जब थायरॉयड ग्लैंड पर्याप्त थायराॅइड हार्मोन (हाइपोथायरायडिज्म) नहीं बना पाता या अधिक थायराइड हार्मोन (हाइपरथायरायडिज्म) बनाता है तो यह हायपरटेंशन को बढ़ाने का कारण बन सकता है।
मोटापा बन सकता है हायपरटेंशन का कारण
वजन बढ़ने के साथ ही शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है। यह आपकी धमनी की दीवारों पर दबाव डालता है, जिससे आपका रक्तचाप (Blood pressure) बढ़ जाता है। अतिरिक्त वजन अक्सर हार्ट रेट (Heart rate) को बढ़ाता है और रक्त वाहिकाओं के रक्त प्रवाह में बाधा डालता है। इसके साथ ही फैट के जमा होने के कारण उनमें से कुछ केमकल निकलते हैं, यह भी हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) को बढ़ाते हैं। यह सभी कारण अंतत उच्च रक्तचाप को बढ़ाने का कारण बनते हैं।
प्रेग्नेंसी बन सकती है हायपरटेंशन का कारण
प्रेग्नेंसी में हॉर्मोन में होने वाले बदलाव व बजन बढ़ने आदि जैसे अन्य बदलाव भी हाय ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में मददगार होते हैं।
कोटेशन ऑफ द एओर्टा (Coarctation of the aorta) बन सकता है हायपरटेंशन का कारण
यह विकार जन्म के साथ ही उत्पन्न हो सकता है। इसमें शरीर की महाधमनी यानी एओर्टा संकुचित हो जाती है। महाधमनी के संकुचित हो जाने के कारण हृदय को महाधमनी और शरीर के बाकी हिस्सों से रक्त प्राप्त करने में ज्यादा कठिनाई होती है। इस कारण हायपरटेंशन बढ़ता है।
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एल्डोस्ट्रीनिज्म (Aldosteronism) बन सकता है हायपरटेंशन का कारण
एल्डोस्ट्रीनिज्म में एड्रिनिल ग्लैंड से एल्डोस्टेरोन हॉर्मोन बहुत अधिक मात्रा में निकलता है। इसके कारण किडनी पानी और नमक को शरीर में बनाए रखते हैं और पोटेशियम को बाहर निकालते हैं। यह ब्लड प्रेशर को हाई करने का कारण बनता है।