहा गया है कि चिंता लो पॉजिटिव अफेक्ट(PA) से जुड़ी है। यह मनोवैज्ञानिक सेहत (psychological well-being) और स्थिति के अनुसार खुद को ढालने की क्षमता (adaptive functioning) को प्रभावित कर सकता है। पॉजिटिव अफेक्ट एक व्यक्ति की खुशी, रुचि और सतर्कता जैसे सकारात्मक मूड के अनुभवों को दर्शाता है। यूबीसी में शोधकर्ताओं ने पाया कि जो प्रतिभागी इस तरह के कामों में लगे हुए हैं, उनके पीए में महत्वपूर्ण वृद्धि दिखती हैं। इसलिए अगली बार जब आप थोड़ा चिंतित महसूस करेंगे, तो दूसरों की मदद करने के अवसरों की तलाश करें। ये अवसर किसी को मुस्कुराने की वजह देने से लेकर किसी संगठन में अपना समय देने या उधार देने तक हो सकता है।
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दया भाव आपके दिल के लिए भी अच्छा है
दूसरों को अच्छा महसूस कराना आपके दिल को निश्चित रूप से अच्छा महसूस करा सकता है। लेकिन, दूसरों के लिए अच्छा होना आपके दिल के केमिकल बैलेंस को भी प्रभावित कर सकता है। काइंडनेस हॉर्मोन ऑक्सीटोसिन को रिलीज करता है। डॉ.डेविड हैमिल्टन के अनुसार, “ऑक्सीटोसिन ब्लड वैसेल में नाइट्रिक ऑक्साइड नामक एक कैमिकल रिलीज करता है, जो ब्लड वैसेल को डाइलेट (फैलता) करता है। यह ब्लड प्रेशर को कम करता है और इसलिए ऑक्सीटोसिन को कार्डियोप्रोटेक्टिव ’हार्मोन के रूप में जाना जाता है क्योंकि ब्लड प्रेशर को कम करके यह हृदय की रक्षा करता है।” दया भाव आपके दिल को शारीरिक और भावनात्मक रूप से मजबूत करता है। शायद इसलिए कहते हैं कि लोगों की देखभाल करने वाले का दिल वास्तव में बड़ा होता है?
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यह आपको लंबे समय तक जीने में मदद कर सकता है
आपको यह सुनकर आश्चर्य हो सकता है लेकिन हम यह नहीं कह रहे हैं कि इसे सिद्ध करने के लिए अध्ययन किए गए हैं। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि अगर आपके पास परिवार और दोस्तों का मजबूत नेटवर्क नहीं है, तो आपको हृदय रोग का अधिक खतरा है। जब आप दूसरों के प्रति दयालु होते हैं, तो आप मजबूत और सार्थक रिश्ते बनाते हैं और लंबा जीते हैं। तो, आगे बढ़ें और कुछ नए दोस्त बनाएं या अपनी करुणा का इस्तेमाल करें और अपने पास पहले से मौजूद लोगों के लिए कुछ स्पेशल करें।
यह तनाव को कम करता है
हमेशा व्यस्त रहने वाले जीवन में हम लगातार तनाव कम करने के तरीकों की तलाश में रहते हैं। यह जितना हम सोचते हैं उससे आसान हो सकता है। दूसरों की मदद करने से आप अपने आप को तनाव से बाहर निकाल सकते हैं। यह व्यवहार आपको तनावपूर्ण परिस्थितियों को संभालने के लिए बेहतर ढंग से तैयार भी कर सकता है। उदार व्यवहार आपके रिश्तों को दूसरों के साथ मजबूत बनाता है। तनाव पर एक अध्ययन के अनुसार, उदार व्यवहार तनाव का मुकाबला करने का एक महत्वपूर्ण चरण हो सकता है।
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दया भाव बीमारी को रोकता है
शरीर में सूजन कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि मधुमेह, कैंसर, पुराने दर्द, मोटापे और माइग्रेन से जुड़ी है। 57-85 वर्ष की आयु के बुजुर्गों के एक अध्ययन के अनुसार, वॉलेंटियर्स ने अपने दया भाव की वजह से सूजन में कमी महसूस की है। ऑक्सीटोसिन भी सूजन को कम करता है और थोड़ी सा दया भाव ऑक्सीटोसिन रिलीज करने में मदद कर सकता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ऐसे में आहार का विशेष ख्याल रखना चाहिए। कोशिश करें की इस दौरान पौष्टिक आहार का सेवन करें।
दया भाव स्वस्थ और सुखी जीवन का एक सीक्रेट हो सकता है। लेकिन, इसके लिए सिर्फ यह आर्टिकल पढ़ना काफी नहीं है। अपनी एक मुस्कान साझा करें, दान दें,वॉलिंटियर करें या दूसरों की मदद करें, यह यकीनन आपको अच्छा महसूस कराएगा।
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अगर आप दया भाव ने से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हम उम्मीज करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आप इससे जुड़ी कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप अपना प्रश्न कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। हम अपने एकस्पर्ट्स द्वारा आपके सवालों का जवाब जरूर दिलाएंगे।
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