कहते हैं दिल को समझना बेहद कठिन होता है, क्योंकि दिल की बनावट जटिल होती है। अब ऐसे में कोई कॉम्प्लिकेशन शुरू हो जाए, तो शारीरिक और मानसिक परेशानी होना तय माना जाता है। हालांकि नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार मानसिक परेशानी एक नहीं, बल्कि कई अन्य बीमारियों को दावत देने का काम करती है और दिल को भी बीमार बना सकती है। इसलिए दिल से जुड़ी बीमारी (Heart disease) होने पर घबराएं नहीं और जल्द से जल्द इलाज शुरू करें। आज इस आर्टिकल में कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स (Diuretics in Cardiomyopathy) कैसे लाभकारी (Benefits of diuretics in Cardiomyopathy) है यह समझने की कोशिश करेंगे। कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स के नुकसान (Side effects of diuretics in Cardiomyopathy) से भी जुड़ी जानकारी आपसे शेयर करेंगे, जिससे आप कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स के दोनों यानी अच्छे और बुरे पहलुओं से परिचित हों। चलिए सबसे पहले डाइयुरेटिक्स के बारे में जान लेते हैं।
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- डाइयुरेटिक्स क्या है?
- डाययूरेटिक्स कैसे काम करती है?
- कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स के प्रकार क्या हैं?
- कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स के साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं?
- कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स का उपयोग कैसे किया जाता है?
चलिए अब कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
डाइयुरेटिक्स (Diuretics) क्या है?
डाययूरेटिक्स को मेडिकल टर्म में वॉटर पिल्स (Water Pills) भी कहा जाता है। डाइयुरेटिक्स का उपयोग किडनी से एक्स्ट्रा सोडियम को निकालने में और बॉडी से एक्स्ट्रा पानी को बाहर निकालने में किया जाता है। डाइयुरेटिक्स का सेवन एक नहीं, बल्कि कई बीमारियों जैसे हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), हार्ट फेलियर (Heart failure), डैमेज हुए लिवर (Liver Damage), कैंसर (Cancer) एवं पैर या पैर के निचले हिस्से में आई सूजन की तकलीफ को दूर करने के लिए किया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं, कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स (Diuretics in Cardiomyopathy) के सेवन के साथ-साथ ग्लूकोमा (Glaucoma) जैसी बीमारियों को भी दूर करने में प्रिस्क्राइब की जाती है।
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डाययूरेटिक्स (Diuretics) कैसे काम करती है?
डाययूरेटिक्स को अगर सामान्य शब्दों में समझें, तो यह फ्लूइड लेवल को कम करने में सहायक होती है जिससे ब्लड वेसेल्स को लाभ मिलता है। ब्लड वेसल्स के ठीक तरह से काम करने पर ब्लड प्रेशर भी बैलेंस रहता है। इसलिए कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स (Diuretics in Cardiomyopathy) के फायदे देखे जाते हैं।
कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स (Diuretics in Cardiomyopathy)
डाइयुरेटिक्स प्रिस्क्राइब्ड ड्रग्स की लिस्ट में शामिल है, जो कार्डियोमायोपैथी में विशेष लाभकारी मानी जाती है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार दिल से जुड़ी तकलीफों, एडिमाट्स (Edematous) या नॉन एडिमाट्स (Non-Edematous) डिजीज में डाइयुरेटिक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए आर्टिकल में आगे जानेंगे कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स के उपयोग के बारे में। डाइयुरेटिक्स अलग-अलग प्रकार के होते हैं और कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स का उपोयग किया जाता है।
कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स के प्रकार (Types of Diuretics in Cardiomyopathy)
- थायजायड डाययूरेटिक्स (Thiazide Diuretics)
- लूप डाययूरेटिक्स (Loop Diuretics)
- पोटैशियम-स्पेयरिंग डाययूरेटिक्स (Potassium-Sparing Diuretics)
थायजायड डाययूरेटिक्स (Thiazide Diuretics)
थायजायड सबसे सामान्य डाययूरेटिक्स है, जिसे डॉक्टर प्रिस्क्राइब करते हैं। कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स में शामिल थायजायड डाययूरेटिक्स हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) को बैलेंस करने में मदद करने के साथ-साथ ये ब्लड वेसेल्स (Blood Vessels) को रिलैक्स करने में भी सहायक होते हैं। थायजायड डाययूरेटिक्स का सेवन अलग-अलग दवाओं जैसे क्लोर्थालिडोन (Chlorthalidone), हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड (माइक्रोजाइड) [Hydrochlorothiazide (Microzide)], मेटालाजोन (Metolazone) एवं इंडापिमाइड (Indapamide) के साथ करने की सलाह दी जाती है।
