आप सेहतमंद हैं या नहीं, यह बात आपकी पाचन शक्ति पर निर्भर करती है। हमारे पाचन तंत्र को समझना आसान नहीं है। हम जो भी खाते हैं, वो एकदम से नहीं पचता। कुछ खाद्य पदार्थों को पचने में कम समय लगता है, तो कुछ को पचने में अधिक समय लग जाता है। अगर आपको कुछ भी खाया नहीं पचता तो समझ जाएं कि आपका पाचन तंत्र सही नहीं है। वैसे ही, अगर आपका पाचन तंत्र सही नहीं है, तो समझ लें कि आप स्वस्थ नहीं हैं। ऐसे में व्यायाम आपकी पाचन प्रक्रिया को सुधारने में आपकी मदद कर सकता है। यह बिल्कुल सही और सिद्ध बात है। व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव काफी पड़ता है। अगर आप इस बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, तो जानिए व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव।
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व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव क्या है?
व्यायाम हमारे पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद हैं। जानिए क्या-क्या लाभ हैं।
1. शरीर को कार्य करने में फायदेमंद
हम जो भी खाते हैं उससे हमें सही पोषक तत्व मिल जाते हैं, जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है। अगर हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है, तो हम सही से हर काम कर पाते हैं। अगर हमारा खाया हुआ खाना नहीं पचेगा, तो हमें पोषक तत्व नहीं मिल पाएंगे। यानी जो भी हम खाते हैं उनका पचना बहुत आवश्यक है। व्यायाम करने से हमारी पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है, जिससे हमारा शरीर सही से कार्य करता है।
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2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव यह है कि इससे पाचन क्षमता मजबूत होती है। व्यायाम करने से हमारी पाचन क्षमता सही रहती है, जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से आप कई रोगों से बचे रहते हैं।
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3. पेट की समस्याओं से मुक्ति
रोजाना योग व एक्सरसाइज करने से पेट संबंधी आम समस्याओं जैसे, एसिडिटी, कब्ज आदि को दूर करने में मदद मिलती है। यानी पेट के हर रोग से मुक्ति मिलती है। योग के कुछ पोज कब्ज जैसी समस्या को दूर करने में भी सहायक हैं। व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव का एक और अच्छा प्रभाव यह है कि इससे मेटाबोलिज्म रेट को नियंत्रित रहने में मदद मिलती है। कार्डियो एक्सरसाइज करने से हमारे शरीर का मेटाबोलिज्म रेट सुधरता है, जिससे हमारे शरीर से कैलोरी जल्दी कम होती है और पाचन तंत्र सही से काम करता है। इस तरीके से व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है।
4. रक्त संचार सही से होता है
व्यायाम करने से हमारे शरीर में रक्त संचार सही से होता है। इससे हमारा शरीर सही से काम कर पाता है। इससे खाना सही से पचता है और पाचन तंत्र सही रहता है। इसके लिए आपको रोजाना व्यायाम करना चाहिए, ताकि आपका सुस्त पाचन सिस्टम सही से काम कर सके। व्यायाम करने से दिल, रक्तचाप भी सही से रहता है।
5. दूर होती तनाव की समस्या
व्यायाम करने से तनाव और चिंता आदि से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप चिंता मुक्त हैं, तो आपका पाचन तंत्र भी ठीक रहता है।
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कौन-कौन से व्यायाम सहायक हैं?
अपने पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए आप योग और पिलाटे जैसे हल्के व्यायाम कर सकते हैं। योग में कपालभाति, उस्तरासन, धनुरासन, नौकासन, सेतुबंधासन, हलासन तथा पश्चिमोत्तान आदि भी पाचन तंत्र के लिए लाभदायक हैं। खाने के दो घंटे बाद तक कोई व्यायाम न करें। यही नहीं, पाचन तंत्र को सुधारने के लिए हल्के व्यायाम ही लाभदायक होते हैं।
व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव बहुत गहरा है। व्यायाम करना हमारे पाचन तंत्र के लिए अवश्य है, लेकिन ऐसे में आपका आहार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए ऐसे आहार का सेवन करें, जिसमें फाइबर अधिक हो और जो पौष्टिक हो। हरी सब्जियों और फलों को भी अपने आहार में शामिल करें। रोजाना अपने आहार और व्यायाम में तालमेल रखें। इसके साथ ही जितना हो सके उतना अधिक पानी पिएं और तरल पदार्थ लें। पर्याप्त नींद लेना भी आपके स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए जरूरी है। यही नहीं, शारीरिक के साथ-साथ मानसिक समस्याएं भी पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं। इसलिए, खुश रहें और सकारात्मक सोचें। इससे आपकी पेट और शरीर की हर समस्या दूर होगी।
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पाचनतंत्र को बेहतर बनाये रखने के लिए कौन-कौन सा एक्सरसाइज करना है लाभकारी?
