परिचय
लीकोरिस रुट क्या है
लीकोरिस रुट एक जड़ी बूटी है जिसे मीठी जड़ के रूप में भी जाना जाता है, इसका उपयोग ज्यादातर कैंडी और ड्रिंक्स में स्वीटनर के रूप में किया जाता है। इसके बहुत लाभ होते हैं जिसके कारण इसके औषधीय लाभों को पाने के लिए लोग सदियों से लीकोरिस रूट का भी उपयोग कर रहें हैं। अगर बूटी के बारें में चिकित्सक की राय लें तो अब वो भी लीकोरिस के सभी लाभों को स्वीकारना शुरू कर चुके हैं।लीकोरिस पूरे यूरोप, एशिया और मध्य पूर्व में उगाई जाती हैं। लीकोरिस में ग्लाइसीरिज़िक नाम का एसिड होता है, इसलिए ये ज्यादा खाने पर जटिलताएं पैदा कर सकती है।लीकोरिस को साधारण तौर पर पेट के अल्सर, शूल, और सूजन, (पुरानी गैस्ट्रिटिस) सहित कई तरह की पाचन तंत्र शिकायतों के लिए लिया जाता है। इसके अलावा कुछ लोग त्वचा पर खुजली, एक्जिमा, सोरायसिस या भूरे रंग के धब्बे (मेलिस्मा) के लिए भी इसका प्रयोग करते हैं। बता दें की यह आपके खुजली, सूजन वाली त्वचा के लिए मददगार हो सकता है, लेकिन अन्य त्वचा की समस्या के लिए यह उपयोगी है इसका कोई वैज्ञानिक अनुसंधान नहीं है।
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लीकोरिस का उपयोग
लीकोरिस को उपयोग कब-कब किया जाता है(Uses of Licorice Root)
आपको बता दें एक्जिमा त्वचा की स्थिति के एक समूह के लिए शब्द है, जो कि नेशनल एक्जिमा एसोसिएशन के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में 30 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है। एक्जिमा के कारण खुजली, लालिमा, स्केलिंग और सूजन हो सकती है। तो वहीं ईरानी जर्नल ऑफ फ़ार्मास्यूटिकल रिसर्च में एक अध्ययन के अनुसार, ग्लाइसीराइज़ा ग्लोबरा एक्सट्रैक्ट या लीकोरिस रूट एक्सट्रैक्ट उन बैक्टीरिया के खिलाफ असरदार हो सकता है जो त्वचा को संक्रमित होने से बचा सकते हैं।
जठरांत्र संबंधी(soothe gastrointestinal)
लीकोरिस को उपयोग हम जठरांत्र संबंधी(soothe gastrointestinal) समस्याओं को खत्म करने के लिए कर सकते है। फूड पॉइजनिंग, पेट के अल्सर की समस्या में, लीकोरिस रूट आपकी मदद कर सकता है। बता दें क्योंकि इसमें ग्लाइसीराइज़िक एसिड होते हैं जिससे इनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अच्छी होती है। एक स्टडी में पाया गया कि इसमें मौजूद ग्लाइसीराइज़िक एसिड टॉक्सिक बैक्टीरिया को खत्म कर देता है।
पेट की परेशानी और अल्सर(Stomach discomfort and ulcers)
एक अध्ययन में पाया गया कि ग्लोब्रीडिन और ग्लोबरीन युक्त एक अर्क, जो लीकोरिस जड़ में मौजूद फ्लेवोनोइड होते हैं, यह पेट की परेशानी मतली,पेट दर्द और बाकी पेट से जुड़ी समस्याओं को कम कर देता है। हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया के इंफेक्शन से कुछ लोगों में पेप्टिक अल्सर हो सकता है। जिसमें मौजूद पाइलोरी बैक्टीरिया को मारने के लिए लीकेरिस से मदद मिलती है। कई लोगों पर इसका परीक्षण भी किया गया था जिससे यह साफ हुआ की पाइलोरी से छुटकारा दिलाने में यह मददगार है।
हेपेटाइटस सी(Hepatitis C)
हेपेटाइटिस सी का इलाज करने के लिए ग्लाइसीर्रिज़िन मदद कर सकता है, यह वायरस आपके लीवर को संक्रमित करता है। अगर इसका सही समय पर उपचार न किया जाए तो हेपेटाइटिस सी सूजन और लंबे समय तक के लिए लीवर डैमेज का कारण बन सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि ग्लाइसीर्रिज़िन कोशिका के सैंपल में पता चलता है की यह हेपेटाइटिस सी के खिलाफ रोगाणुरोधी कार्य करते है साथ ही आगे भी इस वायरस से बचाने में मदद करते हैं। जापान में डॉक्टर क्रोनिक हेपेटाइटिस सी से पीड़ित लोगों का इलाज करने के लिए ग्लाइसीरिज़िन के इंजेक्शन का उपयोग करते हैं।