लूप डाययूरेटिक्स (Loop Diuretics)
कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स की लिस्ट में शामिल लूप डाययूरेटिक्स (Loop Diuretics) हार्ट फेलियर से बचाव के लिए किया जाता है। लूप डाययूरेटिक्स के अंतर्गत आने वाली दवाएं हैं टॉर्सेमाइड (डेमाडेक्स) [Torsemide (Demadex)], फ्यूरोसेमाइड (लासिक्स) [Furosemide (Lasix)], बुमेटेनाइड (Bumetanide)।
पोटैशियम-स्पेयरिंग डाययूरेटिक्स (Potassium-Sparing Diuretics)
अगर किसी भी कारण से बॉडी में फ्लूइड लेवल बढ़ जाए खासकर अगर पोटैशियम या अन्य न्यूट्रिएंट्स, तो ऐसी स्थिति में पोटैशियम-स्पेयरिंग डाययूरेटिक्स (Potassium-Sparing Diuretics) प्रिस्क्राइब की जाती है। क्योंकि शरीर में पोटैशियम लेवल आवश्यकता से बढ़ जाने की स्थिति में एरिथमिया जैसी स्थिति शुरू हो सकती है। इसलिए कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स खासकर पोटैशियम-स्पेयरिंग डाययूरेटिक्स (Potassium-Sparing Diuretics) प्रिस्क्राइब की जा सकती है। पोटैशियम-स्पेयरिंग डाययूरेटिक्स के अंतर्गत आने वाली दवाएं हैं एमिलोराइड (Amiloride) स्पैरोनोलाक्टोंन (Spironolactone) इप्लेरोनोन (Eplerenone)।
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कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स के साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं? (Side effects of Diuretics in Cardiomyopathy)
कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स के निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे:
- ब्लड में पोटैशियम (Potassium) लेवल कम होना।
- कुछ केसेस में पोटैशियम (Potassium) लेवल का बढ़ना।
- सोडियम लेवल (Sodium levels) कम होना।
- सिरदर्द (Headache) होना।
- चक्कर (Dizziness) आना।
- बार-बार प्यास (Thirst) लगना।
- ब्लड शुगर लेवल (Increased blood sugar) बढ़ना।
- मसल्स क्रैम्प (Muscle cramps) होना।
- गाउट (Gout) से जुड़ी समस्या होना।
- डायरिया (Diarrhea) होना।
कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स के ये कॉमन साइड इफेक्ट्स मानें जाते हैं, लेकिन इसके सीरियस साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स के सीरियस साइड इफेक्ट्स (Serious side effects of Diuretics in Cardiomyopathy)
- एलर्जिक रिएक्शन (Allergic reaction) होना।
- किडनी फेलियर (Kidney failure) की समस्या होना।
- दिल की धड़कन अनियमित (Irregular heartbeat) होना।
अगर कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स के सेवन से ऐसी कोई भी परेशानी महसूस होती है, तो डॉक्टर से इस बारे में कंसल्ट करें।
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कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स का उपयोग कैसे किया जाता है? (Dose of Diuretics in Cardiomyopathy)
कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स का सेवन डॉक्टर. के बताये अनुसार करना लाभकारी होता है। दरअसल डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health condition) को ध्यान में रखकर डाइयुरेटिक्स की डोज तय करते हैं। अगर पेशेंट दिल से जुड़ी बीमारी (Heart disease) या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, तो ऐसी में डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर दवाओं की डोज तय करते हैं।
नोट: कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स (Diuretics in Cardiomyopathy) के सेवन से पहले अगर आप किसी भी तरह की दवाओं का सेवन करते हैं, तो इसकी जानकारी आपने डॉक्टर को अवश्य दें। ऐसा करने से दवाओं के फायदे जल्दी होते हैं, साइड इफेक्ट्स से बचा जा सकता है और पेशेंट जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकते हैं।
दिल से जुड़े मरीजों के लिए डाइयुरेटिक्स लाभकारी मानी जाती है, लेकिन तब जब इसे डॉक्टर प्रिस्क्राइब करें। इसलिए अगर आप हार्ट डिजीज की समस्या से पीड़ित हैं और कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स (Diuretics in Cardiomyopathy) का सेवन करना चाहते हैं, तो डॉक्टर से इस बारे में कंसल्ट करें। अगर कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स (Diuretics in Cardiomyopathy) लेने के बाद कोई परेशानी महसूस होती है, तो डॉक्टर को इस बारे में जरूर बतायें। कार्डियोमायोपैथी में डाइयुरेटिक्स से जुड़ी जानकारी के लिए आप हमें कंमेट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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