व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव सकारात्मक हो, इसलिए निम्नलिखित वर्कआउट करना चाहिए। जैसे:
दौड़ना (Running)
व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए डायजेशन को बेहतर बनाने के लिए दौड़ना बेस्ट एक्सरसाइज माना जाता है। नियमित दौड़ने से कब्ज की समस्या नहीं होती है और पाचन तंत्र अच्छा रहता है।
पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (Pelvic floor exercise)
पेट से संबंधित परेशानियों से बचने का रामबाण माना जाता है पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज। पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज कीगल एक्सरसाइज के अंतर्गत आता है। इस वर्कआउट को आसानी से किया जा सकता है।
सिट अप्स वर्कआउट (Sit ups workout)
सिट अप्स वर्कआउट रोजाना करने से पेट के मिडरिफ मांसपेशियों में कॉन्ट्रेक्शन होता है, जिससे डायजेशन अच्छा होता है। अगर आप पाचन संबंधी परेशानियों से पीड़ित हैं, तो नियमित सिट अप्स से जरूर लाभ मिलेगा।
पिलाटे वर्कआउट (Pilates workout)
पिलाटे वर्कआउट एक ऐसा वर्कआउट है, जिससे पेट संबंधी परेशानी, लोअर बैक की समस्या या हिप्स की मांसपेशियों को स्ट्रॉन्ग बनाता है। इस वर्कआउट से ब्रीदिंग प्रोब्लेम से भी निजात मिल सकती है।
पुश अप्स (Push ups)
पुरुष वर्ग पुश अप्स वर्कआउट की खूब चर्चा करते हैं। वैसे यह एक्सरसाइज महिला और पुरुष दोनों के लाभकारी माना जाता है। फिटनेस एक्सपर्ट के अनुसार यह पेट के लिए भी अच्छा होता है, जो पाचन तंत्र के लिए भी अच्छा हुआ है।
स्विमिंग (Swimming)
पाचन तंत्र को बेहतर बनाये रखने के लिए तैरना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। स्विमिंग के साथ-साथ अन्य एरोबिक वर्कआउट चुने जा सकते हैं।
क्रंचेज एक्सरसाइज (Crunches workout)
स्पोर्ट्स एवं एक्सरसाइज लवर्स इस एक्सरसाइज के दीवाने होते हैं। पीठ के बल लेटकर इस एक्सरसाइज को आसानी से किया जाता है। इस आसान से वर्कआउट की मदद से पेट के मसल्स को स्ट्रॉन्ग बनाया जा सकता है, वहीं इससे वजन को भी संतुलित रखा जा सकता है। बेली फैट कम करने के लिए क्रंचेज वर्कआउट का सहारा लिया जा सकता है।
स्पोर्ट्स में लें हिस्सा (Sports activity)
कोई भी खेल (आउट डोर गेम्स) शरीर को फिट रखने में आपका साथ निभाता है। खेल-कूद से पाचन संबंधी परेशानियों से भी निजात मिलता है।
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व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव सकारात्मक पड़ता है। लेकिन आप व्यायाम के साथ-साथ पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए योगासन का भी विकल्प अपना सकते हैं। इसलिए हेल्दी डायजेशन के लिए निम्नलिखित योगासन किये जा सकते हैं। जैसे:
हलासन (Plow Pose)
हलासन योग रोजाना करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इससे ब्लड फ्लो भी बेहतर होता है। योग से जुड़े जानकारों की मानें, तो हलासन से गले, गर्दन में दर्द की समस्या दूर होती है। इसके साथ ही इस योगासन से पेट एवं रीढ़ की हड्डी लचीली होती है और पाचनतंत्र अच्छा रहता है। हलासन से तनाव और चिंता को दूर किया जा सकता है।
नौकासन (Naukasana)
इस आसन को अगर समस्या भाषा में समझें, तो इसका अर्थ है नाव (Boat) के सामान। यह योग आसानी से किया जा सकता है। योगामैट पर पेट के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को आगे की ओर जॉइन करें और पैरों को पीछे की ओर और ऊपर चित्र में दिए अनुसार ऊपर उठायें। आपकी पुजिशन नाव के समान होनी चाहिए। ऐसा करने से पेट की मांसपेशियां स्ट्रॉन्ग होती है और डायजेशन भी स्ट्रॉन्ग होता है।
पवनमुक्तासन (Pavanamuktasana)