तनाव कम करता है(Reduces stress)
समय के साथ, लोगों में तनाव अधिक देखा जा सकता है ऐसे में आपके तनाव को दूर करने के लिए लीकोरिस बहुत ही उपयोगी माना जाता है। यह आपके शरीर में कोर्टिसोल के एक स्वस्थ स्तर को बढ़ावा देता है।जिससे तनाव से छुटकारा पाया जा सकता है।
दांत की सड़न(Tooth decay)
कुछ शोध बताते हैं कि लीकोरिस मुंह के बैक्टीरिया को मारने में मदद कर सकता है जो दांतों की सड़न पैदा करते हैं।
हमने अभी तक यह साबित नहीं किया है कि इसमें कोई भी कैविटी-लड़ने की शक्ति है। लेकिन अगर इसमें बैक्टिरिया को मारने की शक्ति है तो यह कैविटी से दांतों की सुरक्षा कर सकता है।
हार्टबर्न (अपच)Heartburn (dyspepsia)
लीकेरिस रूट और कई अन्य हर्बल सामग्री (Iberogast या STW-5-S या STW 5-II, Steigerwald Arzneimittelwerk GmbH) से बनी हर्बल बूटी आपके हार्टबर्न को कम कर सकती है।
खुजली और सूजन (एक्जिमा(Itchy and inflamed (eczema)
कुछ सबूत हैं कि त्वचा में लीकोरिस का उपयोग करने से एक्जिमा के लक्षणों में सुधार हो सकता है। 2 सप्ताह के लिए प्रतिदिन तीन बार लीकोरिस युक्त जेल लगाने से लालिमा, सूजन और खुजली कम होती है।
सर्जरी के बाद रिकवरी(Recovery after surgery)
किसी सर्जरी के बाद आपको खांसी आने से आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है इसलिए सर्जरी के बाद मुंह के माध्यम से लीकेरिस युक्त लोजेंज दिया जाता है जिससे खांसी कम हो जाती है।
गले में खरास(Sore throat)
कई लोग लीकोरिस को गले में खराश के उपाय के लिए भी प्रयोग करते हैं।गले के लिए इसको प्रयोग करने के लिए आपको इसका घोल बनाकर गार्गल करने की जरुरत होती है।ये कई बार असरदार भी साबित हुआ है।
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साइड इफेक्ट्स
लीकोरिस के सामान्य साइड इफेक्ट्स (side effects of licorice)
- मासिक धर्म में समस्या
- स्तंभन दोष
- फेफड़ों में अतिरिक्त तरल पदार्थ
- कोंजेस्टिव हर्ट फेल
- सिरदर्द
- द्रव और सोडियम प्रतिधारण
- घटती हुई यौन रुचि
- हाइपोकैलेमिक मायोपैथी
- उच्च रक्तचाप
- उच्च रक्तचाप से ग्रस्त एन्सेफैलोपैथी
- मिनरलोकॉर्टिकॉइड प्रभाव
- सुस्ती
- हाइपोकैलिमिया
- गर्भवती महिला के लिए समस्या
- मांसपेशी को पहुँच सकता है नुकसान
- दुर्बलता
- स्तनपान कराने वाली माँ
- सूजन
- कभी-कभी मस्तिष्क क्षति
- थकान
-जो बहुत अधिक नमक खाते हैं या हृदय रोग, किडनी रोग, या उच्च रक्तचाप, साथ ही प्रति दिन 5 ग्राम लीकोरिस इन समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
डोजेज
लीकोरिस रुट खुराक कैसे लें (licorice root dosage)
तरल लीकोरिस का उपयोग कैंडी और पेय पदार्थों में स्वीटनर के रूप में किया जाता है। एक व्यक्ति द्वारा लीकोरिस लेने का डोज ग्लिसराइजिक एसिड के 30 मिलीग्राम / एमएल से अधिक नहीं होनी चाहिए। अधिक डालने से इसका दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
-लीकोरिस पाउडर को हेल्थ फ़ूड स्टोर्स और ऑनलाइन स्पेशियलिटी रिटेलर्स बेचते हैं। यह एक जेल बेस मरहम बन सकता है जो त्वचा को साफ करता है। इसके पाउडर को एक्जिमा और मुंहासे के इलाज में प्रयोग कर सकते हैं। आप वनस्पति कैप्सूल में पाउडर भी डालकर उसे निगला भी जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों के अनुसार लीकोरिस रूट की अनुशंसित खुराक प्रति दिन 75 मिलीग्राम से कम है।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा, उपचार और निदान प्रदान नहीं करता। ये भी पढ़े
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