पवनमुक्तासन करने से पाचन तंत्र हेल्दी रहता है। इस आसन के सिर्फ एक नहीं बल्कि कई फायदे होते हैं। इससे ब्लड फ्लो बेहतर होता है, जो हृदय एवं फेफड़ों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाने का कार्य करता है। इस आसन की मदद से एसिडिटी की समस्या भी दूर होती है।
धनुरासन (Dhanurasana)
धनुरासन ठीक नौकासन की तरह किये जाने वाले योगासन है। इस योग को करने के लिए योगमैट पर नौकासन की तरह लेट जाएं और अपने हाथों से पैरों को पकड़ें। ठीक जिस तरह से चित्र में दिखाया गया है। इस योग से मांसपेशियों में खिंचाव आता है और कब्ज की समस्या भी दूर होती है।
सेतुबंधासन (Bridge Pose)
ब्रिज पोज योग की मदद से पाचनतंत्र को स्ट्रॉन्ग बनाने के साथ-साथ किडनी, लिवर एवं पेन्क्रियाज को भी स्वस्थ्य रखा जा सकता है।
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व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव
व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव बहुत पॉजिटिव हैं। व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव में सबसे ऊपर है कि या ब्लड फ्लो में सुधार कर सकता है। तनाव को दूर कर सकता है, वजन को नियंत्रित कर सकता है और मेटाबॉलिज्म को स्पीड दे सकता है। व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव ऐसा पड़ता है, जो व्यक्ति के पूरे स्वास्थ्य को अच्छी तरह से काम करने में योगदान कर सकता हैं।
जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो शरीर मोशन में होता है जिससे बॉडी का ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। यह पाचन तंत्र के साथ शरीर के सभी क्षेत्रों में सरक्यूलेशन में सुधार कर सकता है और पूरे शरीर के कामकाज को बढ़ा सकता है। एक्सरसाइज करने से पसीना आता है जिससे तनाव से राहत मिल सकती है। वास्तव में हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार, व्यायाम शरीर के तनाव हार्मोन एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल के स्तर को कम करता है, जबकि एंडोर्फिन को उत्तेजित करता है, शरीर के मूड को अच्छा करता है।
और जब पाचन रोगों की बात आती है तो व्यायाम लक्षणों को दूर कर सकता है। गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के एक 2018 के अध्ययन में, यह पाया गया कि शारीरिक गतिविधि में वृद्धि से आंत्र सिंड्रोम के रोगियों में जठरांत्र संबंधी लक्षणों में सुधार होता है। “पीएलओएस वन” पत्रिका में प्रकाशित 2014 के एक अध्ययन में पाया गया कि व्यायाम के साथ कब्ज को रोका जा सकता है, क्योंकि बहुत अधिक गतिहीन होने से पाचन धीमा हो सकता है।
पाचन तंत्र पर शारीरिक गतिविधि का एक अतिरिक्त सकारात्मक प्रभाव यह है कि यह चयापचय को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। कार्डियो एक्सरसाइज आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म रेट को तेज़ करता है, जिससे आप तेजी से कैलोरी बर्न करते हैं और आपका पाचन तंत्र ओवरटाइम काम करता है। हालांकि ध्यान दें कि चयापचय दर और कैलोरी में वृद्धि केवल आपकी कसरत के रूप में लंबे समय तक रहती है। एक बार जब आप रुक जाते हैं, तो आपका चयापचय आराम की दर पर वापस चला जाता है।
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व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है, यह तो हमसभी समझ रहें हैं। लेकिन डायजेस्टिव सिस्टम को स्वस्थ्य रखने के लिए आहार भी बेहद जरूरी है। इसलिए पांचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जैसे:
- साबूत अनाज (Whole Grains)
- हरी पत्तेदार सब्जियां (Leafy Greens)
- लीन प्रोटीन (Lean Protein)
- कम फ्रुक्टोज वाले फल (Low-Fructose Fruits)
- एवोकैडो (Avocado)
अगर आप व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव या इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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